1 Peter
1 Peter 1
1 Peter 1:1-2
पतरस किस का प्रेरित था?
पतरस यीशु मसीह का प्रेरित था।
पतरस ने किसे लिखा?
पतरस ने सम्पूर्ण पुन्तुस, गलातिया, कप्पदूकिया, एशिया और बिथूनिया में तितर-बितर होकर रहनेवाले चुने हुए परदेशियों, को लिखा।
1 Peter 1:3
पतरस किसे गौरवान्वित करना चाहता था?
पतरस अपने प्रभु यीशु मसीह के पिता और परमेश्वर को गौरवान्वित करना चाहता था।
परमेश्वर ने उन्हें नया जन्म कैसे दिया?
परमेश्वर ने उन्हें अपनी महान दया में, यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला उठाने के द्वारा नया जन्म दिया।
1 Peter 1:4
मीरास क्यों नहीं नष्ट होगी, मलिन होगी, या मिट जाएगी?
मीरास नष्ट नहीं होगी, मलिन नहीं होगी, या मिट नहीं जाएगी क्योंकि मीरास उनके लिए स्वर्ग में आरक्षित थी।
1 Peter 1:5-6
वे किस माध्यम से परमेश्वर की सामर्थ्य में सुरक्षित थे?
उन्हें उद्धार के लिए विश्वास के द्वारा सुरक्षित किया गया था जो अंतिम समय में प्रकट होने के लिए तैयार किया गया था।
1 Peter 1:7
उन्हें कई अलग-अलग परीक्षाओं में दुःख उठाना ज़रूरी क्यों था?
यह आवश्यक था ताकि उनके विश्वास की परीक्षा हो, और ताकि उनके विश्वास का प्रतिफल यीशु मसीह के प्रकट होने पर प्रशंसा, महिमा और सम्मान के रूप में प्राप्त हो।
सोना जो नाश हो जाता है उससे ज्यादा कीमती क्या है?
विश्वास सोने से भी ज्यादा कीमती है।
1 Peter 1:8
यद्यपि विश्वासियों ने यीशु को नहीं देखा था, उन्होंने क्या किया?
वे उस से प्रेम रखते थे, और उस पर विश्वास करते थे, और उस अवर्णनीय आनन्द से जो महिमा से भरपूर था, बहुत आनन्दित होते थे।
1 Peter 1:9
जिन लोगों ने उस पर विश्वास किया, उन्होंने अपने विश्वास के परिणामस्वरूप क्या प्राप्त किया?
उन्हें अपनी आत्मा का उद्धार प्राप्त हुआ।
1 Peter 1:10
भविष्यवक्ताओं ने किस बारे में ध्यान से खोज-बीन और जाँच-पड़ताल की?
भविष्यवक्ताओं ने उस उद्धार के बारे में खोज की जो विश्वासियों को मिलने वाला था, उस अनुग्रह के बारे में जो उनका होने पर था।
1 Peter 1:11
मसीह का आत्मा भविष्यवक्ताओं को पहले से क्या बता रहा था?
वह उन्हें मसीह के कष्टों और उसके बाद आने वाली महिमाओं के बारे में बता रहा था।
1 Peter 1:12
भविष्यवक्ता अपनी खोज-बीन और जाँच-पड़ताल के द्वारा किसको सिखा रहे थे?
वे विश्वासियों को सिखा रहे थे।
कौन चाहता था कि भविष्यवक्ताओं की खोजों और पूछताछों के परिणाम प्रकट हों?
यहाँ तक कि स्वर्गदूत भी चाहते थे कि परिणाम प्रकट हों।
1 Peter 1:13
आज्ञाकारी बच्चों के रूप में पतरस ने विश्वासियों को क्या करने की आज्ञा दी?
उसने उन्हें आज्ञा दी कि वे अपने मन को परमेश्वर की आज्ञा मानने के लिए तैयार करें, अपनी सोच में संयमी हों, और उस अनुग्रह पर पूरा भरोसा रखें जो उन्हें दिया जाएगा, और स्वयं को उनकी पिछली अभिलाषाओं के अनुरूप न होने दें।
1 Peter 1:14
आज्ञाकारी बच्चों के रूप में पतरस ने विश्वासियों को क्या करने की आज्ञा दी?
उसने उन्हें आज्ञा दी कि वे अपने मन को परमेश्वर की आज्ञा मानने के लिए तैयार करें, अपनी सोच में संयमी हों, और उस अनुग्रह पर पूरा भरोसा रखें जो उन्हें दिया जाएगा, और स्वयं को उनकी पिछली अभिलाषाओं के अनुरूप न होने दें।
1 Peter 1:15
पतरस ने क्यों कहा कि विश्वासियों को पवित्र होना चाहिए?
क्योंकि जिसने उन्हें बुलाया वह पवित्र है।
1 Peter 1:16
पतरस ने क्यों कहा कि विश्वासियों को पवित्र होना चाहिए?
क्योंकि जिसने उन्हें बुलाया वह पवित्र है।
1 Peter 1:17
विश्वासियों को अपने परदेशी होने का समय भय में क्यों व्यतीत करन चाहिए ?
क्योंकि वे “ हे पिता” कहकर प्रार्थना करते हैं वह जो हर एक व्यक्ति के कामों के अनुसार बिना पक्षपात के न्याय करता है।
1 Peter 1:18
चुने हुए परदेशी लोगों ने, किससे व्यर्थ व्यवहार सीखा?
उन्होंने अपने पूर्वजों से व्यर्थ व्यवहार सीखा था।
विश्वासियों को किसके द्वारा छुड़ाया गया था?
उन्हें चाँदी या सोने के द्वारा नहीं छुड़ाया गया, बल्कि एक निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने. अर्थात मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ।
1 Peter 1:19
विश्वासियों को किसके द्वारा छुड़ाया गया था?
उन्हें चाँदी या सोने के द्वारा नहीं छुड़ाया गया, बल्कि एक निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने. अर्थात मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ।
1 Peter 1:20-21
मसीह को कब से जाना गया था, और वह कब प्रकट हुआ था?
वह दुनिया की नींव पड़ने से पहले से जाना जाता था; वह परदेशियों पर, अर्थात् चुने हुओं पर, जो अनादिकाल से ही था, प्रगट हुआ।
1 Peter 1:22
विश्वासियों ने अपने मनों को कैसे शुद्ध किया?
उन्होंने भाईचारे के प्रेम के द्वारा सत्य की आज्ञाकारिता से अपने मनों को शुद्ध किया।
1 Peter 1:23
विश्वासियों का नया जन्म कैसे हुआ?
वे अविनाशी बीज से, अर्थात परमेश्वर के जीवित और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा पैदा हुए, न कि नाशवान बीज के द्वारा।
1 Peter 1:24
सभी प्राणी कैसे हैं, और उनकी शोभा कैसी है?
सब प्राणी घास की तरह हैं; उनकी शोभा घास के फूल के समान है।
1 Peter 1:25
परमेश्वर का वचन कब तक बना रहता है?
परमेश्वर का वचन सदा तक बना रहता है।
1 Peter 2
1 Peter 2:1
विश्वासियों को क्या दूर करने के लिए कहा गया था?
उन्हें कहा गया था कि वे सब बैरभाव, छल, कपट, ईर्ष्या और निंदा को दूर कर दें।
1 Peter 2:2-3
विश्वासियों को शुद्ध आत्मिक दूध की लालसा क्यों करनी थी?
उन्हें शुद्ध आत्मिक दूध के लिए लालसा करनी थी ताकि वे उद्धार में बढ़ सकें।
1 Peter 2:4
वह जीवित पत्थर कौन था जिसे लोगों ने ठुकरा दिया और परमेश्वर ने चुना?
यीशु मसीह जीवित पत्थर था।
1 Peter 2:5-6
वह जीवित पत्थर कौन था जिसे लोगों ने ठुकरा दिया और परमेश्वर ने चुना?
यीशु मसीह जीवित पत्थर था।
विश्वासी भी जीवित पत्थरों के समान क्यों थे?
वे जीवित पत्थरों के समान थे, क्योंकि वे आत्मिक भवन बनने के लिए बनाए जा रहे थे।
1 Peter 2:7
वचन की अवज्ञा करते हुए, राजमिस्त्रियों ने ठोकर क्यों खाई?
राजमिस्त्रियों ने इसलिए ठोकर खाई क्योंकि उन्हें ऐसा करने के लिए नियुक्त किया गया था।
1 Peter 2:8
वचन की अवज्ञा करते हुए, राजमिस्त्रियों ने ठोकर क्यों खाई?
राजमिस्त्रियों ने इसलिए ठोकर खाई क्योंकि उन्हें ऐसा करने के लिए नियुक्त किया गया था।
1 Peter 2:9
विश्वासी क्यों एक चुना हुआ वंश, एक राज-पदधारी याजकों का समाज, पवित्र लोग, और परमेश्वर के लिए एक निज प्रजा थे?
उन्हें इसलिए चुना गया ताकि वे परमेश्वर के अद्भुत कार्यों की घोषणा कर सकें।
1 Peter 2:10
विश्वासी क्यों एक चुना हुआ वंश, एक राजकीय याजकों का समाज, पवित्र लोग, और परमेश्वर के लिए एक निज प्रजा थे?
उन्हें इसलिए चुना गया ताकि वे परमेश्वर के अद्भुत कार्यों की घोषणा कर सकें।
1 Peter 2:11
पतरस ने प्रिय लोगों को पापी अभिलाषाओं से दूर रहने के लिए क्यों कहा?
उसने उन्हें दूर रहने के लिए कहा ताकि जो लोग उनके बारे में बुरा कहते हैं, वे उनके अच्छे व्यवहार को देखें और परमेश्वर की स्तुति करें।
1 Peter 2:12
पतरस ने प्रिय लोगों को पापी अभिलाषाओं से दूर रहने के लिए क्यों कहा?
उसने उन्हें दूर रहने के लिए कहा ताकि जो लोग उनके बारे में बुरा कहते हैं, वे उनके अच्छे व्यवहार को देखें और परमेश्वर की स्तुति करें।
1 Peter 2:13
विश्वासियों को प्रत्येक मानवीय अधिकार का पालन क्यों करना था?
उन्हें हर मानवीय अधिकार का पालन करना था क्योंकि परमेश्वर उनकी आज्ञाकारिता का उपयोग मूर्ख लोगों की अज्ञानी बातों को चुप कराने के लिए करना चाहता था।
1 Peter 2:14
विश्वासियों को प्रत्येक मानवीय अधिकार का पालन क्यों करना था?
उन्हें हर मानवीय अधिकार का पालन करना था क्योंकि परमेश्वर उनकी आज्ञाकारिता का उपयोग मूर्ख लोगों की अज्ञानी बातों को चुप कराने के लिए करना चाहता था।
1 Peter 2:15
विश्वासियों को प्रत्येक मानवीय अधिकार का पालन क्यों करना था?
उन्हें हर मानवीय अधिकार का पालन करना था क्योंकि परमेश्वर उनकी आज्ञाकारिता का उपयोग मूर्ख लोगों की अज्ञानी बातों को चुप कराने के लिए करना चाहता था।
1 Peter 2:16-17
अपनी स्वतंत्रता को दुष्टता के लिए एक आड़ के रूप में इस्तेमाल करने के बजाय, चुने हुए परदेशी लोगों को क्या करना था?
उन्हें अपनी स्वतंत्रता का उपयोग परमेश्वर के सेवक बनने के लिए करना था।
1 Peter 2:18
सेवकों को अपने स्वामियों, यहाँ तक कि दुष्ट स्वामियों के अधीन क्यों होना चाहिए था?
सेवकों को दुष्ट स्वामियों के अधीन भी रहना था क्योंकि अच्छा करना और फिर उसके लिए दंडित होकर दुःख उठाना परमेश्वर के सन्मुख प्रशंसनीय है।
1 Peter 2:19
सेवकों को अपने स्वामियों, यहाँ तक कि दुष्टों स्वामियों के अधीन क्यों होना चाहिए था?
सेवकों को दुष्ट स्वामियों के अधीन भी रहना था क्योंकि अच्छा करना और फिर उसके लिए दंडित होकर दुःख उठाना परमेश्वर के सन्मुख प्रशंसनीय है।
1 Peter 2:20
सेवकों को अपने स्वामियों, यहाँ तक कि दुष्टों स्वामियों के अधीन क्यों होना चाहिए था?
सेवकों को दुष्ट स्वामियों के अधीन भी रहना था क्योंकि अच्छा करना और फिर उसके लिए दंडित होकर दुःख उठाना परमेश्वर के सन्मुख प्रशंसनीय है।
1 Peter 2:21
सेवकों को भलाई करने के लिए दुःख उठाने के लिए क्यों बुलाया गया?
क्योंकि मसीह ने उनके लिए दुख उठाया, और उनके लिए एक उदाहरण छोड़ गया, और अपने आप को न्याय करने वाले को सौंप दिया।
1 Peter 2:22
सेवकों को भलाई करने के लिए दुःख उठाने के लिए क्यों बुलाया गया?
क्योंकि मसीह ने उनके लिए दुख उठाया, और उनके लिए एक उदाहरण छोड़ गया, और अपने आप को न्याय करने वाले को सौंप दिया।
1 Peter 2:23
सेवकों को भलाई करने के लिए दुःख उठाने के लिए क्यों बुलाया गया?
क्योंकि मसीह ने उनके लिए दुख उठाया, और उनके लिए एक उदाहरण छोड़ गया, और अपने आप को न्याय करने वाले को सौंप दिया।
1 Peter 2:24
मसीह ने पतरस, विश्वासियों, और सेवकों के पापों को अपने शरीर में क्रूस पर क्यों उठाया?
उस ने उनके पापों को उठा लिया, कि वे फिर पाप में भागी न हों, वरन धार्मिकता के लिये जीवित रहें, और क्योंकि वे उसके मार खाने से चंगे हुए हैं।
1 Peter 2:25
जब वे सब खोई हुई भेड़ों की नाईं भटक गए, तो किसके पास लौट आए?
वे सब अपनी आत्मा के रखवाले और चरवाहे के पास लौट आए।
1 Peter 3
1 Peter 3:1-2
पत्नियों को अपने पति के अधीन क्यों रहना चाहिए?
पत्नियों को अधीन रहना चाहिए ताकि जो पति अवज्ञाकारी हैं वे बिना एक शब्द के जीते जा सकें।
1 Peter 3:3
पत्नियों को खुद को कैसे सजाना चाहिए?
पत्नियों को चाहिए कि वे हृदय के आंतरिक व्यक्तित्व में, सौम्य और शांत आत्मा के चिरस्थायी सौंदर्य में स्वयं को सुशोभित करें।
1 Peter 3:4
पत्नियों को खुद को कैसे सजाना चाहिए?
पत्नियों को चाहिए कि वे हृदय के आंतरिक व्यक्तित्व में, सौम्य और शांत आत्मा के चिरस्थायी सौंदर्य में स्वयं को सुशोभित करें।
1 Peter 3:5
पतरस ने किस पवित्र स्त्री का उल्लेख एक ऐसी पत्नी के उदाहरण के रूप में किया, जिसे परमेश्वर पर भरोसा था और अपने पति के अधीन थी?
पतरस ने एक उदाहरण के रूप में सारा का उल्लेख किया।
1 Peter 3:6
पतरस ने किस पवित्र स्त्री का उल्लेख एक ऐसी पत्नी के उदाहरण के रूप में किया, जिसे परमेश्वर पर भरोसा था और अपने पति के अधीन थी?
पतरस ने एक उदाहरण के रूप में सारा का उल्लेख किया।
1 Peter 3:7
पतियों को अपनी पत्नियों के साथ बुद्धिमानी के अनुसार क्यों रहना चाहिए?
पतियों को अपनी पत्नियों के साथ बुद्धिमानी के अनुसार रहना चाहिए ताकि उनकी प्रार्थना में बाधा न आए।
1 Peter 3:8
पतरस ने सभी चुने हुए परदेशियों को, समान सोच रखने और आशीष देते रहने का निर्देश क्यों दिया?
क्योंकि वे सब ऐसा करने के लिए बुलाए गए थे, कि वे आशीष के वारिस हो सकें।
1 Peter 3:9
पतरस ने सभी चुने हुए परदेशियों को, समान सोच रखने और आशीष देते रहने का निर्देश क्यों दिया?
क्योंकि वे सब ऐसा करने के लिए बुलाए गए थे, कि वे आशीष के वारिस हो सकें।
1 Peter 3:10
जो जीवन की इच्छा रखता है, वह अपनी जीभ को बुराई से क्यों रोके और बुराई से फिरकर भलाई क्यों करे?
क्योंकि परमेश्वर की आंखें धर्मियों को देखती हैं।
1 Peter 3:11
जो जीवन की इच्छा रखता है, वह अपनी जीभ को बुराई से क्यों रोके और बुराई से फिरकर भलाई क्यों करे?
क्योंकि परमेश्वर की आंखें धर्मियों को देखती हैं।
1 Peter 3:12-13
जो जीवन की इच्छा रखता है, वह अपनी जीभ को बुराई से क्यों रोके और बुराई से फिरकर भलाई क्यों करे?
क्योंकि परमेश्वर की आंखें धर्मियों को देखती हैं।
1 Peter 3:14
वे कौन थे जो धन्य थे?
जो लोग धार्मिकता के कारण पीड़ित हुए, वे धन्य थे।
1 Peter 3:15
विश्वासियों को परमेश्वर में अपना विश्वास बनाए रखने के लिए क्या करने के लिए कहा गया था?
उनसे कहा गया था कि वे प्रभु मसीह को अपने हृदयों में पवित्र समझें।
विश्वासी हमेशा हर उस व्यक्ति को कैसे उत्तर देते थे जो परमेश्वर में उनके आत्मविश्वास के बारे में पूछते थे?
वे हमेशा नम्रता और सम्मान के साथ जवाब देने के लिए तैयार रहते थे।
1 Peter 3:16-17
विश्वासी हमेशा हर उस व्यक्ति को कैसे उत्तर देते थे जो परमेश्वर में उनके आत्मविश्वास के बारे में पूछते थे?
वे हमेशा नम्रता और सम्मान के साथ जवाब देने के लिए तैयार रहते थे।
1 Peter 3:18
मसीह ने एक ही बार पापों के लिए क्यों दुख उठाया?
मसीह ने एक ही बार दुख उठाया ताकि वह पतरस और विश्वासियों को परमेश्वर के पास ले आए।
1 Peter 3:19
जिन आत्माओं को मसीह ने आत्मा में प्रचार किया वे अब कैद में क्यों थीं?
जो आत्माएं अब कैद में थीं नूह के समय में अवज्ञाकारी थीं जब परमेश्वर धीरज के साथ इंतज़ार कर रहा था।
1 Peter 3:20
जिन आत्माओं को मसीह ने आत्मा में प्रचार किया वे अब कैद में क्यों थीं?
जो आत्माएं अब कैद में थीं नूह के समय में अवज्ञाकारी थीं जब परमेश्वर धीरज के साथ इंतज़ार कर रहा था।
1 Peter 3:21
किस प्रकार का बपतिस्मा विश्वासी को बचाता है?
बपतिस्मा जो विश्वासी को बचाता है वह पानी से धोना नहीं है, बल्कि यीशु मसीह के पुनरुत्थान के माध्यम से परमेश्वर के लिए एक अच्छे विवेक का आग्रह है।
1 Peter 3:22
जैसे यीशु स्वर्ग में परमेश्वर के दाहिने हाथ पर है, स्वर्गदूतों, अधिकारियों और शक्तियों को क्या करना चाहिए?
उन सभी को उसके अधीन होना चाहिए।
1 Peter 4
1 Peter 4:1-2
पतरस ने विश्वासियों को अपने आप को हथियारबंद करने की क्या आज्ञा दी?
उसने उन्हें आज्ञा दी कि वे अपने आप को उसी इरादे से हथियारबंद करें जो मसीह ने शरीर में पीड़ित होने पर किया था।
1 Peter 4:3
अन्यजातियों ने विश्वासियों के बारे में बुरा क्यों कहा?
वे चुने हुए परदेशियों के विषय में बुरा कहते थे, क्योंकि वे कामुकता, कामवासना, मतवालेपन, पियक्कड़पन, लीलाक्रीड़ा, और अन्यजातियों की तरह दुष्ट मूर्तिपूजा में भाग नहीं लेते थे।
1 Peter 4:4
अन्यजातियों ने विश्वासियों के बारे में बुरा क्यों कहा?
वे चुने हुए परदेशियों के विषय में बुरा कहते थे, क्योंकि वे कामुकता, कामवासना, मतवालेपन, पियक्कड़पन, लीलाक्रीड़ा, और अन्यजातियों की तरह दुष्ट मूर्तिपूजा में भाग नहीं लेते थे।
1 Peter 4:5-6
परमेश्वर किसका न्याय करने के लिए तैयार है?
परमेश्वर जीवित और मृत दोनों का न्याय करने के लिए तैयार है।
1 Peter 4:7-9
Why were the believers to be of sound mind and have fervent love for one another?
उन्हें उन कामों को करना था क्योंकि सब बातों का अंत आ रहा था, और उनकी प्रार्थनाओं के कारण।
1 Peter 4:10
विश्वासियों में से प्रत्येक को एक दूसरे की सेवा करने के लिए प्राप्त उपहारों का उपयोग क्यों करना चाहिए?
उन्हें अपने उपहारों का उपयोग करना था ताकि यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर की महिमा हो सके।
1 Peter 4:11
विश्वासियों में से प्रत्येक को एक दूसरे की सेवा करने के लिए प्राप्त उपहारों का उपयोग क्यों करना चाहिए?
उन्हें अपने उपहारों का उपयोग करना था ताकि यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर की महिमा हो सके।
1 Peter 4:12
विश्वासियों को आनन्दित होने के लिए क्यों कहा गया यदि उन्होंने मसीह के दुःखों का अनुभव किया या मसीह के नाम के लिए उनका अपमान किया जाये?
क्योंकि उनका अपमान किया जायेगा तो वे धन्य होंगे।
1 Peter 4:13-14
विश्वासियों को आनन्दित होने के लिए क्यों कहा गया यदि उन्होंने मसीह के दुःखों का अनुभव किया या मसीह के नाम के लिए उनका अपमान किया जाये?
क्योंकि उनका अपमान किया जायेगा तो वे धन्य होंगे।
1 Peter 4:15-16
मसीहों को किन कामों के कारण से दोषी नहीं होना चाहिए और दण्ड भोगना चाहिए?
मसीहों को हत्यारों, चोरों, दुष्टों या उकतानेवालों के रूप में दोषी नहीं होना चाहिए।
1 Peter 4:17
अधर्मी व्यक्ति और पापी को परमेश्वर के सुसमाचार का पालन क्यों करना चाहिए?
अधर्मी व्यक्ति और पापी परमेश्वर के सुसमाचार का पालन इसलिए करना चाहिए क्योंकि उनका न्याय धर्मी लोगों के न्याय से भी अधिक कठोर होगा।
1 Peter 4:18
अधर्मी व्यक्ति और पापी को परमेश्वर के सुसमाचार का पालन क्यों करना चाहिए?
अधर्मी व्यक्ति और पापी परमेश्वर के सुसमाचार का पालन इसलिए करना चाहिए क्योंकि उनका न्याय धर्मी लोगों के न्याय से भी अधिक कठोर होगा।
1 Peter 4:19
वे लोग कैसे थे जिन्होंने परमेश्वर की इच्छा के अनुसार कार्य करने के लिए कष्ट सहे थे?
ये वे लोग थे जिन्होंने उस समय भलाई करते हुए अपनी आत्माओं को विश्वासयोग्य सृष्टिकर्ता को सौंपा था।
1 Peter 5
1 Peter 5:1
पतरस कौन था?
पतरस एक संगी प्राचीन, मसीह के कष्टों का गवाह, और उस महिमा में सहभागी था जो प्रगट होगी।
पतरस ने अपने संगी प्राचीनों को क्या करने के लिए प्रोत्साहित किया?
उसने उन्हें परमेश्वर के झुंड की देखभाल करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
1 Peter 5:2-4
पतरस ने अपने संगी प्राचीनों को क्या करने के लिए प्रोत्साहित किया?
उसने उन्हें परमेश्वर के झुंड की देखभाल करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
1 Peter 5:5
जवानों को किसके अधीन रहना था?
उन्हें प्राचीन लोगों के अधीन रहना था।
उन सभी को नम्रता रखने और एक-दूसरे की सेवा करने की ज़रूरत क्यों थी?
क्योंकि परमेश्वर नम्र लोगों पर अनुग्रह करता है, और ताकि परमेश्वर उन्हें नियत समय में ऊंचा करे।
1 Peter 5:6
उन सभी को नम्रता रखने और एक-दूसरे की सेवा करने की ज़रूरत क्यों थी?
क्योंकि परमेश्वर नम्र लोगों पर अनुग्रह करता है, और ताकि परमेश्वर उन्हें नियत समय में ऊंचा करे।
1 Peter 5:7
उन सभी को नम्रता रखने और एक-दूसरे की सेवा करने की ज़रूरत क्यों थी?
क्योंकि परमेश्वर नम्र लोगों पर अनुग्रह करता है, और ताकि परमेश्वर उन्हें नियत समय में ऊंचा करे।
1 Peter 5:8
शैतान कैसा है?
वह गरजते हुए सिंह के समान है जो इधर-उधर इस खोज में रहता है कि किस को फाड़ खाए।
लोगों को क्या करने का निर्देश दिया गया था?
उन्हें सचेत रहने, चौकस रहने, शैतान के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े रहने और अपने विश्वास में दृढ़ रहने का निर्देश दिया गया था।
1 Peter 5:9
लोगों को क्या करने का निर्देश दिया गया था?
उन्हें सचेत रहने, चौकस रहने, शैतान के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े रहने और अपने विश्वास में दृढ़ रहने का निर्देश दिया गया था।
1 Peter 5:10-11
लोगों को थोड़ी देर के लिए कष्ट सहने के बाद उनका क्या होगा?
परमेश्वर उन्हें सिद्ध करेगा, स्थापित करेगा, और मजबूत करेगा।
1 Peter 5:12
पतरस ने सिलवानुस को किसके समान माना?
पतरस सिलवानुस को एक विश्वासयोग्य भाई मानता था।
पतरस ने जो लिखा उसके बारे में क्या कहा?
उसने कहा कि उसने जो लिखा है परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है।
1 Peter 5:13
किसने विश्वासियों को नमस्कार किया और उन्होंने कैसे एक दूसरे को नमस्कार किया?
वह (बहन) जो बाबुल में थी, और विश्वास में पतरस के पुत्र मरकुस ने उन्हें नमस्कार किया; उन्होंने एक दूसरे को प्रेम के चुम्बन से नमस्कार किया।
1 Peter 5:14
किसने विश्वासियों को नमस्कार किया और कैसे एक दूसरे को नमस्कार किया?
वह (बहन) जो बाबुल में थी, और विश्वास में पतरस के पुत्र मरकुस ने उन्हें नमस्कार किया; उन्होंने एक दूसरे को प्रेम के चुम्बन से नमस्कार किया।