हिन्दी, हिंदी (Hindi): translationQuestions

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Mark

Mark 1

Mark 1:2-3

यशायाह की भविष्यद्वाणी के अनुसार प्रभु के आगमन से पूर्व क्या होना था?

यशायाह ने भविष्यद्वाणी की थी कि परमेश्वर एक दूत को भेजेगा- जंगल में पुकारने वाले का शब्द कि प्रभु का मार्ग तैयार किया जाए।

Mark 1:4

यूहन्ना क्या प्रचार करता था?

यूहन्ना पापों की क्षमा के लिए मनफिराव के बपतिस्में का प्रचार करता था।

Mark 1:5

यूहन्ना से बपतिस्मा पाते समय मनुष्य क्या करते थे?

यूहन्ना से बपतिस्मा पाते समय मनुष्य अपने पापों का अंगीकार करते थे।

Mark 1:6-7

यूहन्ना क्या खाता था?

यूहन्ना टिड्डियाँ और वन मधु खाता था।

Mark 1:8-9

यूहन्ना ने उसके बाद आने वाले के बपतिस्मे के बारे में क्या कहा था?

यूहन्ना कहता था कि उसके बाद आने वाला पवित्र-आत्मा का बपतिस्मा देगा।

Mark 1:10

यूहन्ना से बपतिस्मा लेकर जब यीशु पानी से बाहर आया तो उसने क्या देखा?

यूहन्ना से बपतिस्मा पाने के बाद यीशु ने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर के रूप में उस पर उतरते देखा।

Mark 1:11

यीशु के बपतिस्मे के बाद आकाशवाणी में क्या कहा गया था?

तब आकाशवाणी हुई "तू मेरा प्रिय पुत्र है, तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।"

Mark 1:12

यीशु को जंगल में कौन ले गया था?

आत्मा यीशु को जंगल में ले गया।

Mark 1:13-14

यीशु कितने दिन जंगल में रहा और वहाँ क्या हुआ?

यीशु चालीस दिन जंगल में रहा और शैतान ने उसकी परीक्षा ली।

Mark 1:15

यीशु क्या प्रचार करता था?

यीशु प्रचार करता था कि परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है, मनुष्यों को मन फिराकर सुसमाचार ग्रहण करना है।

Mark 1:16

शमौन, अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना का व्यवसाय क्या था?

शमौन, अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना सब मछुवे थे।

Mark 1:17-21

यीशु ने क्या कहा कि वह शमौन और अन्द्रियास को बनाएगा?

यीशु ने कहा कि वह शमौन और अन्द्रियास को मनुष्यों का मछुवा बनाएगा।

Mark 1:22-23

आराधनालयों में यीशु की शिक्षा सुनकर लोग आश्चर्य क्यों करते थे?

यीशु की शिक्षा पर लोग आश्चर्य करते थे क्योंकि वह अधिकार के साथ शिक्षा देता था।

Mark 1:24-27

आराधनालय में अशुद्ध आत्मा ने यीशु को क्या पद दिया था?

आराधनालय में अशुद्ध आत्मा ने यीशु को परमेश्वर का पवित्र जन कहा था।

Mark 1:28-29

यीशु के बारे में समाचार कहाँ पहुँचा?

यीशु के बारे में समाचार सब स्थानों में कैसे फैल गया।

Mark 1:30-31

शमौन के घर में यीशु ने किसको चंगा किया था?

शमौन के घर में यीशु ने उसकी सास को चंगा किया।

Mark 1:32-34

संध्या समय वहाँ क्या हुआ?

संध्या समय लोग सब रोगियों और दुष्टात्माग्रस्त मनुष्यों को लाए और यीशु ने उन्हें चंगा किया।

Mark 1:35-37

सूर्योदय से पूर्व यीशु ने क्या किया था?

सूर्योदय से पूर्व यीशु एकान्तवास में प्रार्थना करने चला गया था।

Mark 1:38-39

यीशु ने शमौन से कहा कि वह क्या करने आया है?

यीशु ने कहा कि वह आसपास की बस्तियों में प्रचार करने आया है।

Mark 1:40-43

एक कोढ़ी ने यीशु से विनती की कि वह उसे चंगा करे तो उसके प्रति यीशु का स्वभाव कैसा था?

यीशु को उस कोढ़ी पर तरस आया और उसने उसे चंगा किया।

Mark 1:44-45

यीशु ने उस कोढ़ी से क्या करने को कहा और क्यों कहा?

यीशु ने उस कोढ़ी से कहा कि वह जाकर गवाही स्वरूप मूसा की आज्ञा के अनुसार चढ़ावा चढ़ाए।

Mark 2

Mark 2:1-4

उस लकवे के रोगी को लाने वाले चारों पुरुषों ने क्या किया?

लोगों ने छत हटाकर लकवे के रोगी को यीशु के पास नीचे उतारा।

Mark 2:5

यीशु ने उस लकवे के रोगी से क्या कहा था?

यीशु ने उससे कहा, "पुत्र तेरे पाप क्षमा हुए।"

Mark 2:6-7

शास्त्रियों ने यीशु पर आपत्ति क्यों उठाई थी?

शास्त्रियों में से कुछ सोचने लगे कि पाप क्षमा तो केवल परमेश्वर करता है, अतः यीशु परमेश्वर की निन्दा करता है।

Mark 2:8-12

यीशु ने पृथ्वी पर पाप क्षमा के अपने अधिकार का प्रदर्शन कैसे किया था?

यीशु ने लकवे के रोगी से कहा कि वह अपनी खाट उठाकर घर चला जाए, और उसने ऐसा ही किया।

Mark 2:13-14

जब यीशु ने लेवी को उसके पीछे आने को कहा तब वह क्या कर रहा था?

यीशु ने लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा तो उसे बुलाया।

Mark 2:15-16

यीशु लेवी के घर में क्या कर रहा था जिससे फरीसियों को बुरा लगा?

यीशु पापियों और चुंगी लेने वालों के साथ भोजन कर रहा था।

Mark 2:17

यीशु ने कहा कि वह किसको बुलाने आया है?

यीशु ने कहा कि वह पापियों को बुलाने आया है।

Mark 2:18

कुछ लोगों ने उपवास के विषय यीशु से क्या पूछा?

उन्होंने यीशु से कहा कि यूहन्ना के चेले और फरीसियों के चेले उपवास रखते हैं परन्तु उसके चेले उपवास नहीं रखते, क्यों?

Mark 2:19-22

यीशु ने उपवास के विषय पूछे गए प्रश्न का क्या उत्तर दिया था?

यीशु ने कहा कि जब दूल्हा बारातियों के साथ होता है तब वे उपवास नहीं करते, जब दूल्हा चला जाएगा तब वे उपवास करेंगे।

Mark 2:23-24

यीशु के चेलों ने गेहूं के खेत में क्या किया जिस पर फरीसियों ने उंगली उठाई?

यीशु के चेलों ने सब्त के दिन गेहूं की बालें तोड़कर खाईं।

Mark 2:25-26

यीशु ने वर्जित रोटियों को खाने का क्या उदाहरण दिया था?

यीशु ने दाऊद का उदाहरण दिया कि उसने भेंट की रोटियां खाई थीं जबकि उन रोटियों को केवल याजक ही खा सकता था।

Mark 2:27

यीशु ने सब्त किसके लिए बताया था?

यीशु ने कहा कि सब्त मनुष्यों के लिए बनाया गया है।

Mark 2:28

यीशु ने किस अधिकार का दावा किया था?

यीशु ने कहा कि वह सब्त का प्रभु है।

Mark 3

Mark 3:1-3

वे सब्त के दिन यीशु पर दृष्टि क्यों रखे हुए थे?

वे प्रतीक्षा में थे कि यीशु सब्त के दिन चंगा करने का काम करे और वे उसे दोषी ठहराएं।

Mark 3:4-5

यीशु ने उनसे सब्त के विषय क्या प्रश्न किया था?

?

श्रोताओं ने यीशु के प्रश्न पर क्या प्रतिक्रिया दिखाई और फिर यीशु का स्वभाव उनके प्रति कैसा था?

वे चुप रहे तो यीशु को क्रोध आ गया।

Mark 3:6

उस मनुष्य को यीशु ने चंगा किया तो फरीसियों ने क्या योजना बनाई?

फरीसियों ने बाहर जाकर यीशु की हत्या का षड्यंत्र रचा।

Mark 3:7-10

जब यीशु झील की ओर जा रहा था तो उसके पीछे कितने लोग थे?

यीशु के पीछे चलने वाला एक विशाल जनसमूह था।

Mark 3:11-13

यीशु को देखकर दुष्टात्माओं ने चिल्लाकर क्या कहा?

दुष्टात्माओं ने चिल्लाकर कहा कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है।

Mark 3:14-18

यीशु ने कितने चेले नियुक्त किए और उन्हें क्या करना था?

यीशु ने बारह चलों को नियुक्त किया कि उसके साथ रहें, प्रचार करें और दुष्टात्माओं को निकालने का अधिकार उन्हें दिया।

Mark 3:19-20

यीशु के साथ विश्वासघात करने वाला चेला कौन था?

यीशु के साथ विश्वासघात करने वाला चेला यहूदा था।

Mark 3:21

यीशु के परिवार ने जनसमूह और यीशु के पास की घटनाओं के बारे में क्या सोचा था?

यीशु के परिवार ने सोचा कि वह मानसिक सन्तुलन खो बैठा है।

Mark 3:22

शास्त्रियों ने यीशु पर क्या दोष लगाया?

शास्त्रियों ने यीशु पर दोष लगाया कि वह दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माएं निकालता है।

Mark 3:23-27

शास्त्रियों के दोषारोपण पर यीशु की प्रतिक्रिया क्या थी?

यीशु ने उनसे कहा कि विभाजित राज्य स्थिर नहीं रह सकता है।

Mark 3:28-32

यीशु ने किस पाप को क्षमा न करना कहा है?

यीशु ने कहा कि पवित्र-आत्मा की निन्दा ना क्षमा किया जानेवाला है।

Mark 3:33-35

यीशु ने किसको अपनी माता और अपने भाई कहा था?

यीशु ने कहा कि उसकी माता और उसके भाई वे हैं जो परमेश्वर की इच्छा पर चलते हैं।

Mark 4

Mark 4:1-3

यीशु उपदेश करने के लिए नाव पर क्यों चढ़ गया था?

यीशु उपदेश करने के लिए नाव पर चढ़ गया क्योंकि भीड़ विशाल थी।

Mark 4:4

सड़क के किनारे गिरे बीजों का क्या हुआ?

चिड़ियों ने उसे चुग लिया।

Mark 4:5-6

पथरीली भूमि में गिरे बीजों का क्या हुआ?

वे शीघ्र उगे और गहरी जड़ न होने के कारण सूख गए।

Mark 4:7

झाड़ियों में गिरे बीजों का क्या हुआ?

कंटीली झाड़ियों ने उन्हें दबा दिया।

Mark 4:8-10

अच्छी भूमि में बोए गए बीजों का क्या हुआ?

बीज तीस, साठ और सौ गुणा फल लाए।

Mark 4:11-13

यीशु के अनुसार बारहों को क्या दिया गया है जो अन्यों को नहीं दिया गया?

यीशु ने कहा कि परमेश्वर के राज्य का भेद चेलों पर प्रकट किया गया है, अन्यों पर नहीं।

Mark 4:14

यीशु के दृष्टांत में बीज क्या है?

बीज परमेश्वर का वचन है।

Mark 4:15

सड़क किनारे गिरे बीज क्या दर्शाते हैं?

ये वे लोग हैं जो वचन को सुनते तो हैं परन्तु शैतान वचन को उठा ले जाता है।

Mark 4:16-17

पथरीली भूमि में गिरे बीज क्या दर्शाते हैं?

ये वे लोग हैं जो सहर्ष वचन को सुनते हैं परन्तु सताव के समय वे ठोकर खाते हैं।

Mark 4:18-19

कंटीली झाड़ियों में गिरे बीज क्या दर्शाते हैं?

ये वे लोग हैं जो वचन को ग्रहण करते हैं परन्तु संसारिक चिन्ताएं उसे दबा देती हैं।

Mark 4:20-21

अच्छी भूमि में गिरे बीज क्या दर्शाते हैं?

ये वे लोग हैं जो वचन को सुनकर ग्रहण करते हैं और फल लाते हैं।

Mark 4:22-25

यीशु के अनुसार छिपी और गुप्त बातों का क्या होगा?

यीशु ने कहा कि छिपी और गुप्त बातें प्रकट हो जाएंगी।

Mark 4:26-29

परमेश्वर का राज्य किस प्रकार भूमि में डाले गए बीजों के समान है?

मनुष्य भूमि में बीज डालता है परन्तु बीजों का उगना और बढ़ना वह नहीं जानता, जब फसल तैयार हो जाती है तब वह कटनी करता है।

Mark 4:30-34

परमेश्वर का राज्य किस प्रकार राई के दाने के समान है?

राई का दाना सबसे छोटा होता है परन्तु उगकर वह एक बड़ा वृक्ष हो जाता है जिसमें पक्षी बसेरा करते हैं।

Mark 4:35-37

यीशु और चेले जब झील पार कर रहे थे तब क्या हुआ था?

झील में ऐसी बड़ी आंधी उठी कि पानी नाव में भरने लगा।

Mark 4:38

उस समय यीशु नाव में क्या कर रहा था?

यीशु सो रहा था।

चेलों ने यीशु से क्या कहा?

चेलों ने यीशु से कहा कि उसे चिन्ता नहीं कि वे डूब रहे हैं।

Mark 4:39-40

तब यीशु ने क्या किया?

यीशु ने आंधी को झिड़का और झील के पानी को शान्त किया।

Mark 4:41

यीशु के इस कार्य पर चेलों की क्या प्रतिक्रिया थी?

?

Mark 5

Mark 5:1-2

वे गिरासेनियों के क्षेत्र में आए तो यीशु के सामने कौन आया?

एक दुष्टात्माग्रस्त मनुष्य यीशु के सामने आया।

Mark 5:3-6

वह मनुष्य क्या करता था?

वह मनुष्य कब्रों में रहता था, वह सांकलों को तोड़ देता था और अपने को पत्थरों से घायल करता था।

Mark 5:7

उस अशुद्ध आत्मा ने यीशु को क्या नाम दिया था?

उस अशुद्ध आत्मा ने यीशु को परम प्रधान परमेश्वर का पुत्र कहा।

Mark 5:8

यीशु ने उस मनुष्य से क्या कहा?

यीशु ने कहा, "अशुद्ध आत्मा इस मनुष्य में से निकल आ।"

Mark 5:9-12

उस अशुद्ध आत्मा का नाम क्या था?

उस अशुद्ध आत्मा का नाम सेना था क्योंकि वे बहुत थीं।

Mark 5:13-14

यीशु ने जब उस मनुष्य में से अशुद्ध आत्माएं निकाली तो क्या हुआ था?

दुष्टात्माएं उसमें से निकलकर सूअरों में घुस गई और वे झील में डूबकर मर गए।

Mark 5:15-18

अशुद्ध आत्माएं निकल जाने के बाद उस पुरुष की दशा कैसी थी?

वह पुरुष वस्त्र पहना यीशु के पास सचेत बैठा था।

वहाँ के लोगों ने इस घटना पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाई और यीशु से क्या विनती की?

वे लोग बहुत डर गए और यीशु से चले जाने की विनती की।

Mark 5:19-21

यीशु ने उस मनुष्य से अब क्या करने के लिए कहा?

यीशु ने उस मनुष्य से कहा कि वह जाकर अपने लोगों को बताए कि प्रभु ने उसके लिए क्या किया है।

Mark 5:22-24

आराधनालय के सरदार, याईर ने यीशु से क्या विनती की थी?

याईर ने यीशु से विनती की कि वह उसके पुत्री पर हाथ रखे क्योंकि वह मरने पर है।

Mark 5:25-27

यीशु के वस्त्र को स्पर्श करने वाली स्त्री के साथ क्या समस्या थी?

वह स्त्री बारह वर्षों से रक्तस्राव से पीड़ित थी।

Mark 5:28-29

उस स्त्री ने यीशु का वस्त्र क्यों छुआ?

वह स्त्री सोचती थी कि यीशु के वस्त्र के स्पर्श मात्र से ही वह रोगमुक्त हो जायेगी।

Mark 5:30-33

जब उस स्त्री ने यीशु के वस्त्र को स्पर्श किया तब यीशु ने क्या किया?

यीशु को अपने में से सामर्थ्य बहने का बोध हुआ, अतः उसने देखा कि उसका स्पर्श किसने किया।

Mark 5:34

उस स्त्री ने यीशु को सच बता दिया तो यीशु ने उससे क्या कहा?

यीशु ने उससे कहा कि उसके विश्वास ने उसे चंगा किया है, वह कुशलता से जाए।

Mark 5:35

जब यीशु याईर के घर पहुंचा तब उसकी पुत्री किस अवस्था में थी?

याईर की पुत्री मर गई।

Mark 5:36

उस समय यीशु ने याईर से क्या कहा?

यीशु ने याईर से कहा, "मत डर केवल विश्वास रख"।

Mark 5:37-39

यीशु के साथ उस बालिका के कक्ष में कौन गए?

यीशु ने उस बालिका के माता-पिता और पतरस, याकूब, यूहन्ना को साथ लिया।

Mark 5:40-41

उस घर में लोग यीशु की बात सुनकर कि याईर की पुत्री सोती है, क्या करने लगे थे?

यीशु ने कहा कि याईर की पुत्री सोती है तो लोग उसका ठट्ठा करने लगे।

Mark 5:42-43

वह बालिका उठ खड़ी हुई तो लोगों की प्रतिक्रिया क्या थी?

इस घटना से लोग भयातुर और चकित थे।

Mark 6

Mark 6:2-3

यीशु के अपने गांव के लोग उस के विषय में आश्चर्य क्यों करने लगे थे?

?

Mark 6:4-5

यीशु ने भविष्यद्वक्ता के निरादर का स्थान कौन सा बताया था?

यीशु ने कहा कि भविष्यद्वक्ता का अपने देश, और अपने कुटुम्ब, और अपने घर को छोड़ और कहीं भी निरादर नहीं होता है।

Mark 6:6

यीशु अपने देश में किस बात से चकित हुआ था?

यीशु अपने देश में लोगों के अविश्वास पर चकित था।

Mark 6:7

यीशु ने बारहों को भेजते समय क्या अधिकार दिया था?

यीशु ने बारहों को अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया।

Mark 6:8-10

बारहों ने यात्रा में अपने साथ क्या लिया था?

बारहों ने लाठी, जूते और एक ही वस्त्र साथ लिया।

Mark 6:11-13

यदि किसी गांव में उनका स्वागत नहीं किया जाए तो यीशु ने उनसे क्या करने को कहा?

यीशु ने बारहों से कहा कि यदि किसी गांव में उनका स्वागत न हो तो गवाही स्वरूप अपने जूतों की धूल वहाँ झाड़कर निकल जाएं।

Mark 6:14-17

लोग यीशु को क्या समझते थे?

लोग सोचते थे कि यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला या एलिय्याह या कोई भविष्यद्वक्ता है।

Mark 6:18-19

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने हेरोदेस को किस बात के लिए व्यवस्था विरोधी कहा था?

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला ने हेरोदेस से कहा कि अपने भाई की पत्नी को रखना व्यवस्था विरोधी है।

Mark 6:20-22

यूहन्ना के प्रचार पर हेरोदेस की प्रतिक्रिया कैसी थी?

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले की बातों से हेरोदेस परेशान तो होता था परन्तु फिर भी उसे सुनना उसे अच्छा लगता था।

Mark 6:23-24

हेरोदेस ने हेरोदियास की पुत्री से क्या शपथ खाई थी?

हेरोदेस ने शपथ खाकर कहा कि वह उसे मुंह मांगा वर देगा, अपना आधा राज्य भी दे देगा।

Mark 6:25

हेरोदियास ने क्या मांगा था?

हेरोदियास ने यूहन्ना का सिर थाल में मांगा।

Mark 6:26-30

हेरोदेस ने हेरोदियास के आग्रह पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?

हेरोदेस दुखी तो हुआ परन्तु अतिथियों के समक्ष अपनी शपथ के कारण उसके आग्रह को ठुकरा नहीं पाया।

Mark 6:31-33

यीशु और उसके शिष्य विश्राम हेतु एकान्तवास में जा रहे थे तब क्या हुआ?

लोगों ने यीशु और उसके चेलों को पहचान लिया और उनसे पहले वहाँ पहुंच गए।

Mark 6:34-36

उनकी प्रतीक्षा करने वाले जन समूह के लिए यीशु का व्यवहार कैसा था?

यीशु को उन पर तरस आया क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों के समान थे।

Mark 6:37

जब यीशु ने चेलों से जनसमूह को खाना खिलाने को कहा तब उन्होंने भोजन व्यवस्था के बारे में क्या सोचा था?

चेलों के विचार में उनके लिए रोटी खरीदने के लिए दो सौ दीनार की आवश्यकता थी।

Mark 6:38-40

चेलों के पास कितना भोजन था?

चेलों के पास पांच रोटियां और दो मछलियां ही थी।

Mark 6:41-42

यीशु ने रोटी और मछली के साथ क्या किया?

यीशु ने रोटियां और मछलियां लेकर स्वर्ग की ओर देखकर उन्हें आशीष दी और रोटी तोड़कर चेलों को दी।

Mark 6:43

सबके खा लेने के बाद कितना भोजन बच गया था?

सब खाकर तृप्त हो गए तब बचे हुए भोजन, रोटी और मछलियों से बारह टोकरियां भर गईं।

Mark 6:44-47

खाना खाने वालों में कितने पुरूष थे?

खाना खाने वालों में केवल पुरूष ही पांच हजार थे।

Mark 6:48-49

यीशु झील पर चेलों के पास कैसे आया था?

यीशु झील के पानी पर चलकर चेलों के पास आया।

Mark 6:50-51

चेलों ने जब यीशु को पानी पर देखा तब यीशु ने उनसे क्या कहा?

यीशु ने चेलों से कहा कि वे डरें नहीं ढाढ़स बांधें।

Mark 6:52-54

चेले रोटियों के चमत्कार को क्यों समझ नहीं पाये थे?

रोटियों के चमत्कार को चेले समझ नहीं पाए क्योंकि उनके मन कठोर हो गए थे।

Mark 6:55

उस क्षेत्र के लोगों ने यीशु को पहचाना तो क्या किया?

लोगों ने जब-जब यीशु के आने का समाचार सुना तब-तब वे अपने रोगियों को खाटों पर ले आए।

Mark 6:56

जिन रोगियों ने यीशु के वस्त्र का स्पर्श किया तो उनके साथ क्या हुआ?

जो रोगी यीशु के वस्त्र का स्पर्श करते थे वे रोग मुक्त हो जाते थे।

Mark 7

Mark 7:2

यीशु के चेलों के किस काम पर फरीसियों और शास्त्रियों ने उंगली उठाई थी?

चेले बिना हाथ धोए भोजन करते थे।

Mark 7:3-5

हाथ, कटोरे, पात्र और भोजन की मेज़ को धोना किस की परम्परा थी?

पुरनियों की परम्परा के अनुसार, हाथ, कटोरे, पात्र, तांबे के बर्तन और भोजन की मेज़ को भोजन करने से पहले धोना आवश्यक था।

Mark 7:6-9

शोधन के बारे में फरीसियों और शास्त्रियों की शिक्षा के बारे में यीशु ने क्या कहा?

यीशु ने कहा कि फरीसी और शास्त्री पाखंडी थे कि वे परमेश्वर की आज्ञाओं को अनदेखा कर मनुष्यों की परम्परा सिखाते थे।

Mark 7:10-14

परमेश्वर की आज्ञा, अपने माता-पिता का आदर कर, फरीसी और शास्त्रियों द्वारा किस प्रकार टाली गई थी?

वे अपने माता-पिता के उत्तरदायित्व वहन के खर्चे को कुर्बान कह कर परमेश्वर की आज्ञा को टाल देते थे?

Mark 7:15-18

यीशु के अनुसार मनुष्य किससे अशुद्ध नहीं होता है?

यीशु ने कहा कि जो कुछ मनुष्य के पेट में जाता है वह उसे अशुद्ध नहीं करता है।

यीशु ने मनुष्य को अशुद्ध करने वाली क्या बात बताई?

यीशु ने कहा कि मनुष्य के मन से निकलने वाली बात उसे अशुद्ध करती है।

Mark 7:19-20

यीशु ने कौन-कौन से भोजन को शुद्ध कहा है?

यीशु ने सब भोजन वस्तुओं को शुद्ध कहा है।

Mark 7:21-24

यीशु ने मनुष्य के मन से निकलने वाली कौन सी तीन बातें बताई जो उसे अशुद्ध करती हैं?

यीशु ने कहा कि बुरे विचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन, लोभ, दुष्टता, छल, लुचपन, कुदृष्टि, निन्दा, अभिमान, और मूर्खता मनुष्य के मन से बाहर निकलती है।

Mark 7:25-27

वह स्त्री जिसकी पुत्री में अशुद्ध आत्मा थी वह यहूदी थी या यूनानी?

जिस स्त्री की पुत्री में अशुद्ध आत्मा थी वह यूनानी थी।

Mark 7:28

यीशु ने उस स्त्री से कहा कि बच्चों की रोटी कुत्तों को देना उचित नहीं तो उस स्त्री ने क्या उत्तर दिया?

उस स्त्री ने कहा कि कुत्ते भी बच्चों के गिरे टुकड़़े खाते हैं।

Mark 7:29-32

अब स्त्री के लिए यीशु ने क्या किया?

यीशु ने उस स्त्री की पुत्री में से दुष्टात्मा निकाल दी।

Mark 7:33-35

वह व्यक्ति जो बहरा और हकला था उसके साथ यीशु ने क्या किया?

यीशु ने उस बहरे और गूंगे मनुष्य के कानों में उंगलियां डालीं और थूक कर उसकी जीभ को छुआ और स्वर्ग की ओर देखकर कहा, "खुल जा"।

Mark 7:36-37

यीशु ने लोगों से कहा कि उसके चंगाई के कार्यों की चर्चा न करे तो उन्होंने क्या किया?

यीशु ने लोगों को जितना अधिक चुप रहने को कहा उतना ही अधिक उन्होंने उसकी चर्चा की।

Mark 8

Mark 8:1-4

यीशु ने अपने पीछे आने वाले जनसमूह के लिए क्या चिन्ता व्यक्त की?

यीशु ने कहा कि उसे चिन्ता इस बात की है कि जनसमूह ने भोजन नहीं किया है।

Mark 8:5

चेलों के पास कितनी रोटियां थी?

चेलों के पास सात रोटियां थी।

Mark 8:6-7

यीशु ने उन रोटियों का क्या किया?

यीशु ने धन्यवाद देकर रोटियां तोड़ी और चेलों को दीं कि लोगों में बांट दें।

Mark 8:8

सबके भोजन करने के बाद कितना भोजन बचा?

जब सब खा चुके तब सात टोकरे भोजन बचा।

Mark 8:9-10

कितने लोग भोजन करके तृप्त हुए थे?

खाने वालों में चार हजार पुरूष थे।

Mark 8:11-14

फरीसी यीशु को परखने के लिए यीशु से क्या मांग रहे थे?

फरीसी यीशु से स्वर्गिक चिन्ह मांग रहे थे।

Mark 8:15

फरीसियों के बारे में यीशु ने अपने चेलों को क्या चेतावनी दी थी?

यीशु ने अपने चेलों को फरीसियों के खमीर से सावधान रहने की शिक्षा दी।

Mark 8:16-18

चेलों ने क्या सोचा कि यीशु कह रहा है?

चेलों ने सोचा कि यीशु उनसे रोटी के बारे में कह रहा है क्योंकि वे रोटी लाना भूल गए थे।

Mark 8:19-22

अपना अर्थ समझाने के लिए यीशु ने उन्हें किस बात का स्मरण करवाया?

यीशु ने उन्हें पांच हज़ार और चार हज़ार पुरूषों को भोजन करवाने का स्मरण करवाया।

Mark 8:23-27

उस अंधे मनुष्य की पूर्ण चंगाई के निमित्त यीशु ने कौन से तीन काम किए थे?

यीशु ने पहले उसकी आंखों में थूका और उस पर हाथ रखे तब उसकी आंखों पर फिर हाथ रखा।

Mark 8:28

लोग यीशु को क्या कहते थे?

लोग कहते थे कि यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला, एलिय्याह या कोई भविष्यद्वक्ता था।

Mark 8:29-30

पतरस ने यीशु को क्या कहा?

पतरस ने कहा कि यीशु मसीह है।

Mark 8:31-32

यीशु ने अपने चेलों को कौन सी होने वाली घटनाओं की जानकारी दी थी?

यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि मनुष्य के पुत्र के लिए अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए, तुच्छ समझा जाए और मार डाला जाए और तीन दिन बाद जी उठे।

Mark 8:33

पतरस के झिड़कने पर यीशु ने उससे क्या कहा?

यीशु ने पतरस से कहा, "हे शैतान मेरे सामने से दूर हो क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है"।

Mark 8:34-35

यीशु ने उसके पीछे आने वालों के लिए क्या कहा?

यीशु ने कहा कि जो उसके पीछे आना चाहता है वह स्वयं का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए।

Mark 8:36-37

यीशु ने संसार को प्राप्त करने की मनुष्य की लालसा के बारे में क्या कहा है?

यीशु ने कहा, "जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा"।

Mark 8:38

यीशु उन लोगों के लिए क्या कहा जो उसके नाम और उसके वचन से लजाते हैं?

यीशु ने कहा कि उसके पुनः आगमन पर वह उन लोगों से लजाएगा जो इस संसार में उसके नाम से और उसके वचन से लजाते हैं।

Mark 9

Mark 9:1

यीशु ने किसके लिए कहा कि वे परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य में आता देखेंगे?

यीशु ने कहा कि वहाँ खड़े हुए लोगों में ऐसे जन हैं जो परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य में आता देखे बिना मृत्यु का स्वाद नहीं चखेंगे।

Mark 9:2-3

जब पतरस, याकूब और यूहन्ना उसके साथ ऊंचे पहाड़ पर गए तब क्या हुआ?

यीशु का रूपान्तरण हुआ और उसके वस्त्र चमकने लगे।

Mark 9:4-6

पहाड़ पर यीशु के साथ कौन बातें कर रहे थे?

एलिय्याह और मूसा यीशु के साथ बातें कर रहे थे।

Mark 9:7-8

पहाड़ पर बादल से क्या सुनाई पड़ा?

वहाँ बादल में से ये शब्द निकले, “यह मेरा प्रिय पुत्र है; उसकी सुनो।”

Mark 9:9-10

चेलों ने पहाड़ पर जो देखा था उसके बारे में यीशु ने उन्हें क्या आज्ञा दी थी?

यीशु ने उनसे कहा कि मनुष्य के पुत्र के मृतकोत्थान तक किसी से कुछ न कहें।

Mark 9:11-16

यीशु ने एलिय्याह के आने के बारे में क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि एलिय्याह सचमुच पहले आकर सब कुछ सुधारेगा और एलिय्याह आ चुका है।

Mark 9:17-21

चेले उस पिता और पुत्र के लिए क्या करने में असमर्थ थे?

चेले उस पिता के पुत्र में से दुष्टात्मा नहीं निकाल पाए थे।

Mark 9:22

दुष्टात्मा उस बालक को नष्ट करने के लिए उसे कहां-कहां गिराता था?

वह दुष्टात्मा उस बालक को कभी आग में कभी पानी में गिरा देता था कि वह नष्ट हो जाए।

Mark 9:23-27

यीशु ने उस बालक के पिता से कहा कि विश्वास करने वाले के लिए सब कुछ संभव है तो उस पिता की क्या प्रतिक्रिया थी?

उस बालक पुत्र ने कहा, "हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूँ, मेरे अविश्वास का उपाय कर"।

Mark 9:28-30

चेले उस बालक में से गूंगी, बहरी आत्मा निकालने में असफल क्यों रहे थे?

चेले उस दुष्टात्मा को निकालने में असमर्थ रहे क्योंकि उसके लिए प्रार्थना की आवश्यकता थी।

Mark 9:31-32

यीशु ने अपने बारे में चेलों से क्या कहा था?

यीशु ने उनसे कहा कि वह मारा जायेगा परन्तु तीन दिन बाद फिर जी उठेगा।

Mark 9:33-34

मार्ग में चेले क्या विवाद कर रहे थे?

चेले आपस में विवाद कर रहे थे कि उनमें बड़ा कौन है।

Mark 9:35

यीशु ने किसको पहला बताया था?

यीशु ने कहा कि प्रथम वही है जो सबका सेवक हो।

Mark 9:36-41

किसी छोटे बालक को यीशु के नाम में ग्रहण करने पर मनुष्य और किसको ग्रहण करता है?

यदि कोई किसी छोटे बालक को यीशु के नाम में ग्रहण करे तो वह यीशु को और यीशु के भेजने वाले को ग्रहण करता है।

Mark 9:42

यीशु में विश्वास करने वाले किसी एक छोटे मनुष्य के लिए ठोकर का कारण होने वाले के लिए क्या उचित है?

इसके लिए उचित हो कि उसके गले में चक्की का पाट बांधकर उसे गहरे समुद्र में डाल दिया जाए।

Mark 9:43-47

ठोकर के हर एक कारण के साथ यीशु ने कैसा व्यवहार करने को कहा है?

यीशु ने कहा कि प्रत्येक ठोकर के कारण को दूर कर दें।

Mark 9:48-50

यीशु ने नरक की स्थिति कैसी वर्णन की?

यीशु ने कहा कि नरक में कीड़े नहीं मरते न ही आग कभी बुझती है।

Mark 10

Mark 10:2-3

फरीसियों ने यीशु को परखने के लिए कौन सा प्रश्न पूछा था?

फरीसियों ने यीशु से पूछा कि पत्नी को तलाक देना क्या उचित है।

Mark 10:4

मूसा ने यहूदियों को तलाक के बारे में क्या आज्ञा दी थी?

तलाक पत्र देने की व्यवस्था मूसा ने की थी।

Mark 10:5

मूसा ने यहूदियों को तलाक की ऐसी आज्ञा क्यों दी थी?

मूसा ने उनके मनकी कठोरता के कारण ऐसी आज्ञा दी थी।

Mark 10:6

विवाह के बारे में परमेश्वर की मूल इच्छा को दर्शाने के लिए यीशु ने इतिहास में कब का संदर्भ दिया था?

यीशु ने विवाद के बारे में परमेश्वर की मूल व्यवस्था व्यक्त करने के लिए आरंभ में नर-नारी की सृष्टि का संदर्भ दिया।

Mark 10:7-8

यीशु के अनुसार विवाह में पति-पत्नी क्या होंगे?

यीशु ने कहा कि पति-पत्नी एक देह होंगे।

Mark 10:9-12

यीशु ने विवाह में परमेश्वर द्वारा जोड़े गए मनुष्यों के लिए क्या कहा है?

यीशु ने कहा कि परमेश्वर ने जिसे जोड़ा है उसे कोई अलग न करे।

Mark 10:13-14

जब चेलों ने बच्चों को यीशु के पास लाने वालों को झिड़का तब यीशु ने कैसी प्रतिक्रिया दिखाई थी?

यीशु चेलों पर क्रोधित हुआ और कहा कि बच्चों को उसके पास आने दें।

Mark 10:15-18

परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए उसे किस प्रकार ग्रहण करने के लिए यीशु ने कहा?

यीशु ने कहा कि परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए बालकों के सदृश्य उसे ग्रहण करना है।

Mark 10:19-20

यीशु ने उस व्यक्ति को अनन्त जीवन का मार्ग क्या बताया?

यीशु ने उससे कहा, हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना अपने माता-पिता का आदर करना।

Mark 10:21

यीशु ने उस व्यक्ति को और क्या आज्ञा दी?

यीशु ने उससे कहा कि वह सब कुछ बेचकर उसके पीछे आ जाए।

Mark 10:22

यीशु की इस आज्ञा को सुनकर उस व्यक्ति की क्या प्रतिक्रिया थी और क्यों?

वह व्यक्ति दुखी होकर चला गया क्योंकि उसके पास बहुत धन संपदा थी।

Mark 10:23-25

यीशु ने किसके लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कठिन बताया है?

यीशु ने कहा कि धनवान का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कठिन है।

Mark 10:26-28

यीशु के अनुसार धनवान कैसे उद्धार पा सकता है?

यीशु ने कहा कि मनुष्यों के लिए तो असंभव है परन्तु परमेश्वर के लिए संभव है।

Mark 10:29-31

यीशु के लिए घर, परिवार, खेत आदि का त्याग करने वाले को यीशु ने कहा क्या मिलेगा?

यीशु ने कहा कि वे इस समय सौ गुना पाएंगे पर सताव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन पाएंगे।

Mark 10:32

यीशु और उसके चेले किस मार्ग पर यात्रा कर रहे थे?

यीशु और उसके चेले यरूशलेम के मार्ग पर थे।

Mark 10:33-34

यीशु ने अपने चेलों को यरूशलेम में होने वाली कौन सी घटना की पूर्व सूचना दी थी?

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि उसे घात किया जायेगा परन्तु वह तीन दिन बाद फिर जी उठेगा।

Mark 10:35-38

याकूब और यूहन्ना ने यीशु से क्या निवदेन किया था?

याकूब और यूहन्ना ने यीशु से निवेदन किया कि उसकी महिमा में वे उसके दहिनी ओर बाई ओर बैठाएं जाएं।

Mark 10:39

यीशु ने याकूब और यूहन्ना से क्या भोगने को कहा?

?

Mark 10:40-41

क्या यीशु ने याकूब और यूहन्ना का निवेदन स्वीकार किया था?

यीशु ने कहा कि उन्हें दहिनी और बाई ओर बैठाना यीशु का काम नहीं है।

Mark 10:42

यीशु के शब्दों में अन्यजाति शासक कैसे राज करते हैं?

यीशु ने कहा कि अन्यजाति के शासक अपनी प्रजा पर प्रभुता करते हैं।

Mark 10:43-47

चेलों में बड़ा होने वाले के लिए यीशु ने कैसी जीवनशैली बताई है?

यीशु ने कहा कि उसके चेलों में जो बड़ा होना चाहे वह सबका सेवक बने।

Mark 10:48-51

जब लोगों ने बरतिमाई को डांटा कि चुप रहे तो उसने क्या किया?

अंधा बरतिमाई और भी अधिक पुकारने लगा, "हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर" |

Mark 10:52

यीशु ने उसके विश्वास के लिए क्या कहा?

यीशु ने कहा कि बरतिमाई के विश्वास ने उसे चंगा कर दिया है।

Mark 11

Mark 11:2-4

यीशु ने सामने के गांव में अपने चेलों को क्या करने भेजा था?

यीशु ने उन्हें उसके लिए गदही का बच्चा लाने को कहा उस पर किसी ने सवारी नहीं की थी।

Mark 11:5-7

चेलों ने जब गदही के बच्चे को खोला तब क्या हुआ?

कुछ लोगों ने उनसे पूछा कि वे गदही के बच्चे को क्यों खोज रहे हैं तो उन्होंने वही कहा जो यीशु ने उनसे कहा था और लोगों ने उन्हें जाने दिया।

Mark 11:8-9

यीशु गदही के बच्चे पर सवार हुआ तो लोगों ने मार्ग में क्या बिछाया?

लोगों ने मार्ग में अपने कपड़े बिछाए और खेतों में से डालियां काट डालीं।

Mark 11:10

जब यीशु यरूशलेम की ओर बढ़ रहा था तब लोग क्या पुकार रहे थे?

लोग पुकारने लगे कि उनके पिता दाऊद का राज्य आ रहा है।

Mark 11:11-13

मन्दिर में प्रवेश करके यीशु ने क्या किया?

यीशु सब कुछ देखता हुआ बैतनिय्याह गया।

Mark 11:14

अंजीर के पेड़ में फल न पाकर यीशु ने क्या किया?

यीशु ने अंजीर के वृक्ष से कहा, "अब से कोई तेरा फल कभी न खाए"।

Mark 11:15-16

इस बार जब यीशु मन्दिर में आया तब उसने वहाँ क्या किया?

यीशु ने मन्दिर में से व्यापारियों को बाहर निकाला और किसी को सामान लेकर आने-जाने न दिया।

Mark 11:17

यीशु ने धर्मशास्त्र के अनुसार मन्दिर को क्या बताया?

यीशु ने कहा कि मन्दिर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर है।

महायाजकों और शास्त्रियों ने मन्दिर को यीशु के शब्दों में क्या बना दिया था?

यीशु ने कहा कि उन्होंने मन्दिर को डाकुओं की गुफा बना दिया है।

Mark 11:18-19

महायाजक और शास्त्री यीशु के साथ क्या करना चाहते थे?

महायाजक और शास्त्री यीशु की हत्या का षड्यंत्र रच रहे थे।

Mark 11:20-23

यीशु ने जिस अंजीर के वृक्ष को श्राप दिया था उसका क्या हुआ?

यीशु ने जिस अंजीर के पेड़ को श्राप दिया था वह जड़ से सूख गया था।

Mark 11:24

हम प्रार्थना में जो कुछ मांगते हैं उसके लिए यीशु ने क्या कहा है?

यीशु ने कहा कि हम प्रार्थना में जो भी मांगते है तो विश्वास करें कि वह मिल गया और ऐसा ही होगा।

Mark 11:25-26

यीशु ने हमें क्षमा के बारे में क्या सिखाया कि "हमें भी परमेश्वर क्षमा करे"?

यीशु ने कहा कि यदि किसी के लिए हमारे मन में विरोध है तो हम उसे क्षमा करें कि हमारा स्वर्गीय पिता भी हमारे अपराध क्षमा करें।

Mark 11:27-29

मन्दिर में महायाजक, शास्त्री और पुरनिये यीशु से क्या जानना चाहते थे?

?

Mark 11:30

यीशु ने महायाजकों, शास्त्रियों और पुरनियों से क्या पूछा?

यीशु ने उनसे पूछा कि यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग से था या मनुष्य से।

Mark 11:31

महायाजक, शास्त्री और पुरनिये यीशु के प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं देना चाहते थे?

?

Mark 11:32-33

महायाजक, शास्त्री और पुरनिये यूहन्ना के बपतिस्में को मनुष्य का क्यों "नहीं" कहना चाहते थे?

वे उत्तर नहीं देना चाहते थे क्योंकि उन्हें मनुष्य का डर भी था जो उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे।

Mark 12

Mark 12:1-2

दाख की बारी लगाकर और किसानों को ठेका देकर उसके स्वामी ने क्या किया?

दाख की बारी लगाकर और ठेका देकर उसका स्वामी यात्रा पर चला गया।

Mark 12:3-5

स्वामी ने जब अपनी फसल का फल लेने के लिए दासों को भेजा तब किसानों ने क्या किया?

किसानों ने स्वामी के सेवकों को मारा पीटा और हत्या कर दी।

Mark 12:6-7

स्वामी ने अन्त में किसानों के पास किसे भेजा?

स्वामी ने अन्त में अपने प्रिय पुत्र को भेजा।

Mark 12:8

किसानों ने स्वामी के अन्तिम प्रतिनिधि के साथ क्या किया?

किसानों ने उसे पकड़ कर मार डाला और बाहर फेंक दिया।

Mark 12:9

उसका स्वामी किसानों के साथ क्या करेगा?

दाख की बारी का स्वामी आयेगा और उन किसानों का सर्वनाश करके अपनी बारी किसी और को दे देगा।

Mark 12:10-13

धर्मशास्त्र में राजमिस्त्रियों द्वारा त्यागे गए पत्थर का क्या हुआ था?

जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था वही कोने का पत्थर हुआ।

Mark 12:14-16

फरीसियों और हेरोदियों ने यीशु से क्या पूछा?

उन्होंने यीशु से पूछा कि कैसर को कर देना क्या उचित है।

Mark 12:17

यीशु ने उनके प्रश्न का क्या उत्तर दिया?

यीशु ने उनसे कहा की जो कैसर का है वह कैसर को दो और जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को दो।

Mark 12:18-21

सदूकी किसमें विश्वास नहीं करते थे?

सदूकी पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते थे।

Mark 12:22

सदूकियों के उदाहरण में उस स्त्री के कितने पति हुए थे?

उस स्त्री के सात पति हुए।

Mark 12:23

सदूकियों ने उस स्त्री के बारे में यीशु से क्या प्रश्न किया?

?

Mark 12:24

यीशु ने सदूकियों की भूल का कारण क्या बताया था?

यीशु ने कहा कि सदूकी न तो धर्मशास्त्र को जानते हैं और न ही परमेश्वर के सामर्थ्य को समझते हैं।

Mark 12:25

इस स्त्री के बारे में यीशु ने सदूकियों को क्या उत्तर दिया?

यीशु ने कहा कि पुनरुत्थान में मनुष्य विवाह नहीं करेंगे वे स्वर्गदूतों के समान होंगे।

Mark 12:26-28

यीशु ने धर्मशास्त्र से पुनरुत्थान को कैसे सिद्ध किया?

यीशु ने मूसा की पुस्तक का संदर्भ दिया जहां परमेश्वर स्वयं को अब्राहम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर कहता है अर्थात वे जीवित हैं।

Mark 12:29-30

यीशु ने किस आज्ञा को सबसे बड़ी बताया है?

यीशु ने कहा कि सबसे बड़ी आज्ञा है, तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से, अपने सारे प्राण से और अपनी सारी बुद्धि से और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना।

Mark 12:31-34

यीशु ने दूसरी आज्ञा कौन सी बताई?

यीशु ने कहा कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, दूसरी आज्ञा है।

Mark 12:35-37

यीशु ने दाऊद के बारे में शास्त्रियों से क्या प्रश्न किया?

यीशु ने उनसे पूछा कि मसीह यदि दाऊद की सन्तान है तो दाऊद उसे प्रभु क्यों कहता है।

Mark 12:38-43

यीशु ने मनुष्यों को शास्त्रियों के किस आचरण से सावधान करवाया था?

यीशु ने कहा कि शास्त्री मनुष्यों से प्रशंसा पाना चाहते थे परन्तु वे विधवाओं के घरों को खा जाते हैं और दिखाने के लिए बड़ी देर तक प्रार्थना करते है।

Mark 12:44

अन्यों की तुलना में यीशु ने उस गरीब विधवा के दान को बड़ा क्यों कहा था?

यीशु ने कहा कि उसका दान बड़ा है क्योंकि उसने अपनी गरीबी में से दिया जबकि अन्यों ने अपनी बहुतायत में से दिया था।

Mark 13

Mark 13:2-3

यीशु ने उन भव्य पत्थरों और मन्दिर के बारे में क्या भविष्यद्वाणी की थी?

यीशु ने कहा कि मन्दिर के पत्थरों में एक भी नहीं रहेगा जो ढाया न गया हो।

Mark 13:4

चेलों ने इस पर यीशु से क्या प्रश्न पूछा?

?

Mark 13:5-6

यीशु ने चेलों को किस बात से सावधान रहने को कहा?

यीशु ने चेलों से कहा कि वे सावधान रहें अन्यथा कोई उन्हें भरमाए।

Mark 13:7-8

पीड़ाओं का आरंभ यीशु ने क्या बताया?

यीशु ने कहा कि पीड़ाओं के आरंभ में युद्ध होंगे, युद्ध की चर्चा होगी, भूकंप होंगे और अकाल पड़ेंगे।

Mark 13:9

यीशु ने क्या कहा कि चेलों के साथ होगा?

यीशु ने कहा कि चेले महासभाओं में सौंपे जायेंगे, आराधनालयों में पीटे जायेंगे, हाकिमों और राजाओं के सामने खड़े किए जायेंगे कि उनके लिए गवाही हो।

Mark 13:10-11

यीशु ने किसका होना पहले बताया है?

यीशु ने कहा कि पहले सुसमाचार का सब जातियों में प्रचार होना आवश्यक है।

Mark 13:12

यीशु के कथनानुसार परिवारों के सदस्य क्या करेंगे?

यीशु ने कहा कि एक परिवार के सदस्य एक दूसरे को मरवा डालेंगे।

Mark 13:13

यीशु ने किसके उद्धार के लिए कहा?

यीशु ने कहा कि जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा उसी का उद्धार होगा।

Mark 13:14-19

घृणित वस्तु देखने पर यीशु ने यहूदिया स्त्रियों से क्या करने को कहा?

यीशु ने कहा कि घृणित वस्तु देख कर, यहूदियावासी पर्वतों पर भाग जाएं।

Mark 13:20-21

चुने हुओं के कारण यीशु ने क्या कहा कि परमेश्वर ने किया है?

यीशु ने कहा कि चुने हुओं के कारण परमेश्वर ने क्लेश का समय घटा दिया है।

Mark 13:22-23

यीशु ने मनुष्यों का भरमाने वालों के लिए क्या कहा?

यीशु ने कहा कि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता मनुष्यों को भरमाने आएंगे।

Mark 13:24-25

उन दिनों के महाक्लेश के बाद आकाश में क्या होगा?

सूर्य और चांद अन्धेरा हो जाएंगे आकाश से सितारे गिरेंगे और आकाश की शक्तियां हिलाई जायेंगी।

Mark 13:26

मनुष्य बादलों में क्या देखेंगे?

वे मनुष्य के पुत्र को महान सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों पर आता देखेंगे।

Mark 13:27-29

मनुष्य का पुत्र जब आयेगा तब वह क्या करेगा?

मनुष्य का पुत्र पृथ्वी के इस छोर से आकाश के उस छोर तक अपने चुने हुओं को इकट्ठा करेगा।

Mark 13:30

इन सब बातों के पूरा होने तक यीशु ने किसके लिए कहा कि वह समाप्त नहीं होंगे?

यीशु ने कहा कि जब तक ये सब बातें न हो लें तब तक यह पीढ़ी समाप्त नहीं होगी।

Mark 13:31

यीशु ने किस के लिए कहा कि कभी नहीं टलेगा?

यीशु ने कहा कि उसका वचन कभी नहीं टलेगा।

Mark 13:32

यीशु ने इन सब बातों के होने का समय क्या बताया है?

यीशु ने कहा कि पिता को छोड़ उस दिन और समय को कोई नहीं जानता है।

Mark 13:33-37

यीशु ने अपने आगमन के संबन्ध में चेलों को क्या आज्ञा दी थी?

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे जागते रहें और सावधान रहें।

Mark 14

Mark 14:1

महायाजक और शास्त्री क्या षड्यंत्र रच रहे थे?

वे षड्यंत्र रच रहे थे कि यीशु को चुपचाप से पकड़ कर मार डालें।

Mark 14:2

महायाजक और शास्त्री अखमीरी रोटी के पर्व के समय ऐसा क्यों नहीं करना चाहते थे?

वे डरते थे कि लोगों में बलवा हो जायेगा।

Mark 14:3-4

शमौन कोढ़ी के घर में उस स्त्री ने यीशु के लिए क्या किया था?

एक स्त्री ने बहुमूल्य इत्र यीशु के सिर पर उण्डेला।

Mark 14:5-7

कुछ लोग उस स्त्री से रूष्ट क्यों थे?

कुछ लोग सोच रहे थे कि वह इस इत्र को बेचकर गरीबों में पैसा बांट देती तो अच्छा होता।

Mark 14:8

यीशु ने उस स्त्री के इस काम को क्या कहा?

यीशु ने कहा कि उसने यीशु की देह को दफ़न के लिए तैयार किया है।

Mark 14:9

यीशु ने उस स्त्री के काम के लिए क्या प्रतिज्ञा की थी?

यीशु ने उससे प्रतिज्ञा की कि संसार में जहां भी सुसमाचार प्रचार किया जायेगा, वहाँ उसके इस काम की चर्चा उसके स्मरण में की जायेगी।

Mark 14:10-11

यहूदा इस्करियोती महायाजकों के पास क्यों गया था?

यहूदा इस्करियोती महायाजकों के पास गया कि यीशु को पकड़वा दे।

Mark 14:12-17

चेलों ने फसह का भोज खाने का स्थान कैसे खोजा?

यीशु ने उनसे कहा, नगर में जाने पर वे एक मनुष्य को जल का घड़ा उठाए हुए देखेंगे, उससे पूछना कि अतिथि कक्ष कहाँ है कि वे फसह का भोज खाएं।

Mark 14:18-19

जब वे उसके साथ भोजन कर रहे थे तब यीशु ने क्या कहा?

यीशु ने कहा कि उसके साथ भोजन करने वालों में से एक उससे विश्वासघात करेगा।

Mark 14:20

यीशु ने किस चेले को विश्वासघाती बताया?

यीशु ने कहा कि उसके साथ कटोरे में रोटी डालने वाला उसे पकड़वायेगा।

Mark 14:21

यीशु ने विश्वासघाती चेले के भविष्य के लिए क्या कहा?

यीशु ने कहा कि वह जन्म ही न लेता तो अच्छा होता।

Mark 14:22-23

चेलों को रोटी तोड़कर देते समय यीशु ने क्या कहा?

यीशु ने कहा, "लो यह मेरी देह है"।

Mark 14:24

चेलों को कटोरा देते समय यीशु ने क्या कहा?

यीशु ने कहा, "यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए बहाया जाता है"।

Mark 14:25-26

यीशु ने दाख का रस फिर कब पीने के लिए कहा?

यीशु ने कहा कि वह दाख का रस उस दिन तक फिर कभी नहीं पीयेगा, जब तक परमेश्वर के राज्य में नया न पीए।

Mark 14:27-29

जैतून के पर्वत पर यीशु ने अपने चेलों से क्या भविष्यद्वाणी की थी?

यीशु ने भविष्यद्वाणी की कि उसके चेले सब उसे छोड़ कर भाग जायेंगे।

Mark 14:30-31

पतरस ने जब यीशु का इन्कार कभी न करने का दावा किया तब यीशु ने उससे क्या कहा?

यीशु ने पतरस से कहा कि मुर्गे के दो बार बाँग देने से पूर्व वह तीन बार उसका इन्कार करेगा।

Mark 14:32-34

यीशु प्रार्थना करने गया तो उसने उन तीन चेलों से क्या कहा?

यीशु ने उससे कहा कि वे वहाँ जागते रहें।

Mark 14:35

यीशु ने क्या प्रार्थना की?

यीशु ने प्रार्थना की कि हो सके तो वह समय टल जाए।

Mark 14:36

परमेश्वर से प्रार्थना के उत्तर में यीशु क्या स्वीकार करने के लिए तैयार था?

यीशु पिता की इच्छा पूरी करने को तत्पर था।

Mark 14:37-39

लौटने पर यीशु ने तीनों चेलों को कैसा पाया?

यीशु ने तीनों चेलों को सोता पाया।

Mark 14:40

यीशु प्रार्थना करके दूसरी बार लौटा तो उसने क्या देखा?

यीशु ने तीनों चेलों को सोता पाया।

Mark 14:41-43

यीशु प्रार्थना करे तीसरी बार लौटा तो क्या देखा?

यीशु ने तीनों चेलों को सोता पाया।

Mark 14:44-47

यहूदा ने पकड़ने वालों को यीशु की पहचान के लिए क्या बताया था?

यहूदा ने यीशु को चूम कर प्रकट किया कि वह यीशु है।

Mark 14:48-49

उसके पकड़े जाने में यीशु ने क्या कहा कि धर्मशास्त्र की बात पूरी होती है?

यीशु ने उनसे कहा, क्या तुम डाकू जानकर मुझे पकड़ने के लिए तलवारें और लाठी लेकर निकले हो? इससे धर्मशास्त्र पूरा होता है।

Mark 14:50

यीशु के पकड़े जाने पर उसके साथियों ने क्या किया?

यीशु के साथी उसे छोड़कर भाग खड़े हुए।

Mark 14:51-52

यीशु के पकड़े जाने के समय उस युवक ने क्या किया?

एक जवान अपनी चादर छोड़कर नंगा भाग गया।

Mark 14:53-54

यीशु जब महायाजक के पास लाया गया तब पतरस कहाँ था?

पतरस पहरेदारों के साथ आग तापने लगा।

Mark 14:55-60

महासभा में भी यीशु के विरूद्ध दी गई गवाहियों में क्या था?

यीशु के विरूद्ध की गई गवाहियां झूठी थी और एक सी नहीं थी।

Mark 14:61

महायाजक ने यीशु से उसके विषय क्या पूछा?

?

Mark 14:62-63

यीशु ने याजक को क्या उत्तर दिया?

यीशु ने कहा कि वह परमधन्य का पुत्र मसीह है।

Mark 14:64

यीशु का उत्तर सुनकर महायाजक ने यीशु को किस अपराध का दोषी ठहराया?

महायाजक ने कहा कि यीशु ईशनिन्दा का दोषी है।

Mark 14:65

यीशु को मृत्युदण्ड का दोषी ठहराने के बाद उन्होंने क्या किया?

उन्होंने उस पर थूका, थप्पड़ और उसे घूंसे मारे।

Mark 14:66-70

उस दासी ने पतरस को यीशु का साथी कहा तो पतरस ने क्या प्रतिक्रिया दिखाई?

पतरस ने कहा कि वह उस दासी के आरोप को न तो समझ रहा था और न ही जानता था।

Mark 14:71

पतरस से तीन बार कहा गया कि वह यीशु का चेला है तो उसने क्या प्रतिक्रिया दिखाई?

पतरस धिक्कारने और शपथ खाने लगा कि वह यीशु को नहीं जानता है।

Mark 14:72

पतरस ने तीसरी बार इन्कार किया तब क्या हुआ?

पतरस ने जब तीसरी बार इन्कार किया तब मुर्गे ने दूसरी बार बांग दी।

मुर्गे की बांग सुनकर पतरस ने क्या किया?

मुर्गे की बांग सुनकर पतरस रोने लगा।

Mark 15

Mark 15:1-4

भोर होते ही महायाजकों ने यीशु के साथ क्या किया?

भोर होते ही उन्होंने यीशु को बंधवाया और पिलातुस के हाथ सौंप दिया।

Mark 15:5

महायाजक यीशु पर अनेक आरोप लगा रहे थे तब पिलातुस को किस बात पर आश्चर्य हुआ?

पिलातुस को आश्चर्य हुआ कि यीशु ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया।

Mark 15:6

उस पर्व पर पिलातुस उनके लिए क्या करता था?

उस पर्व पर पिलातुस उनके लिए एक अपराधी को छोड़ देता था।

Mark 15:7-9

जनसमूह किसे छोड़ने की विनती करने लगा, वह बन्दीगृह में क्यों था?

जनसमूह ने विनती की बरअब्बा को छोड़ दिया जाए (वह एक हत्यारा था)।

Mark 15:10-11

पिलातुस यीशु को क्यों छोड़ देना चाहता था?

पिलातुस जानता था कि महायाजकों ने उसे डाह के कारण पकड़वाया है।

Mark 15:12-16

जनसमूह ने यहूदियों के राजा के साथ कैसे व्यवहार की पुकार की?

जनसमूह ने यहूदियों के राजा को क्रूस पर चढ़ाने की मांग की।

Mark 15:17-20

सैनिकों की पलटन ने यीशु को कैसे वस्त्र पहनाए?

सैनिकों ने यीशु को बैंजनी वस्त्र पहनाया और उसके सिर पर कांटों का ताज रखा।

Mark 15:21

यीशु का क्रूस किसने उठाया था?

एक यात्री, शमौन कुरेनी को यीशु का क्रूस उठाने के लिए विवश किया गया।

Mark 15:22-23

सैनिक यीशु को जहां क्रूस पर चढ़ाने ले गए उस स्थान का नाम क्या था?

उस स्थान का नाम गुलगुता था अर्थात खोपड़ी का स्थान था।

Mark 15:24-25

यीशु के वस्त्रों के साथ सैनिकों ने क्या किया?

सैनिकों ने यीशु के वस्त्रों के लिए चिटिठ्यां डालीं।

Mark 15:26-28

सैनिकों ने यीशु के दोष पत्र पर क्या लिखा?

सैनिकों ने एक दोष पत्र उसके उपर लगवा दिया जिस पर लिखा था, "यहूदियों का राजा"।

Mark 15:29-30

बटोहियों ने यीशु को क्या चुनौती दी?

आने जाने वालों ने उसकी निन्दा करते हुए कहा, क्रूस पर से उतर कर अपने आपको बचा ले।

Mark 15:31

महायाजकों ने यीशु पर विश्वास करने की क्या बातें रखी थी?

महायाजकों ने कहा कि वह क्रूस पर से उतर आए तो वे उसका विश्वास करेंगे।

Mark 15:32

यीशु की निन्दा करते समय महायाजकों ने यीशु को क्या पदनाम दिए?

महायाजकों ने यीशु को मसीह एवं इस्राएल का राजा कहा।

Mark 15:33

छठवें घंटे क्या हुआ?

छठवें घंटे संपूर्ण देश में अन्धकार हो गया था।

Mark 15:34-36

यीशु ने नौवें घंटे में चिल्लाकर क्या कहा था?

यीशु ने पुकार कर कहा, "हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?"

Mark 15:37

मरने से पूर्व यीशु ने क्या किया?

मरने से पूर्व यीशु ने ऊंचे स्वर में पुकारा।

Mark 15:38

यीशु की मृत्यु पर मन्दिर में क्या हुआ?

यीशु की मृत्यु पर मन्दिर का पर्दा ऊपर से नीचे फटकर दो भाग हो गया।

Mark 15:39-41

यीशु की मृत्यु को देखकर सूबेदार ने क्या गवाही दी?

सूबेदार ने गवाही दी कि वह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र था।

Mark 15:42

यीशु की मृत्यु किस दिन हुई थी?

यीशु सब्त से एक दिन पूर्व मर गया था।

Mark 15:43-47

यीशु के मरणोपरान्त अरिमतिया ने यूसुफ ने क्या किया?

अरिमतिया के यूसुफ ने पिलातुस से यीशु का पार्थिव देह मांगी और उसे क्रूस से उतारकर मलमल की चादर में लपेटकर कब्र में रखकर कब्र के द्वार पर एक पत्थर लुढ़का दिया।

Mark 16

Mark 16:2-3

स्त्रियां यीशु की देह का अभ्यंजन करने कब्र पर कब गई?

सप्ताह के पहले दिन सूर्योदय के समय स्त्रियां यीशु की कब्र पर गई।

Mark 16:4

कब्र पर भारी पत्थर था तो फिर वे स्त्रियां कब्र में कैसे गई?

किसी ने कब्र पर से भारी पत्थर हटा दिया था।

Mark 16:5

कब्र में उन स्त्रियों ने क्या देखा?

उन स्त्रियों ने एक कब्र में एक जवान को श्वेत वस्त्र पहने हुए दाहिनी ओर बैठे देखा।

Mark 16:6

उस युवक ने यीशु के बारे में क्या कहा?

उस युवक ने कहा कि यीशु जी उठा है वह वहाँ नहीं है।

Mark 16:7-8

उस युवक ने कहाँ बताया कि चेले यीशु से भेंट करेंगे?

उस युवक ने कहा कि चेले गलील में यीशु से भेंट करेंगे।

Mark 16:9-10

पुनरुत्थान के बाद यीशु सबसे पहले किसे दिखाई दिया?

यीशु सबसे पहले मरियम मगदलीनी को दिखाई दिया।

Mark 16:11-12

मरियम ने चेलों से कहा कि उसने जीवित यीशु को देखा है तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?

चेलों ने विश्वास नहीं किया।

Mark 16:13

जब अन्य दो पुरूषों ने चेलों से पूछा कि उन्होंने जीवित यीशु से भेंट की तब चेलों की प्रतिक्रिया क्या थी?

चेलों ने विश्वास नहीं किया।

Mark 16:14

जब यीशु चेलों पर प्रकट हुआ तब उनके अविश्वास के लिए उसने क्या कहा?

यीशु ने चेलों को अविश्वास के लिए झिड़का।

Mark 16:15

यीशु ने चेलों को क्या आज्ञा दी?

यीशु ने चेलों को आज्ञा दी कि संपूर्ण विश्व में सुसमाचार सुनाएं।

Mark 16:16

यीशु ने किसके उद्धार के लिए कहा?

यीशु ने कहा कि विश्वास करके बपतिस्मा पाने वालों का उद्धार होगा।

यीशु ने किसको दण्ड का भागी बताया?

यीशु ने कहा कि विश्वास नहीं करने वाले दण्ड के भागी होंगे।

Mark 16:17-18

यीशु ने विश्वासियों को क्या चिन्ह बताए?

यीशु ने कहा कि विश्वास करने वाले दुष्टात्माएं निकालेंगे, अन्य भाषा बोलेंगे, प्राण नाशक वस्तुओं से भी उनको हानि नहीं होगी, वे बीमारों को चंगा करेंगे।

Mark 16:19

चेलों से बातें करने के बाद यीशु का क्या हुआ?

चेलों से बातें करने के बाद वह स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया।

Mark 16:20

उसके बाद चेलों ने क्या किया?

चेलों ने वहाँ से आकर हर जगह प्रचार किया।

यीशु ने तदोपरान्त क्या किया?

प्रभु उनके साथ काम करता रहा और चिन्ह के द्वारा वचन को दृढ़ करता रहा।