हिन्दी, हिंदी (Hindi): translationQuestions

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Proverbs

Proverbs 1

Proverbs 1:1-2

इन नीतिवचनों का लेखक कौन था?

इस्राएल का राजा सुलैमान इन नीतिवचनों का लेखक था?

Proverbs 1:3-4

ये नीतिवचन मनुष्यों को जीना कैसे सिखाते हैं?

ये नीतिवचन मनुष्यों को धर्म, न्याय और निष्पक्षता की शिक्षा देकर जीना सिखाते हैं।

Proverbs 1:5-6

बुद्धिमान इन्हें सुनकर क्या ग्रहण करते हैं?

बुद्धिमान सुनकर अपनी विद्या बढ़ाएं।

Proverbs 1:7

बुद्धि का मूल क्या है?

यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है।

Proverbs 1:8-9

पुत्र किसकी शिक्षा पर कान लगाए?

पुत्र अपने पिता और अपनी माता की शिक्षा पर कान लगाए।

Proverbs 1:10-12

यदि पापी लोग फुसलाएं तो पुत्र क्या करे?

पापी लोग जब फुसलाएं तो पुत्र उनकी बात न माने।

Proverbs 1:13-15

पाप करने वाले अपने घरों को किससे भरने की योजना बनाते हैं?

पाप करने वाले अपने घरों को लूट के माल से भरना चाहते हैं।

Proverbs 1:16-18

पाप करने वाले किस काम के लिए दौड़ते हैं?

वे लहू बहाने के लिए दौड़ते हैं।

Proverbs 1:19

लालचियों के साथ क्या होता है?

उनका प्राण लालच ही के कारण नष्ट हो जाता है।

Proverbs 1:20

सड़क में, चौकें में, बाज़ारों में, फाटकों के बीच में कौन पुकारता है?

बुद्धि चौकें में, बाज़ारों में और फाटकों के बीच में पुकारती है।

Proverbs 1:21-23

सड़क में, चौकें में, बाज़ारों में, फाटकों के बीच में कौन पुकारता है?

बुद्धि चौकें में, बाज़ारों में और फाटकों के बीच में पुकारती है।

Proverbs 1:24

बुद्धि की पुकार सुनकर मूर्खों ने क्या किया?

मूर्ख ने बुद्धि की बात नहीं सुनी और उसकी पुकार पर ध्यान नहीं दिया।

Proverbs 1:25

बुद्धि की पुकार सुनकर मूर्खों ने क्या किया?

मूर्ख ने बुद्धि की बात नहीं सुनी और उसकी पुकार पर ध्यान नहीं दिया।

Proverbs 1:26-27

निर्बुद्धि जब संकट में पड़ेगा तब बुद्धि क्या करेगी?

निर्बुद्धि जब संकट में पड़ेगा तब बुद्धि उस पर हंसेगी।

Proverbs 1:28-30

निर्बुद्धि जब बुद्धि को पुकारे तब वह क्या करेगी?

वह भी उसकी पुकार को अनसुनी करेगी।

Proverbs 1:31-32

निर्बुद्धि को कैसा फल मिलेगा?

वह अपनी करनी का फल आप भोगेगा।

Proverbs 1:33

बुद्धि की बात सुनने वाले का जीवन कैसा होगा?

वह बेखटके सुख से रहेगा।

Proverbs 2

Proverbs 2:1-2

बुद्धि अपने पुत्र को क्या संग्रह कराना चाहती है?

बुद्धि चाहती है कि उसका पुत्र उसकी आज्ञाओं को मन में संग्रह कर ले।

Proverbs 2:3

पुत्र बुद्धि को कैसे ढूंढे और कैसे उसकी खोज करे?

वह उसे चांदी के समान ढूंढे और गुप्त धन के समान खोजे।

Proverbs 2:4

पुत्र बुद्धि को कैसे ढूंढे और कैसे उसकी खोज करे?

वह उसे चांदी के समान ढूंढे और गुप्त धन के समान खोजे।

Proverbs 2:5-6

यदि पुत्र बुद्धि को ढूंढे और खोजे तो उसे क्या प्राप्त होगा?

उसे परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त होगा।

Proverbs 2:7-8

खराई से चलने वालों के लिए यहोवा क्या है?

खराई से चलने वालों के लिए यहोवा उनकी ढाल है।

Proverbs 2:9-10

पुत्र के मन में बुद्धि आ जाती है तो क्या वह समझ पाएगा?

वह धर्म और न्याय और निष्पक्षता और सब भली-भली चाल को समझ पाएगा।

Proverbs 2:11

विवेक और समझ पुत्र की किससे रक्षा करेंगे?

विवेक और समझ पुत्र को बुराई के मार्ग से और उलटफेर की बातें करने वालों से बचाएंगे।

Proverbs 2:12

विवेक और समझ पुत्र की किससे रक्षा करेंगे?

विवेक और समझ पुत्र को बुराई के मार्ग से और उलटफेर की बातें करने वालों से बचाएंगे।

Proverbs 2:13-14

विवेक और समझ पुत्र की किससे रक्षा करेंगे?

विवेक और समझ पुत्र को बुराई के मार्ग से और उलटफेर की बातें करने वालों से बचाएंगे।

Proverbs 2:15-16

अन्धेरे मार्ग में चलने वाले अपने मार्गों को कैसे छिपाते हैं?

अन्धेरे मार्ग में चलने वाले छल से अपने मार्ग छिपाते हैं।

Proverbs 2:17

कुलटा स्त्री किसको छोड़ देती है और क्या भूल जाती है?

वह अपने जवानी के साथी को छोड़ देती है और परमेश्वर की वाचा को भूल जाती है।

Proverbs 2:18-19

उसकी डगरें कहाँ पहुंचती हैं?

उसकी डगरें मरे हुओं के बीच पहुंचती हैं।

Proverbs 2:20

पुत्र को किसके मार्गों पर चलना है?

उसे भले मनुष्यों के और धर्मिर्यों के मार्ग पर चलना है।

Proverbs 2:21

धर्मियों का क्या होगा?

धर्मी जन देश में सदा बसे रहेंगे।

Proverbs 2:22

दुष्टों का क्या होगा?

दुष्ट लोग देश में से नष्ट होंगे।

Proverbs 3

Proverbs 3:1

बुद्धि की आज्ञाएं और शिक्षाएं उसके पुत्र को क्या देंगी?

उनके पालन से उसकी आयु बढ़ेगी और वह अधिक कुशल से रहेगा।

Proverbs 3:2

बुद्धि की आज्ञाएं और शिक्षाएं उसके पुत्र को क्या देंगी?

उनके पालन से उसकी आयु बढ़ेगी और वह अधिक कुशल से रहेगा।

Proverbs 3:3-4

वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चाई कहाँ लिखी होनी चाहिए?

वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चाई हृदय रूपी पटिया पर लिखी होनी चाहिए।

Proverbs 3:5-6

पुत्र किसका सहारा न ले?

पुत्र अपनी समझ का सहारा न ले।

Proverbs 3:7-8

पुत्र अपने आपको क्या न समझे?

वह अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।

Proverbs 3:9-11

पुत्र अपने धन का क्या करे?

वह अपने धन से यहोवा की प्रतिष्ठा करे।

Proverbs 3:12-13

यहोवा किसकी ताड़ना करता है?

यहोवा जिससे प्रेम करता है उसकी ताड़ना करता है।

Proverbs 3:14-16

बुद्धि का मूल्य किससे भी अधिक है?

बुद्धि का मूल्य चांदी-सोने से भी अधिक है।

Proverbs 3:17-18

बुद्धि के मार्ग कैसे हैं?

उसके मार्ग आनन्द-दायक और कुशल के हैं।

Proverbs 3:19-20

यहोवा ने बुद्धि से क्या किया?

यहोवा ने बुद्धि ही से पृथ्वी की नींव डाली।

Proverbs 3:21

पुत्र को जीवन कैसे प्राप्त होगा?

बुद्धि और विवेक से पुत्र को जीवन मिलेगा।

Proverbs 3:22-23

पुत्र को जीवन कैसे प्राप्त होगा?

बुद्धि और विवेक से पुत्र को जीवन मिलेगा।

Proverbs 3:24

यदि पुत्र बुद्धि की बातों में रहे तो क्या होगा?

जब वह लेटेगा तब भयभीत न होगा और उसे मीठी नींद आएगी।

Proverbs 3:25-26

पुत्र किससे न डरे?

वह अकस्मात आने वाले भय से और विपत्ति से न डरे।

Proverbs 3:27-28

जिनका भला करना चाहिए उनके लिए पुत्र को क्या करना होगा?

पुत्र उनका भला करने से न रुके।

Proverbs 3:29-31

पुत्र अपने पड़ोसी के साथ कैसा व्यवहार करे?

वह अपने पड़ोसी के विरुद्ध बुरी युक्ति न बांधे।

Proverbs 3:32-33

यहोवा किससे घृणा करता है?

यहोवा कुटिल मनुष्य से घृणा करता है?

Proverbs 3:34

ठट्ठा करने वालों के साथ यहोवा कैसा व्यवहार करता है?

यहोवा ठट्ठा करने वालों का ठट्ठा करता है।

Proverbs 3:35

बुद्धिमान को क्या मिलेगा?

बुद्धिमान को महिमा मिलेगी।

Proverbs 4

Proverbs 4:1

पुत्र किस बात को न छोड़े?

वे अपने पिता की शिक्षा को न छोड़े।

Proverbs 4:2-3

पुत्र किस बात को न छोड़े?

वे अपने पिता की शिक्षा को न छोड़े।

Proverbs 4:4-5

पिता ने पुत्र को जीवित रहने का क्या भेद समझाया?

पिता की आज्ञाओं का पालन करके वह जीवित रहेगा।

Proverbs 4:6-7

यदि पुत्र बुद्धि को न छोड़े और उससे प्रीति रखे तो वह क्या करेगी?

बुद्धि उसका पहरा देगी और उसकी रक्षा करेगी।

Proverbs 4:8

पुत्र बुद्धि की बड़ाई करे और उससे लिपट जाए तो वह क्या करेगी?

वह उसकी महिमा करेगी उसके सिर पर शोभायमान भूषण बांधेगी और उसे सुन्दर मुकुट देगी।

Proverbs 4:9-10

पुत्र बुद्धि की बड़ाई करे और उससे लिपट जाए तो वह क्या करेगी?

वह उसकी महिमा करेगी उसके सिर पर शोभायमान भूषण बांधेगी और उसे सुन्दर मुकुट देगी।

Proverbs 4:11-12

पिता ने पुत्र को किस मार्ग पर चलाया है?

पिता ने पुत्र को सीधाई के पथ पर चलाया है।

Proverbs 4:13

पुत्र किसको पकड़े रहे कि वह जीवन है?

वह शिक्षा को पकड़े रहे क्योंकि वही उसका जीवन है।

Proverbs 4:14

पुत्र को किस मार्ग से बचना है?

पुत्र को दुष्टों के मार्ग से बचना है।

Proverbs 4:15

पुत्र को किस मार्ग से बचना है?

पुत्र को दुष्टों के मार्ग से बचना है।

Proverbs 4:16-17

दुष्टों को नींद कब आती है?

दुष्टों को बुराई करके ही नींद आती है।

Proverbs 4:18

धर्मियों का मार्ग किसके समान होता है?

धर्मियों का मार्ग उस चमकती हुई ज्योति के समान है जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता रहता है।

Proverbs 4:19-22

दुष्ट का मार्ग किसके समान होता है?

दुष्ट का मार्ग घोर अंधकारमय है।

Proverbs 4:23

पुत्र सबसे अधिक अपने मन की रक्षा क्यों करे?

पुत्र सबसे अधिक अपने मन की रक्षा करे क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

Proverbs 4:24

पुत्र कैसी बातें न करे?

वह टेढ़ी बातें और चालबाज़ी की बातें न करे।

Proverbs 4:25-27

पुत्र की आंखें कहां लगी रहें?

उसकी आंखें सामने की ओर लगी रहें।

Proverbs 5

Proverbs 5:1-3

यदि पुत्र समझ की बातों पर कान लगाए तो वह क्या सीख पाएगा?

समझ की बातों पर कान लगाकर पुत्र का विवेक सुरक्षित रहेगा।

Proverbs 5:4

भ्रष्ट स्त्री का अन्त क्या होता है?

उसका परिणाम नागदौना सा कड़वा होता है।

Proverbs 5:5-7

भ्रष्ट स्त्री के पांव किस ओर जाते हैं?

उसके पांव मृत्यु की ओर अधोलोक तक पहुंचते हैं।

Proverbs 5:8

एक बुद्धिमान पुत्र भ्रष्ट स्त्री और उसके घर से कैसा संबंध रखे?

वह उससे दूर रहे वरन् उसके घर के निकट भी न जाए।

Proverbs 5:9-10

भ्रष्ट स्त्री से संबंध बनाकर पुत्रों का क्या होगा?

वह अपना यश औरों के हाथ और अपना जीवन क्रूर जन के वश में कर देंगे।

Proverbs 5:11

भ्रष्ट स्त्री से संबंध बनाकर पुत्रों का अन्त कैसे होगा?

भ्रष्ट स्त्री से संबंध बनाकर उनके शरीर क्षीण हो जायेंगे।

Proverbs 5:12-14

भ्रष्ट स्त्री से संबंध बनाकर पुत्रों का अन्त में कैसा पछतावा होगा?

भ्रष्ट स्त्री से संबंध बनाकर वे पछतायेंगे कि उन्होंने शिक्षा से कैसा बैर रखा और डांटने वाले पर कैसा तिरस्कार किया।

Proverbs 5:15-17

पुत्र कहां से पानी पीएं?

वे अपने ही कुंड से और अपने ही कुएं से पानी पीएं।

Proverbs 5:18

पुत्र किसके साथ आनंद मनाए?

वे अपनी जवानी की पत्नी के साथ आनंदित रहें।

Proverbs 5:19-20

वे किससे सदा आकर्षित रहें?

वे अपनी जवानी की पत्नी के प्रेम से आकर्षित रहें।

Proverbs 5:21

यहोवा क्या देखता है?

यहोवा मनुष्य के सब मार्गों का ध्यान रखता है।

Proverbs 5:22-23

दुष्ट किसमें फंसेगा और बंधा रहेगा?

वह अपने ही अधर्म और पापों में फसा रहेगा, बंधा रहेगा।

Proverbs 6

Proverbs 6:1

पुत्र किस कारण स्वयं फंस गया?

वह किसी अनजान के लिए उत्तरदायी होकर स्वयं के लिए फंदा तैयार करता है।

Proverbs 6:2

पुत्र किस कारण स्वयं फंस गया?

वह किसी अनजान के लिए उत्तरदायी होकर स्वयं के लिए फंदा तैयार करता है।

Proverbs 6:3-5

पुत्र को फंदे से बचने के लिए क्या करना होगा?

पुत्र को फंदे से बचने के लिए उसे उस पड़ोसी को साष्टांग प्रणाम करके मनाना होगा।

Proverbs 6:6-7

आलसी को किससे सीखना चाहिए?

आलसी को चींटी से सीखना चाहिए।

Proverbs 6:8-10

चींटी ग्रीष्म ऋतु में क्या करती है?

चींटी ग्रीष्म ऋतु में अपना भोजन एकत्र करती है।

Proverbs 6:11

थोड़ा और अधिक सो लेने से आलसी का क्या होगा?

उसका कंगालपन लुटेरे के समान और घटी हथियारबन्द के समान आ पड़ेगी।

Proverbs 6:12-14

दुष्ट जन कैसे जीता है?

वह टेढ़ी से टेढ़ी बातें करता है।

Proverbs 6:15

दुष्ट की बुराइयों का क्या परिणाम होगा?

उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी।

Proverbs 6:16-17

कितने वस्तुओं से यहोवा बैर और घृणा रखता है?

छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन् सात से उसको घृणा है।

Proverbs 6:18

यहोवा कैसे पांवों से घृणा करता है?

बुराई करने को वेग से दौड़ने वाले पांवों से।

Proverbs 6:19-22

यहोवा कैसी साक्षी से घृणा करता है?

यहोवा झूठी साक्षी से घृणा करता है।

Proverbs 6:23-25

"आज्ञाएं" और "शिक्षाएं" उसके लिए क्या हैं?

आज्ञाएं दीपक की तरह है और शिक्षाएं उसके लिए ज्योति हैं।

Proverbs 6:26-29

व्यभिचारिणी पुत्र का क्या कर देती है?

वह उसका जीवन हर लेती है।

Proverbs 6:30-31

चोर तुच्छ क्यों नहीं जाना जाता है?

चोर भूख मिटाने को चोरी करता है तो वह तुच्छ नहीं जाना जाता है।

Proverbs 6:32-34

व्यभिचार से किसका नाश होता है?

व्यभिचार से स्वयं का नाश होता है।

Proverbs 6:35

व्यभिचार का पलटा लेने वाला किससे प्रसन्न न होगा?

व्यभिचार का पलटा लेने वाला घूस से भी शान्त नहीं होता है।

Proverbs 7

Proverbs 7:1

पुत्र जीवित रहने के लिए क्या करे?

पुत्र अपने पिता की आज्ञाओं और निर्देशों को मन में रख छोड़े तो जीवित रहेगा।

Proverbs 7:2-3

पुत्र जीवित रहने के लिए क्या करे?

पुत्र अपने पिता की आज्ञाओं और निर्देशों को मन में रख छोड़े तो जीवित रहेगा।

Proverbs 7:4

बुद्धि और समझ पुत्र को किससे सुरक्षित रखती है?

वह चिकनी चुपड़ी बातें बोलने वाली स्त्री से सुरक्षित रहेगा।

Proverbs 7:5

बुद्धि और समझ पुत्र को किससे सुरक्षित रखती है?

वह चिकनी चुपड़ी बातें बोलने वाली स्त्री से सुरक्षित रहेगा।

Proverbs 7:6

सुलैमान ने अपनी झरोखे से झाँक कर क्या देखा?

सुलैमान भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा।

Proverbs 7:7-9

सुलैमान ने अपनी झरोखे से झाँक कर क्या देखा?

सुलैमान भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा।

Proverbs 7:10-11

वह व्यभिचारिणी कैसे वस्त्र धारण किए हुए थी?

उसके वस्त्र वैश्या के से थे।

Proverbs 7:12-13

वह स्त्री एक-एक कोने पर क्या करती थी?

वह एक एक कोने पर बाट जोहती थी।

Proverbs 7:14

उस स्त्री ने दिन में क्या किया था?

उसने दिन में मेल बलि चढ़ाई थी।

Proverbs 7:15

वह अधीर होकर क्या खोजती थी?

वह उस युवक को खोजती थी।

Proverbs 7:16

उस स्त्री ने युवक को किस बात का निमंत्रण दिया?

उसने उस युवक को उसके साथ रात बिताने का निमंत्रण दिया।

Proverbs 7:17

उस स्त्री ने युवक को किस बात का निमंत्रण दिया?

उसने उस युवक को उसके साथ रात बिताने का निमंत्रण दिया।

Proverbs 7:18

उस स्त्री ने युवक को किस बात का निमंत्रण दिया?

उसने उस युवक को उसके साथ रात बिताने का निमंत्रण दिया।

Proverbs 7:19-21

उस स्त्री का पति कहां था?

उसका पति दूर यात्रा पर गया था।

Proverbs 7:22

वह युवक उसके पीछे कैसे गया?

वह उसके पीछे चला जैसे बैल कसाइयों को और पक्षी फंदे की ओर।

Proverbs 7:23-24

उस युवक के कर्मों का फल क्या होगा?

उस युवक के कर्मों का फल उसका प्राण होगा।

Proverbs 7:25-26

ऐसी स्त्री के बारे में उस युवक को क्या शिक्षा दी गई है?

वह उसके मार्ग में न भटक जाए।

Proverbs 7:27

उस स्त्री का घर किस मार्ग पर है?

उसका घर अधोलोक के मार्ग पर है।

Proverbs 8

Proverbs 8:1

नगर के फाटकों पर कौन पुकारती है?

बुद्धि नगर के फाटकों पर पुकारती है।

Proverbs 8:2

नगर के फाटकों पर कौन पुकारती है?

बुद्धि नगर के फाटकों पर पुकारती है।

Proverbs 8:3

नगर के फाटकों पर कौन पुकारती है?

बुद्धि नगर के फाटकों पर पुकारती है।

Proverbs 8:4-5

बुद्धि किसे पुकारती है?

बुद्धि मनुष्यों को पुकारती है।

Proverbs 8:6

बुद्धि कैसी बातें कहती है?

बुद्धि उत्तम और सीधी बातें बोलती हैं।

Proverbs 8:7-10

बुद्धि कैसी बातें कहती है?

बुद्धि उत्तम और सीधी बातें बोलती हैं।

Proverbs 8:11-12

बुद्धि किससे भी अधिक मूल्यवान है?

बुद्धि मूंगे से भी अच्छी है।

Proverbs 8:13-14

यहोवा का भय मानने वाले किससे घृणा करते है?

यहोवा का भय मानने वाले बुराई, अहंकार, बुरी चाल, उलटफेर की बातों से बैर रखते हैं।

Proverbs 8:15

राजा और अधिकारी और सब न्यायी कैसे काम करते हैं?

राजा और अधिकारी बुद्धि के द्वारा काम करते हैं।

Proverbs 8:16-18

राजा और अधिकारी और सब न्यायी कैसे काम करते हैं?

राजा और अधिकारी बुद्धि के द्वारा काम करते हैं।

Proverbs 8:19-20

बुद्धि का फल किससे उत्तम है?

बुद्धि का फल चोखे सोने और चांदी से भी उत्तम है।

Proverbs 8:21-22

बुद्धि अपने प्रेमियों को क्या देती है?

बुद्धि अपने प्रेमियों को परमार्थ का भागी बनाती है।

Proverbs 8:23-25

बुद्धि की स्थापना कब की गई थी?

बुद्धि सदा से वरन् आदि से ही स्थापित की गई थी।

Proverbs 8:26

परमेश्वर ने जब आकाश और पृथ्वी की रचना की तब बुद्धि कहां थी?

बुद्धि वही परमेश्वर के साथ थी जब आकाश और पृथ्वी की रचना की।

Proverbs 8:27-29

परमेश्वर ने जब आकाश और पृथ्वी की रचना की तब बुद्धि कहां थी?

बुद्धि वही परमेश्वर के साथ थी जब आकाश और पृथ्वी की रचना की।

Proverbs 8:30

जब यहोवा सृजन कार्य कर रहा था तब बुद्धि उसके पास क्या कर रही थी?

यहोवा के सृजन कार्य के समय बुद्धि कारीगर सी उसके पास थी।

Proverbs 8:31-34

बुद्धि की प्रसन्नता क्या थी?

उसकी प्रसन्नता मनुष्यों की संगति में थी।

Proverbs 8:35

बुद्धि प्राप्त करने वालों को क्या मिल जाता है?

बुद्धि प्राप्त करने वाला जीवन पाता है और यहोवा उससे प्रसन्न होता है।

Proverbs 8:36

बुद्धि प्राप्त करने वालों को क्या मिल जाता है?

बुद्धि न प्राप्त करने वाला मृत्यु पाता है।

Proverbs 9

Proverbs 9:1-2

बुद्धि ने क्या बनाया?

बुद्धि ने अपना घर बनाया।

Proverbs 9:3

बुद्धि ने किसको आमंत्रित किया?

बुद्धि ने भोलों को, जो निर्बुद्धि है, उसे आमंत्रित किया।

Proverbs 9:4-5

बुद्धि ने किसको आमंत्रित किया?

बुद्धि ने भोलों को, जो निर्बुद्धि है, उसे आमंत्रित किया।

Proverbs 9:6

बुद्धि भोलों को किस बात का त्याग करने को कहती है?

बुद्धि कहती है कि भोले मनुष्य अपने मार्गों का त्याग कर दें।

Proverbs 9:7

ठट्ठा करने वालों को शिक्षा देने का क्या परिणाम होता है?

ठट्ठा करने वालों को शिक्षा देने का परिणाम अपमान और दुख होता है वरन् घृणा का पात्र बनना भी होता है।

Proverbs 9:8-9

ठट्ठा करने वालों को शिक्षा देने का क्या परिणाम होता है?

ठट्ठा करने वालों को शिक्षा देने का परिणाम अपमान और दुख होता है वरन् घृणा का पात्र बनना भी होता है।

बुद्धिमान मनुष्य को शिक्षा देने से क्या होता है?

बुद्धिमान को शिक्षा देने पर वह प्रेम करता है।

Proverbs 9:10-12

बुद्धि का मूल क्या है?

यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है।

समझ क्या है?

परम-पवित्र ईश्वर को जानना समझ है।

Proverbs 9:13-16

मूर्ख स्त्री के क्या लक्षण होते हैं?

वह बकबक करने वाली और भोली होती है वह कुछ नहीं जानती है।

Proverbs 9:17

चोरी का सामान और लुके छिपे की रोटी आरंभ में पाने वाले को कैसी लगती है?

आरंभ में यह सब बहुत अच्छा लगता है।

Proverbs 9:18

उस स्त्री के आमंत्रित जन कौन हैं?

अधोलोक की गहराई के मृतक उसके अतिथि हैं।

Proverbs 10

Proverbs 10:1-2

बुद्धिमान पुत्र से पिता को कैसा लगता है?

बुद्धिमान पुत्र से पिता आनंदित होता है।

Proverbs 10:3

यहोवा दुष्टों की अभिलाषा का क्या करता है?

वह उनकी अभिलाषा पूरी नहीं होने देता है।

Proverbs 10:4-5

आलसी के काम का परिणाम क्या होता है?

आलसी निर्धन हो जाता है।

Proverbs 10:6-7

धर्मी जन को क्या मिलता है?

धर्मी जन यहोवा का आशीर्वाद पाता है।

Proverbs 10:8-11

बकवादी का क्या होता है?

बकवादी का विनाश हो जाता है।

Proverbs 10:12

प्रेम से क्या होता है?

प्रेम से सब अपराध ढंप जाते हैं।

Proverbs 10:13-16

समझ वालों में क्या पाया जाता है?

समझवालों के वचनों में बुद्धि पाई जाती है।

Proverbs 10:17-18

डांट से मुंह मोड़ने वाले का क्या होता है?

वह भटकता रहता है।

Proverbs 10:19-21

जहां बहुत बातें होती हैं वहां क्या होता है?

जहां बहुत बातें होती हैं वहां अपराध भी होता है।

Proverbs 10:22-24

यहोवा की आज्ञा से क्या मिलता है?

यहोवा की आशीष से धन मिलता है।

Proverbs 10:25

दुष्ट जन कैसे होते हैं?

दुष्ट जन उस बवण्डर के समान है, जो गुजरते ही लोप हो जाता है।

Proverbs 10:26

जैसे आंखों को धूआं वैसे कौन मनुष्य होता है?

आलसी मनुष्य उसके भेजने वाले को ऐसा ही लगता है।

Proverbs 10:27-28

दुष्टों का जीवन कितना होता है?

उनका जीवन थोड़े ही दिनों का होता है।

Proverbs 10:29-30

यहोवा किसकी रक्षा करता है?

यहोवा खरे मनुष्य का गढ़ बनकर रक्षा करता है।

Proverbs 10:31-32

धर्मी के मुंह से क्या टपकता है?

धर्मी के मुंह से बुद्धि टपकती है।

Proverbs 11

Proverbs 11:2-3

मनुष्य का अपमान कब होता है?

जब अभिमान होता है तब अपमान होता है।

Proverbs 11:4-5

कोप के दिन किस बात से लाभ होता है?

कोप के दिन धर्म से लाभ होता है।

Proverbs 11:6-7

विश्वासघाती किस में फंसता है?

विश्वास घाती अपनी ही दुष्टता में फंसते हैं।

Proverbs 11:8

मनुष्य विपत्ति से कैसे बचता है?

मनुष्य धर्मी रहने से विपत्ति से बचता है।

Proverbs 11:9-12

भक्तिहीन जन अपने पड़ोसी का अनर्थ कैसे लाता है?

भक्तिहीन जन अपने मुंह की बात से अपने पड़ोसी का अनर्थ लाता है।

Proverbs 11:13-14

विश्वासयोग्य मनुष्य बुराई की अपेक्षा क्या करता है?

विश्वासयोग्य मनुष्य बात को छिपा रखता है।

Proverbs 11:15-17

मनुष्य परदेशी के साथ क्या न करे कि स्वयं की हानि हो?

परदेशी के लिए उत्तरदायी न हो।

Proverbs 11:18-19

दुष्ट कैसे कमाता है?

दुष्ट झूठ बोलकर कमाता है।

Proverbs 11:20

यहोवा किससे प्रसन्न होता है?

यहोवा खरी चाल वालों से प्रसन्न होता है।

Proverbs 11:21-23

मनुष्य किस बात को निश्चित जानें?

मनुष्य निश्चित जानें कि बुरा मनुष्य दण्ड से न बचेगा।

Proverbs 11:24

जो छितरा देते हैं उनका क्या होता है?

जो छितरा देते हैं उनकी बढ़ती होती है।

Proverbs 11:25-27

दूसरों की खेती सींचने वाले का प्रतिफल क्या होता है?

दूसरों की खेती सींचने वाले की खेती भी सींची जायेगी।

Proverbs 11:28-29

अपने धन पर भरोसा रखने वाले का क्या होता है?

अपने धन पर भरोसा रखने वाले गिर जाते है।

Proverbs 11:30

जीवन का वृक्ष किसका होता है?

धर्मी जीवन का वृक्ष पाता है।

Proverbs 11:31

किस को क्या फल मिलेगा?

धर्मी को पृथ्वी पर फल मिलेगा तो निश्चय ही दुष्ट और पापी को भी फल मिलेगा।

Proverbs 12

Proverbs 12:1

पशु सरीखा मनुष्य किससे घृणा करता है?

वह डांट से बैर रखता है।

Proverbs 12:2-3

यहोवा किस को दोषी ठहराता है?

बुरी युक्ति करने वाले को यहोवा दोषी ठहराता है।

Proverbs 12:4

पति का मुकुट कौन है?

भली स्त्री अपने पति का मुकुट होती है।

Proverbs 12:5-6

दुष्ट की युक्ति कैसी होती है?

उसकी युक्ति छल की होती है।

Proverbs 12:7-9

धर्मियों के घर का क्या होता है?

धर्मियों का घर स्थिर रहता है।

Proverbs 12:10-12

अपने पशु के प्राण की सुधि कौन लेता है?

धर्मी अपने पशु की भी सुधि लेता है।

Proverbs 12:13-14

बुरा मनुष्य किस कारण फंदे में फँसता है?

बुरा मनुष्य अपने दुर्वचनों के कारण फंदे में फँसता है।

Proverbs 12:15-17

मूर्ख को अपनी चाल कैसी लगती है?

मूर्ख को अपनी चाल सीधी जान पड़ती है।

Proverbs 12:18-19

बिना सोच विचार के बोलना कैसा प्रभाव डालता है?

ऐसे शब्द तलवार के समान चुभते हैं।

Proverbs 12:20-21

बुराई की योजना बनाने वालों के मन में क्या होता है?

उनके मन में छल वास करता है।

Proverbs 12:22-23

यहोवा किससे घृणा करता है?

यहोवा झूठ से घृणा करता है।

Proverbs 12:24-25

आलसी को क्या दिया जाता है?

उससे बेगार में काम कराया जाता है।

Proverbs 12:26-27

दुष्टों की चाल उन्हें कहां ले जाती है?

दुष्टों की चाल उन्हें भटका देती है।

Proverbs 12:28

धर्म के मार्ग में क्या मिलता है?

धर्म के मार्ग में जीवन मिलता है।

Proverbs 13

Proverbs 13:1-2

बुद्धिमान पुत्र क्या सुनता है?

बुद्धिमान पुत्र पिता की शिक्षा सुनता है।

Proverbs 13:3

मनुष्य अपने प्राण की रक्षा कैसे करता है?

मनुष्य अपने मुंह की चैकसी करके प्राण की रक्षा करता है।

Proverbs 13:4-6

ऐसा मनुष्य कौन है जो लालसा तो करता है परन्तु उसे मिलता कुछ नहीं?

आलसी मनुष्य लालसा तो करता है परन्तु उसे मिलता कुछ नहीं।

Proverbs 13:7

कुछ मनुष्य धनवान कैसे होते हैं?

कुछ मनुष्य सब कुछ दान करके धनवान बन जाते हैं।

Proverbs 13:8-9

निर्धन क्या नहीं सुनता है?

निर्धन घुड़की को सुनता भी नहीं है।

Proverbs 13:10

अहंकार से क्या होता है?

अहंकार से झगड़े रगड़े उत्पन्न होते हैं।

Proverbs 13:11-13

धन कैसे घट जाता है?

धोखे से कमाया धन जल्दी घट जाता है।

Proverbs 13:14-15

जीवन का सोता क्या है?

बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है।

Proverbs 13:16-17

चतुर निर्णय लेने में कैसे काम करता है?

चतुर मनुष्य हर बात में ज्ञान से काम करता है।

Proverbs 13:18-19

डांट को मानने वाले को क्या मिलता है?

डांट को मानने वाले को महिमा प्राप्त होती है।

Proverbs 13:20-21

बुद्धिमान बनने के लिए मनुष्य को किसकी संगति करना चाहिए?

बुद्धिमान बनने के लिए मनुष्यों को बुद्धिमानों की संगति करनी चाहिए।

Proverbs 13:22-23

पापी का धन किसके लिए रखा रहता है?

पापी की सम्पत्ति धर्मी के लिए रखी जाती है।

Proverbs 13:24

पुत्र पर प्रेम कैसे प्रकट किया जाता है?

उसे यत्न से शिक्षा देने के द्वारा प्रेम प्रकट किया जाता है।

Proverbs 13:25

दुष्ट की भूख कैसी होती है?

उसकी भूख कभी पूरी नहीं होती है।

Proverbs 14

Proverbs 14:1

बुद्धिमान स्त्री क्या करती है?

बुद्धिमान स्त्री अपने घर को बनाती है।

Proverbs 14:2-4

यहोवा को कौन तुच्छ जानता है?

टेढ़ी चाल चलने वाला यहोवा को तुच्छ जानता है।

Proverbs 14:5-6

सच्चा साक्षी क्या नहीं करता है?

सच्चा साक्षी झूठ नहीं बोलता है।

Proverbs 14:7-10

मूर्ख के मुख से क्या नहीं मिलता?

उससे ज्ञान की बातें नहीं मिलेंगी।

Proverbs 14:11-13

दुष्ट के घर का क्या होता है?

उसका घर नष्ट हो जाता है।

खरे मनुष्य के तम्बू में क्या रहता है?

उसका तम्बू आबाद रहता है।

Proverbs 14:14-15

जो बेईमान है उसको क्या मिलता है?

जो बेईमान है वह अपने चाल-चलन का फल भोगता है।

Proverbs 14:16

मूर्ख चेतावनी पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?

मूर्ख चेतावनी को विश्वास के साथ टाल देता है।

Proverbs 14:17-18

जल्दी क्रोध करने वाला क्या करता है?

जल्दी क्रोध करने वाला मूढ़ता के काम करता है।

Proverbs 14:19-21

बुरे लोग किस को दण्डवत् करते हैं?

बुरे लोग भले लोगों को दण्डवत् करते हैं।

Proverbs 14:22

भली युक्ति निकालने वाले को क्या मिलता है?

भली युक्ति निकालने वाले के साथ करूणा और सच्चाई का व्यवहार किया जाता है।

Proverbs 14:23-26

परिश्रम से क्या होता है?

परिश्रम से सदा लाभ होता है।

Proverbs 14:27-28

जीवन का सोता क्या है?

यहोवा का भय मानना जीवन का सोता है।

Proverbs 14:29-30

मूढ़ता की बढ़ती कौन करता है?

जो विलम्ब से क्रोध नहीं करता वह मूढ़ता बढ़ाता है।

Proverbs 14:31-33

अपने सृजनहार की निंदा कौन करता है?

कंगाल पर अंधेर करने वाला अपने सृजनहार की निंदा करता है।

Proverbs 14:34-35

जाति की बढ़ती कैसे होती है?

जाति की बढ़ती धर्म से होती है।

Proverbs 15

Proverbs 15:1-2

क्रोध कैसे ठंडा होता है?

कोमल उत्तर से क्रोध ठंडा हो जाता है।

Proverbs 15:3-4

यहोवा किसको देखता है?

यहोवा बुरे और भले दोनों को देखता है।

Proverbs 15:5-7

पिता की शिक्षा के प्रति मूढ़ का व्यवहार कैसा होता है?

वह पिता की शिक्षा का तिरस्कार करता है।

Proverbs 15:8-9

यहोवा कैसी बलि से घृणा करता है?

दुष्टों के बलिदान से यहोवा घृणा करता है।

Proverbs 15:10-12

जो मार्ग को छोड़ देता है उसे क्या मिलता है?

जो मार्ग को छोड़ देता है उसको बड़ी ताड़ना मिलती है।

Proverbs 15:13-15

मुख पर प्रसन्नता कब छा जाती है?

मन आनंदित होने से मुख पर प्रसन्नता छा जाती है।

Proverbs 15:16-17

घबराहट के साथ बहुत रखे हुए धन से क्या उत्तम है?

यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उत्तम है।

Proverbs 15:18-19

मुकद्दमों को कौन दबा देता है?

विलम्ब से क्रोध करने वाला मुकद्दमों को दबा देता है।

Proverbs 15:20-21

बुद्धिमान पुत्र पिता के लिए क्या है?

बुद्धिमान पुत्र से पिता आनंदित होता है।

Proverbs 15:22-24

सफलता कैसे मिलती है?

बहुत सी सम्मतियों से सफलता मिलती है।

Proverbs 15:25-27

यहोवा क्या ढा देता है?

यहोवा अहंकारियों की विरासत को ढा देता है।

Proverbs 15:28-30

धर्मी जन उत्तर देने से पहले क्या करता है?

धर्मी जन उत्तर देने से पहले मन से सोचता है।

Proverbs 15:31-32

बुद्धिमान मनुष्य क्या करता है जब वह जीवनदायी डांट सुनता है?

वह जीवनदायी डांट कान लगा कर सुनता है।

Proverbs 15:33

महिमा से पहले क्या आता है?

महिमा से पहले नम्रता आती है।

Proverbs 16

Proverbs 16:2-3

मनुष्य का सारा चाल-चलन उसकी दृष्टि में कैसा होता है?

मनुष्य का सारा चाल-चलन उसकी दृष्टि में पवित्र ठहरता है।

Proverbs 16:4-5

यहोवा ने सब कुछ क्यों बनाया है?

यहोवा ने सब कुछ एक विशेष उद्देश्य के निमित्त बनाया है।

Proverbs 16:6-8

अधर्म का प्रायश्चित कैसे होता है?

अधर्म का प्रायश्चित कृपा और सच्चाई से होता है।

Proverbs 16:9-11

मनुष्य अपने मार्ग पर विचार करता है और यहोवा क्या करता है?

यहोवा उसके पैरों को स्थिर करता है।

Proverbs 16:12-13

गद्दी कैसे स्थिर होती है?

राजगद्दी धर्म से स्थिर होती है।

Proverbs 16:14-15

मृत्यु के दूत के सदृश्य क्या होता है?

राजा का क्रोध मृत्यु के दूत जैसा होता है।

Proverbs 16:16-17

सोने और चांदी से अधिक उत्तम क्या है?

सोने और चांदी से अधिक उत्तम बुद्धि और समझ की प्राप्ति है।

Proverbs 16:18-19

ठोकर खाने से पहले क्या आता है?

ठोकर खाने से पहले घमंड आता है।

Proverbs 16:20-22

एक व्यक्ति कैसे जान सकता है कि जो शिक्षा दी गई है वह सही है?

एक व्यक्ति जो शिक्षा दी गई है उसका मनन करके जान सकता कि वह सही है।

Proverbs 16:23-24

बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर क्या प्रकट करता है?

बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर भी बुद्धिमानी प्रकट करता है।

Proverbs 16:25-27

मनुष्य को कोई मार्ग सीधा जान पड़ता है परन्तु वह कहां जाता है?

मनुष्य को कोई मार्ग सीधा जान पड़ता है परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही होती है।

Proverbs 16:28-29

परम मित्रों में फूट कौन डालता है?

कानाफूसी करने वाला परम मित्रों में फूट डालता है।

Proverbs 16:30

आंख मूंदने वाला क्या करता है?

आंख मूंदने वाला छल की कल्पना करता है।

Proverbs 16:31

शोभायमान मुकुट क्या है?

पके बाल शोभायमान मुकुट ठहरते हैं।

Proverbs 16:32

नगर जीतने वाले से अधिक बलवन्त कौन होता है?

जो अपने मन को वश में रखता है वह नगर जीतने वाले से भी अधिक बलवन्त है।

Proverbs 16:33

चिट्ठी डालने का परिणाम कौन निकालता है?

चिट्ठी डाली तो जाती है परन्तु उसका परिणाम यहोवा की ही ओर से होता है।

Proverbs 17

Proverbs 17:2-3

बुद्धिमान दास अपने स्वामी के लज्जा लाने वाले पुत्र पर क्या करता है?

वह उस पुत्र पर प्रभुता करता है।

Proverbs 17:4

कुकर्मी किस पर ध्यान लगाता है?

कुकर्मी अनर्थ की बातों पर ध्यान लगाता है।

Proverbs 17:5-7

निर्धन को ठट्ठों में उड़ाने वाला क्या करता है?

निर्धन को ठट्ठों में उड़ाने वाला उसके सृजनहार की निन्दा करता है।

Proverbs 17:8-9

घूस मोह लेने वाले मणि के समान क्यों है?

घूस मोह लेने वाले मणि के समान है क्योंकि वह जहां भी जाता है, उसका काम सफल होता है।

Proverbs 17:10-11

मूर्ख पर गहन प्रभाव किसी से भी नहीं पड़ता?

सौ बार मार खाने पर भी मूर्ख के मन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

Proverbs 17:12-13

बच्चा छीनी हुई रीछनी से भी अधिक खतरनाक क्या है?

मूढ़ता में डूबे हुए मूर्ख से मिलना बच्चा छीनी हुई रीछनी का सामना करने से भी अधिक खतरनाक है।

Proverbs 17:14

झगड़ा आरंभ होने से पहले क्या करना चाहिए?

झगड़ा आरंभ होने से पहले वहां से निकल जाना चाहिए।

Proverbs 17:15-17

यहोवा की दृष्टि में घृणित कौन है?

जो दोषी को निर्दोष और निर्दोष को दोषी ठहराता है वह यहोवा की दृष्टि में घृणित है।

Proverbs 17:18-19

निर्बुद्धि मनुष्य क्या करता है?

निर्बुद्धि मनुष्य अपने पड़ोसी के कर्ज का उत्तरदायी होता है।

Proverbs 17:20-21

विपत्ति में पड़ने का कारण क्या है?

उलटफेर की बातें करने वाली जीभ विपत्ति का कारण है।

Proverbs 17:22-24

अच्छी औषधि क्या है?

मन का आनंद अच्छी औषधि है।

Proverbs 17:25-27

मूर्ख पुत्र अपने माता-पिता के लिए क्या है?

मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है और माता शोक करती है।

Proverbs 17:28

मूर्ख बुद्धिमान कब गिना जाता है?

मूर्ख जब चुप रहता है तब बुद्धिमान गिना जाता है।

Proverbs 18

Proverbs 18:2

मूर्ख को किस बात से प्रसन्नता नहीं होती है?

मूर्ख को समझ की बातों से प्रसन्नता नहीं होती है।

Proverbs 18:3-5

दुष्टता के साथ क्या आता है?

दुष्टता के साथ अपमान आता है और निन्दा आती है।

Proverbs 18:6-7

मूर्ख की बातों से क्या होता है?

मूर्ख की बातों से झगड़ा उत्पन्न होता हैं।

Proverbs 18:8-9

स्वादिष्ट भोजन स्वरूप क्या है?

कानाफूसी के वचन स्वादिष्ट भोजन के सदृश्य होते हैं।

Proverbs 18:10-11

दृढ़ गढ़ क्या है?

यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है।

Proverbs 18:12-13

मनुष्य के पतन से पूर्व उसका व्यवहार कैसा होता है?

मनुष्य के पतन से पूर्व, उसका हृदय घमंडी हो जाता है।

Proverbs 18:14-16

क्या सहन करना सबसे कठिन है?

मनुष्य की आत्मा हार जाए तो उसे सहन करना बहुत कठिन होता है।

Proverbs 18:17-18

पहले कौन उचित प्रतीत होता है?

जो अपनी बात पहले रख दे वही उचित प्रतीत होता है।

Proverbs 18:19-20

दृढ़ नगर जीत लेने से भी कठिन क्या है?

चिढ़े हुए भाई को मनाना दृढ़ गढ़ जीत लेने से भी अधिक कठिन है।

Proverbs 18:21-22

जीभ के वश में क्या है?

जीवन और मृत्यु जीभ के वश में है।

Proverbs 18:23-24

धनी कैसा उत्तर देता है?

धनी कड़ा उत्तर देता है।

Proverbs 19

Proverbs 19:2-4

लालसाओं के अतिरिक्त मनुष्य के पास क्या होना चाहिए?

मनुष्य के पास लालसाओं के अतिरिक्त ज्ञान होना चाहिए।

Proverbs 19:5-6

झूठे गवाह का क्या होगा?

झूठा गवाह बिना दण्ड पाए नहीं रहेगा।

Proverbs 19:7

निर्धन के मित्र कैसे होते हैं?

निर्धन के मित्र उससे दूर हो जाते हैं।

Proverbs 19:8-10

प्राण का प्रेमी कौन होता है?

बुद्धि प्राप्त करने वाला अपने प्राण का प्रेमी होता है।

Proverbs 19:11-12

बुद्धिमान मनुष्य क्रोध आने पर क्या करता है?

अपराध को भुलाना उसको शोभा देता है।

Proverbs 19:13

सदा टपकने वाले पानी के समान क्या है?

झगड़ालू स्त्री सदा टपकने वाले पानी के समान है।

Proverbs 19:14-16

बुद्धिमान स्त्री कैसे मिलती है?

बुद्धिमान स्त्री यहोवा से मिलती है।

Proverbs 19:17-18

यहोवा को उधार कैसे दिया जाता है?

कंगाल पर अनुग्रह करना यहोवा को उधार देना है।

Proverbs 19:19

किसे बार-बार बचाना पड़ता है?

बड़ा क्रोध करने वाले को बार-बार बचाना पड़ता है।

Proverbs 19:20-22

अन्तकाल में कोई कैसे बुद्धिमान ठहर सकता है?

सम्मति को सुनकर और शिक्षा को ग्रहण करके मनुष्य अन्तकाल में बुद्धिमान ठहरता है।

Proverbs 19:23

जीवनदायक क्या है?

यहोवा का भय मानना जीवनदायक सुख है।

Proverbs 19:24-25

आलसी क्या नहीं कर पाता है?

आलसी थाली में हाथ डालता है परन्तु कौर मुंह तक नहीं ला पाता है।

Proverbs 19:26-27

बाप को उजाड़ने वाला और मां को भगा देने वाला पुत्र कैसा होता है?

बाप को उजाड़ने वाला और मां को भगा देने वाला पुत्र अपमान और लज्जा का कारण होता है।

Proverbs 19:28-29

न्याय का ठट्ठा करने वाला कौन है?

झूठा साक्षी न्याय का ठट्ठा करता है।

Proverbs 20

Proverbs 20:2

राजा को क्रोध दिलाने वाला क्या करता है?

राजा को क्रोध दिलाने वाला अपने प्राण का अपराधी होता है।

Proverbs 20:3-5

मूर्ख क्या करता है?

मूर्ख सदैव झगड़ने को तैयार रहता है।

Proverbs 20:6-8

कैसा मनुष्य मिलना कठिन है?

विश्वासयोग्य मनुष्य मिलना कठिन है।

Proverbs 20:9-10

ऐसी क्या बात है जो कोई भी मनुष्य अपने बारे में नहीं कह सकता है?

कोई नहीं कह सकता है, "मैंने अपने हृदय को पवित्र किया अथवा मैं पाप से शुद्ध हुआ हूं।"

Proverbs 20:11-12

एक युवक कैसे पहचाना जाता है?

वह अपने कामों से पहचाना जाता है।

Proverbs 20:13-14

किस का प्रेम दरिद्र बनाता है?

नींद से प्रेम रखना दरिद्र बनाता है।

Proverbs 20:15-16

अनमोल मणि जैसा क्या है?

ज्ञान की बातें अनमोल मणि जैसी ठहरती हैं।

Proverbs 20:17-19

धोखे की रोटी बाद में कैसी लगती है?

धोखे की रोटी बाद में कंकड़ जैसी लगती हैं।

Proverbs 20:20-21

पिता को या माता को श्राप देने वाले का क्या होता है?

पिता को या माता को श्राप देने वाले का दिया बुझ जाता है।

Proverbs 20:22-24

बुराई का बदला बुराई से देने की अपेक्षा क्या करना चाहिए?

बुराई का बदला बुराई से देने से अच्छा यहोवा की प्रतीक्षा करनी चाहिए कि वह छुड़ाए।

Proverbs 20:25-27

बिना सोचे-समझे क्या करना फंदा है?

जो मन्नत मांगकर पूछताछ करने लगे वह फंदे में फंसेगा।

Proverbs 20:28

राजा की रक्षा कैसे होती है?

वाचा बांधकर निभाना और विश्वासयोग्यता से राजा की रक्षा होती है।

Proverbs 20:29-30

जवान का गौरव क्या है?

जवान का गौरव उसका बल है।

Proverbs 21

Proverbs 21:1-2

यहोवा किसको जिधर चाहता है, मोड़ देता है?

यहोवा राजा के मन को जिधर चाहता ऊधर मोड़ देता है।

Proverbs 21:3-5

यहोवा को चढ़ाई हुई बलि से अधिक अच्छा क्या लगता है?

धर्म और न्याय करना यहोवा को बलि चढ़ाने से अधिक अच्छा लगता है।

Proverbs 21:6

झूठ से प्राप्त धन कैसा होता है?

झूठ से प्राप्त धन वायु से उड़ जाने वाला कुहरा है।

Proverbs 21:7-9

दुष्टों का नाश क्यों होता है?

दुष्टों का नाश होता है क्योंकि वे न्याय का काम करने से इंकार करते हैं।

Proverbs 21:10

दुष्ट की आंखों में क्या दिखाई नहीं देता है?

दुष्ट की आंखों में दया दिखाई नहीं देती है।

Proverbs 21:11-13

ठट्ठा करने वाले को दंडित देख कौन बुद्धिमान हो जाता है?

ठट्ठा करने वाले को दंडित देख भोला मनुष्य बुद्धिमान हो जाता है।

Proverbs 21:14-15

गुप्त में दी हुई भेंट से क्या होता है?

गुप्त में दी हुई भेंट से क्रोध ठण्डा होता है।

Proverbs 21:16-18

बुद्धि के मार्ग से भटक जाने वाले का ठिकाना कहाँ होता है?

बुद्धि के मार्ग से भटक जाने वाले का ठिकाना मरे हुओं के बीच में होता है।

Proverbs 21:19-21

झगड़ालू और चिढ़ने वाली पत्नी के संग रहने से कहाँ रहना उत्तम है?

झगड़ालू पत्नी के साथ रहने से तो जंगल में रहना उत्तम है।

Proverbs 21:22-23

बुद्धिमान मनुष्य क्या नष्ट कर देता है?

बुद्धिमान मनुष्य शूरवीरों के नगर को नष्ट कर देता है।

Proverbs 21:24-26

अभिमानी और अहंकारी मनुष्य का नाम क्या पड़ता है?

अभिमानी और अहंकारी मनुष्य का नाम नाम "ठट्ठा करने वाला" पड़ता है।

Proverbs 21:27-29

कैसा बलिदान घृणित होता है?

दुष्ट का बलिदान घृणित होता है।

Proverbs 21:30

यहोवा के विरुद्ध क्या नहीं चलता है?

यहोवा के विरुद्ध न तो बुद्धि चलती है और न ही समझ और न ही युक्ति चलती है।

Proverbs 21:31

युद्ध में विजय कौन दिलाता है?

युद्ध में विजय यहोवा ही दिलाता है।

Proverbs 22

Proverbs 22:2-3

धनी और निर्धन में क्या समानता है?

धनी और निर्धन दोनों का सृजनहार यहोवा ही है।

Proverbs 22:4-5

धन, महिमा और जीवन किसका फल है?

नम्रता और यहोवा का भय मानना धन, महिमा और जीवन है।

Proverbs 22:6

यदि लड़के को उस मार्ग की शिक्षा दी जाए जिसमें उसे चलना है तो वह वृद्धावस्था में क्या न करेगा?

यदि लड़के को उस मार्ग की शिक्षा दी जाए जिसमें उसे चलना है तो वह वृद्धावस्था में भी उससे नहीं हटेगा।

Proverbs 22:7-9

उधार लेने वाले और उधार देने वाले में कैसा सम्बन्ध होता है?

उधार लेने वाला उधार देने वाले का दास होता है।

Proverbs 22:10-12

ठट्ठा करने वाले को निकाल दें तो क्या होता है?

ठट्ठा करने वाले को निकाल दें तब झगड़ा मिट जाता है।

Proverbs 22:13

आलसी का बहाना क्या होता है?

आलसी का बहाना यह होता है कि वह कहता है बाहर सिंह है।

Proverbs 22:14

पराई स्त्री के मोह में पड़ने से क्या होता है?

पराई स्त्री के मोह में पड़ना यहोवा को क्रोध दिलाना है।

Proverbs 22:15-18

बालक से मूढ़ता कैसे दूर की जा सकती है?

अनुशासन की छड़ी से उसकी मूढ़ता दूर की जा सकती है।

Proverbs 22:19-21

मनुष्य को किस पर भरोसा करना चाहिए?

मनुष्य को केवल यहोवा पर भरोसा करना चाहिए।

Proverbs 22:22

कंगाल और दीन जन पर क्या नहीं करना चाहिए?

उन पर अन्धेर नहीं करना और न ही उन्हें पीसना चाहिए।

Proverbs 22:23-24

जो लोग उनका धन हर लेते हैं उनके साथ यहोवा क्या करेगा?

जो लोग उनका धन हर लेते हैं उनका यहोवा प्राण हर लेगा।

Proverbs 22:25-26

क्रोधी मनुष्य का मित्र क्यों नहीं होना चाहिए?

क्रोधी मनुष्य का मित्र इसलिए नहीं होना चाहिए ऐसा करने पर मनुष्य उनकी चाल सीखकर फंदे में फँस जाता है।

Proverbs 22:27

ऋण न चुका पाने पर मनुष्य क्या खो देता है?

ऋण न चुकाने पर मनुष्य अपना पलंग भी खो देता है।

Proverbs 22:28-29

क्या बढ़ाना उचित नहीं?

पुरखाओं द्वारा निश्चित की गई सीमा बढ़ाना उचित नहीं है।

Proverbs 23

Proverbs 23:1-3

मनुष्य कब अपने सामने वाले पर ध्यान करे?

जब मनुष्य किसी हाकिम के सामने भोजन करने बैठे तबउसे बहुत ध्यान देना है कि उसके सामने कौन है।

Proverbs 23:4

बुद्धिमान मनुष्य क्या जानता है?

बुद्धिमान मनुष्य जानता है कि धनोपार्जन के लिए कब परिश्रम न करें।

Proverbs 23:5-6

मनुष्य धन पर अपनी दृष्टि लगाए तो क्या होता है?

मनुष्य धन पर अपनी दृष्टि लगाए उड़ जाता है।

Proverbs 23:7-8

बुरा मनुष्य भोजन के लिए आमंत्रित करता है तो उसका मन आप में नहीं है, क्यों?

बुरा मनुष्य भोजन के लिए आमंत्रित करता है तो उसका मन आप में नहीं है क्योंकि वह अपने भोजन का मूल्य आंकता है।

Proverbs 23:9-10

मूर्ख बुद्धिमानी की बातों पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है?

मूर्ख बुद्धिमानी की बातों को तुच्छ समझता है।

Proverbs 23:11-12

अनाथ का मुकद्दमा कौन लड़ता है?

उसका सामर्थी छुड़ानेवाला उसका मुकद्दमा लड़ता है।

Proverbs 23:13-15

लड़के से क्या दूर न रखा जाए?

उसकी ताड़ना करना न छोड़ा जाए।

Proverbs 23:16-19

पिता का मन किससे प्रसन्न होता है?

पिता का मन प्रसन्न होता है, जब उसका पुत्र सीधी बातें बोलता है।

Proverbs 23:20-22

मनुष्य किसकी संगति न करे?

मनुष्य पियक्कड़ और पेटू की संगति न करे।

Proverbs 23:23-25

मनुष्य को क्या मोल लेना चाहिए?

मनुष्य को सच्चाई, बुद्धि, शिक्षा और समझ मोल लेना चाहिए।

Proverbs 23:26-27

पुत्र पिता को क्या दे?

पुत्र पिता की ओर अपना मन लगाए।

Proverbs 23:28

पराई स्त्री मनुष्यों में क्या बढ़ाती है?

पराई स्त्री मनुष्यों में विश्वासघाती बढ़ाती है।

Proverbs 23:29

कौन हाय और कौन झगड़ों में फंसता है?

हाय और झगड़ों में वह फंसता है जो दाखमधु देर तक पीते हैं।

Proverbs 23:30-32

कौन हाय और कौन झगड़ों में फंसता है?

हाय और झगड़ों में वह फंसता है जो दाखमधु देर तक पीते हैं।

Proverbs 23:33-34

लाल दाखमधु को देखने वाले की आँखें क्या देखती हैं?

लाल दाखमधु को देखने वाले की आँखें विचित्र वस्तुएं देखती है।

Proverbs 23:35

पियक्कड़ नींद से जागने के बाद क्या विचार करता है?

पियक्कड़ नींद से जागने के बाद कहता है मैं जागने पर और मदिरा पीऊँगा।

Proverbs 24

Proverbs 24:1-2

मनुष्य किससे ईष्र्या न करे?

मनुष्य बुरे लोगों के विषय डाह न करे।

Proverbs 24:3-4

घर किससे बनता है?

घर बुद्धि से बनता है।

Proverbs 24:5-7

बलवान से भी अधिक शक्तिमान कौन होता है?

ज्ञानी जन बलवान से भी अधिक शक्तिमान होता है।

Proverbs 24:8-9

जो सोच-विचार के बुराई करता है उसे लोग क्या कहते हैं?

जो सोच-विचार के बुराई करता है उसे लोग युक्तिवान दुष्ट कहते हैं।

Proverbs 24:10-11

मनुष्य की शक्ति कब कम होती है?

मनुष्य जब विपत्ति के समय साहस छोड़ देता है तब वह अपनी शक्ति को कम दिखाता है।

Proverbs 24:12-14

परमेश्वर प्रत्येक मनुष्य को क्या देता है?

परमेश्वर हर एक मनुष्य को उसके काम का फल देता है।

Proverbs 24:15-16

दुष्ट जन किसकी घात में बैठता है?

दुष्ट जन धर्मी के निवास की घात में बैठता है।

Proverbs 24:17

यदि किसी का बैरी गिर जाए और वह आनन्द मनाए तो यहोवा क्या करता है?

यहोवा यह देखकर अप्रसन्न होता है और अपना क्रोध उस पर से हटा लेता है।

Proverbs 24:18-19

यदि किसी का बैरी गिर जाए और वह आनन्द मनाए तो यहोवा क्या करता है?

यहोवा यह देखकर अप्रसन्न होता है और अपना क्रोध उस पर से हटा लेता है।

Proverbs 24:20

दुष्टों के दीपक के साथ क्या होता है?

दुष्टों का दीपक बुझ जाता है।

Proverbs 24:21-23

मनुष्य किसकी संगति न करे?

राजा के विरुद्ध बलवा करने वाले की संगति नहीं करनी चाहिए।

Proverbs 24:24-25

क्या होगा जब कोई दुष्ट से कहता है कि "तू निर्दोष है"?

उसको हर समाज के लोग श्राप देंगे और जाति-जाति के लोग धमकी देंगे।

Proverbs 24:26-28

होठों को चूमने जैसा क्या है?

सीधा उत्तर देना होंठों को चूमने के समान है।

Proverbs 24:29

मनुष्य को अपने पड़ोसी के लिए क्या नहीं कहना चाहिए?

अपने पड़ोसी के लिए कभी न कहें कि जैसा उसने मेरे साथ किया वैसा ही मैं भी उसके साथ करूंगा।

Proverbs 24:30

आलसी का खेत कैसा दिखता था?

वहाँ सब कंटीले पेड़ भर गए और वह बिच्छू पौधों से ढंका हुआ था उसका पत्थर का बाड़ा गिर गया था।

Proverbs 24:31-33

आलसी का खेत कैसा दिखता था?

वहाँ सब कंटीले पेड़ भर गए और वह बिच्छू पौधों से ढंका हुआ था उसका पत्थर का बाड़ा गिर गया था।

Proverbs 24:34

आलसी पर डाकू के समान क्या आ जाता है?

आलसी पर कंगालपन डाकू के समान आ जाता है।

Proverbs 25

Proverbs 25:1

इन नीतिवचनों का लेखक कौन है?

राजा सुलैमान इन नीतिवचनों का लेखक है।

Proverbs 25:2-4

परमेश्वर की महिमा के लिए क्या करना चाहिए?

बात को छिपाने में परमेश्वर की महिमा है।

Proverbs 25:5-6

राजा का सिंहासन कैसे स्थिर होता है?

राजा के सामने से दुष्ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी।

Proverbs 25:7

बड़े लोगों के स्थान में खड़े होने से उत्तम क्या है?

बड़े लोगों के स्थान में खड़े होने से उत्तम है कि प्रतीक्षा करें कि राजा कहे, "आगे बढ़कर विराज।"

अगर तूने अपने पड़ोसी से सम्बंदिध कुछ भी देखा है, उसे जल्दी से अदालत में क्यों नहीं लाना चाहिए?

उसे जल्दी से अदालत में इसीलिए नहीं लाना चाहिए क्योंकि तेरा पड़ोसी तुझे शर्मिंदा कर सकता है।

Proverbs 25:8-12

अगर तूने अपने पड़ोसी से सम्बंदिध कुछ भी देखा है, उसे जल्दी से अदालत में क्यों नहीं लाना चाहिए?

उसे जल्दी से अदालत में इसीलिए नहीं लाना चाहिए क्योंकि तेरा पड़ोसी तुझे शर्मिंदा कर सकता है।

Proverbs 25:13-14

विश्वासयोग्य दूत अपने भेजनेवाले के लिए कैसा होता है?

विश्वासयोग्य दूत अपने भेजनेवाले का जी ठण्डा करता है।

Proverbs 25:15-16

न्यायी कैसे मनाया जाता है?

धीरज धरने से न्यायी मनाया जाता है।

Proverbs 25:17-18

आपका पड़ोसी आपसे कैसे खिन्न हो सकता है?

यदि आप बार-बार उसके घर जाएंगे तो वह आपसे खिन्न करेगा।

Proverbs 25:19-20

उखड़े पांव के समान क्या होता है?

विपत्ति के समय विश्वासघाती का भरोसा करना उखड़े पांव के समान होता है।

Proverbs 25:21

अपने बैरी के लिए क्या करना चाहिए?

उसे खाने को भोजन और पीने को पानी देना चाहिए।

Proverbs 25:22-28

जो अपने बैरी को भोजन और पानी देता है उसके लिए यहोवा क्या करता है?

जो अपने बैरी को भोजन और पानी देता है, यहोवा उसे उसका फल देता है।

Proverbs 26

Proverbs 26:2-3

मनुष्य पर क्या नहीं पड़ता है?

मनुष्य पर व्यर्थ शाप नहीं पड़ता है।

Proverbs 26:4-5

मूर्ख की मूर्खता के अनुसार करने से क्या होता है?

मूर्ख की मूर्खता के अनुसार करने से मनुष्य उसी के जैसा ठहरता है।

Proverbs 26:6-9

अपने पांव पर कुल्हाड़ा मारने जैसा क्या है?

मूर्ख के हाथ से सन्देश भेजना अपने पांव पर कुल्हाड़ा मारने जैसा है।

Proverbs 26:10

मूर्ख को मजदूरी में लगानेवाला किसके जैसा है?

मूर्ख को मजदूरी में लगानेवाला उस तीरन्दाज के जैसा है जो अकारण सबको मारता है।

Proverbs 26:11-13

जैसा कुत्ता अपनी छांट को चाटता है वैसा ही मूर्ख क्यों है?

मूर्ख अपनी ही मूर्खता को दोहराता है इसलिए वह कुत्ते के जैसा है

Proverbs 26:14-15

जैसे किवाड़ अपनी चूल पर घूमता है वैसा कौन है?

जैसे किवाड़ अपनी चूल पर घूमता है वैसे ही आलसी अपनी खाट पर करवटें लेता है।

Proverbs 26:16-18

आलसी अपने आप को क्या समझता है?

आलसी अपने आप को ठीक उत्तर देने वाले सात मनुष्यों से अधिक बुद्धिमान समझता है।

Proverbs 26:19-20

अपने पड़ोसी को धोखा देकर मनुष्य क्या कहता है?

अपने पड़ोसी को धोखा देकर मनुष्य कहता है, "मैं तो मजाक कर रहा था।"

Proverbs 26:21-23

झगड़ालू मनुष्य क्या भड़काता है?

झगड़ालू मनुष्य झगड़ा बढ़ाता है।

Proverbs 26:24-26

मनुष्य दूसरों के लिए अपने मन में उपस्थित घृणा कैसे छिपाता है?

मनुष्य अपने मन में उपस्थित घृणा को भोली बातें करके छिपा लेता है।

Proverbs 26:27

जो गड़हा खोदता है उसका क्या होता है?

उस गड़हे में वही गिर जाता है।

Proverbs 26:28

चिकनी चुपड़ी बातें बोलने वाला क्या लाता है?

चिकनी चुपड़ी बातें बोलने वाला विनाश का कारण होता है।

Proverbs 27

Proverbs 27:1-2

मनुष्य को कल के विषय में डींग क्यों नहीं मारना चाहिए?

मनुष्य को कल के विषय में डींगे नहीं मारना चाहिए क्योंकि वह नहीं जानता कि दिन भर में क्या हो जाएगा।

Proverbs 27:3-5

बालू के बोझ से भी अधिक भारी क्या होता है?

मूढ़ का क्रोध बालू के बोझ से भी अधिक भारी होता है।

Proverbs 27:6

बैरी धोखा देने के लिए क्या करता है?

बैरी धोखा देने के लिए अधिक चुम्बन करता है।

Proverbs 27:7-9

कड़वी वस्तुयें किस को मीठी लगती हैं?

भूखे मनुष्यों को कड़वी वस्तुयें भी मीठी लगती हैं।

Proverbs 27:10-11

दूर रहने वाले भाई से उत्तम कौन है?

दूर रहने वाले भाई से प्रेम करने वाला पड़ोसी कहीं उत्तम है।

Proverbs 27:12-13

बुद्धिमान मनुष्य विपत्ति को देखकर क्या करता है?

बुद्धिमान मनुष्य विपत्ति को देखकर छिप जाता है।

Proverbs 27:14

ऊंचे शब्द से आशीर्वाद देना कब शाप माना जाता है?

भोर को उठकर अपने पड़ोसी को ऊंचे शब्द से आशीर्वाद देना शाप माना जाता है।

Proverbs 27:15

वायु को रोक रखना किसके तुल्य है?

झगड़ालू पत्नी को वश में रखना वायु रोकने के तुल्य है।

Proverbs 27:16

वायु को रोक रखना किसके तुल्य है?

झगड़ालू पत्नी को वश में रखना वायु रोकने के तुल्य है।

Proverbs 27:17-19

जैसे लोहे से लोहा चमकता है उसके तुल्य क्या है?

जैसे लोहे से लोहा चमकता है वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।

Proverbs 27:20-21

अधोलोक के सदृश्य असंतुष्ट होने वाली वस्तु क्या है?

अधोलोक के सदृश्य मनुष्य की आंखें भी तृप्त नहीं होती हैं।

Proverbs 27:22-23

क्या कर लेने पर भी मूर्ख की मूर्खता नहीं जाती है?

मूर्ख को अनाज के बीच ओखली में डालकर मूसल से कूटे तौभी उसकी मूर्खता जाने की नहीं।

Proverbs 27:24-25

सदा तक नहीं ठहरने वाली वस्तु क्या है?

सम्पत्ति सदा नहीं ठहरती है।

Proverbs 27:26-27

भेड़ के बच्चों से क्या प्राप्त होता है?

भेड़ों के बच्चों से परिवार के लिए वस्त्र उपलब्ध होते हैं।

Proverbs 28

Proverbs 28:1-3

पीछा नहीं करने पर भी कौन भागता है?

दुष्ट लोग जब कोई पीछा नहीं करता तब भी भागते हैं।

Proverbs 28:4-5

जो व्यवस्था को छोड़ देते हैं वे किस की प्रशंसा करते हैं?

जो व्यवस्था को छोड़ देते हैं वे दुष्ट की प्रशंसा करते हैं।

Proverbs 28:6-7

धन अधिक महत्वपूर्ण है या खराई?

खराई धन से अधिक महत्वपूर्ण है।

Proverbs 28:8-9

जो अपना धन ब्याज से बढ़ाता है उसके धन का क्या होता है?

उसका धन कंगाल पर दया करने वाले के पास चला जाता है।

Proverbs 28:10-11

कौन अपने खोदे हुए गड़हे में स्वयं गिरता है?

जो सीधे लोगों को लेकर कुमार्ग पर ले जाता है, वह अपने खोदे हुए गड़हे में आप ही गिरता है।

Proverbs 28:12

जब दुष्ट लोग प्रबल होते हैं, तब मनुष्य क्या करता है?

जब दुष्ट लोग प्रबल होते हैं, तब मनुष्य अपने आप को छिपाता है।

Proverbs 28:13-15

पापी पर दया कैसे होती है?

जो अपने पापों को मान लेता है और छोड़ भी देता है उस पर दया की जाती है।

Proverbs 28:16

प्रधान दीर्घायु कैसे होता है?

जो प्रधान लालच का बैरी होता है वह दीर्घायु होता है।

Proverbs 28:17-18

कौन भागकर गड़हे में गिरता है?

जो किसी की हत्या का अपराधी हो, वह भाग कर गड़हे में गिरेगा।

Proverbs 28:19-21

मनुष्य कंगालपन से कैसे घिर जाता है?

जो निकम्मे लोगों की संगति करता है वह कंगाल पन से घिर जाता है।

Proverbs 28:22-24

लोभी जन धन का पीछा कैसे करते हैं?

लोभी जन धन प्राप्ति के लिए उतावली करता है।

Proverbs 28:25-26

यहोवा पर भरोसा रखने का फल क्या मिलता है?

यहोवा पर भरोसा रखने वाला हष्ट-पुष्ट हो जाता है।

Proverbs 28:27-28

निर्धन से दृष्टि फेर लेने वाले का क्या होता है?

निर्धन से दृष्टि फेर लेने वाले शाप पर शाप पाते है।

Proverbs 29

Proverbs 29:1-2

जो बार-बार डांटे जाने पर भी हठ करता है, उसका क्या होता है?

जो बार-बार डांटे जाने पर भी हठ करता है, वह अचानक नष्ट हो जायेगा और उसका कोई भी उपाय काम न आयेगा।

Proverbs 29:3-5

धन कैसे उड़ाया जाता है?

वेश्याओं की संगति करने वाला धन को उड़ा देता है।

Proverbs 29:6-7

बुरा मनुष्य फंदे में कैसे फंसता है?

बुरे मनुष्य का अपराध ही उसका फंदा होता है।

Proverbs 29:8-9

क्रोध को कौन ठंडा कर देता है?

बुद्धिमान लोग क्रोध को ठंडा कर देते हैं।

Proverbs 29:10

सीधे मनुष्य के प्राण का खोजी कौन होता है?

हत्यारे सीधे मनुष्य के प्राण के खोजी होते हैं।

Proverbs 29:11-13

बुद्धिमान मनुष्य क्रोध का क्या करता है?

बुद्धिमान मनुष्य अपने क्रोध को रोकता और शान्त कर देता है।

Proverbs 29:14-16

राजा अपनी गद्दी सदा के लिए कैसे स्थिर करता है?

राजा कंगालों का न्याय सच्चाई से चुकाकर अपनी गद्दी सदा के लिए स्थिर करता है।

Proverbs 29:17

अपनी संतान की ताड़ना करके क्या मिलता है?

अपनी संतान की ताड़ना करके उसे चैन मिलता है।

Proverbs 29:18-19

मनुष्य व्यवस्था का पालन न करके क्या हो जाते हैं?

मनुष्य व्यवस्था का पालन न करके निरंकुश हो जाते हैं।

Proverbs 29:20-22

मूर्ख से बदतर और क्या हो सकता है?

बातें करने में उतावला मनुष्य मूर्ख से भी बदतर होता है।

Proverbs 29:23-24

कैसा मनुष्य सम्मान पाता है?

नम्र आत्मा वाला मनुष्य महिमा का अधिकारी होता है।

Proverbs 29:25-26

यहोवा अपने विश्वासी के लिए क्या करता है?

यहोवा उसका स्थान ऊंचा करता है।

Proverbs 29:27

धर्मी लोगों के लिए घृणा का पात्र कौन होता है?

धर्मी लोग कुटिल मनुष्य से घृणा करते हैं।

Proverbs 30

Proverbs 30:1-2

ये नीति वचन किसके हैं?

ये नीति वचन याके के पुत्र आगूर के हैं।

Proverbs 30:3-5

लेखक ने क्या नहीं सीखा?

लेखक को परम पवित्र ज्ञान नहीं मिला।

Proverbs 30:6-7

परमेश्वर के वचन में कुछ बढ़ाने वाले के साथ क्या होगा?

परमेश्वर उसे डांटेगा और वह झूठा ठहरेगा।

Proverbs 30:8

लेखक कितना धनवान होना चाहता है?

वह न तो निर्धन होना चाहता है न धनवान होना चाहता है।

Proverbs 30:9-10

यदि लेखक धनवान हो तो उसे किस बात का डर है?

उसे डर है कि धनवान होकर वह यहोवा का इंकार कर दे।

Proverbs 30:11

कौन अपनी अशुद्धता से स्वच्छ नहीं हुआ है?

जो अपने पिता को शाप देते और अपनी माता को धन्य नहीं कहते हैं।

Proverbs 30:12-13

कौन अपनी अशुद्धता से स्वच्छ नहीं हुआ है?

जो अपने पिता को शाप देते और अपनी माता को धन्य नहीं कहते हैं।

Proverbs 30:14

घमंडी पीढ़ी निर्धनों के साथ क्या करती है?

वह दीन दरिद्रों को मिटा डालती है।

Proverbs 30:15

कौन सी चार वस्तुयें कभी बस नहीं कहती हैं?

अधोलोक, बांझ की कोख, जल की प्यासी भूमि और आग, ये कभी "बस" नहीं कहती हैं।

Proverbs 30:16-18

कौन सी चार वस्तुयें कभी बस नहीं कहती हैं?

अधोलोक, बांझ की कोख, जल की प्यासी भूमि और आग, ये कभी "बस" नहीं कहती हैं।

Proverbs 30:19-21

ऐसी क्या अद्भुत बात है जिसे लेखक समझ नहीं पाता है?

लेखक चट्टान पर सर्प की चाल को समझ नहीं पाता है।

Proverbs 30:22-26

वह कौन सी पहली बात है जिससे लेखक कहता है कि पृथ्वी कांपती है?

पहली बात जिससे पृथ्वी कांपती है वह है दास का राजा बनना।

Proverbs 30:27-29

टिड्डियों के बारे में लेखक क्या अद्भुत बात देखता है?

टिड्डियों के बारे में लेखक यह अद्भुत बात देखता है कि उनका राजा नहीं होता, तौभी वह सब की सब दल बांधकर चलती हैं।

Proverbs 30:30-31

वह कौन है जो किसी के डर से नहीं हटता?

सिंह किसी के डर से नहीं हटता है।

Proverbs 30:32

यदि कोई बुरी युक्ति बांधे तो उसे क्या करना होगा?

बुरी युक्ति बांधे तो उसे अपने मुंह पर हाथ रखना होगा।

Proverbs 30:33

क्रोध के भड़कने से क्या होता है?

क्रोध के भड़कने से झगड़ा उत्पन्न होता है।

Proverbs 31

Proverbs 31:1-2

ये नीतिवचन किस ने लिखे?

ये नीतिवचन लमूएल राजा ने लिखे थे।

Proverbs 31:3-4

राजा अपना जीवन किसके वश में न कर दे?

राजा अपना जीवन उसके वश में न कर दे जो उसका पौरूष खा जाती हैं।

Proverbs 31:5-6

मदिरा पीकर राजा क्या भूल जाते हैं?

वे व्यवस्था को भूल जाते हैं और किसी दुखी के हक को मार देते हैं।

Proverbs 31:7-8

मदिरा पीकर उदास मन वालों का क्या होता है?

मदिरा पीकर उदास मन वालें अपने कठिन श्रम का स्मरण नहीं करते।

Proverbs 31:9

राजा किसका धर्म से न्याय करे?

राजा दीन और दरिद्रों का धर्म से न्याय करे।

Proverbs 31:10-11

किसका मूल्य मूंगों से भी बहुत अधिक है?

भली पत्नी का मूल्य मूंगों से भी बहुत अधिक है।

Proverbs 31:12-14

एक भली पत्नी अपने संपूर्ण जीवन क्या करती है?

वह अपने पति से बुरा नहीं वरन् भला ही व्यवहार करती है।

Proverbs 31:15-16

भली पत्नी कब उठ बैठती है?

वह रात ही को उठ बैठती है।

Proverbs 31:17-19

भली पत्नी अपनी कटी को किससे कसती है?

भली पत्नी अपनी कटी को बल के फेंटे से कसती है।

Proverbs 31:20-22

एक भली पत्नी किसके लिए मुट्ठी खोलती है?

वह दीन के लिए मुट्ठी खोलती है और दरिद्र को संभालने के लिए हाथ बढ़ाती है।

Proverbs 31:23-25

एक भली पत्नी का पति कहां बैठता है?

उसका पति सभा में देश के पुरनियों के साथ बैठता है।

Proverbs 31:26-27

एक भली पत्नी कैसी बात करती है?

एक भली पत्नी बुद्धि की बात करती है।

Proverbs 31:28-29

एक भली पत्नी की संतान उसे क्या कहती है?

उसकी संतान उसे धन्य कहती है।

Proverbs 31:30-31

किस स्त्री की प्रशंसा होती है?

जो स्त्री यहोवा का भय मानती है, उसकी प्रशंसा की जाती है।