Acts
Acts 1
Acts 1:1-2
नये नियम की कौन सी दो पुस्तकें लूका ने लिखीं?
लूका ने लूका रचित सुसमाचार और प्रेरितों के कार्य लिखीं।
Acts 1:3
दुख उठाने के बाद यीशु ने चालीस दिन तक क्या किया?
चालीस दिन तक वह प्रेरितों को जीवित दिखाई देता रहा, और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा।
Acts 1:4
यीशु ने प्रेरितों को किस बात की बाट जोहते रहने की आज्ञा दी?
यीशु ने प्रेरितों को पिता की प्रतिज्ञा की बाट जोहते रहने की आज्ञा दी।
Acts 1:5-6
थोड़े दिनों में प्रेरितों को किससे बपतिस्मा मिलने वाला था?
प्रेरितों को पवित्र-आत्मा से बपतिस्मा मिलने वाला था।
Acts 1:7
जब प्रेरितों ने राज्य को फेर देने की बात का समय पूछा तो यीशु ने उनको किस प्रकार उत्तर दिया?
यीशु ने उनको उत्तर दिया कि उसे समयों या कालों को जानना उनका काम नहीं।
Acts 1:8
यीशु ने प्रेरितों से क्या कहा कि वे पवित्र-आत्मा से क्या पायेंगे?
यीशु ने प्रेरितों से कहा कि वे पवित्र-आत्मा से सामर्थ्य पायेंगे।
यीशु ने कहाँ तक बताया की प्रेरित उसके गवाह होंगे?
यीशु ने कहा की उसके प्रेरित यहूदिया, सामरिया और पृथ्वी की छोर तक उसके गवाह होंगे।
Acts 1:9-10
यीशु अपने प्रेरितों से किस प्रकार अलग हुआ?
यीशु को ऊपर उठा लिया गया और बादल ने उसे उनकी आँखों से छिपा लिया।
Acts 1:11-13
स्वर्गदूतों ने क्या कहा कि यीशु फिर से पृथ्वी पर कैसे आयेगा?
स्वर्गदूतों ने कहा कि यीशु उसी रीति से फिर से आयेगा जैसे वह स्वर्ग को गया है।
Acts 1:14-15
अटारी पर प्रेरित, स्त्रियाँ, मरियम और यीशु के भाई क्या कर रहे थे?
वे एक चित्त होकर प्रार्थना कर रहे थे।
Acts 1:16-17
यहूदा जिसने यीशु के साथ विश्वासघात किया, उसके जीवन से क्या बात पूरी हुई थी?
यहूदा द्वारा पवित्र-शास्त्र का लेख पूरा हुआ।
Acts 1:18-19
यीशु के साथ विश्वासघात करने के लिए रुपए पाने के बाद यहूदा का क्या हुआ?
यहूदा ने एक खेत मोल लिया, सिर के बल गिरा, उसका पेट फट गया और उसकी सब अन्तड़ियाँ बाहर निकल पड़ीं।
Acts 1:20
भजनसंहिता की पुस्तक के अनुसार यहूदा की अगुवाई के पद का क्या होना चाहिए?
भजनसंहिता में लिखा है कि यहूदा की अगुवाई का पद किसी और को ले लेना चाहिए।
Acts 1:21-23
वह व्यक्ति जो यहूदा की अगुवाई का पद लेगा उसके लिए क्या आवश्यक था?
पद लेने वाला व्यक्ति यूहन्ना के बपतिस्मा लेने के समय से प्रेरितों के साथ रहा हो और यीशु के जी उठने का गवाह रहा हो।
Acts 1:24-25
प्रेरितों ने किस प्रकार तय किया कि दो उम्मीदवारों में से किसको यहूदा का पद लेना चाहिए?
प्रेरितों ने प्रार्थना की कि परमेश्वर अपना चुनाव प्रगट करे और फिर उन्होंने चिट्ठियाँ डालीं।
Acts 1:26
फिर किसको ग्यारह प्रेरितों के साथ गिना गया?
मत्तियाह ग्यारह प्रेरितों के साथ गिना गया।
Acts 2
Acts 2:1-3
किस यहूदी पर्व के दिन सारे शिष्य (प्रेरित) इकट्ठे थे?
पिन्तेकुस्त के दिन प्रेरित इकट्ठे थे।
Acts 2:4
जब पवित्र-आत्मा घर के अन्दर उतरा तब शिष्यों ने क्या करना प्रारम्भ कर दिया?
शिष्य अन्य-अन्य भाषा बोलने लगे।
Acts 2:5
यरूशलेम में इस समय यहूदी भक्त कहाँ के थे?
यहूदी भक्त आकाश के नीचे के हर राष्ट्र से थे।
Acts 2:6-10
शिष्यों का प्रचार सुनकर भीड़ क्यों विस्मित हो गई थी?
भीड़ विस्मित हो गई थी क्योंकि हर एक उन्हें अपनी भाषा में बोलते हुए सुनाई दे रहा था।
Acts 2:11-12
मार्ग में शिष्य क्या चर्चा कर रहे थे?
शिष्य परमेश्वर के बड़े-बड़े कार्यों के बारे में चर्चा कर रहे थे।
Acts 2:13-15
कुछ जो शिष्यों का ठट्ठा कर रहे थे, उन्होंने क्या सोचा?
जो शिष्यों का ठठ्ठा कर रहे थे, उन्होंने सोचा कि वे नई मदिरा के नशे में हैं।
Acts 2:16-20
पतरस ने क्या कहा कि इस समय क्या बात पूरी हो रही है?
पतरस ने कहा कि योएल की भविष्यद्वाणी पूरी हो रही थी, क्योंकि परमेश्वर ने कहा था कि वह अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उण्डेलेगा।
Acts 2:21
योएल की भविष्यद्वाणी के अनुसार उद्धार पानेवाला कौन हैं?
योएल की भविष्यद्वाणी के अनुसार हर एक जो प्रभु का नाम लेता है, उद्धार पाया हुआ है।
Acts 2:22
यीशु की सेवकाई किस प्रकार परमेश्वर ने कैसे प्रमाणित की?
यीशु की सेवकाई का प्रमाण सामर्थ्य के कामों और आश्चर्य के कर्मों और चिन्हों से प्रगट है जो परमेश्वर ने उसके द्वारा किये।
Acts 2:23-24
यह किसकी योजना थी कि यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाए?
परमेश्वर की निर्धारित योजना के अनुसार ही यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था।
Acts 2:25-29
पुराने नियम की पुस्तक में राजा दाऊद ने परमेश्वर के पवित्र जन के बारे में क्या भविष्यद्वाणी की?
राजा दाऊद ने भविष्यवाणी की कि परमेश्वर अपने पवित्र जन का नाश नहीं होने देगा।
Acts 2:30-31
परमेश्वर ने राजा दाऊद से उसके वंश के बारे में क्या शपथ खाई?
परमेश्वर ने राजा दाऊद से शपथ खाई कि उसके वंश में से एक सिंहासन पर बैठेगा।
Acts 2:32-35
??
परमेश्वर का वह पवित्र जन कौन था जिसने नाश नहीं देखा और जिसके लिए सिंहासन पर बैठने की भविष्यवाणी की गई?यीशु वह पवित्र जन था जिसके लिए भविष्यद्वाणी की गई थी कि वह राजा होगा।
Acts 2:36
पतरस ने परमेश्वर द्वारा यीशु को दी गई किन दो उपाधियों का प्रचार किया?
परमेश्वर ने यीशु को प्रभु और मसीह दोनों बताया।
Acts 2:37
जब भीड़ ने पतरस का प्रचार सुना तो उस पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
भीड़ ने पूछा कि वे क्या करें।
Acts 2:38
पतरस ने भीड़ को क्या करने को कहा?
पतरस ने भीड़ से मन फिराने और अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेने को कहा।
Acts 2:39-40
पतरस ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा किसके लिए बताई?
पतरस ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा भीड़, उनकी सन्तानों और सब दूर-दूर के लोगों के लिए बताई।
Acts 2:41
उस दिन कितने लोगों को बपतिस्मा दिया गया?
करीब तीन हजार लोगों को बपतिस्मा दिया गया।
Acts 2:42-43
बपतिस्मा पाये लोग किस बात में लौलीन रहे?
वे प्रेरितों से शिक्षा पाने और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।
Acts 2:44-45
वे जिन्होंने विश्वास किया उन्होंने जरूरतमन्दों की सहायता किस प्रकार की?
उन्होंने अपनी-अपनी सम्पत्ति और सामान बेचा और जैसी जिसको आवश्यकता होती थी, उनको बाँट दी।
Acts 2:46
इस समय विश्वासी कहाँ इकट्ठे हो रहे थे?
विश्वासी मन्दिर में जा रहे थे।
Acts 2:47
विश्वासियों के समूह में कौन किसको प्रतिदिन मिलाता जाता था?
प्रभु उद्धार पाये हुए लोगों को प्रतिदिन उनमें मिला देता था।
Acts 3
Acts 3:2-5
मन्दिर के रास्ते पर मन्दिर जाते हुए पतरस और यूहन्ना ने किसको देखा?
पतरस और यूहन्ना ने मंदिर के द्वार पर एक जन्म के लंगड़े को उनसे भीख माँगते देखा।
Acts 3:6-7
पतरस ने उस आदमी को क्या नहीं दिया?
पतरस ने उस आदमी को चाँदी और सोना नहीं दिया।
पतरस ने उस आदमी को क्या दिया?
पतरस ने उस आदमी को चलने-फिरने की सामर्थ्य दी।
Acts 3:8-9
जो कुछ पतरस ने उस आदमी को दिया, उसके प्रति उस आदमी को क्या प्रतिक्रिया हुई?
वह मन्दिर में चलते, कूदते और परमेश्वर की स्तुति करते हुए गया।
Acts 3:10-12
उन लोगों की क्या प्रतिक्रिया हुई, जिन्होंने उस आदमी को मन्दिर में देखा?
लोग बहुत चकित और अचम्भित हुए।
Acts 3:13-15
पतरस ने लोगों को क्या याद दिलाया कि उन्होंने यीशु के साथ क्या किया?
पतरस ने लोगों को याद दिलाया कि उन्होंने यीशु को पीलातुस के लिए पकड़वा दिया, उसका इन्कार किया और उसको मार डाला।
Acts 3:16-18
पतरस ने क्या कहा कि उस आदमी को किसने अच्छा किया?
पतरस ने कहा कि यीशु के नाम में उस आदमी के विश्वास ने उसको भला-चंगा कर दिया।
Acts 3:19-20
पतरस ने लोगों को क्या करने को कहा?
पतरस ने लोगों को मन फिराने के लिए कहा।
Acts 3:21
पतरस ने कहा कि किस समय तक यीशु स्वर्ग में रहे?
पतरस ने कहा कि वह स्वर्ग में उस समय तक रहे जब तक कि सब बातों का सुधार न कर ले।
Acts 3:22
मूसा ने यीशु के बारे में क्या कहा?
मूसा ने कहा कि प्रभु परमेश्वर उस जैसा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा, जिसको लोग सुनेंगे।
Acts 3:23-24
जो मनुष्य यीशु की न सुने उसके साथ क्या किया जाएगा?
जो मनुष्य यीशु की न सुने वह पूर्ण रूप से नाश किया जाएगा।
Acts 3:25
पुराने नियम की किस वाचा की बात पतरस ने लोगों को याद दिलाई?
पतरस ने लोगों को याद दिलाया कि वे भविष्यद्वक्ताओं की सन्तान और उस वाचा के भागी हैं जिसे परमेश्वर ने अब्राहम से बाँधा जब परमेश्वर ने कहा, "तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे घराने आशीष पाएंगे।"
Acts 3:26
परमेश्वर ने किस प्रकार यहूदियों को आशीष देना चाहा?
परमेश्वर ने यहूदियों को आशीष देने की चाहत पहले यीशु को उनके पास भेजकर की ताकि वे अपनी बुराइयों से फिरें।
Acts 4
Acts 4:2
पतरस और यूहन्ना मंदिर में लोगों को क्या शिक्षा दे रहे थे?
पतरस और यूहन्ना यीशु और उसके मरे हुओं में से जी उठने के बारे में शिक्षा दे रहे थे।
Acts 4:3
मंदिर के याजकों, पुरनियों और शास्त्रियों पर पतरस और यूहन्ना की शिक्षा का क्या असर हुआ?
उन्होंने पतरस और यूहन्ना को गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया।
Acts 4:4-8
लोगों पर पतरस और यूहन्ना की शिक्षा का क्या असर हुआ?
करीब पाँच हजार (बहुत से) लोगों ने विश्वास किया।
Acts 4:9
फिलिप्पुस सुसमाचार प्रचारक के विषय में हम क्या जानते हैं?
फिलिप्पुस की चार कुंवारी पुत्रियाँ थीं जो भविष्यद्वाणी करतीं थीं।
Acts 4:10-11
पतरस ने क्या कहा कि मन्दिर में उस मनुष्य को उसने किस सामर्थ्य या नाम से चंगा किया?
पतरस ने उत्तर दिया कि उसने यीशु मसीह के नाम से उस मनुष्य को मन्दिर में चंगा किया।
Acts 4:12-13
पतरस ने क्या कहा कि कौन सा एक अकेला तरीका है जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकते हैं?
पतरस ने कहा कि यीशु के अलावा और कोई दूसरा नाम नहीं, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें।
Acts 4:14-17
पतरस और यूहन्ना के खिलाफ यहूदी अगुवे कुछ क्यों न कह सके?
अगुवे कुछ न कह सके क्योंकि जिस मनुष्य को चंगा किया गया था, वह पतरस और यूहन्ना के साथ खड़ा था।
Acts 4:18-19
यहूदी अगुवे ने पतरस और यूहन्ना को क्या न करने की चेतावनी दी?
यहूदी अगुवे ने पतरस और यूहन्ना को चेतावनी दी कि यीशु के विषय में न बोलें और न सिखलाएं।
Acts 4:20-28
पतरस और यूहन्ना ने यहूदी अगुवों को किस प्रकार उत्तर दिया?
पतरस और यूहन्ना ने उत्तर दिया कि यह तो उनसे हो नहीं सकता कि जो बातें उन्होंने सुनी और देखी है, वह न कहें।
Acts 4:29-30
विश्वासियों को यहूदी अगुवों की चेतावनी से जो प्रतिक्रिया हुई उसके लिए परमेश्वर से क्या माँगा?
विश्वासियों ने मांगा कि वे यीशु के नाम में बड़े हियाव से वचन को सुना सकें, और चिन्ह और अद्भुत काम कर सकें।
Acts 4:31
जब विश्वासी अपनी प्रार्थना कर चुके तो क्या हुआ?
जब विश्वासी अपनी प्रार्थना समाप्त कर चुके तो वह स्थान जहाँ वे इकट्ठे थे हिल गया, वे सब पवित्र-आत्मा से भर गए और परमेश्वर का वचन हियाव से सुनाते रहे।
Acts 4:32-35
विश्वासियों की आवश्यकताएं कैसे पूरी होती थीं?
विश्वासियों का सब कुछ साझे का था, और जिनके पास सम्पत्ति थी उन्होंने उसे बेचा और उसका दाम लाकर प्रेरितों को दे दिया ताकि आवश्यकता के अनुसार उसे बाँट दिया जाए।
Acts 4:36-37
वह मनुष्य जिसने अपनी भूमि बेच दी और रुपया प्रेरितों को दे दिया उसको नया नाम क्या दिया गया जिसका अर्थ है "शांति का पुत्र"?
बरनबास नामक व्यक्ति का अर्थ है "शान्ति का पुत्र" ।
Acts 5
Acts 5:1-2
हनन्याह और सफीरा ने क्या पाप किया?
हनन्याह और सफीरा ने यह कहकर झूठ बोला कि वे अपनी सम्पत्ति को बेचकर पूरा दाम दे रहे थे जबकि उन्होंने उसके दाम का एक ही भाग दिया।
Acts 5:3-4
पतरस ने पूछा हनन्याह और सफीरा ने किससे झूठ बोला?
पतरस ने बताया कि हनन्याह और सफीरा ने पवित्र-आत्मा से झूठ बोला।
Acts 5:5-10
परमेश्वर ने हनन्याह और सफीरा का क्या न्याय किया?
परमेश्वर ने हनन्याह और सफीरा दोनों को मार दिया।
Acts 5:11-14
कलीसिया और उन सबने जिसने हनन्याह और सफीरा के बारे में सुना, उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?
कलीसिया में हनन्याह और सफीरा के बारे में सुनने वालों पर बड़ा भय छा गया।
Acts 5:15-16
कुछ लोग बीमार को चंगाई दिलवाने के लिए क्या कर रहे थे?
कुछ लोग बीमारों को सड़कों पर ले जा रहे थे, ताकि पतरस की छाया ही उन पर पड़ जाए, और दूसरे लोग दूसरे शहरों से यरूशलेम में बीमारों को ला रहे थे।
Acts 5:17-18
यरूशलेम में बीमार चंगाई पा रहे थे, इसके प्रति सदूकियों की क्या प्रतिक्रिया थी?
सब सदूकी डाह से भर उठे और प्रेरितों को बन्दीगृह में बन्द कर दिया।
Acts 5:19-22
किस प्रकार से सब प्रेरित बन्दीगृह से बाहर निकले?
एक स्वर्गदूत आया और उसने बन्दीगृह के द्वार खोलकर उन्हें बाहर निकाला।
Acts 5:23-25
जब महायाजकों के प्यादे बन्दीगृह गये तो उन्होंने क्या पाया?
प्यादों में उन्हें बन्दीगृह में न पाया जबकि बन्दीगृह बड़ी चौकसी से बन्द किया गया था और पहरेदार द्वारों पर खड़े हुए थे।
Acts 5:26-28
प्यादे क्यों प्रेरितों को महायाजकों के पास ले आए किन्तु बलपूर्वक नहीं?
प्यादे डरते थे कि कहीं लोग उन्हें पत्थरवाह न करें।
Acts 5:29
प्रेरितों ने क्या कहा जब उनसे पूछा गया कि वे क्यों चेतावनी दिये जाने पर भी यीशु नाम से उपदेश दे रहे थे?
प्रेरितों ने उत्तर दिया, "हमें मनुष्यों की आज्ञा से बढ़कर परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिए।"
Acts 5:30-32
प्रेरितों ने किसे यीशु को मार डालने का उत्तरदायी ठहराया?
प्रेरितों ने उत्तर दिया कि महायाजक और महासभा के सदस्य यीशु को मार डालने के उत्तरदायी थे।
Acts 5:33-37
महासभा के सदस्यों पर इस कथन का कि वे यीशु को मार डालने के उत्तरदायी थे, क्या प्रतिक्रिया हुई?
महासभा के सदस्य यह सुनकर जल गये और उन्हें मार डालना चाहा।
Acts 5:38
गमलीएल ने महासभा को क्या सलाह दी?
गमलीएल ने महासभा को प्रेरितों को अकेला छोड़ देने की सलाह दी।
Acts 5:39
गमलीएल ने महासभा को क्या चेतावनी दी कि उन्हें प्रेरितों को उखाड़ फेंकने की कोशिश समाप्त करनी होगी?
गमलीएल ने महासभा को चेतावनी दी कि वे परमेश्वर से लड़ाई करना छोड़ दें।
Acts 5:40
उसके स्वामी ने उसके साथ क्या किया?
महासभा ने प्रेरितों को पीटा और उन्हें यीशु के नाम से बातें न करने की आज्ञा देकर जाने दिया।
Acts 5:41
प्रेरितों पर महासभा से प्राप्त बर्ताव की क्या प्रतिक्रिया हुई?
प्रेरित इस बात से आनन्दित हुए कि वे यीशु के नाम के लिए निरादर के योग्य ठहरे।
Acts 5:42
महासभा से मिलने के बाद प्रेरितों ने प्रतिदिन क्या किया?
प्रेरितों ने प्रतिदिन उपदेश दिया और सुसमाचार सुनाया कि यीशु ही मसीह है।
Acts 6
Acts 6:1-2
इब्रानियों के विरोध में यूनानी भाषा बोलने वालों ने क्या कुड़कुड़ाया?
यूनानी भाषा बोलने वालों ने शिकायत की कि दैनिक भोजन वितरण में उनकी विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती।
Acts 6:3
किसने सात मनुष्यों को खिलाने-पिलाने की सेवा के लिए चुना?
चेलों (विश्वासियों) ने सात मनुष्य इस काम के लिए चुने।
इन सात मनुष्यों के चुने जाने के लिए इनकी क्या विशेषताएं थीं?
इन सात मनुष्यों को सुनाम वाला, पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण होना था।
Acts 6:4-5
प्रेरित किस कार्य में लगे रहे?
प्रेरित प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहे।
Acts 6:6
जब विश्वासी उन सात मनुष्यों को लाए तो प्रेरितों ने क्या किया?
प्रेरितों ने प्रार्थना की और उनके सिर पर हाथ रखे।
Acts 6:7-9
यरूशलेम में चेलों के साथ क्या हो रहा था?
यरूशलेम में चेलों की गिनती याजकों समेत बहुत बढ़ती गई।
Acts 6:10-13
अविश्वासी यहूदियों और स्तिफनुस के वाद-विवाद में कौन जीत रहा था?
अविश्वासी यहूदी उस ज्ञान और आत्मा से जिससे स्तिफनुस बातें करता था, सामना न कर सके।
Acts 6:14
झूठे गवाहों द्वारा स्तिफनुस पर क्या दोष लगाए गए?
झूठे गवाहों ने दावा किया कि स्तिफनुस ने कहा कि यीशु नासरी इस जगह को ढा देगा और मूसा की रीतियों को बदल डालेगा।
Acts 6:15
जब सब लोगों ने जो सभा में बैठे थे, स्तिफनुस की ओर ताका तो उन्होंने क्या देखा?
उन्होंने उसका मुखड़ा एक स्वर्गदूत का सा देखा।
Acts 7
Acts 7:2-4
स्तिफनुस ने यहूदी लोगों के इतिहास के बारे में समीक्षा करते हुए प्रारम्भ में परमेश्वर की जो प्रतिज्ञा बताई वह किससे की गई थी?
स्तिफनुस ने अपना इतिहास परमेश्वर के अब्राहम को दिए गए वायदे से प्रारम्भ करते हुए बताना शुरु किया।
Acts 7:5
परमेश्वर की अब्राहम से क्या प्रतिज्ञा थी?
परमेश्वर ने अब्राहम और उसके बाद उसके वंश को वह देश देने की प्रतिज्ञा की थी।
परमेश्वर की अब्राहम को दी गई प्रतिज्ञा पूरी होने में असम्भव क्यों लगती थी?
परमेश्वर की प्रतिज्ञा असम्भव इसलिए लगती थी, क्योंकि अब्राहम के पास कोई सन्तान न थी।
Acts 7:6-7
परमेश्वर ने क्या कहा कि, पहले अब्राहम के वंशजों के साथ चार सौ वर्ष तक क्या होगा?
परमेश्वर ने कहा अब्राहम के वंशज पराये देश में चार सौ वर्ष तक दास रहेंगे।
Acts 7:8
परमेश्वर ने अब्राहम से क्या वाचा बाँधी?
परमेश्वर ने अब्राहम से खतने की वाचा बाँधी।
Acts 7:9
यूसुफ किस प्रकार मिस्र में एक दास बन गया?
उसके भाई उससे डाह करते थे और उसके मिस्र देश जाने वालों के हाथ बेच दिया।
Acts 7:10-11
यूसुफ किस प्रकार मिस्र देश पर हाकिम ठहराया गया?
परमेश्वर ने फिरौन को अनुग्रह और बुद्धि दी और उसने यूसुफ को मिस्र देश पर हाकिम ठहरा दिया।
Acts 7:12-13
जब कनान में अकाल पड़ा तो याकूब ने क्या किया?
याकूब ने अपने पुत्रों को मिस्र में भेजा क्योंकि उसने सुना कि वहाँ अनाज था।
Acts 7:14-16
याकूब और उसके कुटुम्बी मिस्र को क्यों चले गए?
यूसुफ ने अपने भाइयों द्वारा याकूब को मिस्र आने के लिए कहला भेजा था।
Acts 7:17-18
जब उस प्रतिज्ञा के पूरे होने का समय निकट आ गया जो परमेश्वर ने अब्राहम से की थी, तो मिस्र में इस्राएलियों की संख्या को क्या हुआ?
मिस्र में इस्राएलियों की संख्या बढ़ गयी और वे बहुत हो गये।
Acts 7:19-20
मिस्र के नये राजा ने किस प्रकार इस्राएलियों की संख्या को कम किया?
मिस्र के नये राजा ने इस्राएलियों को अपने नवजात शिशुओं को फेंक देने की जबरदस्ती की ताकि वे जीवित न रहें।
Acts 7:21
फेंक दिये जाने पर मूसा कैसे जीवित रहा?
फिरौन की बेटी ने उसे उठा लिया और अपने बेटे की तरह उसे पाला।
Acts 7:22-23
मूसा की पढ़ाई कैसे हुई?
मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ाई गई।
Acts 7:24-28
जब मूसा चालीस वर्ष का हुआ तो उसने एक इस्राएली पर अन्याय होता देखकर क्या किया?
मूसा ने इस्राएली को बचाया और मिस्री को मार दिया।
Acts 7:29
मूसा भागकर कहाँ गया था?
मूसा वहां से भाग कर मिद्यान देश को चला गया।
Acts 7:30-33
अब मूसा अस्सी वर्ष का हुआ, तो उसने क्या देखा?
मूसा ने जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में एक स्वर्गदूत को देखा।
Acts 7:34-35
प्रभु ने मूसा को कहाँ जाने की आज्ञा दी और वहाँ परमेश्वर क्या करने जा रहा था?
परमेश्वर ने मूसा को मिस्र जाने की आज्ञा दी क्योंकि परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने जा रहा था।
Acts 7:36
मूसा ने जंगल में इस्राएलियों की कब तक अगुवाई की?
मूसा ने जंगल में इस्राएलियों की अगुवाई चालीस वर्ष तक की।
Acts 7:37-40
मूसा ने इस्राएलियों से क्या भविष्यवाणी की?
मूसा ने इस्राएलियों से भविष्यद्वाणी की कि ‘परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिए मुझसा भविष्यद्वक्ता उठाएगा।
Acts 7:41
किस प्रकार इस्राएलियों ने अपना मन वापिस मिस्र की ओर लगाया?
इस्राएलियों ने एक बछड़ा बनाया और उसकी मूरत के आगे बलि चढ़ाया।
Acts 7:42
परमेश्वर ने उन इस्राएलियों से कैसी प्रतिक्रिया दिखाई जो उससे मुँह मोड़कर चले गए थे?
परमेश्वर ने उनसे मुँह मोड़ लिया और उन्हें छोड़ दिया कि आकाशगण पूजें।
Acts 7:43
परमेश्वर ने इस्राएलियों को कहाँ ले जाकर बसाने के लिए कहा?
परमेश्वर ने इस्राएलियों को बाबुल के परे ले जाकर बसाने के लिए कहा।
Acts 7:44
परमेश्वर ने इस्राएलियों को जंगल में क्या बनाने को कहा जिसे वे बाद में अपने साथ इस देश में ले गए?
इस्राएलियों ने जंगल में साक्षी का तंबू बनाया।
Acts 7:45
किसने अन्य जातियों को इस्राएलियों से पहले निकाल दिया?
परमेश्वर ने अन्य जातियों को इस्राएलियों के साम्हने से निकाल दिया।
Acts 7:46-48
किसने परमेश्वर के लिए निवास स्थान बनाने को कहा और किसने सचमुच में परमेश्वर के लिए घर बनाया?
दाऊद ने परमेश्वर के लिए निवास-स्थान बनाने को कहा और सुलैमान ने परमेश्वर के लिए एक घर बनाया।
Acts 7:49-50
परम प्रधान का सिंहासन कहाँ है?
परम-प्रधान का सिंहासन स्वर्ग है।
Acts 7:51
स्तिफनुस ने लोगों पर अपने बाप-दादाओं की तरह किस बात को सदा करते रहने का आरोप लगाया?
स्तिफनुस ने लोगों पर पवित्र-आत्मा का विरोध करने का आरोप लगाया।
Acts 7:52-53
स्तिफनुस ने लोगों को धर्मी जन के बारे में क्या दोषी ठहराया?
स्तिफनुस ने लोगों से कहा कि उन्होंने उस धर्मी जन के साथ विश्वासघात करके पकड़वा दिया और मार डाला।
Acts 7:54
स्तिफनुस के दोषारोपण पर महासभा के सदस्यों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
महासभा के सदस्य जल गये और स्तिफनुस पर दाँत पीसने लगे।
Acts 7:55-56
स्तिफनुस ने क्या कहा कि उसने स्वर्ग की ओर देखने पर क्या देखा?
स्तिफनुस ने कहा कि उसने यीशु को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़ा हुआ देखा।
Acts 7:57
तब महासभा के सदस्यों ने स्तिफनुस को क्या किया?
महासभा के सदस्य एक चित्त होकर उस पर झपटे, और उसे नगर से बाहर निकालकर पत्थरवाह करने लगे।
Acts 7:58-59
गवाहों ने स्तिफनुस को पत्थरवाह किये जाते समय अपने बाहरी कपड़े कहाँ रख दिए?
गवाहों ने अपने बाहरी कपड़े शाऊल नामक एक जवान के पाँव के पास रख दिए।
Acts 7:60
मरने से पहले स्तिुफनुस ने आखिरी माँग क्या की?
स्तिफनुस ने परमेश्वर से कहा कि यह पाप उन पर मत लगा।
Acts 8
Acts 8:1-5
शाऊल ने स्तिफनुस के पत्थरवाह किये जाने के बारे में क्या सोचा?
शाऊल स्तिफनुस के वध से सहमत था।
स्तिफनुस के पत्थरवाह किये जाने के दिन क्या होने लगा?
जिस दिन स्तिफनुस को पत्थरवाह किया गया उस दिन यरूशलेम की कलीसिया पर बड़ा उपद्रव होने लगा।
यरूशलेम में विश्वासियों ने क्या किया?
यरूशलेम में विश्वासी यहूदिया और सामरिया देशों में तितर-बितर हो गये और सुसमाचार सुनाते हुए फिरे।
Acts 8:6-8
फिलिप्पुस ने जो कुछ कहा उस पर सामरिया के लोगों ने एक चित्त होकर मन क्यों लगाया?
जब चेलों ने फिलिप्पुस द्वारा किए गए चिन्हों को देखा तो लोगों ने एक चित्त होकर मन लगाया।
Acts 8:9-12
सामरिया के लोगों ने शमौन पर एक चित्त होकर मन क्यों लगाया?
जब उन्होंने उसका जादू-टोना देखा तो एक चित्त होकर मन लगाया।
Acts 8:13-16
जब शमौन ने फिलिप्पुस का सुसमाचार सुना तो उसने क्या किया?
शमौन ने भी विश्वास किया और बपतिस्मा लिया।
Acts 8:17
जब पतरस और यूहन्ना ने सामरिया में विश्वासियों पर अपने हाथ रखे तब क्या हुआ?
सामरिया में विश्वासियों ने पवित्र-आत्मा पाया।
Acts 8:18-22
शमौन ने प्रेरितों को क्या दिया?
शमौन ने प्रेरितों को रुपए दिए ताकि उसके बदले में उसको हाथ रखकर पवित्र-आत्मा देने का वरदान मिले।
Acts 8:23-25
जब शमौन ने प्रेरितों को रुपए दिए तो पतरस ने उसकी आत्मिक-दशा के बारे में क्या कहा?
पतरस ने कहा कि शमौन पित्त की सी कड़वाहट और अधर्म के बन्धन में पड़ा है।
Acts 8:26
एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस को क्या करने को कहा?
एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस को दक्षिण की ओर रेगिस्तानी मार्ग पर जाने को कहा जो गाजा को जाता है।
Acts 8:27-29
फिलिप्पुस किससे मिला और वह मनुष्य क्या कर रहा था?
फिलिप्पुस कूश देश से अपने रथ पर बैठकर और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़कर आते हुए एक महान अधिकारी खोजा से मिला।
Acts 8:30
फिलिप्पुस ने उस मनुष्य से क्या प्रश्न पूछा?
फिलिप्पुस ने उस मनुष्य से पूछा, "तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?"
Acts 8:31
उस मनुष्य ने फिलिप्पुस को क्या करने को कहा?
उस मनुष्य ने फिलिप्पुस को रथ में आकर वह समझाने को कहा जो वह पढ़ रहा था।
Acts 8:32-33
पवित्रशास्त्र से यशायाह पुस्तक के अध्याय से पढ़े जा रहे अध्याय में जिस मनुष्य का वर्णन हो रहा था, उसको क्या होता है?
वह मनुष्य भेड़ के समान वध होने को पहुंचाया जाता है, किन्तु अपना मुंह नहीं खोलता।
Acts 8:34
धर्मशास्त्र से वह जो पढ़ रहा था उसके विषय में उस मनुष्य ने फिलिप्पुस से क्या प्रश्न पूछा?
उस मनुष्य ने फिलिप्पुस से पूछा कि क्या वह भविष्यद्वक्ता अपने विषय में कह रहा है या किसी दूसरे मनुष्य के विषय में।
Acts 8:35-37
फिलिप्पुस क्या बताता है कि धर्मशास्त्र के यशायाह अध्याय में वह मनुष्य कौन था?
फिलिप्पुस ने समझाया कि धर्मशास्त्र के यशायाह में वह मनुष्य यीशु था।
Acts 8:38
तब फिलिप्पुस ने उस मनुष्य को क्या किया?
फिलिप्पुस और खोजा दोनों पानी में उतरे और फिलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया।
Acts 8:39-40
फिलिप्पुस को क्या हुआ जब वह पानी से बाहर निकला?
जब फिलिप्पुस पानी से बाहर आया तो प्रभु का आत्मा फिलिप्पुस को उठा ले गया।
खोजा ने क्या किया जब वह पानी से बाहर आया?
जब खोजा पानी से बाहर आया तो वह आनन्द करते हुए अपने मार्ग पर चला गया।
Acts 9
Acts 9:1-2
शाऊल ने यरूशलेम में महायाजक से क्या करने की आज्ञा माँगी?
शाऊल ने महायाजक से दमिश्क आराधनालयों के नाम पर चिट्ठियाँ माँगी ताकि वह दमिश्क की यात्रा से इस पंथ के प्रत्येक को बाँधकर ला सके।
Acts 9:3
जब शाऊल दमिश्क के पास पहुँचा, उसने क्या देखा?
जब शाऊल दमिश्क के पास पहुँचा, उसने आकाश से अपने चारों ओर ज्योति चमकते हुए देखी।
Acts 9:4
आवाज ने शाऊल से क्या कहा?
आवाज ने शाऊल से कहा, "हे शाऊल, हे शाऊल तू मुझे क्यों सताता है? "
Acts 9:5-7
जब शाऊल ने पूछा, उससे कौन बोल रहा है, तो क्या उत्तर था?
उत्तर था, "मैं यीशु हूँ; जिसे तू सताता है।"
Acts 9:8
जब शाऊल भूमि पर से उठा तो उसे क्या हुआ?
जब शाऊल भूमि पर से उठा तो उसे कुछ दिखाई न दिया।
Acts 9:9-10
तब शाऊल कहाँ गया और उसने क्या किया?
तब शाऊल दमिश्क को गया और तीन दिन तक न खाया न पिया।
Acts 9:11-12
प्रभु ने हनन्याह से क्या करने को कहा?
प्रभु ने हनन्याह से कहा, जा और शाऊल पर हाथ रख ताकि शाऊल फिर से दृष्टि पाए।
Acts 9:13-14
प्रभु के लिए हनन्याह ने क्या परवाह दिखाई?
हनन्याह को परवाह थी, कि शाऊल दमिश्क में उन सबको बाँधकर ले जाने आया है, जो प्रभु का नाम लेते हैं।
Acts 9:15
प्रभु के पास शाऊल के लिए कौन सा विशेष कार्य था, जिसके लिए उसने कहा कि वह उसका चुना हुआ पात्र है?
प्रभु ने कहा कि शाऊल उसके नाम को अन्य जातियों, राजाओं और इस्राएलियों के सामने प्रगट करने के लिए उसका चुना हुआ पात्र है।
Acts 9:16-18
क्या प्रभु ने कहा शाऊल का विशेष कार्य आसान या कठिन होगा?
प्रभु ने कहा कि शाऊल को उसके नाम के खातिर बहुत दुख उठाना पढ़ेगा।
Acts 9:19
शाऊल के ऊपर हनन्याह के हाथ रखने के बाद क्या हुआ?
शाऊल के ऊपर हनन्याह के हाथ रखने के बाद शाऊल ने दृष्टि पायी, बपतिस्मा लिया और खाया।
Acts 9:20-24
शाऊल ने तुरन्त क्या करना प्रारम्भ कर दिया?
शाऊल ने तुरन्त आराधनालयों में यह प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है।
Acts 9:25
जब यहूदियों ने आखिरकार शाऊल को मारने की योजना बनाई तो उसने क्या किया?
जब यहूदियों ने शाऊल को मार डालने की योजना बनाई तो वह भाग निकला। उसको एक टोकरे में उसके चेलों ने बैठाकर शहरपनाह पर से लटकाकर उसे उतार दिया।
Acts 9:26
जब शाऊल यरूशलेम आया तो शिष्य उससे कैसे मिले?
यरूशलेम में शिष्य उससे डरते थे।
Acts 9:27-28
तब कौन शाऊल को प्रेरितों के पास लाया और समझाया कि दमिश्क में उसके साथ क्या हुआ?
तब बरनबास शाऊल को प्रेरितों के पास लाया और समझाया कि दमिश्क में उसके साथ क्या हुआ।
Acts 9:29-30
शाऊल ने यरूशलेम में क्या किया?
शाऊल ने निधड़क होकर यीशु के नाम का प्रचार किया।
Acts 9:31-32
जब शाऊल को तरसुस भेज दिया गया तो यहूदिया, गलील और सामरिया में कलीसिया की दशा कैसी थी?
यहूदिया, गलील और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, उसकी बढ़ोत्तरी होती गई और संख्या बढ़ती गई।
Acts 9:33-35
लुद्दा में ऐसा क्या हुआ कि वहाँ के सब लोग प्रभु की ओर फिरे?
लुद्दा में पतरस ने एक लकवे के मारे हुए मनुष्य से बात की जिसे यीशु ने चंगा किया था।
Acts 9:36-43
याफा में क्या हुआ कि बहुत से लोग प्रभु की ओर फिरे?
पतरस ने याफा में तबीता नाम की मरी हुई स्त्री के लिए प्रार्थना की और उसे जिंदा कर दिया।
Acts 10
Acts 10:2-3
कुरनेलियुस किस प्रकार का व्यक्ति था?
कुरनेलियुस धर्मी और परमेश्वर से डरने वाला, दयावान और सदैव परमेश्वर से प्रार्थना करने वाला व्यक्ति था।
Acts 10:4
स्वर्गदूत ने क्या कहा कि परमेश्वर ने कुरनेलियुस को याद किया?
स्वर्गदूत ने कहा कि कुरनेलियुस की प्रार्थनाओं और निर्धनों को दिये गये दानों ने परमेश्वर को कुरनेलियुस का स्मरण कराया।
Acts 10:5-10
स्वर्गदूत ने कुरनेलियुस को क्या करने को कहा?
स्वर्गदूत ने कुरनेलियुस से पतरस को याफा से लाने के लिए आदमी भेजने को कहा।
Acts 10:11-12
दूसरे दिन जब पतरस छत पर प्रार्थना कर रहा था, तो उसने क्या देखा?
पतरस ने एक बहुत बड़ी चादर सब प्रकार के चौपायों, रेंगने वाले जन्तुओं और आकाश के पक्षियों से भरी हुई देखी।
Acts 10:13
जब पतरस ने वह दर्शन देखा, तो उसे क्या आवाज सुनाई दी?
आवाज ने पतरस से कहा, "हे पतरस उठ, मार और खा।"
Acts 10:14
पतरस की आवाज के प्रति क्या प्रतिक्रिया थी?
पतरस ने यह कहकर खाने से मना किया कि उसने कभी कोई अशुद्ध और अपवित्र वस्तु नहीं खाई है।
Acts 10:15-19
इसके बाद आवाज ने पतरस से क्या कहा?
आवाज ने कहा, "जो कुछ परमेश्वर ने शुद्ध ठहराया है, उसे तू अशुद्ध मत कर।"
Acts 10:20-21
जब कुरनेलियुस के भेजे हुए मनुष्य घर पर पहुंचे तो आत्मा ने पतरस से क्या कहा?
पतरस से आत्मा ने नीचे जाने और भेजे हुए मनुष्यों के साथ हो लेने को कहा।
Acts 10:22-25
कुरनेलियुस के पास से आए हुए मनुष्यों ने पतरस को कुरनेलियुस के घर आकर क्या करने की उम्मीद की?
कुरनेलियुस के पास से आए हुए मनुष्यों ने कुरनेलियुस के घर आकर पतरस से वचन सुनाने की उम्मीद की।
Acts 10:26-27
जब कुरनेलियुस ने पतरस के पाँवों पर गिरकर उसे प्रणाम किया तो पतरस ने क्या कहा?
पतरस ने कुरनेलियुस को खड़ा होने को कहा क्योंकि वह एक मनुष्य ही था।
Acts 10:28-34
पतरस क्या कर रहा था जिसे पूर्वकाल में यहूदियों को करने की आज्ञा न थी और अब वह उसको क्यों कर रहा था?
पतरस अन्य जाति के लोगों से संगति कर रहा था क्योंकि परमेश्वर ने उसे बताया था कि किसी मनुष्य को अपवित्र या अशुद्ध न कहे।
Acts 10:35-37
पतरस ने किसके लिए कहा कि वह परमेश्वर को स्वीकृत है?
पतरस ने कहा कोई भी जो परमेश्वर से डरता और धार्मिक कार्य करता है, वह परमेश्वर को स्वीकृत है।
Acts 10:38-39
कुरनेलियुस के घर आये हुए लोगों ने यीशु के बारे में कौन सा संदेश पहले ही सुन रखा था?
लोगों ने पहले ही सुन रखा था कि यीशु का पवित्र-आत्मा और सामर्थ्य से अभिषेक हुआ था और उसने उन सबको चंगा किया था जो सताए हुए थे, क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।
Acts 10:40-41
पतरस ने किस बात की गवाही दी की कि यीशु के साथ उसकी मृत्यु के बाद क्या हुआ और पतरस इस बात को कैसे जानता था?
पतरस ने गवाही दी कि परमेश्वर ने यीशु को तीसरे दिन जिलाया और पतरस ने उसके जी उठने के बाद उसके साथ खाया।
Acts 10:42
पतरस ने क्या कहा कि यीशु ने उनको लोगों को प्रचार करने की आज्ञा दी है?
पतरस ने कहा, यीशु ने उनको आज्ञा दी है कि प्रचार करो कि यीशु को परमेश्वर ने जीवतों और मरे हुओं का न्यायी ठहराया है।
Acts 10:43
पतरस ने किस चीज के लिए कहा कि प्रत्येक जो यीशु पर विश्वास करेगा, पायेगा?
पतरस ने कहा कि प्रत्येक जो यीशु पर विश्वास करता है उसे पापों की क्षमा मिलेगी।
Acts 10:44
उन लोगों को क्या हुआ जो पतसर को जो अभी भी वचन सुना रहा था, सुन रहे थे?
उन सभी पर जो पतरस से वचन को सुन रहे थे, पवित्र-आत्मा उतरा।
Acts 10:45
वे विश्वासी जो खतना किए हुए समूह के थे, चकित क्यों हुए?
वे विश्वासी जो खतना किए हुए समूह के थे चकित इसलिए हुए क्योंकि पवित्र-आत्मा का वरदान अन्य जातियों पर भी उण्डेला गया।
Acts 10:46-47
वे लोग ऐसा क्या कर रहे थे जिससे दिखाई दे कि पवित्र-आत्मा उन पर उतरा है?
वे लोग अन्य भाषाओं में बोल रहे थे और परमेश्वर की स्तुति कर रहे थे जिससे दिखाई दे रहा था कि पवित्र-आत्मा उन पर उतरा है।
Acts 10:48
यह देखकर कि लोगों को पवित्र-आत्मा मिला है, पतरस ने क्या आज्ञा दी कि उनके साथ किया जाए?
पतरस ने आज्ञा दी कि उन लोगों को यीशु के नाम में बपतिस्मा दिया जाए।
Acts 11
Acts 11:1
क्या समाचार प्रेरितों और भाइयों ने यहूदिया में सुना?
प्रेरितों और भाइयों ने यहूदिया में सुना कि अन्य जातियों ने भी परमेश्वर का वचन मान लिया है।
Acts 11:2-3
पतरस के खिलाफ़ यरूशलेम में ख़तना किए समूह के लोगों ने क्या आलोचना की थी?
ख़तना किए समूह के लोगों ने पतरस की खतनारहित लोगों के साथ खाने के लिए आलोचना की।
Acts 11:4-17
पतरस ने अपने खिलाफ़ आलोचना का उत्तर कैसे दिया?
पतरस ने आलोचना का उत्तर चादर के दर्शन और अन्यजातियों के आत्मा से बपतिस्मे की व्याख्या कर के दिया।
Acts 11:18
ख़तना हुए समूह के लोगों के पतरस का उत्तर सुनने के बाद क्या निचोड़ निकाला?
उन्होंने परमेश्वर की बड़ाई की और यह कहकर समाप्त किया कि परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिए मन फिराव का दान दिया है।
Acts 11:19
स्तिफनुस की मृत्यु के पश्चात् जो तित्तर-बित्तर हो गए थे उनमें से अधिकतर विश्वासियों ने क्या किया?
अधिकतर तित्तर-बित्तर हो गए विश्वासियों ने यहूदियों के इलावा किसी अन्य को यीशु के विषय में वचन नहीं सुनाया।
Acts 11:20-21
क्या हुआ जब तित्तर-बित्तर हुए विश्वासियों में से कुछ ने यूनानियों को प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाया?
जब उन्होंने प्रभु यीशु का सुसमाचार यूनानियों को सुनाया, तो बहुत लोग विश्वास करके प्रभु की ओर फिरे।
Acts 11:22-25
यरूशलेम के बरनबास के अन्ताकिया में यूनानी विश्वासियों को क्या बताया?
बरनबास ने यूनानियों को मन से प्रभु यीशु मसीह से लिपटे रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
Acts 11:26-27
किसने अन्ताकिया की कलीसिया में एक वर्ष व्यतीत किया?
बरनबास और शाऊल ने अन्ताकिया की कलीसिया में एक वर्ष व्यतीत किया।
चेलों ने सर्वप्रथम अन्ताकिया में क्या नाम प्राप्त किया?
चेले सबसे पहले अन्ताकिया में ही मसीही कहलाए।
Acts 11:28
अगबुस नाम के भविष्यवक्ता ने क्या भविष्यवाणी की?
अगबुस ने भविष्यवाणी की कि सारे जगत में बड़ा अकाल पड़ेगा।
Acts 11:29-30
चेलों ने अगबुस की भविष्यवाणी पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की?
चेलों ने बरनबास और शाऊल के हाथों यहूदिया में रहने वाले भाइयों के लिए कुछ मदद भेजी।
Acts 12
Acts 12:2
हेरोदेस राजा ने यूहन्ना के भाई याकूब के साथ क्या किया?
हेरोदेस राजा ने यूहन्ना के भाई याकूब को तलवार से मरवा डाला।
Acts 12:3-4
हेरोदेस राजा ने पतरस के साथ क्या किया?
हेरोदेस ने पतरस को पकड़ कर जेल में डाल दिया ताकि फसह के बाद उसे लोगों के सामने लाए।
Acts 12:5-6
कलीसिया पतरस के लिए क्या कर रही थी?
कलीसिया लौ लगा कर पतरस के लिए प्रार्थना कर रही थी।
Acts 12:7-12
पतरस जेल से बाहर कैसे निकला?
प्रभु का एक स्वर्गदूत उसे दिखाई पड़ा, उसकी जंजीरें गिर पड़ीं, और वह स्वर्गदूत के पीछे जेल से बाहर हो लिया।
Acts 12:13-14
जब पतरस उस घर में पहुँचा जहाँ विश्वासी प्रार्थना कर रहे थे, किसने दरवाज़ा खोला और उसने क्या किया?
रूदे नाम की एक दासी सुनने को आई और दौड़कर भीतर गई और बताया कि पतरस दरवाज़े पर खड़ा है।
Acts 12:15-16
देमेत्रियुस की चिंता पर लोगों ने क्या प्रतिक्रिया जताई?
पहले उन्होंने सोचा कि वह पागल हो गई है, पर फिर उन्होंने दरवाज़ा खोला और पतरस को देखा।
Acts 12:17-18
विश्वासियों को बताने के बाद कि उसके साथ क्या हुआ, पतरस ने उन्हें क्या करने के लिए कहा?
पतरस ने उन्हें ये बातें याकूब और उसके भाइयों को बताने के लिए कहा।
Acts 12:19-21
उन पहरूओं का क्या हुआ जो पतरस की निगरानी कर रहे थे?
हेरोदेस ने पहरूओं की जांच करके आज्ञा दी कि वे मार डाले जाएं।
Acts 12:22
जब हेरोदेस ने व्याख्यान देना शुरू किया तब लोगों ने क्या कहा?
तब लोग पुकार उठे, "यह मनुष्य का नहीं, परमेश्वर का शब्द है"!
Acts 12:23
हेरोदेस के व्याख्यान के बाद उसे क्या हुआ, और क्यों?
क्योंकि हेरोदेस ने परमेश्वर की महिमा नहीं की, परमेश्वर के स्वर्गदूत ने उसे मारा और उसे कीड़े पड़ गए।
Acts 12:24
इस दौरान परमेश्वर के वचन के साथ क्या हो रहा था?
परमेश्वर का वचन बढ़ता और फैलता गया।
Acts 12:25
बरनबास और शाऊल अपने साथ किसे ले गए?
बरनबास और शाऊल, यूहन्ना जो मरकुस कहलाता है उसे अपने साथ ले गए।
Acts 13
Acts 13:2
अन्ताकिया की कलीसिया उस समय क्या कर रही थी जब पवित्र आत्मा ने उनसे बातचीत की?
अन्ताकिया की कलीसिया उपवास सहित प्रभु की आराधना कर रहे थे जब पवित्र आत्मा ने उनसे बात की।
पवित्र-आत्मा ने उन्हें क्या करने के लिए कहा?
पवित्र आत्मा ने उनसे कहा कि बरनबास और शाऊल को उस काम के लिए अलग करने के लिए ।
Acts 13:3-4
कलीसिया ने पवित्र आत्मा का कहा सुन कर क्या किया?
कलीसिया ने उपवास और प्रार्थना कर के, बरनबास और शाऊल पर हाथ रख कर उन्हें विदा किया।
Acts 13:5
जब बरनबास और शाऊल सलमीस गए, तो उनके साथ कौन गया?
सलमीस में, यूहन्ना मरकुस उनका सेवक था।
Acts 13:6
बार-यीशु कौन था?
बार-यीशु एक झूठा यहूदी भविष्यवक्ता था और हाकिम के सम्पर्क में था।
Acts 13:7-8
हाकिम ने बरनबास और शाऊल को क्यों बुलाया?
हाकिम ने बरनबास और शाऊल को इसलिए बुलाया क्योंकि वह परमेश्वर का वचन सुनना चाहता था।
Acts 13:9
शाऊल किस अन्य नाम से भी जाना जाता था?
शाऊल को पौलुस के नाम से भी जाना जाता था।
Acts 13:10-11
पौलुस ने क्या किया जब बार-यीशु ने हाकिम को विश्वास करने से रोकना चाहा?
पौलुस ने बार-यीशु से कहा कि वह शैतान की संतान है और वह कुछ समय के लिए अंधा हो जाएगा।
Acts 13:12
बार-यीशु का परिणाम देख कर हाकिम ने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की?
हाकिम ने विश्वास किया।
Acts 13:13-14
जब पौलुस और उसके साथी जहाज़ से पिरगा आए तो यूहन्ना मरकुस ने क्या किया?
यूहन्ना मरकुस उन्हें छोड़कर यरूशलेम को लौट गया।
Acts 13:15-16
पिसदिया के अन्ताकिया में कहाँ पौलुस को बोलने के लिए कहा गया था?
पिसदिया के अन्ताकिया में, पौलुस को यहूदियों के आराधनालय में बोलने के लिए कहा गया था।
Acts 13:17-22
अपने उपदेश में पौलुस ने किस ऐतिहासिक घटना का वर्णन किया?
पौलुस ने अपने उपदेश में इस्राएलियों के इतिहास का वर्णन किया।
Acts 13:23
परमेश्वर ने किसके द्वारा इस्राएलियों को उद्धारकर्ता दिया?
राजा दाऊद के द्वारा परमेश्वर ने इस्राएलियों को उद्धारकर्ता दिया।
Acts 13:24-26
पौलुस के अनुसार किसने आने वाले उद्धारकर्ता के लिए मार्ग तैयार किया था?
पौलुस ने कहा कि यूहन्ना बप्तिस्मा देने वाले ने आने वाले उद्धारकर्ता के लिए मार्ग तैयार किया।
Acts 13:27-30
किस प्रकार लोगों और यरूशलेम के सरदारों ने भविष्यवक्ताओं की बातें पूरी कीं?
लोगों और यरूशलेम के सरदारों के भविष्यवक्ताओं की कही बातें यीशु को मृत्यु के लिए दोषी ठहराकर पूरी कीं।
Acts 13:31-32
अब लोगों में यीशु के गवाह कौन थे?
जिन लोगों ने यीशु को मर कर जी उठने के पश्चात् देखा वही अब उसकी गवाही थे।
Acts 13:33-34
परमेश्वर ने किस प्रकार दिखाया कि उसने यहूदियों से किया अपना वायदा पूरा किया है?
परमेश्वर ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाकर दिखाया कि उसने यहूदियों से अपना वायदा निभाया है।
Acts 13:35-37
परमेश्वर ने भजन संहिता में पवित्र जन से क्या वायदा किया?
परमेश्वर ने वायदा किया कि वह अपने पवित्र जन को सड़ने न देगा।
Acts 13:38-39
पौलुस ने हर एक विश्वास करने वाले के विषय में क्या घोषणा की?
पौलुस ने हर एक विश्वास करने वाले के लिए पापों की क्षमा की घोषणा की।
Acts 13:40-43
पौलुस ने अपने सुनने वालों को क्या चेतावनी दी?
पौलुस ने अपने सुनने वालों को चेतावनी दी कि उन लोगों जैसे न बनें जिनका वर्णन भविष्यवक्ताओं की पुस्तक में है,जो चर्चा सुन कर भी, विश्वास नहीं करते।
Acts 13:44
अन्ताकिया में, अगले दिन सब्त के दिन परमेश्वर का वचन सुनने कौन आया?
अगले दिन प्राय: सब लोग सब्त के दिन परमेश्वर का वचन सुनने आए।
Acts 13:45
यहूदियों ने भीड़ को देख कर क्या प्रतिक्रिया की?
यहूदी डाह से भर गए और पौलुस के उपदेश के विरोध में बोलने लगे, उसकी निन्दा करते हुए।
Acts 13:46-47
पौलुस ने क्या कहा कि यहूदी परमेश्वर के वचन के साथ कर रहे थे जिसे परमेश्वर ने उनसे कहा था?
परमेश्वर ने कहा कि यहूदी परमेश्वर के वचन को दूर कर रहे थे जिसे परमेश्वर ने उनसे कहा था।
Acts 13:48-49
जब अन्यजातियों ने देखा कि पौलुस उनकी ओर मुड़ रहा था तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?
अन्यजातीय आनन्दित हुए और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे।
कितने अन्यजातीयों ने विश्वास किया?
जितने अनन्त जीवन के लिए ठहराए गए थे उन्होंने विश्वास किया।
Acts 13:50
फिर यहूदियों ने पौलुस और बरनबास के साथ क्या किया?
यहूदियों ने पौलुस और बरनबास के खिलाफ़ लोगों को भड़काया और नगर से बाहर फिकवा दिया।
Acts 13:51-52
पौलुस और बरनबास ने इकुनियुम जाने से पहले क्या किया?
पौलुस और बरनबास ने अन्ताकिया के लोगों के खिलाफ़ अपने पांवों की धूल को झाड़ा।
Acts 14
Acts 14:1-2
जब इकुनियुम में पौलुस और बरनबास के प्रचार को सुनकर बहुतों ने विश्वास किया तो विश्वास न करने वाले यहूदियों ने क्या किया?
विश्वास न करने वाले लोगों ने अन्यजातियों के मन भाईयों के विरोध में भड़काए और उनके मन में कटुता उत्पन्न कर दी।
Acts 14:3-4
परमेश्वर ने अपने अनुग्रह के वचन पर गवाही कैसे दी?
परमेश्वर ने पौलुस और बरनबास के हाथों से चिन्ह और अद्भुत काम करवाकर अपने अनुग्रह की गवाही दी।
Acts 14:5-7
पौलुस और बरनबास ने इकुनियुम क्यों छोड़ा?
कुछ अन्यजातीय और यहूदियों ने अपने सरदारों को भड़का कर पौलुस और बरनबास पर पथराव करने और उनका अपमान करने की कोशिश की।
Acts 14:8-10
पौलुस ने ऐसा क्या किया जिसके कारण लुस्त्रा में कोलाहल मच गया ?
पौलुस ने जन्म से लंगड़े आदमी को चंगा कर दिया।
Acts 14:11-13
लुस्त्रा के लोग पौलुस और बरनबास के लिए क्या करना चाहते थे?
वे लोग ज्यूस के पुजारी के द्वारा पौलुस और बरनबास को बलिदान चढ़ाना चाहते थे।
Acts 14:14-15
बरनबास और पौलुस ने लोगों की इच्छा जानकार किस प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त की?
बरनबास और पौलुस ने अपने कपड़े फाड़े और, भीड़ की ओर लपक गए और पुकारकर कहने लगे कि उन्हें इन व्यर्थ वस्तुओं से अलग होकर जीवते परमेश्वर की ओर फिरना चाहिए।
Acts 14:16-18
पौलुस और बरनबास ने क्या बताया जो परमेश्वर ने बीते समय में अपने मार्गों में चलने वाली जातियों के लिए भी किया?
परमेश्वर उन्हें वर्षा और फलवन्त ऋतु दे कर, उनके मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।
Acts 14:19
लुस्त्रा की भीड़ ने पौलुस के साथ बाद में क्या किया?
लुस्त्रा की भीड़ ने बाद में पौलुस पर पथराव कर उसे घसीट कर नगर के बाहर छोड़ दिया।
Acts 14:20-21
जब चेले पौलुस के आस-पास खड़े थे तो उसने क्या किया?
पौलुस उठा और नगर में चला गया।
Acts 14:22
क्या करके पौलुस के अनुसार चेले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश पा सकते थे?
पौलुस के अनुसार बड़ा क्लेश उठाकर चेलों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना चाहिए।
Acts 14:23-26
पौलुस और बरनबास ने जाने से पहले विश्वासियों की प्रत्येक कलीसिया में क्या किया?
हर एक कलीसिया में, पौलुस और बरनबास ने प्राचीन ठहराए, और उपवास सहित प्रार्थना करके उन्हें प्रभु के हाथों में सौंपा।
Acts 14:27-28
पौलुस और बरनबास ने अन्ताकिया वापिस आकर क्या किया?
और जब वे अन्ताकिया लौटे, उन्होंने कलीसिया को बताया कि परमेश्वर ने कैसे उनके साथ होकर बड़े-बड़े काम किए,और कैसे अन्यजातियों के लिए विश्वास का द्वार खोला।
Acts 15
Acts 15:1
यहूदिया से आए कुछ लोगों ने भाईयों को क्या सिखाया?
यहूदिया से आए कुछ लोगों के भाइयों को सिखाया कि यदि उन्होंने मूसा की रीति से ख़तना न किया हो तो वे उद्धार नहीं पा सकते।
Acts 15:2
भाइयों ने इस प्रश्न का किस प्रकार हल ढूँढने का निर्णय किया?
भाइयों ने निश्चित किया कि पौलुस और बरनबास और कुछ और लोग यरूशलेम में प्रेरितों और प्राचीनों के पास जाएं।
Acts 15:3-4
फीनीके और सामरिया से होते हुए, पौलुस और अन्यों ने क्या समाचार सुनाया?
पौलुस और अन्यों ने अन्यजातीयों के मन फिराने का समाचार सुनाया।
Acts 15:5-7
विश्वासियों के कौन से पंथ का विश्वास था कि अन्यजातियों को खतना करना चाहिए और मूसा की व्यवस्था का पालन करना चाहिए?
फरीसियों के पंथ का विश्वास था कि अन्यजातियों को खतना कराना और मूसा की व्यवस्था का पालन करना चाहिए।
Acts 15:8-10
पतरस के अनुसार परमेश्वर ने अन्यजातियों के लिए क्या किया और उन्हें क्या दिया था?
पतरस ने कहा परमेश्वर ने अन्यजातियों को पवित्र आत्मा दिया और विश्वास के द्वारा उनके मन को शुद्ध किया।
Acts 15:11
पतरस के अनुसार यहूदियों और अन्यजातीयों ने किस प्रकार उद्धार पाया?
पतरस ने कहा कि यहूदी और अन्यजाति दोनों ने प्रभु यीशु के अनुग्रह द्वारा उद्धार पाया।
Acts 15:12
पौलुस और बरनबास ने कलीसिया को क्या बताया?
पौलुस और बरनबास ने बताया कि किस प्रकार परमेश्वर ने अन्यजातियों में कैसे-कैसे बड़े चिन्ह और अद्भुत काम कर दिखाए।
Acts 15:13-19
याकूब की भविष्यद्वाणी के अनुसार परमेश्वर किस चीज़ का पुनर्निर्माण करने वाला था और इसमें कौन-कौन शामिल होने वाले थे?
भविष्यद्वाणी के अनुसार परमेश्वर दाऊद का गिरा हुआ डेरा उठाएगा और इसमें अन्यजातीय शामिल होंगे।
Acts 15:20-27
याकूब ने मन फिराने वाले अन्यजातीयों को क्या आज्ञा दी?
याकूब ने आज्ञा दी कि मन फिराने वाले अन्यजातियों को मूरतों की अशुदधता और व्यभिचार और गला घोटे हुओं के मांस और लहू से परे रहना चाहिए।
Acts 15:28-30
अन्यजातियों को लिखे पत्र में, कौन इस निर्णय से सहमत कहा जाता है कि अन्यजातियों को केवल कुछ आवश्यक आज्ञाएँ दी जानी चाहियें?
पत्र के लेखकों और पवित्र आत्मा ने इस निर्णय से सहमति जताई।
Acts 15:31-34
अन्यजातियों ने यरूशलेम से आए पत्र पर कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त की?
अन्यजातियों ने पत्र के प्रोत्साहन से अत्यन्त आनन्द उठाया।
Acts 15:35
पौलुस और बरनबास ने अन्ताकिया में रहकर क्या किया?
पौलुस और बरनबास ने परमेश्वर के वचन से उपदेश सुनाया और सिखाया।
Acts 15:36
पौलुस ने बरनबास को क्या बताया कि वह क्या करना चाहता है?
पौलुस ने बरनबास से कहा कि जिन-जिन नगरों में उन्होंने परमेश्वर का वचन सुनाया था वहां वापिस लौटकर भाइयों को देखें कि कैसे हैं।
Acts 15:37-41
पौलुस और बरनबास ने अलग-अलग दिशाओं में यात्रा करने का निश्चय क्यों किया?
बरनबास मरकुस को साथ ले जाना चाहता था, पर पौलुस ने उसको साथ ले जाना अच्छा न समझा।
Acts 16
Acts 16:3
पौलुस ने तीमुथियुस को यात्रा पर साथ ले जाने से पहले उसके साथ क्या किया और क्यों?
पौलुस ने तीमुथियुस का खतना किया क्योंकि उन जगहों में जो यहूदी थे वे जानते थे कि तीमुथियुस का पिता यूनानी था।
Acts 16:4-8
पौलुस ने मार्ग में आनेवाली कलीसियाओं को क्या निर्देश दिए?
पौलुस ने उन विधियों को जो यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों ने ठहराईं थीं मानने के लिए निर्देशित किया।
Acts 16:9-12
पौलुस को कैसे ज्ञात हुआ कि परमेश्वर ने उसे मकिदुनिया में सुसमाचार प्रचार के लिए बुलाया है?
पौलुस ने दर्शन देखा कि मकिदुनी पुरुष खड़ा हुआ उसे सहायता के लिए पुकार रहा है।
Acts 16:13
सब्त के दिन, पौलुस फिलिप्पी के दरवाज़े के बाहर, नदी के किनारे क्यों गए?
पौलुस ने सोचा कि वहां प्रार्थना करने का स्थान होगा।
Acts 16:14
पौलुस के बोलने के द्वारा परमेश्वर ने लुदिया नामक स्त्री के लिए क्या किया?
प्रभु ने लुदिया का मन खोला ताकि पौलुस की बातों पर चित्त लगाए।
Acts 16:15
पौलुस के नदी पर बोलने के पश्चात किसका बप्तिस्मा हुआ?
पौलुस के बोलने के पश्चात् लुदिया और उसके घराने ने बप्तिस्मा लिया।
Acts 16:16
दासी जिसमें आत्मा थी अपने स्वामियों के लिए किस प्रकार धन कमा कर लाती थी?
वह अपने स्वामियों के लिए भविष्य बता कर धन कमाती थी।
Acts 16:17-20
दासी के कई दिनों तक अपना पीछा करने के पश्चात् पौलुस ने क्या किया?
पौलुस ने मुँह फेरकर उस आत्मा से कहा मैं तुझे यीशु मसीह के नाम से आज्ञा देता हूँ उसमें से निकल जा।
Acts 16:21
दासी के स्वामियों ने पौलुस और सीलास के खिलाफ़ क्या आरोप लगाया?
उन्होंने पौलुस और सीलास पर आरोप लगाया कि वे ऐसी रीतियाँ बता रहे हैं जिन्हें करना या मानना रोमियों के लिए ठीक नहीं।
Acts 16:22-24
पौलुस और सीलास को हाकिमों ने क्या दण्ड दिया?
उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी, बंदीग्रह में डाल दिया और उनके पाँव काठ में ठोक दिए।
Acts 16:25
पौलुस और सीलास आधी रात को बंदीग्रह में क्या कर रहे थे?
वह प्रार्थना कर रहे और परमेश्वर के भजन गा रहे थे।
Acts 16:26-29
ऐसा क्या हुआ जिसके कारण दरोगा अपने आप को मार डालने की तैयारी करने लगा?
एक बड़ा भूकम्प आया, बंदीग्रह के सारे द्वार खुल गए, और सबके बंधन भी खुल गए।
Acts 16:30
पौलुस और सीलास से दरोगा ने क्या प्रश्न पूछा?
दरोगा ने पौलुस और सीलास से पूछा,"सज्जनों, मैं उद्धार पाने के लिए क्या करूँ" ।
Acts 16:31-32
पौलुस और सीलास ने दरोगा को क्या उत्तर दिया?
पौलुस और सीलास ने उत्तर दिया, "प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा”।
Acts 16:33-34
उस रात किसका बप्तिस्मा हुआ?
उस रात दरोगा और उसके घराने का बप्तिस्मा हुआ।
Acts 16:35-39
किन बातों से डर कर हाकिमों ने पौलुस और सीलास को छोड़ देने की आज्ञा भेजी?
हाकिम डरे हुए थे क्योंकि उन्हें यह बोध हो गया था कि उन्होंने दो निर्दोष रोमी नागरिकों को लोगों के सामने मारा है।
Acts 16:40
हाकिमों के नगर छोड़ कर चले जाने के आग्रह के पश्चात्, पौलुस और सीलास ने क्या किया?
पौलुस और सीलास लुदिया के घर गए, भाईयों को शान्ति दी, और फिलिप्पी छोड़ कर चले गए।
Acts 17
Acts 17:1-2
थिस्स्लुनीके में आकर, पौलुस सबसे पहले यीशु के विषय में वचन बताने कहाँ गया?
पौलुस यहूदियों के आराधनालय यीशु के विषय में वचन बताने गया।
Acts 17:3-6
पौलुस के अनुसार वचन में क्या आवश्यक था?
पौलुस ने समझाया कि यीशु के लिए दुःख उठाना और मरे हुओं में से जी उठना आवश्यक था।
Acts 17:7-9
नगर के हाकिमों को पौलुस और सीलास के खिलाफ़ क्या दोष लगाया गया?
पौलुस और सीलास पर आरोप लगाया गया कि वे कैसर की आज्ञाओं का विरोध करते हैं और कहते हैं कि एक और राजा है-यीशु।
Acts 17:10
बिरीया आकर पौलुस और सीलास कहाँ गए?
पौलुस और सीलास यहूदियों के आराधनालय गए।
Acts 17:11-12
बिरीया के लोगों ने पौलुस का सन्देश सुन कर क्या किया?
बिरीया के लोगों ने वचन ग्रहण किया और पवित्र शास्त्रों में ढूँढ़ते थे कि ये बातें यूं हैं कि नहीं।
Acts 17:13-16
पौलुस को बिरीया क्यों छोड़ना पड़ा, फिर वह कहाँ गया?
पौलुस को बिरिया छोड़ना पड़ा क्योंकि थिस्सलुनीके के यहूदियों ने लोगों को भड़काया और इसलिए पौलुस एथेंस चला गया।
Acts 17:17-18
एथेंस आकर पौलुस कहाँ गया?
पौलुस यहूदी आराधनालय में गया और चौक में ताकि परमेश्वर के वचन से वाद-विवाद कर सके।
Acts 17:19-22
आगे पौलुस को सिखाने के लिए कहाँ ले जाया गया?
पौलुस को अरियुपगुस लाया गया ताकि आगे सिखा सके।
Acts 17:23-24
एथेंस में पौलुस ने कौन सी वेदी पाई, जिसकी व्याख्या वह लोगों को करना चाहता था?
पौलुस ने एक ऐसी वेदी पाई जिस पर लिखा था, अनजाने ईश्वर के लिए, जिसकी व्याख्या वह लोगों को करना चाहता था।
Acts 17:25
पौलुस के अनुसार सृष्टिकर्ता परमेश्वर लोगों को क्या देता है?
पौलुस ने कहा जिस परमेश्वर ने सब वस्तुओं को बनाया, वह ही सबको जीवन, श्वास और सब कुछ देता है।
Acts 17:26
किस मूल से परमेश्वर ने सब लोगों की जातियां बनाईं हैं?
एक ही मूल से परमेश्वर ने मनुष्य की सब जातियां बनाईं।
Acts 17:27-28
पौलुस के अनुसार परमेश्वर किसी से भी कितनी दूरी पर था?
पौलुस ने कहा परमेश्वर किसी से भी दूर नहीं था।
Acts 17:29
पौलुस के अनुसार हमें परमेश्वर के विषय में क्या नहीं समझना चाहिए?
पौलुस ने कहा कि हमें परमेश्वर को मनुष्य द्वारा सोने, चांदी या पत्थर से मनुष्य की कारीगरी से बनाया नहीं समझना चाहिए।
Acts 17:30
परमेश्वर हर जगह अब मनुष्यों को क्या करने की आज्ञा देता है?
परमेश्वर अब हर जगह मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है।
Acts 17:31
परमेश्वर ने किसके लिए एक दिन ठहराया है?
परमेश्वर ने एक दिन ठहराया है जिसमें वह धर्म से जगत का न्याय करेगा।
परमेश्वर ने इस बात का क्या प्रमाण दिया है कि यीशु जगत के न्यायी के रूप में चुना गया है?
परमेश्वर ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाकर प्रमाणित कर दिया है कि यीशु धर्म से जगत का न्याय करेगा।
Acts 17:32-33
पौलुस के मरे हुओं के पुनरुत्थान के विषय में सुन कर कुछ लोगों ने क्या किया?
मरे हुओं के पुनरुत्थान के विषय में सुन कर कुछ लोगों ने पौलुस का ठट्ठा किया।
Acts 17:34
क्या पौलुस की बात पर किसी ने विश्वास किया?
हाँ, कुछ लोगों ने पौलुस का विश्वास किया और उनके साथ कई अन्य भी थे।
Acts 18
Acts 18:3-4
पौलुस ने अपनी उपजीविका के लिए क्या किया?
पौलुस ने अपनी उपजीविका के लिए तम्बू बनाने का काम किया।
Acts 18:5
पौलुस ने कुरिन्थुस में यहूदियों को क्या गवाही दी?
पौलुस ने यहूदियों को यीशु के ही मसीह होने की गवाही दी।
Acts 18:6-8
जब यहूदियों ने पौलुस को अस्वीकार कर दिया तो उसने क्या किया?
पौलुस ने यहूदियों को कहा कि तुम्हारा लहू तुम्हारी गर्दन पर रहे, और फिर वह अन्यजातियों की ओर चला गया।
Acts 18:9-11
पौलुस ने कुरिन्थुस में परमेश्वर से क्या प्रोत्साहन प्राप्त किया?
परमेश्वर ने पौलुस से कहा कि चुप मत रह, क्योंकि वहाँ उसे कोई भी हानि नहीं पहुँचाएगा।
Acts 18:12-14
यहूदियों ने पौलुस के विरोध में हाकिम के सामने क्या दोष लगाए?
यहूदियों ने आरोप लगाया कि पौलुस लोगों को समझाता है कि परमेश्वर की उपासना इस रीति से करें जो व्यवस्था के विपरीत है।
Acts 18:15-17
हाकिम ने पौलुस पर लगाए गए दोषों पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की?
हाकिम ने कहा यदि उनका वाद-विवाद उनकी व्यवस्था के विषय में है तो वह न्यायी नहीं बनना चाहता।
Acts 18:18-21
कौन से पति-पत्नी पौलुस के साथ इफिसुस गए?
अक्विला और प्रिस्किल्ला पौलुस के साथ इफिसुस गए।
Acts 18:22-24
इफिसुस छोड़ने के बाद सबसे पहले पौलुस किन दो स्थानों पर गया?
इफिसुस छोड़ने के बाद पौलुस यरूशलेम और फिर अन्ताकिया गया।
Acts 18:25
अपुल्लोस किन शिक्षाओं को अच्छी तरह से जानता था, और किन शिक्षाओं में उसे और दिशानिर्देश की आवश्यकता थी?
अपुल्लोस यीशु के विषय में ठीक से जानता था, परन्तु वह केवल यूहन्ना के बपतिस्मे की बात जानता था।
Acts 18:26-27
अपुल्लोस के लिए अक्विला और प्रिस्किल्ला ने क्या किया?
प्रिस्किल्ला और अक्विला उसे अपने साथ ले गए और परमेश्वर का मार्ग उसे और भी ठीक-ठीक बताया।
Acts 18:28
अपुल्लोस अपनी वाक्पटुता और पवित्र शास्त्र के ज्ञान से क्या करने में सक्षम था?
अपुल्लोस सबके सामने बड़ी प्रबलता से पवित्र शास्त्र से प्रमाण दे कर कि यीशु ही मसीह है, निरुत्तर करता रहा।
Acts 19
Acts 19:2-3
जिन चेलों को पौलुस इफिसुस में मिला उन्होंने जब विश्वास किया तो किस विषय में सुना नहीं हुआ था?
चेलों ने पवित्र आत्मा के विषय में नहीं सुना था।
Acts 19:4
यूहन्ना का बप्तिस्मा किस का बप्तिस्मा था?
यूहन्ना का बप्तिस्मा मन फिराव का बप्तिस्मा था।
यूहन्ना ने लोगों को किस पर विश्वास करने के लिए कहा था?
यूहन्ना ने लोगों को कहा था कि जो मेरे बाद आने वाला है उस पर विश्वास करना।
Acts 19:5
पौलुस इफिसुस के चेलों को किसके नाम में बप्तिस्मा दिया?
पौलुस ने उन्हें प्रभु यीशु के नाम का बप्तिस्मा दिया।
Acts 19:6-8
बप्तिस्मा पाने वाले और जिन पर पौलुस ने हाथ रखा था उन लोगों का क्या हुआ?
उन पर पवित्र आत्मा ठहरा और वे भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोलने और भविष्यद्वाणी करने लगे।
Acts 19:9-11
जब कुछ यहूदी लोगों ने उसकी नहीं मानी और यीशु के मार्ग को बुरा कहने लगे तो पौलुस ने क्या किया?
पौलुस ने उनको छोड़कर चेलों को अलग कर लिया और तुरन्नुस की पाठशाला में वाद-विवाद करने लगा।
Acts 19:12-15
पौलुस के हाथों परमेश्वर ने कौन सा विशेष आश्चर्यकर्म किया?
जब पौलुस से रूमाल और अंगोछे लेकर, बीमारों को चंगा और दुष्टात्माओं को निकाला जाता था।
Acts 19:16-18
झाड़-फूंक करने वाले सात यहूदी जिन्होंने प्रभु यीशु के नाम पर दुष्टात्मा निकालने की कोशिश की उनका क्या हुआ?
दुष्टात्मा ने उन्हें वश में लाकर ऐसा उपद्रव किया कि वे नंगे और घायल होकर घर से निकल भागे।
Acts 19:19-20
इफिसुस में अनेक जादू करने वालों ने क्या किया?
जादू करने वालों में से बहुतों ने अपनी पोथियाँ सबके सामने जला दीं।
Acts 19:21-25
यरूशलेम जाने के बाद पौलुस ने क्या बताया कि वह कहाँ जाएगा?
पौलुस ने कहा कि यरूशलेम जाने के बाद वह रोम जाएगा।
Acts 19:26-27
सुनार अरतिमिस ने अन्य कारीगरों को एकत्रित कर के क्या चिंता जताई?
देमेत्रियुस की चिन्ता का विषय यह था कि पौलुस लोगों को सिखा रहा था कि जो हाथ की कारीगरी है वह ईश्वर नहीं, और यह कि अरतिमिस देवी को भी तुच्छ माना जाएगा।
Acts 19:28-29
देमेत्रियुस की चिंता पर लोगों ने क्या प्रतिक्रिया जताई?
लोग क्रोध से भर गए और चिल्ला-चिल्ला कर कहने लगे कि अरतिमिस महान है,और सारे नगर में कोलाहल मच गया।
Acts 19:30-37
पौलुस ने चाहते हुए भी भीड़ को सम्बोधित क्यों नहीं किया?
चेलों और कुछ हाकिमों ने पौलुस से विनती की कि वहां न जाए।
Acts 19:38-39
नगर के मन्त्री ने लोगों को दंगा करने की बजाए क्या करने को कहा?
नगर के मन्त्री ने लोगों को कचहरी में अपना विवाद लाने को कहा।
Acts 19:40-41
नगर के मन्त्री के अनुसार लोग किस संकट में थे?
नगर के मन्त्री ने कहा कि लोग बलवे के कारण उन पर दोष लगाए जाने का डर है और इस भीड़ के इकट्ठा होने का कोई उत्तर नहीं है।
Acts 20
Acts 20:3-6
सीरिया के लिए जल यात्रा करने की अपेक्षा पौलुस अपनी योजना बदलकर मकिदुनिया होते हुए लौट आने के लिए क्यों विवश हुआ?
सीरिया की ओर जाने पर था, तो यहूदी उसकी घात में लगे, इसलिये उस ने यह सलाह की कि मकिदुनिया होकर लौट आए।
Acts 20:7-8
सप्ताह के कौन से दिन पौलुस और अन्य विश्वासी रोटी तोड़ने के लिए एकत्रित होते थे?
सप्ताह के पहले दिन पौलुस और अन्य विश्वासी रोटी तोड़ने के लिए इकट्ठे हुए।
Acts 20:9-15
उस जवान का क्या हुआ जो खिड़की से गिर गया जब कि पौलुस बात कर रहा था?
जवान तीसरी अटारी पर से गिर पड़ा और मरा हुआ उठाया गया, पर पौलुस उतरकर उससे लिपट गया और लड़का जीवित हो गया।
Acts 20:16-17
पौलुस को यरूशलेम जाने की जल्दी क्यों थी?
पौलुस को यरूशलेम जाने की जल्दी थी क्योंकि वह वहां पिन्तेकुस्त के दिन रहना चाहता था।
Acts 20:18-22
किस विषय में पौलुस के अनुसार उसने यहूदियों और यूनानियों को चेतावनी दे दी थी जब उसने आसिया में प्रवेश किया?
पौलुस ने कहा कि उसने यहूदियों और यूनानियों दोनों को मन फिराने और प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करने की चेतावनी दी।
Acts 20:23
यरूशलेम जाते समय पवित्र आत्मा किस विषय में पौलुस को गवाही दे रही थी?
पवित्र आत्मा पौलुस को गवाही दे रही थी कि बन्धन और क्लेश तेरे लिए तैयार है।
Acts 20:24-26
प्रभु यीशु से पौलुस ने क्या सेवकाई प्राप्त की थी?
पौलुस की सेवकाई सुसमाचार पर गवाही देने के लिए जो उसने प्रभु यीशु से पाई है थी।
Acts 20:27
पौलुस ने क्यों कहा कि वह किसी भी मनुष्य के लहू से निर्दोष है?
पौलुस ने कहा कि वह किसी भी मनुष्य के लहू से निर्दोष है क्योंकि उसने परमेश्वर के सारे अभिप्राय उन्हें पूरी रीति से बताए थे।
Acts 20:28-29
पौलुस ने इफिसियों के प्राचीनों को उसके जाने के बाद क्या ध्यानपूर्वक करने का निर्देश दिया?
पौलुस ने प्राचीनों को पूरे झुंड की चौकसी से निगरानी करने का निर्देश दिया।
Acts 20:30-31
पौलुस के अनुसार उसके जाने के बाद इफिसियों के प्राचीनो के बीच में क्या होगा?
पौलुस ने कहा कि कुछ प्राचीन चेलों को अपने पीछे खींचने के लिए टेढ़ी-मेढ़ी बातें करेंगे।
Acts 20:32-33
पौलुस ने इफिसियों के प्राचीनों को किसको सौंपा?
पौलुस ने इफिसियों के प्राचीनों को परमेश्वर के हाथों में सौंपा।
Acts 20:34-37
पौलुस ने काम को लेकर इफिसियों के सामने क्या उदाहरण पेश किया?
पौलुस ने अपनी और अपने साथियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने हाथों से काम किया और निर्बलों की सहायता की।
Acts 20:38
इफिसियों के प्राचीनों को किस बात ने सबसे अधिक शोकित किया?
इफिसियों के प्राचीनों ने सबसे अधिक इस बात का शोक किया कि पौलुस ने उनसे कहा कि तुम मेरा मुँह फिर न देखोगे।
Acts 21
Acts 21:4-10
पौलुस को सूर के चेलों ने पवित्र आत्मा के द्वारा क्या कहा?
चेलों ने आत्मा के सिखाए पौलुस को कहा कि वहां पाँव मत रखना।
Acts 21:11-12
अगबुस नामक भविष्यद्वक्ता ने पौलुस को क्या कहा?
अगबुस ने बताया कि यरूशलेम में यहूदी पौलुस को बांधेंगे और उसे अन्यजातियों के हवाले कर देंगे।
Acts 21:13-17
जब हर एक ने पौलुस से यरूशलेम न जाने की विनती की तो पौलुस ने क्या कहा?
पौलुस ने कहा कि वह प्रभु यीशु मसीह के नाम के लिए यरूशलेम में न केवल बांधे जाने वरन मरने के लिए भी तैयार है।
Acts 21:18-20
यरूशलेम में आकर पौलुस किसे को मिला?
पौलुस याकूब और प्राचीनों से मिला।
Acts 21:21-23
पौलुस के विरोध में यहूदियों ने क्या आरोप लगाए थे?
यहूदियों ने पौलुस पर अन्यजातियों के मध्य रहते यहूदियों को मूसा से फिर जाने का आरोप लगाया।
Acts 21:24
याकूब और प्राचीनों ने पौलुस को जिन चार मनुष्यों ने मन्नत मांगी थी उनके साथ जाकर अपने आप को शुद्ध करने के लिए क्यों कहा?
वे चाहते थे कि सब जान जाएं कि पौलुस एक यहूदी के रूप में व्यवस्था को मानकर उसके अनुसार चलता है।
Acts 21:25-27
याकूब के अनुसार विश्वासी अन्यजातियों को क्या करना चाहिए था?
याकूब ने कहा कि अन्यजातियों को मूर्तियों के सामने बलि किए हुए मांस से, और लहू से, गला घोंटे हुओं के मांस से,और व्यभिचार से बचे रहें।
Acts 21:28-30
आसिया के कुछ यहूदियों ने पौलुस के विरोध में मंदिर में क्या आरोप लगाए?
यहूदियों ने पौलुस को व्यवस्था के विपरीत और यूनानियों को मन्दिर में ला कर मन्दिर को अपवित्र करने का आरोप लगाया।
Acts 21:31-32
आरोप लगाने के पश्चात् यहूदियों ने पौलुस के साथ क्या किया?
यहूदी पौलुस को मंदिर के बाहर घसीट कर लाए और उसे मारने की कोशिश की।
Acts 21:33-35
जब पलटन के सरदार के पास सन्देश पंहुचा कि सारे यरूशलेम में कोलाहल मच गया है तो उसने क्या किया?
पलटन के सरदार ने पौलुस को पकड़ लिया और उसे दो जंजीरों से बाँधने की आज्ञा देकर पूछने लगा कि यह कौन है और इसने क्या किया है।
Acts 21:36-38
जब सिपाही पौलुस को गढ़ में ले जाने लगे तो भीड़ क्या चिल्ला रही थी?
भीड़ चिल्ला रही थी,"उसका अन्त कर दो!"
Acts 21:39
पौलुस ने पलटन के सरदार से क्या विनती की?
पौलुस ने विनती की कि उसे लोगों से बात करने की आज्ञा दी जाए।
Acts 21:40
पौलुस ने यरूशलेम के लोगों से किस भाषा में बात की?
पौलुस ने इब्रानी भाषा में यरूशलेम के लोगों से बात की।
Acts 22
Acts 22:2
जब भीड़ ने पौलुस को इब्रानी में बात करते सुना, तो उन्होंने क्या किया?
पौलुस को इब्रानी भाषा में बोलते देख वे चुप हो गए।
Acts 22:3
पौलुस ने अपनी शिक्षा कहाँ पाई थी, उसका शिक्षक कौन था?
पौलुस ने यरूशलेम में शिक्षा पाई, और गमलीएल उसका शिक्षक था।
Acts 22:4-6
पौलुस ने व्यवस्था पर चलने वाले लोगों के साथ कैसा बर्ताव किया?
पौलुस ने व्यवस्था पर चलने वालों को सताव करके मरवा डाला और बंदीगृह में भिजवाया।
Acts 22:7
दमिश्क के निकट पौलुस को आकाश से चमकती ज्योति ने क्या कहा?
आवाज ने शाऊल से कहा, "हे शाऊल, हे शाऊल तू मुझे क्यों सताता है? "
Acts 22:8-10
पौलुस किसे सताया करता था?
पौलुस यीशु नासरी को सताया करता था।
Acts 22:11
पौलुस देख क्यों नहीं पा रहा था?
पौलुस उस ज्योति के तेज के कारण जो उसने दमिश्क के निकट आते हुए देखी थी, कुछ नहीं देख पा रहा था।
Acts 22:12-15
पौलुस को अपनी आँखों की ज्योति कैसे वापिस मिली?
हनन्याह नाम का व्यवस्था के अनुसार का एक भक्त आया और खड़ा होकर उससे कहा,“हे भाई शाऊल, फिर देखने लग”।
Acts 22:16-17
हनन्याह ने पौलुस को उठ कर क्या करने के लिए कहा और क्यों?
हनन्याह ने पौलुस को उठ कर बप्तिस्मा लेने और अपने पापों को धो डालने के लिए कहा।
Acts 22:18-20
जब यीशु ने पौलुस से मंदिर में बात की, तो उसने क्या बताया कि यहूदी पौलुस की यीशु के विषय में गवाही पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे?
यीशु ने कहा कि यहूदी यीशु के विषय में पौलुस की गवाही पर विश्वास नहीं करेंगे।
Acts 22:21-22
यीशु ने पौलुस को किस के पास भेजा?
यीशु ने पौलुस को अन्यजातियों के पास भेजा।
Acts 22:23-24
पौलुस को अन्यजातियों के विषय में बात करते सुन कर लोगों ने क्या प्रतिक्रिया की?
लोग चिल्लाते और कपड़े फेंकते, आकाश में धूल उड़ाते थे।
Acts 22:25-27
इससे पूर्व कि वे पौलुस को कोड़े मारते उसने उनसे क्या प्रश्न किया?
पौलुस ने उनसे कहा, "क्या यह उचित है, कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए कोड़े मारो?"
Acts 22:28-29
पौलुस रोमी नागरिक कैसे बना था?
पौलुस जन्म से रोमी था।
Acts 22:30
यह जानने के पश्चात् कि पौलुस एक रोमी नागरिक है पलटन के सरदार ने क्या किया?
पलटन के सरदार ने उसके सारे बन्धन खोल दिए, और महायाजकों की सारी महासभा इकट्ठी होने की आज्ञा दी,और पौलुस को उनके मध्य खड़ा कर दिया।
Acts 23
Acts 23:1-5
महायाजक ने जो उसके पास खड़े थे उन्हें उसके चेहरे पर थप्पड़ मारने की आज्ञा क्यों दी?
महायाजक गुस्से में था क्योंकि पौलुस ने कहा कि उसने परमेश्वर के लिए बिल्कुल सच्चे विवेक से जीवन बिताया है।
Acts 23:6
किस कारण पौलुस ने सभा में कहा कि उसका मुक़दमा हो रहा है?
पौलुस ने कहा कि पुनरुत्थान पर उसके भरोसे के कारण उसका मुक़दमा हो रहा है।
Acts 23:7-9
जब पौलुस ने अपने ऊपर मुक़दमा होने का कारण बताया तो सभा में किस बात को लेकर वाद-विवाद आरम्भ हुआ?
सभा में झगड़ा होने लगा क्योंकि फरीसियों का मानना है कि पुनरुत्थान है पर सदूकी कहते हैं कि पुनरुत्थान नहीं है।
Acts 23:10
पलटन का सरदार पौलुस को सभा से गढ़ वापिस क्यों ले गया?
पलटन के सरदार को इस बात का डर था कि कहीं सभा के सदस्य उसके टुकड़े-टुकड़े न कर दें।
Acts 23:11
उसी रात परमेश्वर ने पौलुस को क्या वचन दिया?
परमेश्वर ने पौलुस को ढांढस बंधने को कहा क्योंकि उसे अभी यरूशलेम की तरह रोम में भी गवाही देनी थी।
Acts 23:12-13
कुछ यहूदियों ने पौलुस के सम्बन्ध में क्या शपथ खाई?
लगभग चालीस यहूदी जनों ने शपथ खाई कि जब तक वे पौलुस को मार न डालें वे न कुछ खाएँगे और न पीएंगे।
Acts 23:14-15
चालीस यहूदियों ने महायाजकों और पुरनियों के पास आकर क्या योजना बताई?
उन्होंने महायाजकों और पुरनियों को कहा कि पौलुस को महासभा में लेकर आएं ताकि वे उसे यहाँ पहुँचने से पहले ही मार डालें।
Acts 23:16-22
पलटन के सरदार को चालीस यहूदियों की योजना के विषय में कैसे ज्ञात हुआ?
पौलुस के भांजे ने योजना सुनी और जाकर पलटन के सरदार को इसके विषय में बताया।
Acts 23:23-28
पलटन के सरदार की चालीस यहूदियों की योजना जानने के पश्चात् क्या प्रतिक्रिया थी?
पलटन के सरदार ने दो सूबेदारों को बुलाकर, बड़ी संख्या में पहरेदारों के साथ पौलुस को फेलिक्स हाकिम के पास कुशलता से रात के तीसरे पहर जाने की आज्ञा दी।
Acts 23:29-34
फेलिक्स हाकिम को लिखी चिट्ठी में, पलटन के सरदार ने पौलुस के विरोध में लगे आरोपों के विषय में क्या कहा?
पलटन के सरदार ने कहा कि व्यवस्था के विवादों के विषय में उस पर दोष लगे हैं परन्तु मारे डाले जाने या बांधे जाने योग्य उसमें कोई दोष नहीं।
Acts 23:35
फेलिक्स ने कब पौलुस के मुक़दमे का निर्णय करना निश्चित किया?
फेलिक्स ने कहा कि जब पौलुस के मुद्दई भी आ जाएँगे तो वह उसका मुक़दमा सुनेगा।
मुकदमें की सुनवाई तक पौलुस को कहाँ रखा गया?
पौलुस को हेरोदेस के किले में मुक़दमे की सुनवाई तक रखा गया।
Acts 24
Acts 24:5-11
यहूदियों ने पौलुस के विरोध में हाकिम के सामने क्या दोष लगाए?
तिरतुल्लुस ने पौलुस पर यहूदियों से बलवा करवाने और मन्दिर को अशुद्ध करने के आरोप लगाए।
तिरतुल्लुस के अनुसार पौलुस किस पंथ का मुखिया था?
तिरतुल्लुस ने कहा कि पौलुस नासरियों के कुपन्थ का मुखिया था।
Acts 24:12-13
पौलुस के अनुसार उसने मन्दिर, आराधनालय, और नगर में क्या किया?
पौलुस ने कहा कि उसने न तो किसी के साथ विवाद किया और न ही भीड़ लगाई।
Acts 24:14
किस विषय में पौलुस ने कहा कि वह विश्वासयोग्य था?
पौलुस ने कहा कि वह जो बातें व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों में लिखी है वे उन सब पर विश्वास करता है।
Acts 24:15-16
पौलुस ने यहूदियों को जो उस पर दोष लगाते थे क्या आशा दी?
वे परमेश्वर पर धर्मी और अधर्मी दोनों के जी उठने के विषय में समान दृढविश्वास रखते हैं।
Acts 24:17
पौलुस के अनुसार वह यरूशलेम क्यों आया था?
पौलुस के अनुसार वह अपने लोगों को दान पंहुचाने और भेंट चढ़ाने आया था।
Acts 24:18-21
पौलुस के अनुसार जब उसे आसिया के कुछ यहूदियों ने मन्दिर में पाया तो वह वहां क्या कर रहा था?
पौलुस ने कहा कि वह मन्दिर में शुद्धिकरण समारोह में था जब उसे वहां पाया गया।
Acts 24:22-23
फेलिक्स हाकिम को किस विषय में पहले से अच्छी तरह पता था?
फेलिक्स हाकिम इस पंथ के विषय में अच्छे से जानता था।
फेलिक्स ने कब पौलुस के मुक़दमे का निर्णय करना निश्चित किया?
फेलिक्स ने कहा कि जब पलटन का सरदार लुसियास यरूशलेम से आएगा तब वह पौलुस के मुक़दमे का निर्णय करेगा।
Acts 24:24
कुछ दिनों के पश्चात् पौलुस ने फेलिक्स को किस विषय में बताया?
पौलुस ने फेलिक्स को यीशु मसीह में विश्वास, धर्म, संयम और आने वाले न्याय के विषय में बताया।
Acts 24:25-26
पौलुस की बात पर फेलिक्स ने क्या प्रतिक्रिया की?
फेलिक्स ने भयभीत हो कर उसे उस समय जाने के लिए कहा।
Acts 24:27
दो वर्ष के पश्चात्, जब नया हाकिम आया तो फेलिक्स पौलुस को बन्दी ही क्यों छोड़ गया?
फेलिक्स पौलुस को बन्दी ही छोड़ गया क्योंकि वह यहूदियों को खुश करना चाहता था।
Acts 25
Acts 25:3-4
महायाजक और यहूदियों के प्रमुख ने फेस्तुस से क्या विनती की?
उन्होंने फेस्तुस से विनती की कि पौलुस को यरूशलेम बुलाए ताकि वे उसे रास्ते में ही मार डालें।
Acts 25:5-8
फेस्तुस ने महायाजक और यहूदियों के प्रमुख को क्या करने के लिए कहा?
फेस्तुस ने उन्हें कैसरिया जाने के लिए कहा, जहाँ फेस्तुस स्वयं जा रहा था, ताकि वे वहां पौलुस पर दोष लगा सकें।
Acts 25:9
पौलुस का कैसरिया में मुक़दमा सुनते हुए, फेस्तुस ने पौलुस से क्या प्रश्न पूछा?
फेस्तुस ने पूछा कि क्या वह चाहता है कि उसे यरूशलेम ले जाकर उसका निर्णय किया जाए।
पौलुस से फेस्तुस ने यह प्रश्न क्यों पूछा?
फेस्तुस ने पौलुस से यह प्रश्न यहूदियों को खुश करने की इच्छा से पूछा।
Acts 25:10-11
फेस्तुस के प्रश्न पर पौलुस की क्या प्रतिक्रिया थी?
पौलुस ने कहा कि उस ने यहूदियों का कुछ अपराध नहीं किया है, और उसने कैसर के द्वारा न्याय किए जाने की दुहाई दी।
Acts 25:12-15
फेस्तुस ने पौलुस के मुक़दमे के साथ क्या करने का निर्णय लिया?
फेस्तुस ने निर्णय सुनाया कि यदि पौलुस कैसर के पास ही जाना चाहता है तो उसे कैसर के पास ही ले जाया जाएगा।
Acts 25:16-18
फेस्तुस ने दण्ड देने के लिए किस रोमी रीति के विषय में बताया?
फेस्तुस ने कहा कि रोमी, अपराधियों को उस पर दोष लगाने वालों के द्वारा लगाए दोषों के लिए आमने-सामने खड़े होकर अपना पक्ष रखने का अवसर देते हैं।
Acts 25:19-25
फेस्तुस के अनुसार यहूदियों ने पौलुस पर क्या दोष लगाए थे?
फेस्तुस ने कहा कि जो दोष उसपर लगाए गए है वे उनके मत के और यीशु नामक किसी मनुष्य के विषय में जो मर गया था और जिसके जीवित होने का पौलुस दावा करता था, विषय में विवाद था।
Acts 25:26
फेस्तुस पौलुस को राजा अग्रिप्पा के सामने पेश करने क्यों लाया?
फेस्तुस राजा अग्रिप्पा की सहायता चाहता था कि कैसर के सामने पौलुस के मुक़दमे के विषय में कुछ तर्कसंगत लिखने को मिले।
Acts 25:27
फेस्तुस के अनुसार कैसर के पास भेजते समय क्या करना उसे व्यर्थ जान पड़ा?
फेस्तुस ने कहा कि पौलुस के खिलाफ़ जो दोष लगाएं हैं उन्हें न बताना व्यर्थ जान पड़ता है।
Acts 26
Acts 26:3-4
पौलुस राजा अग्रिप्पा के सामने अपना प्रतिवाद रखने में क्यों प्रसन्न था?
पौलुस राजा अग्रिप्पा के सामने अपना प्रतिवाद प्रस्तुत करने इ लिए बहुत खुश था क्योंकि अग्रिप्पा यहूदी व्यवहारों और विवादों को जानता था।
Acts 26:5
यरूशलेम में पौलुस का जीवन आरम्भ ही से कैसे रहा?
पौलुस अपने धर्म के सबसे कट्टर पंथ, फरीसी आचरण के अनुसार चला।
Acts 26:6-8
परमेश्वर की कौन सी प्रतिज्ञा की आशा के कारण पौलुस के अनुसार वह और यहूदी आशा लगाए हैं?
पौलुस के अनुसार वह और यहूदी पुनरुत्थान की प्रतिज्ञा पर आशा लगाए बैठे हैं।
Acts 26:9-12
मन फिराने से पहले, पौलुस यीशु नासरी के नाम के विरोध में क्या कर रहा था?
पौलुस बहुत से पवित्र सन्तों को बंदीगृह में डालता, उनके मारे जाने पर उनके विरोध में सम्मति देता और यहाँ तक कि बाहर के नगरों में जाकर भी उनको ताड़ना देता।
Acts 26:13
पौलुस ने दमिश्क के मार्ग में क्या देखा?
पौलुस ने मार्ग में सूर्य के तेज से भी बढ़कर एक ज्योति देखी।
Acts 26:14
पौलुस ने दमिश्क के मार्ग में क्या सुना?
पौलुस ने सुना,“हे शाऊल, हे शाऊल! तू मुझे क्यों सताता है?”
Acts 26:15
पौलुस से दमिश्क के मार्ग में कौन बात कर रहा था?
पौलुस से दमिश्क के मार्ग में यीशु बात कर रहा था।
Acts 26:16-17
पौलुस को यीशु ने क्या नियुक्त किया?
यीशु ने पौलुस को सेवक और अन्यजातियों के लिए गवाह नियुक्त किया।
Acts 26:18-19
यीशु अन्यजातियों को क्या ग्रहण करवाना चाहता था?
यीशु ने कहा वह चाहता था कि अन्यजातियाँ अपने पापों की क्षमा और परमेश्वर से मीरास पाएं।
Acts 26:20-21
पौलुस के अनुसार कौन सी दो बातों का उसने जहाँ भी गया प्रचार किया?
पौलुस के अनुसार उसने लोगों से मन फिराने और परमेश्वर की ओर मुड़ने के लिए, और मन फिराव के योग्य काम करने के लिए कहा।
Acts 26:22-23
भविष्यद्वक्ताओं और मूसा ने क्या कहा था जो होने वाला है?
भविष्यद्वक्ताओं और मूसा ने कहा था कि मसीह को दुःख उठाना होगा, मरे हुओं में से जी कर उठेगा और यहूदियों और अन्यजातियों में ज्योति का प्रचार करेगा।
Acts 26:24-27
पौलुस की सफाई सुन कर फेस्तुस ने क्या सोचा?
फेस्तुस ने सोचा कि पौलुस पागल हो गया था।
Acts 26:28-30
पौलुस की राजा अग्रिप्पा के लिए क्या इच्छा थी?
पौलुस की इच्छा थी कि राजा अग्रिप्पा मसीही हो जाए।
Acts 26:31-32
अग्रिप्पा, फेस्तुस और बिरनीके पौलुस पर लगे आरोपों के विषय में किस निर्णय पर पहुंचे?
वे सब इस बात पर सहमत थे कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया जो मृत्यु दण्ड, या बन्दीग्रह में डालने योग्य हो, यदि यह कैसर की दुहाई न देता तो छूट सकता था।
Acts 27
Acts 27:3-6
सूबेदार यूलियुस ने रोम की यात्रा के आरम्भ में पौलुस से किस प्रकार का बर्ताव किया?
यूलियुस ने पौलुस पर कृपा कर के उसे मित्रों के यहाँ जाने दिया कि उसका सत्कार किया जाए।
Acts 27:7-9
किस टापू के आस-पास पौलुस का जहाज़ को मुश्किल का सामना करना पड़ा?
जहाज़ को क्रेते के टापू के पास चलने में कठिनाई हुई।
Acts 27:10-13
सूबेदार यूलियुस ने यात्रा जारी रखने के विषय में पौलुस द्वारा दी गई चेतावनी की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया?
यूलियुस ने पौलुस की चेतावनी की ओर इसलिए ध्यान नहीं दिया क्योंकि उसने जहाज़ के स्वामी की बातों को बढ़कर माना।
Acts 27:14-19
समुंद्री यात्रा की अच्छी शुरुआत के बाद किस हवा ने जहाज़ को थपेड़े मारना शुरू कर दिया?
अच्छी शुरुआत के पश्चात्, यूरकुलीन कहलाने वाली हवा ने जहाज़ पर लगना शुरू कर दिया।
Acts 27:20-21
कई दिनों के पश्चात्, जहाज़ के मल्लाहों ने आशा छोड़ दी?
कई दिनों के पश्चात्, मल्लाहों ने बचने की सारी आशाएं छोड़ दीं।
Acts 27:22-26
परमेश्वर के स्वर्गदूत ने जहाज़ यात्रा के विषय में क्या सन्देश दिया?
परमेश्वर के स्वर्गदूत ने कहा कि वह और सारे मल्लाह बच जाएंगे, पर जहाज़ टूट जाएगा।
Acts 27:27-29
चौदहवीं रात को आधी रात में, मल्लाहों के क्या अनुमान लगाया कि जहाज़ को क्या हो रहा है ?
मल्लाहों ने अनुमान लगाया कि वे किसी देश के निकट पहुँच रहे हैं।
Acts 27:30
मल्लाह क्या करने की सोच रहे थे?
मल्लाह जहाज़ छोड़कर भागना चाहते थे।
Acts 27:31-32
पौलुस ने सूबेदार और सिपाहियों को मल्लाहों के विषय में क्या बताया?
पौलुस ने सूबेदार और सिपाहियों को बताया कि ये जहाज़ पर न रहें तो तुम भी नहीं बच सकते।
Acts 27:33-38
जब भोर होने को था तो पौलुस ने क्या करने के लिए हर किसी को समझाया?
पौलुस ने हर किसी को भोजन करने के लिए समझाया।
Acts 27:39-41
मल्लाहों के दल ने जहाज़ को किस प्रकार समुंद्र तट पर लगाने का निर्णय किया, और क्या हुआ?
मल्लाहों के दल ने सीधे समुंद्र तट की ओर जहाज़ ले जाने का निर्णय किया, पर जहाज़ का गलही तो धक्का खाकर गड गई और टल न सकी परन्तु पिछाड़ी लहरों के बल से टूटने सी लगी।
Acts 27:42
इस समय सिपाही बन्दियों के साथ क्या करने जा रहे थे?
सिपाही बन्दियों को मार डालने का विचार करने लगे ताकि उनमे से कोई बच न निकले।
Acts 27:43
सूबेदार ने सिपाहियों की योजना को क्यों रोका?
सूबेदार ने सिपाहियों की योजना को रोका क्योंकि वह पौलुस को बचाना चाहता था।
Acts 27:44
जहाज़ के सब लोग किस प्रकार सुरक्षित ज़मीन पर आए?
जो कोई तैर सकते थे पहले किनारे पर गए, फिर बाकी कोई पटरों और जहाज़ की अन्य वस्तुओं के द्वारा भूमि पर बच निकले।
Acts 28
Acts 28:2-3
माल्टा टापू के निवासियों ने पौलुस और उसके जहाज़ के सवारों के साथ कैसा व्यवहार किया?
वहां के निवासियों ने उन पर अनोखी कृपा की।
Acts 28:4-5
जब लोगों ने पौलुस के हाथ में सांप लटकता हुआ देखा तो क्या सोचा?
लोगों ने सोचा कि पौलुस हत्यारा है जिसे न्याय के कारण जीवित न रहने दिया।
Acts 28:6-7
जब लोगों ने देखा कि सांप ने पौलुस को नहीं काटा तो उन्होंने क्या सोचा?
लोगों ने सोचा कि पौलुस कोई देवता है।
Acts 28:8-10
जब पौलुस ने पुबलियुस के पिता को ठीक कर दिया जो टापू का प्रधान था तो फिर क्या हुआ?
उस टापू के अन्य लोग जो बीमार थे आए और चंगाई पाई।
Acts 28:11-14
पौलुस और अन्य माल्टा नामक टापू पर कितने दिन रहे?
पौलुस और अन्य सदस्य माल्टा नामक टापू पर तीन माह तक रहे।
Acts 28:15
पौलुस ने रोमी भाइयों को देखकर क्या किया जो उसे मिलने आए थे?
जब उसने भाइयों को देखा, उसने परमेश्वर का धन्यवाद किया और ढाढस बांधा।
Acts 28:16-19
रोम में बन्दी के रूप में पौलुस के रहन-सहन की क्या व्यवस्था थी?
पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उसकी रखवाली करता था अकेले रहने की आज्ञा हुई।
Acts 28:20-21
पौलुस ने रोम में यहूदियों के प्रमुख को अपने जंजीरों में जकड़े होने का क्या कारण बताया?
पौलुस ने यहूदियों के प्रमुख को बताया कि उसे इस्राएल की आशा के लिए उसे जंजीरों में जकड़ा हुआ है।
Acts 28:22
रोम में यहूदियों के प्रमुख इसाई मत के विषय में क्या जानते थे?
रोम में यहूदियों के प्रमुख जानते थे कि हर जगह लोग इस मत के विरोध में बातें करते हैं।
Acts 28:23
जब यहूदियों के प्रमुख पौलुस को उसके रहने के स्थान पर मिलने आए, तो पौलुस ने सुबह से शाम क्या करने की कोशिश की?
पौलुस ने उन्हें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों से समझा-समझा कर भोर से सांझ तक वर्णन करता रहा।
Acts 28:24
पौलुस की प्रस्तुति पर यहूदियों के प्रमुख की क्या प्रतिक्रिया थी?
कुछ यहूदी प्रमुखों ने उन बातों को मान लिया, जबकि अन्यों ने विश्वास न किया।
Acts 28:25-27
पौलुस द्वारा पवित्र शास्त्र से दिए गए अंतिम हवाले में उसने उन यहूदी प्रमुखों को क्या कहा जिन्होंने विश्वास नहीं किया था?
पवित्र शास्त्र से पौलुस द्वारा दिए गए अंतिम हवाले के अनुसार वे जिन्होंने विश्वास नहीं किया उन्होंने परमेश्वर के वचन की ओर से कान बंद और आँखे मूँद लीं हैं।
Acts 28:28-30
पौलुस के अनुसार परमेश्वर का उद्धार का सन्देश कहाँ भेजा गया है और उस पर क्या प्रतिक्रिया होगी?
पौलुस ने कहा कि परमेश्वर के उद्धार का सन्देश अन्यजातियों के पास भेजा गया है और वे सुनेगें।
Acts 28:31
पौलुस जब रोम में बन्दी था तो क्या करता था?
पौलुस ने परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया और प्रभु यीशु मसीह के विषय में निडर होकर सिखाया।
पौलुस जब रोम में दो वर्ष तक बन्दी था तो उसे किसने प्रचार करने और सिखाने से रोका?
उसे किसी ने भी नहीं रोका।