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Matthew

Matthew 1

Matthew 1:1-15

मसीह यीशु की वंशावली कौन से दो पूर्वजों के महत्त्व को प्रकट करते हुए उनके नाम दिए गए हैं?

जिन दो पूर्वजों की सबसे पहले सूची दी गई है वे दाऊद और अब्राहम है।

Matthew 1:16-17

वंशावली के अन्त में किस पत्नी का नाम दिया गया है और उसका नाम क्यों दिया गया है?

मरियम, यूसुफ की पत्नी का नाम दिया गया है क्योंकि उसके द्वारा यीशु का जन्म हुआ था।

Matthew 1:18

यूसुफ के साथ सम्बन्ध बनाने से पूर्व मरियम के साथ क्या हुआ था?

यूसुफ के साथ सम्बन्ध बनाने से पूर्व मरियम पवित्र-आत्मा से गर्भवती हुई थी।

Matthew 1:19

यूसुफ कैसा मनुष्य था?

यूसुफ एक धर्मी जन था।

मरियम के गर्भवती होने की बात सुनकर यूसुफ ने क्या करने का निर्णय लिया?

यूसुफ ने गुप्त में मरियम के साथ मंगनी तोड़ देने की इच्छा की थी।

Matthew 1:20

यूसुफ के जीवन में ऐसी क्या घटना हुई कि उसने मरियम के साथ मंगनी न तोड़ने का विचार किया?

एक स्वर्गदूत ने यूसुफ को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि वह मरियम को अपना ले क्योंकि उसका गर्भ धारण पवित्र-आत्मा से है।

Matthew 1:21-22

यूसुफ से क्यों कहा गया कि वह अपने शिशु का नाम यीशु रखे?

यूसुफ से कहा गया कि वह शिशु का नाम यीशु रखे क्योंकि वह अपने लोगों का पाप से उद्धार करेगा।

Matthew 1:23-24

पुराने नियम की भविष्यद्वाणी में क्या कहा गया था जो इन घटनाओं में पूरा हुआ?

पुराने नियम की भविष्यद्वाणी थी कि एक कुंवारी पुत्र को जन्म देगी और वह इम्मानुएल कहलाएगा जिसका अर्थ है, "परमेश्वर हमारे साथ है।"

Matthew 1:25

जब तक मरियम ने यीशु को जन्म नहीं दिया तब तक यूसुफ ने किस बात में सावधानी रखी?

यीशु के जन्म तक यूसुफ अति सावधान रहा कि वह मरियम के निकट न जाए।

Matthew 2

Matthew 2:1

यीशु का जन्म कहाँ हुआ था?

यीशु का जन्म यहूदिया के बैतलहम में हुआ था।

Matthew 2:2

पूर्वी क्षेत्र से आने वाले ज्योतिषियों ने यीशु को क्या उपाधि दी थी?

पूर्वी क्षेत्र से आने वाले ज्योतिषियों ने यीशु को "यहूदियों का राजा" उपाधि दी थी।

ज्योतिषियों को कैसे ज्ञात हुआ था कि यहूदियों के राजा का जन्म हुआ है?

ज्योतिषियों ने पूर्व में यहूदियों के राजा का तारा देखा था।

Matthew 2:3-4

ज्योतिषियों की बात सुनकर हेरोदेस ने कैसी प्रतिक्रिया दिखाई थी?

ज्योतिषियों से यह समाचार सुनकर राजा हेरोदेस परेशान हो गया था।

Matthew 2:5-8

महायाजकों और शास्त्रियों को कैसे पता था कि मसीह का जन्म बैतलहेम में होगा?

बैतलहम में मसीह के जन्म की भविष्यद्वाणी को वे जानते थे।

Matthew 2:9-10

ज्योतिषियों को यीशु के निवास स्थान का ज्ञान सही-सही कैसे मिला?

पूर्व में जो तारा दिखाई दिया था वह उनके आगे-आगे चला जब तक कि वह उस स्थान पर ठहर न गया जहाँ यीशु का जन्म हुआ था।

Matthew 2:11

जब ज्योतिषी आए तब यीशु कितने वर्ष का था?

जब ज्योतिषी यीशु के पास आए तब वह एक बालक था।

ज्योतिषियों ने यीशु को भेंट में क्या दिया था?

ज्योतिषियों ने यीशु को सोना, लोबान और गन्धरस भेंट में दिया।

Matthew 2:12

ज्योतिषी किस मार्ग से घर लौटे और उन्होंने वह मार्ग क्यों लिया?

ज्योतिषी दूसरे मार्ग से घर लौट गए क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें स्वप्न में सतर्क कर दिया था कि वे हेरोदेस के पास न जाएं।

Matthew 2:13-14

यूसुफ को स्वप्न में क्या चेतावनी दी गई?

यूसुफ को चेतावनी दी गई कि वह यीशु और मरियम को लेकर मिस्र चला जाए क्योंकि हेरोदेस यीशु की हत्या करने की खोज में था।

Matthew 2:15

यीशु के मिस्र लौट आने पर कौन सी भविष्यद्वाणी पूरी हुई थी?

बाद में जब यीशु मिस्र से लौटा तब यह भविष्यद्वाणी पूरी हुई, "मैंने अपने पुत्र को मिस्र से बुलवाया।"

Matthew 2:16-18

ज्योतिषियों के न लौटने पर हेरोदेस ने क्या किया?

हेरोदेस ने बैतलहेम में दो वर्ष और दो वर्ष से कम आयु के सब लडकों को मरवा दिया।

Matthew 2:19-21

हेरोदेस के मरने के बाद यूसुफ को स्वप्न में क्या निर्देश दिया गया था?

यूसुफ को स्वप्न में कहा गया कि वह इस्राएल लौट जाए।

Matthew 2:22

यूसुफ मरियम और यीशु के साथ कहाँ रहने लगा था?

यूसुफ मरियम और यीशु के साथ गलील के नासरत नामक नगर में रहने लगा।

Matthew 2:23

यूसुफ द्वारा एक नए स्थान में बस जाने पर कौन सी भविष्यद्वाणी पूरी हुई?

यह भविष्यद्वाणी कि मसीह नासरी कहलाएगा पूरी हुई।

Matthew 3

Matthew 3:2

जंगल में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला क्या प्रचार करता था?

यूहन्ना प्रचार करता था, "मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।"

Matthew 3:3-5

यशायाह की भविष्यद्वाणी में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को क्या करना था?

यूहन्ना के बारे में यह भविष्यद्वाणी की गई थी कि वह प्रभु का मार्ग तैयार करेगा।

Matthew 3:6-7

यूहन्ना से बपतिस्मा लेते समय लोग क्या करते थे?

बपतिस्मा लेते समय लोग अपने पापों का अंगीकार करते थे।

Matthew 3:8

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने फरीसियों और सदूकियों से क्या करने को कहा था?

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने फरीसियों और सदूकियों से कहा कि वे मन-फिराव के योग्य फल लाएं।

Matthew 3:9

यूहन्ना ने फरीसियों और सदूकियों को किस भ्रम के विरुद्ध चेतावनी दी थी?

यूहन्ना ने फरीसियों और सदूकियों को चेतावनी दी कि वे इस भ्रम में न रहें कि उनका पिता अब्राहम है।

Matthew 3:10

यूहन्ना के अनुसार फल न लाने वाले प्रत्येक वृक्ष का क्या होता है?

यूहन्ना कहता था कि जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता वह काटा और आग में झोंका जाता है।

Matthew 3:11-14

यूहन्ना के बाद आने वाला बपतिस्मा कैसे देगा?

यूहन्ना के बाद जो आएगा वह पवित्र-आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।

Matthew 3:15

यीशु ने यूहन्ना से क्या कहा कि यूहन्ना उसे बपतिस्मा देने को तैयार हो गया?

यीशु ने कहा कि यूहन्ना द्वारा उसका बपतिस्मा धार्मिकता को पूरा करने के लिए उचित है।

Matthew 3:16

पानी से बाहर आते ही यीशु ने क्या देखा?

नदी के पानी से बाहर आने पर यीशु ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और उस पर आते देखा।

Matthew 3:17

यीशु के बपतिस्मे के बाद आकाशवाणी में क्या कहा गया था?

आकाशवाणी हुई, "यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।"

Matthew 4

Matthew 4:1

जंगल में शैतान द्वारा परीक्षा के लिए यीशु को लेकर कौन गया था?

पवित्र-आत्मा यीशु को जंगल में ले गया कि शैतान उसकी परीक्षा ले।

Matthew 4:2

जंगल में यीशु ने कितने दिन उपवास किया था?

जंगल में यीशु ने चालीस दिन और चालीस रात उपवास किया।

Matthew 4:3

शैतान ने यीशु की पहली परीक्षा क्या ली थी?

शैतान ने यीशु की परीक्षा लेते हुए कहा कि वह पत्थर को रोटी बना दे।

Matthew 4:4

पहली परीक्षा का यीशु ने क्या उत्तर दिया था?

यीशु ने कहा कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा।

Matthew 4:5-6

शैतान ने यीशु की दूसरी परीक्षा क्या ली थी?

शैतान ने यीशु से कहा कि वह मंदिर के कंगूरे पर से स्वयं को गिरा दे।

Matthew 4:7

यीशु ने दूसरी परीक्षा के उत्तर में क्या कहा था?

यीशु ने उत्तर दिया, तू अपने प्रभु परमेश्वर की परीक्षा न कर।

Matthew 4:8-9

शैतान ने यीशु की तीसरी परीक्षा कैसे ली?

शैतान ने परीक्षा ली कि यीशु उसे दण्डवत् करके जगत का राज्य ले ले।

Matthew 4:10-14

यीशु ने तीसरी परीक्षा का क्या उत्तर दिया था?

यीशु ने कहा कि केवल प्रभु परमेश्वर की उपासना करना और उसकी ही सेवा करना अनिवार्य है।

Matthew 4:15-16

कफरनहूम में यीशु के जाने से कौन सी भविष्यद्वाणी पूरी हुई?

यशायाह की भविष्यद्वाणी पूरी हुई कि गलीलवासी अन्धकार में ज्योति देखेंगे।

Matthew 4:17

वहाँ यीशु ने क्या प्रचार करना आरंभ किया?

यीशु प्रचार करने लगा, "मन फिराओ क्योंकि परमेश्वर का राज्य निकट आया है।"

Matthew 4:18

पतरस, अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना की जीविका क्या थी?

पतरस, अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना सब मछुवारे थे।

Matthew 4:19-22

यीशु ने पतरस और अन्द्रियास से क्या कहा की वह उन्हें बनाएगा?

यीशु ने कहा था कि वह पतरस और अन्द्रियास को मनुष्यों के पकड़ने वाले बनाएगा।

Matthew 4:23

उस समय यीशु शिक्षा देने कहाँ जाता था?

यीशु गलील क्षेत्र के आराधनालयों में शिक्षा देता था।

Matthew 4:24

यीशु के पास कैसे लोगों को लाया गया और यीशु ने उनके साथ क्या किया?

सब रोगी और दुष्टात्माग्रस्त लोग यीशु के पास लाए गए और यीशु ने उन्हें चंगा किया।

Matthew 4:25

उस समय यीशु के पीछे कितने लोग थे?

उस समय विशाल जनसमूह यीशु के पीछे चलता गया।

Matthew 5

Matthew 5:3

मन के दीन मनुष्य धन्य क्यों हैं?

मन के दीन जन धन्य हैं क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।

Matthew 5:4

शोक करने वाले क्यों धन्य हैं?

शोक करने वाले धन्य हैं क्योंकि वे शान्ति पाएंगे।

Matthew 5:5

नम्र जन धन्य क्यों हैं?

नम्र जन धन्य हैं क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।

Matthew 5:6-10

धर्म के भूखे और प्यासे क्यों धन्य हैं?

धर्म के भूखे और प्यासे धन्य हैं क्योंकि वे तृप्त किए जाएंगे।

Matthew 5:11-14

यीशु के कारण निन्दित होने वाले और सताए जाने वाले क्यों धन्य हैं?

यीशु के कारण जिनकी निन्दा की जाए और उन्हें सताया जाए वे धन्य हैं क्योंकि उनके लिए स्वर्ग में बड़ा फल है।

Matthew 5:15-16

विश्वासी मनुष्यों के सामने अपना उजियाला कैसे चमकाएंगे?

विश्वासी भले कामों द्वारा मनुष्यों के सामने अपना उजियाला चमकाएं।

Matthew 5:17-18

यीशु पुराने नियम की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं के साथ क्या करने आया था?

यीशु पुराने नियम की व्यवस्था और भविष्यवक्ताओं की वाणी को पूरा करने आया था।

Matthew 5:19-20

स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन कहलाएगा?

जो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करेगा और उन्हें मनुष्यों को सिखाएगा वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा कहलाएगा।

Matthew 5:21-22

यीशु ने शिक्षा दी कि हत्यारे ही नहीं परमेश्वर के दण्ड के भागी और कौन होंगे?

यीशु की शिक्षा थी कि हत्यारे ही नहीं, अपने भाई पर क्रोध करने वाले भी दण्ड पाने के संकट में हैं।

Matthew 5:23-24

यदि हमारे भाई के मन में हमारे विरुद्ध कुछ है तो यीशु की शिक्षा के अनुसार क्या करना चाहिए?

यीशु ने सिखाया कि यदि हमारे भाई के मन में हमारे विरुद्ध कुछ है तो हमें उससे मेल-मिलाप करना है।

Matthew 5:25-26

यीशु ने क्या सिखाया कि हम न्यायालय में जाने से पूर्व करें?

यीशु ने सिखाया कि हमें न्यायालय में जाने से पूर्व ही अपने आरोपी से समझौता कर लेना चाहिए।

Matthew 5:27-28

यीशु ने सिखाया कि व्यभिचार तो गलत है ही परन्तु और क्या है जो गलत है?

यीशु ने सिखाया कि व्यभिचार ही गलत नहीं स्त्री की लालसा करना भी अनुचित है।

Matthew 5:29-31

यीशु की शिक्षा के अनुसार हमें पाप के हर एक कारण के साथ क्या करना है?

यीशु ने सिखाया कि हमें उस हर एक बात से मुक्ति पाना है जो हमसे पाप करवाती है।

Matthew 5:32

यीशु ने तलाक की अनुमति क्यों दी थी?

यीशु ने व्यभिचार के कारण तलाक को स्वीकार किया था।

यदि पति अपनी पत्नी को अनुचित तलाक दे तो वह उसे क्या बनने पर विवश करता है?

यदि कोई पति अपनी पत्नी को अनुचित तलाक दे और वह पत्नी पुनर्विवाह कर लें तो वह उससे व्यभिचार करवाता है।

Matthew 5:33-37

स्वर्ग, पृथ्वी, यरूशलेम या अपने सिर की शपथ खाने की अपेक्षा हमें यीशु की शिक्षा के अनुसार क्या करना चाहिए?

यीशु का कहना था कभी किसी भी बात की शपथ नहीं खाना चाहिए परन्तु हमारी बात "हाँ" की "हाँ" और "नहीं" की "नहीं" हो।

Matthew 5:38-42

यीशु की शिक्षा के अनुसार हमें बुरा करने वाले के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?

यीशु ने सिखाया कि हमें बुरे का सामना नहीं करना चाहिए।

Matthew 5:43-45

यीशु की शिक्षा के अनुसार हमें अपने बैरियों और सताने वालों के साथ क्या करना चाहिए?

यीशु ने सिखाया कि हमें अपने बैरियों से प्रेम करना है और अपने सताने वालों के लिए प्रार्थना करना है।

Matthew 5:46-48

यीशु ने क्यों कहा कि हमें केवल अपने प्रेम करने वालों से ही नहीं अपने बैरियों से भी प्रेम करना है?

यीशु ने कहा कि यदि हम केवल अपने प्रेम करने वालों से ही प्रेम रखें तो हमें प्रतिफल नहीं मिलेगा क्योंकि हम वही करते हैं जो अन्य जातियाँ करती हैं।

Matthew 6

Matthew 6:1

हमें स्वर्गीय पिता से प्रतिफल पाने के लिए धार्मिकता के काम कैसे करना है?

हमें गुप्त में धार्मिकता के काम करना है।

Matthew 6:2-4

मनुष्यों को दिखाने के लिए किए गए कामों का प्रतिफल क्या है?

जो लोग मनुष्यों को दिखाने के लिए धार्मिकता के काम करते हैं उनका प्रतिफल मनुष्य की प्रशंसा है।

Matthew 6:5

मनुष्यों को दिखाने के लिए प्रार्थना करने वालों का प्रतिफल क्या है?

पाखंडी मनुष्यों को दिखाने के लिए प्रार्थना करते हैं तो उनका प्रतिफल मनुष्यों की प्रशंसा है।

Matthew 6:6

गुप्त में प्रार्थना करने वालों को प्रतिफल कौन देता है?

जो गुप्त में प्रार्थना करते हैं उनका प्रतिफल पिता से है।

Matthew 6:7-9

यीशु क्यों कहता है कि हमें व्यर्थ के शब्द दोहराए बिना प्रार्थना करना चाहिए?

यीशु ने कहा कि हमें व्यर्थ के शब्दों को दोहराते हुए प्रार्थना नहीं करना है क्योंकि स्वर्गीय पिता हमारे मांगने से पहले ही जानता है कि हमें क्या चाहिए।

Matthew 6:10-14

हमें कहाँ के लिए स्वर्गीय पिता की इच्छा पूरी होने की प्रार्थना करना है?

हमें स्वर्गीय पिता से प्रार्थना करना है कि जैसे उसकी इच्छा स्वर्ग में पूरी होती है वैसे ही पृथ्वी पर भी पूरी हो।

Matthew 6:15

यदि हम अपने अपराधियों को क्षमा नहीं करेंगे तो स्वर्गीय पिता क्या करेगा?

यदि हम किसी के अपराध क्षमा नहीं करेंगे तो स्वर्गीय पिता हमारे अपराध क्षमा नहीं करेगा।

Matthew 6:16-18

हमें स्वर्गीय पिता से प्रतिफल पाने के लिए कैसे उपवास करना चाहिए?

जब हम उपवास करें तो मुंह लटकाकर मनुष्यों के सामने प्रदर्शन न करें तो स्वर्गीय पिता हमें प्रतिफल देगा।

Matthew 6:19-20

हमें कहाँ धन एकत्र करना है और क्यों?

हमें स्वर्ग में धन एकत्र करना है, क्योंकि वहाँ न तो वह नष्ट होगा न ही चुराया जाएगा।

Matthew 6:21-23

जहाँ हमारा धन है वहाँ क्या होगा?

हमारा मन वहीं होगा जहाँ हमारा धन है।

Matthew 6:24

हमें कौन से दो स्वामियों में से चुनाव करना है?

हमें धन और परमेश्वर में से एक को अपना स्वामी बनाना है।

Matthew 6:25-26

हमें खाने, पीने और पहनने की चिन्ता क्यों नहीं करना है?

हमें खाने, पीने और पहनने की चिन्ता नहीं करना है क्योंकि हमारा स्वर्गीय पिता पक्षियों की भी सुधि लेता है और हम तो उनसे कहीं अधिक मूल्यवान हैं।

Matthew 6:27-32

यीशु हमें किस सत्य का स्मरण करवाता है कि हम चिन्ता करके उपलब्ध नहीं कर सकते हैं?

यीशु हमें स्मरण करवाता है कि हम चिन्ता करके अपने जीवन में एक घड़ी भी बढ़ा नहीं सकते।

Matthew 6:33-34

हमें अपनी सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति से पूर्व किसकी खोज करना है?

हमें सर्वप्रथम परमेश्वर के राज्य की और उसकी धार्मिकता की खोज करना है तब हमारी सब सांसारिक आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी।

Matthew 7

Matthew 7:1-5

इससे पहले कि हम अपने भाई की सहायता के लिए स्पष्ट देख सकें, हमें क्या करना आवश्यक है?

अपने भाई की सहायता करने से पहले हमें अपने आपको देखकर अपनी आँख का लट्ठा निकालना है।

Matthew 7:6-7

यदि आप पवित्र वस्तुएं कुत्तों को देंगे तो क्या होगा?

आप कुत्तों को पवित्र वस्तुएं दे तो वे उसे रौंदेगे और आपको काट लेंगे।

Matthew 7:8-10

पिता से पाने के लिए हमें क्या करना होगा?

पिता से कुछ प्राप्त करने के लिए हमें मांगना है, ढूंढना है और खटखटाना है।

Matthew 7:11

पिता मांगने वालों को क्या देता है?

स्वर्गीय पिता मांगने वालों को भली वस्तुएं देता है।

Matthew 7:12

व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता मनुष्यों के साथ हमारे व्यवहार के बारे में क्या शिक्षा देते हैं?

व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता सिखाते हैं कि जैसा हम चाहते हैं कि मनुष्य हमारे साथ करे वैसा ही हम उनके साथ भी करें।

Matthew 7:13

चौड़ा रास्ता हमें कहाँ ले जाता है?

चौड़ा रास्ता विनाश की ओर ले जाता है।

Matthew 7:14

सकेत मार्ग हमें कहाँ ले जाता है?

सकेत मार्ग जीवन की ओर ले जाता है।

Matthew 7:15-20

झूठे भविष्यद्वक्ता कैसे पहचाने जाते हैं?

हम झूठे भविष्यद्वक्ताओं को उनके जीवन के फलों से पहचान सकते हैं।

Matthew 7:21

स्वर्ग के राज्य में कौन प्रवेश करेगा?

स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलने वाले स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करेंगे।

Matthew 7:22-23

यीशु के नाम में भविष्यद्वाणी करने वालों, दुष्टात्मा निकालने वालों और चमत्कार करने वालों से यीशु क्या कहेगा?

यीशु कहेगा, "मैंने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करनेवालों, मेरे पास से चले जाओ।"

Matthew 7:24-25

यीशु दो घर निर्माताओं का दृष्टांत सुनाता है, उनमें से बुद्धिमान मनुष्य कौन है?

यीशु की बातों को सुनकर उनका पालन करने वाला एक बुद्धिमान मनुष्य के समान है।

Matthew 7:26-28

गृह बनाने वालो के दृष्टांत में मूर्ख मनुष्य कौन है?

यीशु के शब्दों को सुनकर उनका पालन न करने वाला मूर्ख है।

Matthew 7:29

शास्त्रियों की शिक्षा देने की विधि के साथ तुलना में यीशु की शिक्षा कैसी थी?

यीशु शास्त्रियों के समान नहीं, पूरे अधिकार से शिक्षा देता था।

Matthew 8

Matthew 8:4-6

यीशु ने क्यों कहा कि वह चंगाई प्राप्त कोढ़ी जाकर याजक को दिखाए और मूसा द्वारा ठहराया हुआ चढ़ावा चढ़ाए?

यीशु ने कोढ़ी को चंगा करके कहा कि वह जाकर याजक को दिखाए कि मनुष्यों में गवाही हो।

Matthew 8:7

सूबेदार ने जब यीशु से निवेदन किया कि वह उसके लकवाग्रस्त सेवक को चंगा करे तब यीशु ने उसको क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि वह सूबेदार के घर जाकर उसके सेवक को चंगा करेगा।

Matthew 8:8-9

सूबेदार ने क्यों कहा कि यीशु उसके घर न आए?

उस सूबेदार ने कहा कि वह इस योग्य नहीं कि यीशु उसके पास आए, उसके मुख का वचन ही रोगहरण का कारण होगा।

Matthew 8:10

यीशु ने उस सूबेदार की प्रशंसा में क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि संपूर्ण इस्राएल में उसने ऐसा विश्वासी नहीं देखा था।

Matthew 8:11

यीशु ने किस-किस के लिए कहा कि वे स्वर्ग के राज्य में बैठेंगे?

यीशु ने कहा कि पूर्व और पश्चिम दिशाओं से अनेक जन आकर स्वर्ग के राज्य में साथ बैठेंगे।

Matthew 8:12-13

यीशु के कथनानुसार कौन बाहर अन्धकार में डाल दिए जाएंगे जहाँ रोना और दांतों का पीसना होगा?

यीशु ने कहा कि राज्य के सन्तान बाहर अन्धकार में डाल दिए जाएंगे।

Matthew 8:14-16

पतरस के घर में यीशु ने किसको चंगा किया था?

पतरस के घर में यीशु ने उसकी सास को चंगा किया था।

Matthew 8:17-19

यीशु द्वारा सब दुष्टात्माग्रस्त और रोगियों को चंगा करने पर यशायाह की कौन सी भविष्यद्वाणी पूरी हुई थी?

यशायाह की यह भविष्यद्वाणी पूरी हुई, "उसने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया।"

Matthew 8:20

यीशु ने उस साथी से क्या कहा जो उसका शिष्य बनना चाहता था?

यीशु ने कहा कि उसके पास अपना स्थाई आवास नहीं है।

Matthew 8:21-23

वह चेला अपने पिता का अन्तिम संस्कार करना चाहता था। यीशु ने उससे क्या कहा?

यीशु ने अपने चेले से कहा, मुरदों को अपने मुरदे गाड़ने दे, तू मेरे पीछे हो ले।

Matthew 8:24-25

झील में बड़ी आंधी उठते समय यीशु नाव में क्या कर रहा था?

झील में आंधी उठी, उस समय यीशु नाव में सो रहा था।

Matthew 8:26

शिष्य डूब कर मरने से डर रहे थे तो उन्होंने यीशु को जगाया, यीशु ने उनसे क्या कहा?

यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, "हे अल्प-विश्वासियों क्यों डरते हो?"

Matthew 8:27

झील पर शान्ति देख शिष्य क्यों चकित हुए?

आंधी और पानी ने जब यीशु की आज्ञा मानी तो शिष्य यह देख दंग रह गए।

Matthew 8:28

यीशु गदरेनियों के देश में पहुंचा तो उसका सामना किससे हुआ?

दो उग्र स्वभाव दुष्टात्माग्रस्त पुरुषों का सामना यीशु से हुआ।

Matthew 8:29-31

उन मनुष्यों के माध्यम से बात करने वाली दुष्टात्माओं की चिन्ता का कारण क्या था?

दुष्टात्माएं परेशान हो गईं कि यीशु समय से पहले ही उन्हें दण्ड देने आ गया है।

Matthew 8:32-33

यीशु ने उनमें से दुष्टात्माएं निकालीं तो क्या हुआ?

यीशु ने उनमें से दुष्टात्माएं निकालीं तो वे सूअरों के झुंड में घुस गईं और सूअर झील में डूब मरे।

Matthew 8:34

नगर से आकर निवासियों ने यीशु से क्या निवेदन किया?

वहाँ के निवासियों ने यीशु से निवेदन किया कि वह चला जाए।

Matthew 9

Matthew 9:2-4

शास्त्रियों ने क्यों सोचा कि यीशु परमेश्वर की निन्दा कर रहा है?

यीशु ने लकवे के रोगी से कहा कि उसके पाप क्षमा हुए तो शास्त्रियों ने सोचा कि यीशु परमेश्वर की निन्दा कर रहा है।

Matthew 9:5-7

यह कहने की अपेक्षा कि उठ और चल उसने उस लकवे के रोगी से क्यों कहा कि उसके पाप क्षमा हुए?

यीशु ने उस लकवे के रोगी से कहा कि उसके पाप क्षमा हुए क्योंकि वह दिखाना चाहता था कि उसे पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है।

Matthew 9:8

उस लकवे को निरोग देखकर और उसके पापों को क्षमा करना देखकर लोगों ने परमेश्वर की महिमा क्यों की?

लोग यह देखकर डर गए और परमेश्वर की महिमा की कि मनुष्य को ऐसा अधिकार दिया है।

Matthew 9:9

शिष्य बनने से पूर्व मत्ती का व्यवसाय क्या था?

यीशु का चेला बनने से पूर्व मत्ती महसूल लेने वाला था।

Matthew 9:10-12

यीशु और उसके चेले किसके साथ भोजन कर रहे थे?

यीशु और उसके चेले महसूल लेने वालों और पापियों के साथ भोजन करते थे।

Matthew 9:13-14

यीशु किसको मन-फिराव के लिए बुलाने आया था?

यीशु ने कहा कि वह पापियों को मनफिराव के लिए बुलाने आया है।

Matthew 9:15-19

यीशु ने कहा, उसके चेले उपवास क्यों नहीं करते हैं?

यीशु ने कहा कि उसके चेले उपवास नहीं करते क्योंकि वह उनके साथ था।

यीशु ने चेलों के उपवास का समय कब बताया था?

यीशु ने कहा कि उसके चले जाने के बाद उसके चेले भी उपवास करेंगे।

Matthew 9:20-21

लहू के बहने वाली उस रोगी स्त्री ने क्या किया और क्यों किया?

एक स्त्री जिसे लहू बहने का रोग था, उसने यीशु के वस्त्र का छोर छू लिया क्योंकि उसको विश्वास था कि उसके वस्त्र के स्पर्श से ही उसका रोग दूर हो जाएगा।

Matthew 9:22-23

यीशु ने उस लहू बहने वाली रोगी स्त्री के लिए क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि उस लहू बहने की रोगी स्त्री के विश्वास ने उसे चंगा किया।

Matthew 9:24-25

उस यहूदी अधिकारी के घर में यीशु के प्रवेश करने पर लोगों ने यीशु का ठट्ठा क्यों किया था?

यीशु ने उस मृतक बालिका के लिए कहा कि वह सोती है तो लोग उस पर हंसने लगे।

Matthew 9:26

यीशु ने उस बालिका को जीवित किया तो क्या हुआ था?

उस मृतक बालिका को जीवित करने का समाचार उस पुरे क्षेत्र में फैल गया।

Matthew 9:27-28

वे दो अंधे पुकार कर यीशु से क्या कह रहे थे?

दो अंधे पुरुष पुकार रहे थे, "हे दाऊद की सन्तान हम पर दया कर।"

Matthew 9:29-33

यीशु ने उन दोनों अंधों को कैसे चंगा किया था?

यीशु ने उन दोनों अंधों को उनके विश्वास के आधार पर चंगा किया था।

Matthew 9:34-35

उस गूंगे को चंगा करने पर फरीसियों ने यीशु को क्या दोष दिया?

फरीसी यीशु पर दोष लगाते थे कि वह दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्मा निकालता है।

Matthew 9:36-37

यीशु को जनसमूह पर तरस क्यों आया था?

यीशु को जनसमूह पर तरस आया क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए।

Matthew 9:38

यीशु ने शिष्यों से किस बात के लिए शीघ्र प्रार्थना को कहा?

यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे खेत के स्वामी से शीघ्रता से प्रार्थना करें वह खेत काटने के लिए मजदूर भेजे।

Matthew 10

Matthew 10:1-3

यीशु ने अपने बारह शिष्यों को क्या अधिकार दिया था?

यीशु ने अपने बाहर शिष्यों को अधिकार दिया कि वे अशुद्ध आत्माओं को निकालें और सब रोगों को चंगा करें।

Matthew 10:4-5

यीशु के साथ विश्वासघात करने वाले चेले का नाम क्या था?

यीशु के साथ विश्वासघात करने वाले चेले का नाम यहूदा इस्करियोती था।

Matthew 10:6-8

उस समय यीशु ने अपने चेलों को कहाँ भेजा था?

यीशु ने अपने चेलों को केवल इस्राएल के घराने की खोई हुई भेड़ों के पास भेजा था।

Matthew 10:9-10

क्या चेलों को पैसा और अधिक कपड़े साथ रखने थे?

चेलों को न पैसा न अधिक कपड़े साथ रखने थे।

Matthew 10:11-13

गाँव-गाँव भ्रमण करते समय चेलों को कहाँ ठहरना था?

चेले गांव में जब तक रहें वे किसी योग्य व्यक्ति के घर ठहरें।

Matthew 10:14-16

जिन नगरों ने चेलों को ग्रहण नहीं किया और उनका वचन नहीं सुना उनका क्या होगा?

जिन नगरों में चेलों को ग्रहण नहीं किया और उनके वचनों को नहीं सुना गया उनका दण्ड सदोम और अमोरा से अधिक बुरा होगा।

Matthew 10:17-19

यीशु के कथनानुसार मनुष्य चेलों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे?

यीशु ने कहा था कि लोग चेलों को पकड़ कर सभाओं में सौंपेंगे, कोड़े मारेंगे और राजाओं और हाकिमों के सामने पहुंचाए जाएंगे।

Matthew 10:20-21

दोषारोपण के समय चेलों के मुख से बोलनेवाला वास्तव में कौन होगा?

उनके दोषारोपण के समय परमेश्वर का आत्मा उनके मुख से बोलेगा।

Matthew 10:22-27

यीशु के कथनानुसार अन्त में किसका उद्धार होगा?

यीशु ने कहा कि जो अन्त समय तक धीरज धरे रहेगा उसी का उद्धार होगा।

यीशु से घृणा करने वाले चेलों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे?

यीशु के चेलों से लोग घृणा करेंगे क्योंकि उन्होंने यीशु से भी घृणा की थी।

Matthew 10:28-31

यीशु ने कहा, हमें किससे नहीं डरना है?

हमें देह को नष्ट करने वालों से नहीं डरना है क्योंकि वे आत्मा को नष्ट नहीं कर सकते।

यीशु के कहे अनुसार हमें किससे डरना है?

हमें उससे डरना है जो आत्मा और देह दोनों को नरक में नष्ट कर देगा।

Matthew 10:32

मनुष्यों के सामने उसे स्वीकार करने वालों के लिए यीशु क्या करेगा?

यीशु स्वर्ग में पिता के सामने उसे स्वीकार करेगा।

Matthew 10:33

मनुष्यों के सामने उसका इन्कार करने वालों के साथ यीशु क्या करेगा?

यीशु स्वर्ग में पिता के सामने उसका इन्कार करेगा।

Matthew 10:34-38

यीशु कैसा विभाजन करने आया था?

यीशु ने कहा कि वह तो परिवारों में भी विभाजन करने आया है।

Matthew 10:39-41

यीशु के लिए जान देने वाले को क्या मिलेगा?

यीशु के लिए जो जान दे देगा वह जीवन पाएगा।

Matthew 10:42

किसी छोटे से छोटे मनुष्य को ठंडा पानी पिलाने पर क्या होगा?

छोटे से छोटे को यीशु का चेला मानकर को एक कटोरा ठंडा पानी पिलाए तो उसे प्रतिफल अवश्य मिलेगा।

Matthew 11

Matthew 11:1-2

उपदेश के लिए नगरों में जाने से पूर्व यीशु ने क्या किया?

उपदेश के लिए जाने से पूर्व यीशु ने चेलों को निर्देश दिए थे।

Matthew 11:3-4

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने यीशु के पास क्या सन्देश भेजा था?

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने सन्देश भेजा, "क्या आने वाला तू ही है, या हम किसी दूसरे की बाट जोहें?"

Matthew 11:5

आने वाला वही है, इसके प्रमाण में यीशु ने क्या कहा था?

यीशु ने उत्तर दिया, रोगी चंगे किए जाते हैं, मुर्दे जिलाए जाते हैं और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।

Matthew 11:6-8

जो यीशु के कारण ठोकर न खाएं उनके लिए यीशु ने क्या प्रतिज्ञा की?

जो यीशु के कारण ठोकर न खाए उनको यीशु ने धन्य कहा।

Matthew 11:9-13

यीशु के जीवन में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले की भूमिका क्या थी?

यीशु ने कहा कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला वह दूत है जो आने वाले का मार्ग तैयार करेगा।

Matthew 11:14-17

यीशु के अनुसार यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कौन था?

यीशु ने कहा कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला एलिय्याह है।

Matthew 11:18

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला न खाता था न पीता था अतः वह पीढ़ी उसे क्या कहती थी?

वह पीढ़ी कहती थी कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले में दुष्ट आत्मा थी।

Matthew 11:19

वह पीढ़ी यीशु के लिए क्या कहती थी क्योंकि वह खाता और पीता था?

वह पीढ़ी कहती थी कि यीशु पेटू और पियक्कड़ है और महसूल लेने वालों तथा पापियों के साथ भोजन करता है।

Matthew 11:20-24

जिन नगरों ने यीशु के महान काम देखकर भी मन नहीं फिराया उनके लिए यीशु ने क्या कहा था?

यीशु के महान कामों को देखकर भी कुछ नगरों ने मन नहीं फिराया तो यीशु ने उनके दण्ड की भविष्यद्वाणी की थी।

Matthew 11:25-26

यीशु ने किससे स्वर्ग का राज्य छिपाने के लिए परमेश्वर की प्रशंसा की थी?

ज्ञानियों और समझदारों से स्वर्ग के राज्य की बातों को छिपाने के कारण यीशु ने परमेश्वर की प्रशंसा की थी।

यीशु ने स्वर्ग का राज्य किस पर प्रकट करने के लिए परमेश्वर की प्रशंसा की थी?

यीशु ने परमेश्वर की प्रशंसा की कि उसने स्वर्ग का राज्य बालकों जैसे अज्ञानियों पर प्रकट किया है।

Matthew 11:27

यीशु के कथनानुसार पिता को कौन जानता है?

यीशु ने कहा कि वह स्वर्गीय पिता को जानता है और जिस पर चाहेगा उस पर प्रकट करेगा।

Matthew 11:28-30

यीशु ने विश्राम की प्रतिज्ञा किससे की है?

यीशु ने सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे हुए लोगों के लिए विश्राम की प्रतिज्ञा की है।

Matthew 12

Matthew 12:2-5

फरीसियों ने यीशु के चेलों के किस काम की शिकायत की थी?

फरीसियों ने शिकायत की कि यीशु के चेले गेहूं की बालें तोड़कर खा रहे थे जो सब्त के दिन का उल्लंघन था।

Matthew 12:6-7

यीशु ने मन्दिर से बड़ा किसको बताया था?

यीशु ने कहा कि वह मन्दिर से भी बड़ा है।

Matthew 12:8-9

मनुष्य के पुत्र, यीशु को क्या अधिकार है?

मनुष्य का पुत्र, यीशु सब्त का प्रभु है।

Matthew 12:10-11

सूखे हुए हाथ के मनुष्य के समक्ष फरीसियों ने आराधनालय में यीशु से क्या पूछा?

फरीसियों ने यीशु से पूछा, "क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?"

Matthew 12:12-13

यीशु के अनुसार सब्त के दिन कैसा काम उचित है?

यीशु ने कहा कि सब्त के दिन भलाई करना व्यवस्थापूर्ण है।

Matthew 12:14-17

उस सूखे हाथ वाले मनुष्य को यीशु ने चंगा किया तो फरीसियों ने क्या किया?

फरीसियों ने बाहर जाकर षड्यंत्र रचा कि उसे कैसे घात करें।

Matthew 12:18

यीशु पवित्र-आत्मा के द्वारा दुष्टात्माएं निकाल रहा था तो उसके अनुसार क्या हो रहा था?

यीशु ने कहा कि वह पवित्र-आत्मा के द्वारा दुष्टात्माएं निकालता है तो परमेश्वर का राज्य उनके पास आ पहुंचा है।

Matthew 12:19-25

यीशु के बारे में यशायाह की भविष्यद्वाणी के अनुसार यीशु क्या नहीं करेगा?

यीशु न झगड़ा करेगा, न धूम मचाएगा, न कुचले हुए सरकण्डे को तोड़ेगा, न धुआं देती हुई बत्ती को बुझाएगा।

Matthew 12:26-30

बालज़बूल की सहायता से दुष्टात्माएं निकालने के आरोप पर यीशु ने क्या प्रतिक्रिया दिखाई थी?

यीशु ने कहा यदि शैतान ही शैतान को बाहर करे तो उसका राज्य कैसे स्थिर रहेगा।

Matthew 12:31-32

यीशु के कथनानुसार कौन सा पाप क्षमा के योग्य है?

यीशु ने कहा कि पवित्र-आत्मा की निन्दा क्षमा के योग्य नहीं है।

Matthew 12:33-36

पेड़ कैसे पहचाना जाता है?

पेड़ अपने फलों से पहचाना जाता है।

Matthew 12:37-38

यीशु के अनुसार फरीसियों का न्याय और दण्ड कैसा होगा?

यीशु ने कहा कि फरीसी अपने शब्दों द्वारा न्याय पाएंगे और दण्ड भोगेंगे।

Matthew 12:39-40

यीशु ने उस पीढ़ी को क्या चिन्ह दिया?

यीशु ने कहा कि वह उस पीढ़ी को योना का चिन्ह देगा, तीन दिन-रात पृथ्वी के गर्भ में रहेगा।

Matthew 12:41

यीशु ने किसको योना से महान बनाया था?

यीशु ने कहा कि वह योना से अधिक महान है।

नीनवे के लोग और दक्षिण की रानी यीशु की पीढ़ी को दोषी क्यों ठहरायेंगे?

नीनवे के लोग और दक्षिण की रानी यीशु की पीढ़ी को दोषी ठहरायेंगे क्योंकि उन्होंने योना और सुलैमान से परमेश्वर का वचन ग्रहण किया था परन्तु यीशु की पीढ़ी ने योना और सुलैमान से बड़े के वचनों को ग्रहण नहीं किया।

Matthew 12:42

यीशु ने किसको सुलैमान से बड़ा कहा है?

यीशु ने कहा कि वह सुलैमान से भी बड़ा है।

Matthew 12:43-45

यीशु की पीढ़ी के लोगों की दशा कैसे मनुष्य जैसी होगी?

यीशु की पीढ़ी के लोग उस मनुष्य के तुल्य हैं जिसमें से अशुद्ध आत्मा निकाली गई परन्तु वह अन्य सात दुष्टात्माओं को लेकर लौट आई और उस मनुष्य की दशा पहले से भी अधिक बुरी हो गई।

Matthew 12:46-50

यीशु के भाई, बहन और माता कौन है?

यीशु ने कहा कि स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलने वाले उसके भाई, बहन और माता है।

Matthew 13

Matthew 13:4

बीज बोने वाले के दृष्टान्त में मार्ग के किनारे गिरे बीजों का क्या हुआ?

मार्ग के किनारे जो बीज गिरे उन्हें पक्षियों ने खा लिया।

Matthew 13:5-6

बीज बोने वाले के दृष्टान्त में पत्थरीली भूमि पर गिरने वाले बीजों का क्या हुआ?

पत्थरीली भूमि पर गिरने वाले बीज तुरन्त उगे परन्तु धूप में जल कर सूख गए।

Matthew 13:7

यीशु के बीज बोने वाले दृष्टान्त में कुछ बीच झाड़ियों में गिरे थे, उनका क्या हुआ?

कुछ बीज कंटीली झाड़ियों में गिरे और शीघ्र ही झाड़ियों ने उन्हें दबा दिया।

Matthew 13:8-13

यीशु के इस दृष्टान्त में अच्छी भूमि में गिरने वाले बीजों का क्या हुआ था?

जो बीज अच्छी भूमि में गिरे थे वे सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना फल लाए।

Matthew 13:14

यशायाह की भविष्यद्वाणी के अनुसार मनुष्य सुनेगा और देखेगा भी परन्तु क्या नहीं करेगा?

यशायाह ने भविष्यद्वाणी की थी कि मनुष्य सुनेंगे परन्तु बुझेंगे नहीं, वे देखेंगे तो परन्तु उन्हें समझेगा नहीं।

Matthew 13:15-18

जो लोग यीशु की बातें सुनते थे परन्तु समझते नहीं थे उनकी समस्या क्या थी?

यीशु की बातें सुनने वालों का मन मोटा हो गया था वे ऊंचा सुनते थे और उन्होंने आंखे मूंद ली थी।

Matthew 13:19

बीज बोने वाले के दृष्टांत में मार्ग के किनारे गिरा बीज किस प्रकार का मनुष्य है?

मार्ग के किनारे बीजों का गिरना उस मनुष्य के सदृश्य था जो राज्य का सुसमाचार सुनता है परन्तु समझता नहीं और शैतान आकर उससे वचन छीन कर ले जाता है।

Matthew 13:20-21

बीज बोने वाले के दृष्टांत में पत्थरीली भूमि में गिरा बीज किस मनुष्य के सदृश्य है?

पत्थरीली भूमि में गिरा बीज वह मनुष्य है जो वचन को सुनकर सर्हष ग्रहण करता है परन्तु सताव के कारण तुरन्त ठोकर खाता है।

Matthew 13:22

बीज बोने वाले के दृष्टान्त में झाड़ियों में गिरा बीज किस मनुष्य के सदृश्य है?

झाड़ियों में गिरे बीज, वह मनुष्य है जो वचन को सुनता है परन्तु सांसारिक चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबा देते हैं।

Matthew 13:23-27

बीज बोने वाले के दृष्टांत में अच्छी भूमि में बोए गए बीज किस मनुष्य के सदृश्य है?

अच्छी भूमि में बोए गए बीज उस मनुष्य के सदृश्य हैं जो वचन को सुनकर उसे अन्तर्ग्रहण करता है और फल लाता है।

Matthew 13:28-29

जंगली बीज के दृष्टांत में खेत में किस ने जंगली बीज बोए थे?

एक बैरी ने खेत में जंगली बीज डाल दिए।

Matthew 13:30

खेत के स्वामी ने मजदूरों को गेहूं और जंगली पौधों के बारे में क्या निर्देश दिए थे?

खेत के स्वामी ने मजदूरों से कहा कि दोनों की कटनी तक उगने दें तब जंगली पौधों को जलाने के लिए और गेहूं को खत्तों में रखने के लिए अलग-अलग कर दें।

Matthew 13:31-32

यीशु द्वारा सुनाए गए राई के दाने के दृष्टान्त में राई के दाने का क्या होता है?

राई का पौधा सब साग-पात से बड़ा हो जाता है और चिड़ियें उसमें घोंसला बनाती हैं।

Matthew 13:33-36

यीशु ने स्वर्ग के राज्य को खमीर के सदृश्य क्यों कहा था?

यीशु ने कहा कि स्वर्ग का राज्य खमीर के जैसा है, जब वह तीन पसेरी आटे में मिलाया गया तो पूरा आटा खमीर हो गया।

Matthew 13:37-38

जंगली पौधों के दृष्टान्त में अच्छा बीज बोने वाला कौन है, खेत क्या है, अच्छे बीज कौन हैं, जंगली पौधे कौन हैं, जंगली पौधे किसने बोए?

अच्छा बीज बोने वाला मनुष्य का पुत्र है, खेत यह संसार है, अच्छे बीज राजा की सन्तान हैं, जंगली पौधे शैतान की सन्तान हैं और उनका बोने वाला शैतान है।

Matthew 13:39-41

जंगली पौधों के दृष्टान्त में कटनी करने वाले कौन हैं और कटनी क्या दर्शाती है?

फसल काटने वाले स्वर्गदूत हैं और कटनी संसार का अन्त है।

Matthew 13:42

जगत के अन्त में अपराधियों के साथ क्या किया जायेगा?

जगत के अन्त में अपराधी आग में झोंके जायेंगे।

Matthew 13:43

जगत के अन्त में धर्मियों का क्या होगा?

जंगल के अन्त में धर्मी जन सूर्य के समान चमकेंगे।

Matthew 13:44

यीशु के इस दृष्टान्त में जिस मनुष्य को खजाना मिल गया था जो स्वर्ग के राज्य का प्रतीक है वह क्या करता है?

एक मनुष्य को खजाना मिल जाता है तो वह अपना सब कुछ बेचकर उस खेत को मोल ले लेता है।

Matthew 13:45-46

यीशु के इस दृष्टांत में उस बहुमूल्य मोती को स्वर्ग के राज्य को मोल लेने के लिए क्या किया गया था?

एक व्यापारी को बहुमूल्य मोती मिल गया तो उसने अपना सब कुछ बेचकर उस मोती को खरीद लिया।

Matthew 13:47-53

मछली पकड़ने का जाल जगत के अन्त के तुल्य कैसे है?

जाल में पकड़ी गई हर प्रकार की मछलियों में से अच्छी मछलियां चुनकर निकम्मी फेंक दी जाती हैं इसी प्रकार जगत के अन्त में धर्मियों को अलग करके दुष्टों को अग्नि-कुण्ड में डाल दिया जायेगा।

Matthew 13:54-56

यीशु की शिक्षा को सुनकर उसके नगर के लोगों ने उसके बारे में क्या प्रश्न किया?

?

Matthew 13:57

यीशु ने भविष्यद्वक्ता के साथ व्यवहार के बारे में क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि भविष्यद्वक्ता अपने देश को छोड़ कहीं "निरादर नहीं" होता है।

Matthew 13:58

मनुष्यों के अविश्वास के कारण यीशु के अपने नगर में क्या हुआ?

मनुष्यों के अविश्वास के कारण यीशु ने अपने नगर में बहुत सामर्थ्य के काम नहीं किए।

Matthew 14

Matthew 14:2-3

हेरोदेस यीशु को क्या समझता था?

हेरोदेस सोचता था कि यीशु पुनर्जीवित यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला है।

Matthew 14:4

हेरोदेस ने व्यवस्था विरोधी कौन सा काम किया था कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने उसे दोषी ठहराया था?

हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी से विवाह कर लिया था।

Matthew 14:5-6

हेरोदेस यूहन्ना को तुरन्त नहीं मरवाया, क्यों?

हेरोदेस ने यूहन्ना की हत्या तुरन्त नहीं की थी क्योंकि वह लोगों से डर गया जो उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे।

Matthew 14:7

हेरोदेस के जन्मदिन पर हेरोदियास की पुत्री के नृत्य से अति प्रसन्न होकर, हेरोदेस ने क्या किया था?

हेरोदेस ने शपथ खाकर कहा कि वह हेरोदियास की पुत्री को मुंह मांगा वर देगा।

Matthew 14:8

हेरोदियास ने क्या मांगा था?

हेरोदियास ने यूहन्ना को बपतिस्मा देनेवाले का सिर थाली में मांगा।

Matthew 14:9-13

हेरोदेस ने हेरोदियास का निवेदन क्यों स्वीकार किया?

हेरोदेस ने अपनी शपथ और अतिथियों के कारण हेरोदियास का निवेदन स्वीकार किया था।

Matthew 14:14-15

विशाल जन समूह को पीछे आते देख यीशु की प्रतिक्रिया क्या थी?

यीशु को उन पर तरस आया और उसने उनके रोगियों को चंगा किया।

Matthew 14:16-18

यीशु ने चेलों से क्या कहा कि वे उस जन समूह के लिए करें?

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे उस जन समूह को भोजन करवाएं।

Matthew 14:19

चेले जब पांच रोटियां और दो मछलियां लेकर उसके पास आए तब यीशु ने क्या किया?

यीशु ने स्वर्ग की ओर दृष्टि करके रोटी को आशिष देकर तोड़ा और चेलों को दिया कि जन समूह में बांट दें।

Matthew 14:20-22

कितने लोगों ने भोजन किया और कितना भोजन बचा?

लगभग पांच हज़ार पुरूषों तथा स्त्रियों और बच्चों ने भोजन किया और बारह टोकरियां भरकर रोटियां बची।

Matthew 14:23

जन समूह को विदा करने के बाद यीशु ने क्या किया?

यीशु पहाड़ पर अकेले प्रार्थना करने चला गया।

Matthew 14:24

झील के मध्य चेलों के साथ क्या हो रहा था?

हवा और लहरों के कारण चेले नाव को संभाल नहीं पा रहे थे।

Matthew 14:25-26

यीशु चेलों के पास कैसे आया?

यीशु पानी पर चलकर चेलों के पास आया।

Matthew 14:27-28

चेलों ने यीशु को देखा तो यीशु ने उनसे क्या कहा?

यीशु ने चेलों से कहा ढाढ़स बांधो, डरो मत।

Matthew 14:29

यीशु ने पतरस से क्या करने को कहा?

यीशु ने पतरस से कहा कि वह पानी पर चलकर उसके पास आ जाए।

Matthew 14:30-31

पतरस पानी में क्यो डूबने लगा था?

पतरस डर कर पानी में डूबने लगा।

Matthew 14:32

यीशु और पतरस नाव में आ गए तो क्या हुआ?

जब यीशु और पतरस नाव में आ गये तब हवा बहना बन्द हुआ।

Matthew 14:33-34

इस घटना के कारण शिष्यों ने क्या किया?

यह देख कर चेलों ने यीशु को दण्डवत् करके कहा, "सचमुच तू परमेश्वर का पुत्र है"|

Matthew 14:35-36

यीशु और उसके चेले झील के पार उतरे तो लोगों ने क्या किया?

यीशु और उसके चेले जब झील के पार उतरे तब लोग अपने रोगियों को लेकर यीशु के पास आए।

Matthew 15

Matthew 15:3-6

परम्परा द्वारा परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करने का उदाहरण यीशु ने क्या दिया?

फरीसियों ने "परमेश्वर को भेंट" चढ़ाने के बहाने सन्तानों को माता-पिता के दायित्व से मुक्त कर दिया था।

Matthew 15:7-8

यशायाह ने फरीसियों के मुख और हृदय के बारे में क्या भविष्यद्वाणी की थी?

यशायाह की भविष्यद्वाणी थी कि फरीसी होंठों से परमेश्वर का आदर करते थे परन्तु उनका मन उससे दूर था।

Matthew 15:9-10

परमेश्वर की आज्ञाओं के स्थान पर फरीसी धर्म की क्या शिक्षा देते थे?

फरीसी धर्म शिक्षा के नाम पर मनुष्य की परम्परा की शिक्षा देते थे।

Matthew 15:11-13

यीशु की शिक्षा के अनुसार मनुष्य किससे अशुद्ध होता है?

यीशु ने कहा कि मनुष्य के मुख से निकलने वाली बातें उसे अशुद्ध करती हैं।

Matthew 15:14-18

यीशु ने फरीसियों को क्या कहा और उनका भविष्य क्या बताया?

यीशु ने फरीसियों को अन्धे मार्गदर्शक कहा, और यह भी कि वे गड़हे में गिरेंगे।

Matthew 15:19-22

मनुष्य के मन से उभरने वाली कौन सी बातें उसे अशुद्ध करती हैं?

मन से बुरे विचार, हत्या, व्यभिचार, परस्त्रीगमन, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा उभरती है।

Matthew 15:23

जब उस कनानी स्त्री ने यीशु की दया दान के लिए पुकारा तब यीशु ने पहले क्या किया?

यीशु ने उसे उत्तर नहीं दिया।

Matthew 15:24-27

उस कनानी स्त्री को अनदेखा करने का कारण यीशु ने क्या बताया था?

यीशु ने कहा कि उसे केवल इस्राएल की खोई हुई भेड़ों के लिए भेजा गया है।

Matthew 15:28-29

उस स्त्री की दीनता पर यीशु ने उससे क्या कहा और उसके लिए क्या किया?

यीशु ने कहा कि उस स्त्री का विश्वास बड़ा है और उसकी इच्छा पूरी की।

Matthew 15:30-33

यीशु ने उस विशाल जन समूह के साथ क्या किया जो गलील क्षेत्र में उसके पास आए थे?

यीशु ने गूंगे, लंगड़े, टुण्डे और अंधे लोगों को चंगा किया।

Matthew 15:34-35

चेलों के पास जन समूह को खिलाने के लिए कितनी रोटियां और मछलियां थी?

चेलों के पास सात रोटियां और कुछ मछलियां थी।

Matthew 15:36

यीशु ने रोटियों और मछलियों के साथ क्या किया?

यीशु ने रोटियां और मछलियां लेकर धन्यवाद दिया और रोटी तोड़कर चेलों को दीं।

Matthew 15:37

सबके खा लेने के बाद कितना भोजन बचा था?

सबको भोजन करने के बाद सात टोकरियां भर कर भोजन बच गया।

Matthew 15:38-39

कितने लोग रोटी और मछली खाकर तृप्त हुए थे?

चार हज़ार पुरुष और स्त्रियों तथा बच्चों ने भोजन किया और तृप्त हुए।

Matthew 16

Matthew 16:1-3

फरीसी और सदूकी यीशु को परखने के लिए क्या देखना चाहते थे?

फरीसी और सदूकी यीशु से स्वार्गिक चिन्ह दिखाने की मांग कर रहे थे।

Matthew 16:4-5

यीशु ने फरीसियों और सदूकियों को क्या दिखाने को कहा?

यीशु ने कहा कि वह फरीसियों और सदूकियों को योना का चिन्ह देगा।

Matthew 16:6-11

यीशु ने अपने चेलों को किस बात से सावधान रहने को कहा था?

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान रहें।

Matthew 16:12

यीशु ने अपने चेलों को सावधान रहने के लिए कहा तब वह वास्तव में किस बात का संदर्भ दे रहा था?

यीशु अपने चेलों को फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से सावधान रहने को कह रहा था।

Matthew 16:13

यीशु जब कैसरिया फिलिप्पी के प्रदेश में आया तब उसने अपने चेलों से क्या पूछा?

यीशु ने अपने चेलों से पूछा, "लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?"

Matthew 16:14-15

लोग यीशु को क्या समझते थे?

कुछ लोग सोचते थे कि यीशु यूहन्ना को बपतिस्मा देने वाला है, या एलिय्याह, या यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से एक है।

Matthew 16:16

पतरस ने यीशु के प्रश्न का क्या उत्तर दिया?

पतरस ने उत्तर दिया, "तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है"।

Matthew 16:17-18

पतरस ने यीशु के प्रश्न का उत्तर कैसे जाना?

पतरस यीशु के प्रश्न का उत्तर जानता था क्योंकि स्वर्गीय पिता ने उस पर यह प्रकट किया था।

Matthew 16:19-20

यीशु ने पतरस को पृथ्वी पर क्या अधिकार दिया?

यीशु ने पतरस को राज्य की कुंजी दी कि वह पृथ्वी पर जो बांधेगा वह स्वर्ग में बांधेगा और जो कुछ वह पृथ्वी पर खोलेगा वह स्वर्ग में खुलेगा।

Matthew 16:21-22

उस समय यीशु ने अपने चेलों से स्पष्ट क्या कहा?

यीशु अपने चेलों को बताने लगा कि उसे यरूशलेम जाना है, वह बहुत दुःख उठाएगा और मार डाला जाएगा और तीसरे दिन जी उठेगा।

Matthew 16:23

पतरस ने यीशु द्वारा उसके सब होने वाली घटनाओं के वर्णन पर आपत्ति उठाई तो यीशु ने उससे क्या कहा था?

यीशु ने पतरस से कहा, "हे शैतान मेरे सामने से दूर हो।"

Matthew 16:24-25

यीशु के पीछे चलने के लिए मनुष्य को क्या करना आवश्यक है?

यीशु के पीछे आने वाले को अपने आपका इन्कार करना होगा और अपना क्रूस उठाना होगा।

Matthew 16:26

यीशु के अनुसार मनुष्य को किस बात से लाभ नहीं है?

?

Matthew 16:27

मनुष्य के पुत्र के आगमन का वर्णन यीशु ने कैसे किया?

यीशु ने कहा कि मनुष्य का पुत्र स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आयेगा।

मनुष्य का पुत्र जब आयेगा तब मनुष्य को कैसे प्रतिफल देगा?

मनुष्य का पुत्र जब आएगा तब वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।

Matthew 16:28

यीशु ने किसके लिए कहा था कि वे मनुष्य के पुत्र को अपने राज्य में आता देखेंगे?

यीशु ने कहा कि कुछ लोग जो इस समय उसके साथ खड़े थे, मनुष्य के पुत्र को अपने राज्य में आता देखेंगे।

Matthew 17

Matthew 17:1

यीशु के साथ पहाड़ पर कौन-कौन गये थे?

पतरस, याकूब और यूहन्ना यीशु के साथ एक ऊंचे पहाड़ पर गए।

Matthew 17:2

पहाड़ पर यीशु कैसा दिखने लगा था?

यीशु का वहाँ रूपान्तरण हुआ और उसका मुँह सूर्य के समान चमका तथा उसके वस्त्र ज्योति के समान चमकने लगे।

Matthew 17:3

वहाँ कौन प्रगट हुए कि यीशु से बात करें?

मूसा और एलिय्याह प्रकट हुए और यीशु से बातें करने लगे।

Matthew 17:4

पतरस ने क्या प्रस्ताव रखा था?

पतरस ने उन तीनों के लिए तीन मण्डप लगाने का प्रस्ताव रखा।

Matthew 17:5-8

बादल में से जो वाणी सुनाई दी वह क्या कहती है?

बादल में से एक वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूँ: इस की सुनो।”

Matthew 17:9

जब वे पहाड़ से उतर रहे थे तब यीशु ने अपने चेलों को क्या आज्ञा दी थी?

यीशु ने अपने चेलों को आज्ञा दी कि उसके पुनरूत्थान तक दर्शन की इस घटना की चर्चा किसी से न करें।

Matthew 17:10

यीशु के अनुसार एलिय्याह कौन था जो आ चुका और उसके साथ कैसा व्यवहार किया गया?

यीशु ने कहा कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला एलिय्याह था जो पहले आया और उन्होंने उसके साथ जैसा चाहा वैसा व्यवहार किया।

Matthew 17:11-13

शास्त्री कहते थे कि एलिय्याह पहले आयेगा इस पर यीशु ने क्या उत्तर दिया?

यीशु ने कहा कि निश्चय ही एलिय्याह आकर सब बातों को सुधारेगा।

Matthew 17:14-17

चेले उस मिर्गी के रोगी युवक के लिए क्या नहीं कर पाए थे?

चेले एक मिर्गी के रोगी युवक को चंगा नहीं कर पाए थे।

Matthew 17:18-19

यीशु ने उस मिर्गी के रोगी युवक के लिए क्या किया?

यीशु ने उस दुष्टात्मा को झिड़का और वह युवक उसी पल चंगा हो गया।

Matthew 17:20-21

चेले उस मिर्गी के रोगी युवक को चंगा करने में सफल क्यों नहीं हुए थे?

यीशु ने कहा कि विश्वास की कमी के कारण वे उस युवक को चंगा करने में असफल रहे थे।

Matthew 17:22-26

यीशु ने चेलों से ऐसी क्या बात कही कि वे दुःखी हो गए थे?

यीशु ने जब अपने चेलों पर प्रकट किया कि वह पकड़वाया जाएगा और मारा जाएगा परन्तु तीसरे दिन फिर जी उठेगा।

Matthew 17:27

पतरस और यीशु ने मन्दिर का कर कैसे भरा?

यीशु ने पतरस से कहा कि वह झील में सहीं जाल डालकर मछली पकड़े, और उस मछली के मुंह में एक सिक्का होगा इससे कर चुका दिया जायेगा।

Matthew 18

Matthew 18:3

स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के लिए यीशु ने किस बात को अनिवार्य कहा था?

यीशु ने कहा कि हमें मन फिराकर, बच्चों के समान होना है कि स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करें।

Matthew 18:4-5

यीशु ने किसको स्वर्ग के राज्य में बड़ा कहा?

यीशु ने कहा कि जो कोई अपने को एक छोटे बालक की नाई दीन बनाएगा वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा।

Matthew 18:6-7

यीशु में विश्वास करने वाले किसी भी छोटे मनुष्य से पाप करवाने वाले का क्या होना है?

यीशु में विश्वास करने वाले छोटे लोगों में से किसी के लिए पाप का कारण होने वाले मनुष्य के लिए उचित है कि चक्की का पाट उसके गले में बांध कर उसे गहरे समुन्द्र में डाल दिया जाए।

Matthew 18:8-9

यीशु की शिक्षा के अनुसार हमें ठोकर खिलाने वाली हर एक बात के साथ क्या करना चाहिए?

यीशु ने कहा कि ठोकर खिलाने वाली हर एक बात का हमें त्याग करना आवश्यक है।

Matthew 18:10-11

यीशु के अनुसार छोटों को तुच्छ न समझने का कारण क्या है?

हमें छोटों में से किसी को तुच्छ नहीं समझना है क्योंकि उनके स्वर्गदूत सदैव स्वर्गीय पिता का मुंह देखते रहते हैं।

Matthew 18:12-14

किसी भी खोई हुई भेड़ को खोजने वाला स्वर्गीय पिता के समान कैसे है?

यह स्वर्गीय पिता की इच्छा नहीं कि छोटों में से एक भी नष्ट हो।

Matthew 18:15

यदि आपका भाई आपके विरूद्ध अपराध करे तो आपको सबसे पहले क्या करना है?

पहले आप जाकर अकेले में अपने भाई को समझाए की उसका अपराध क्या है।

Matthew 18:16

यदि आपका भाई न सुने तो फिर आपको क्या करना है?

आप अपने साथ एक या दो भाई गवाह स्वरूप ले जाएं।

Matthew 18:17-19

यदि आपका भाई फिर भी न सुने तो आपको क्या करना होगा?

अन्यथा, आप कलीसिया में इस बात को रखें।

यदि आपका भाई फिर भी न सुने तो क्या किया जाए?

अन्त में, यदि वह कलीसिया की भी बात न माने तो उसके साथ अन्यजाति या महसूल लेने वाले के समान व्यवहार किया जाए।

Matthew 18:20

उसके नाम में दो या तीन एकत्र होने पर यीशु ने क्या प्रतिज्ञा की है?

यीशु ने प्रतिज्ञा की है कि जहां दो या तीन उसके नाम से एकत्र हों वहाँ वह उपस्थित होगा।

Matthew 18:21-23

अपने भाई को क्षमा करने के विषय यीशु ने क्या कहा है?

यीशु ने कहा कि हमें अपने भाई को सत्तर गुना सात बार क्षमा करनी चाहिए।

Matthew 18:24-26

उस दास पर स्वामी का कितना उधार था और क्या वह उधार चुकाने में सक्षम था?

एक दास अपने स्वामी का दस हज़ार तोड़े का कर्जदार था और वह कर्ज चुकाने योग्य न था।

Matthew 18:27

स्वामी ने इस दास का कर्ज क्यों क्षमा किया?

उसके स्वामी ने तरस खाकर उसका कर्ज क्षमा कर दिया।

Matthew 18:28-32

इस दास ने सौ दीनार न चुकाने के कारण अपने साथी दास के साथ कैसा व्यवहार किया?

वही सेवक अपने साथी सेवक पर दयालु नहीं हुआ और उसे बन्दीगृह में डाल दिया।

Matthew 18:33

स्वामी ने उस दास से क्या कहा कि उसे अपने साथी दास के साथ करना आवश्यक था?

उसके स्वामी ने उससे कहा कि उसे भी अपने साथी दास पर दया करना आवश्यक था।

Matthew 18:34

तब स्वामी ने उस दास के साथ क्या किया ?

स्वामी ने क्रोध में आकर उसे दण्ड देने वालों के हाथ सौंप दिया।

Matthew 18:35

यदि हम अपने भाई को सच्चे मन से क्षमा न करें तो यीशु के अनुसार परमेश्वर पिता हमारे साथ कैसा व्यवहार करेगा?

यदि हम अपने भाई को सच्चे मन से क्षमा नहीं करेंगे तो परमेश्वर भी हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करेगा।

Matthew 19

Matthew 19:3

यीशु की परीक्षा लेने के लिए फरीसियों ने उससे क्या पूछा?

फरीसियों ने यीशु से पूछा, "क्या हर एक कारण से अपनी पत्नी को त्यागना उचित है?"

Matthew 19:4

यीशु ने क्या कहा कि सृष्टि के आरंभ से सच है?

यीशु ने कहा कि सृष्टि के समय ही से परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया है।

Matthew 19:5

क्योंकि परमेश्वर ने नर और नारी को बनाया तो यीशु ने कहा कि पुरुष को क्या करना है?

यीशु ने कहा कि पुरुष अपने माता पिता से अलग होकर, अपनी पत्नी के साथ रहेगा।

यीशु के कथनानुसार जब पति अपनी पत्नी के साथ रहता है तब क्या होता है?

यीशु ने कहा कि जब पति अपनी पत्नी के साथ रहेगा तो वे एक तन होंगे।

Matthew 19:6

यीशु ने कहा कि परमेश्वर ने जिसे जोड़ा है उसे मनुष्य क्या न करे?

यीशु ने कहा कि परमेश्वर ने जिसे जोड़ा है उसे मनुष्य अलग न करे।

Matthew 19:7-8

??

यीशु के अनुसार मूसा ने तलाक की आज्ञा क्यों दी थी।

Matthew 19:9

यीशु की शिक्षा के अनुसार व्यभिचार कौन करता है?

व्यभिचार को छोड़ अन्य किसी भी कारण से पुरूष अपनी पत्नी को तलाक देकर दूसरा विवाह करे तो वह व्यभिचार करता है और जो पुरूष उस त्यागी हुई स्त्री से विवाह करे वह भी व्यभिचार करता है।

Matthew 19:10-12

यीशु ने कहा, नपुंसक कौन हो सकता है?

यीशु ने कहा कि जो इसे ग्रहण करे वह नपुंसक होना ग्रहण कर ले।

Matthew 19:13

जब बच्चे यीशु के पास लाए जा रहे थे तब चेलों ने क्या किया?

जब छोटे बच्चों को यीशु के पास लाया जा रहा था तब चेलों ने उन्हे रोका।

Matthew 19:14-15

छोटे बच्चों को देखकर यीशु ने क्या कहा?

यीशु ने कहा बच्चों को मेरे पास आने दो उन्हें मना मत करो क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों का ही है।

Matthew 19:16-19

यीशु ने उस युवक को अनन्त जीवन पाने का कौन सा मार्ग बताया था?

यीशु ने उस युवक से कहा कि अनन्त जीवन पाने के लिए वह आज्ञाओं का पालन करे।

Matthew 19:20-21

उस युवक ने कहा कि वह इन सब आज्ञाओं का पालन करता है तो यीशु ने उससे क्या कहा?

इस युवक ने कहा कि वह सब आज्ञाओं को मानता है तो यीशु ने उससे कहा कि वह अपना सब कुछ बेच कर कंगालों में बांट दे।

Matthew 19:22

उस युवक ने यीशु की आज्ञा पर कैसी प्रतिक्रिया दिखाई जब यीशु ने उसको कहा कि वह अपना सब कुछ बेच दे?

वह युवक दुःखी होकर चला गया क्योंकि वह बहुत धनवान था।

Matthew 19:23-27

यीशु ने धनवान मनुष्य के स्वर्ग राज्य में प्रवेश के बारे में क्या कहा है?

यीशु ने कहा कि धनवान मनुष्य का स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करना कठिन है परन्तु परमेश्वर के लिए सब संभव है।

Matthew 19:28-29

यीशु ने अपने शिष्यों से क्या प्रतिज्ञा की थी?

यीशु ने अपने शिष्यों से प्रतिज्ञा की कि नये जन्म में वे बारह सिंहासनों पर बैठ कर इस्त्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करेंगे।

Matthew 19:30

यीशु ने पहले और पिछलों के लिए क्या कहा है?

यीशु ने कहा कि जो इस समय पिछले हैं वे पहले होंगे और जो पहले हैं वो पिछले होंगे।

Matthew 20

Matthew 20:1-3

सुबह जो मजदूर लाए गए थे उन्हें उस स्वामी ने कितनी मजदूरी दी?

दाख की बारी के स्वामी ने सुबह लाए गये मजदूरों को एक दीनार पर ठहराया।

Matthew 20:4-8

तीसरे, छठवें, नौवें और ग्यारहवें घंटों में ठहराए गये मजदूरों को बारी के स्वामी ने कितनी मजदूरी देने का वचन दिया था?

बारी के स्वामी ने कहा कि वह उन्हें उचित मजदूरी देगा।

Matthew 20:9-10

ग्यारहवें घंटे में लाए गए मजदरों को कितनी मजदूरी मिली?

ग्यारहवें घंटे में लाए गए मजदूरों को एक दीनार मिला।

Matthew 20:11-12

सुबह काम पर लगाए गए मजदूरों ने क्या शिकायत की?

उन्होंने शिकायत की कि उन्होंने पूरा दिन काम किया और उन्हें उतना ही मिला जितना एक घंटे काम करने वाले को।

Matthew 20:13-16

बारी के स्वामी ने मजदूरों की शिकायत का क्या उत्तर दिया?

स्वामी ने उत्तर दिया कि सुबह काम पर लगाए गए मजदूरों को उसने ठहराई गई मजदूरी एक दीनार दी है और अन्य मजदूरों को भी उतनी ही मजदूरी देना उसकी अपनी इच्छा है।

Matthew 20:17-19

यरूशलेम जाते समय यीशु ने अपने शिष्यों को किस घटना की पूर्व जानकारी दी थी?

यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वह महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जायेगा और वे उसे मृत्यु दण्ड देंगे, और क्रूस पर चढ़ाएंगे परन्तु वह तीसरे दिन जी उठेगा।

Matthew 20:20-22

जबदी के पुत्रों की माता ने यीशु से क्या निवेदन किया था?

वह चाहती थी कि यीशु आज्ञा दे कि उसके पुत्र यीशु के राज्य में उसकी दाहिनी ओर एक और बाईं ओर दूसरा बैठे।

Matthew 20:23-25

राज्य में उसकी दाहिनी और बाईं ओर किस को बैठना है किसके हाथ में है?

यीशु ने उसे उत्तर दिया, कि स्वर्गीय पिता ने इन स्थानों को उन्हीं के लिए रखा है जिन्हें उसने चुना है।

Matthew 20:26-27

यीशु ने क्या कहा कि चेलों में कोई बड़ा कैसे बन सकता है?

यीशु ने कहा कि जो बड़ा बनना चाहे वह सेवक बने।

Matthew 20:28-29

यीशु ने संसार में अपने आने का कारण क्या बताया था?

यीशु ने कहा कि वह सेवा करने और अनेकों की छुडौती के लिए अपने प्राण दे।

Matthew 20:30-33

सड़क के किनारे बैठे दो अंधे यीशु के आने पर क्या चिल्ला रहे थे?

दो अंधे पुकार रहे थे, "हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर"।

Matthew 20:34

यीशु ने उन दोनों अंधों को क्यों चंगा किया?

यीशु ने उन दोनों अंधों को चंगा किया क्योंकि उसे उन पर तरस आ गया था।

Matthew 21

Matthew 21:2-3

यीशु के कथनानुसार शिष्य सामने के गांव में क्या देखेंगे?

यीशु ने कहा कि वे एक गदही और उसके बच्चे को देखेंगे।

Matthew 21:4-7

इस घटना की क्या भविष्यद्वाणी थी?

भविष्यद्वाणी के अनुसार राजा गदहे वरन गदहे के बच्चे पर बैठ कर आयेगा।

Matthew 21:8

जन समूह ने यरूशलेम जाते समय यीशु के मार्ग में क्या किया था?

जन समूह ने मार्ग में अपने कपड़े और वृक्षों की टहनियां बिछा दीं।

Matthew 21:9-11

यीशु के चलते समय जनसमूह क्या चिल्ला रहा था?

जन समूह चिल्लाता था, "दाऊद की सन्तान को होशाना, धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है, आकाश में होशाना"।

Matthew 21:12

यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने पर यीशु ने क्या किया?

यीशु ने मन्दिर में से लेन-देन करने वालों को निकाल दिया और सर्राफों के पीढ़े और कबूतर बेचने वालों की चौकियाँ उलट दी।

Matthew 21:13-14

यीशु के शब्दों में व्यापरियों ने मन्दिर को क्या बना दिया था?

यीशु ने कहा कि व्यापारियों ने परमेश्वर के मन्दिर को डाकूओं की गुफा बना दिया है।

Matthew 21:15-17

फरीसियों और शास्त्रियों के द्वारा बच्चों के नारे पर आपत्ति उठाने पर यीशु ने उनसे क्या कहा था?

यीशु ने भविष्यद्वक्ता के संदर्भ से उत्तर दिया, बालकों और दूध पीते बच्चों के मुँह से तु ने स्तुति सिद्ध कराई?"

Matthew 21:18-19

यीशु ने अंजीर के पेड़ के साथ क्या किया और क्यों?

यीशु ने अंजीर के वृक्ष को श्राप दिया और वह सूख गया क्योंकि उसमें फल नहीं लगे थे।

Matthew 21:20-22

अंजीर के वृक्ष के सूख जाने से यीशु ने अपने शिष्यों को प्रार्थना के बारे क्या सिखाया?

यीशु ने अपने शिष्यों को शिक्षा दी कि यदि वे विश्वास से मांगेंगे तो उन्हें मिलेगा।

Matthew 21:23-24

यीशु जब शिक्षा दे रहा था तब महायाजकों और पुरनियों ने यीशु से क्या कहा?

महायाजक और पुरनियों ने यीशु से उसका अधिकार जानना चाहा।

Matthew 21:25

यीशु ने प्रतिउत्तर में महायाजकों और पुरनियों से क्या पूछा?

यीशु ने उनसे पूछा कि उनके विचार में यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग से था या मनुष्यों से।

महायाजक और पुरनियें क्यों नहीं कहना चाहते थे कि यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग से था?

वे समझ गए थे कि यीशु उनसे पूछेगा कि वे यूहन्ना पर विश्वास क्यों नहीं करते थे।

Matthew 21:26-27

महायाजक और पुरनिये यूहन्ना के बपतिस्में को मनुष्य का क्यों नहीं कहना चाहते थे?

वे जनसमूह से डरते थे क्योंकि जनसमूह यूहन्ना को भविष्यद्वक्ता मानता था।

Matthew 21:28-30

यीशु के दृष्टान्त में किस पुत्र ने पिता की आज्ञा का पालन किया?

पुत्र जिसने कहा है कि वह काम पर नहीं जायेगा और बाद में जाता है।

Matthew 21:31-34

यीशु ने क्यों कहा कि महसूल लेने वाले और वैश्याएं महायाजकों और शास्त्रियों से पहले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करेंगे?

यीशु ने कहा कि वे राज्य में प्रवेश कर रहे हैं क्योंकि वे यूहन्ना में विश्वास रखते थे परन्तु महायाजक और पुरनिये यूहन्ना का विश्वास नहीं करते थे।

Matthew 21:35-36

दाख की बारी के स्वामी ने अपने दासों को भेजा, अपनी उपज का फल मंगवाया तो किसानों ने क्या किया?

दुष्ट किसानों ने दासों को मारा-पीटा, पत्थरवाह किया और मार डाला।

Matthew 21:37

अन्त में स्वामी ने किसानों के पास किसे भेजा?

स्वामी ने अन्त में अपने पुत्र को भेजा।

Matthew 21:38-39

किसानों ने इस अन्तिम व्यक्ति के साथ क्या किया जिसे स्वामी ने भेजा था?

किसानों ने स्वामी के पुत्र को मार डाला।

Matthew 21:40-41

उन्होंने क्या कहा कि स्वामी क्या करेगा?

उन्होंने उत्तर दिया कि स्वामी आयेगा और इन दुष्ट किसानों को नष्ट करके दूसरे किसानों को ठेका देगा।

Matthew 21:42

यीशु ने जिस धर्मशास्त्र का संदर्भ दिया उसमें राज-मिस्त्रियों द्वारा त्यागे गए पत्थर का क्या हुआ?

जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था वही कोने का पत्थर था।

Matthew 21:43-45

यीशु ने धर्मशास्त्र का संदर्भ देते हुए कहा कि आगे क्या होगा?

यीशु ने कहा कि परमेश्वर का राजा महायाजकों और फरीसियों के हाथ से परमेश्वर राज्य ले लिया जायेगा। और उस जाति को दिया जायेगा जो फल लायेगा।

Matthew 21:46

महायाजकों और फरीसियों ने तुरन्त यीशु पर हाथ नहीं डाला, क्यों?

वे जनसमूह से डरते थे क्योंकि लोग यीशु को भविष्यद्वक्ता मानते थे।

Matthew 22

Matthew 22:2-6

राजा के पुत्र के विवाहोत्सव में निमंत्रित जनों ने क्या किया जब सेवक निमंत्रण लेकर आये?

कुछ लोगों ने निमंत्रण को गंभीरता से स्वीकार नहीं किया और अपने अपने काम में लग गए, कुछ लोगों ने राजा के सेवकों को पकड़कर मार डाला।

Matthew 22:7-8

विवाहोत्सव में आमंत्रित उन पहले लोगों के साथ राजा ने क्या किया?

राजा ने अपनी सेना भेज कर उन हत्यारों का नाश किया और उनके नगर को फूंक दिया।

Matthew 22:9-10

राजा ने उस विवाहोत्सव में किस-किस को बुलवाया?

तदोपरान्त राजा ने सब भले-बुरे लोगों को भोज में बुलवाया।

Matthew 22:11-14

एक व्यक्ति विवाह का वस्त्र पहिने बिना भोज में आ गया तो राजा ने उसके साथ क्या किया?

राजा ने उसे बंधक कर बाहरी अन्धकार में फिंकवा दिया।

Matthew 22:15-16

फरीसी यीशु के साथ क्या करना चाहते थे?

फरीसी यीशु को उसके ही शब्दों में फंसाना चाहते थे।

Matthew 22:17-20

फरीसियों के चेलों ने यीशु से क्या प्रश्न पूछा?

उन्होंने यीशु से पूछा कि कैसर को कर देना उचित है या नहीं।

Matthew 22:21-22

यीशु ने फरीसियों के चेलों को क्या उत्तर दिया था?

यीशु ने कहा कैसर का कैसर को दो और परमेश्वर का परमेश्वर को दो।

Matthew 22:23

सदूकी पुनरुत्थान के बारे में क्या मानते थे?

सदूकियों का मानना था कि पुनरुत्थान नहीं है।

Matthew 22:24-28

सदुकियों की कहानी में उस स्त्री के कितने पति हुए थे?

एक स्त्री के सात पति हुए।

Matthew 22:29

यीशु ने कहा कि सदूकी दो बातें नहीं जानते थे कौन-कौन सी?

यीशु ने कहा कि सदूकी न तो धर्मशास्त्र को जानते थे और न ही परमेश्वर के सामर्थ्य को।

Matthew 22:30-31

यीशु ने पुनरुत्थान में विवाह के बारे में क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि पुनरुत्थान में विवाह नहीं होता है।

Matthew 22:32-35

यीशु ने धर्मशास्त्र से कैसे सिद्ध किया कि पुनरुत्थान है?

यीशु ने धर्मशास्त्र का वह संदर्भ दिया जहां परमेश्वर कहता है कि वह अब्राहम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर है, मरे हुओं का नहीं, परन्तु जीवितों का।

Matthew 22:36

व्यवस्थापक ने यीशु से कौन सा प्रश्न पूछा?

?

Matthew 22:37-41

यीशु ने कौन सी दो बड़ी आज्ञाएं बताई?

यीशु ने उत्तर दिया, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख और तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

Matthew 22:42

यीशु ने फरीसियों से कौन सा प्रश्न पूछा?

यीशु ने पूछा मसीह किसका पुत्र है।

फरीसियों ने यीशु को क्या उत्तर दिया था?

फरीसियों ने उत्तर दिया कि मसीह दाऊद का पुत्र है।

Matthew 22:43-45

यीशु ने फरीसियों से कौन सा दूसरा प्रश्न पूछा?

?

Matthew 22:46

फरीसियों ने यीशु को क्या उत्तर दिया था?

फरीसी यीशु को उत्तर नहीं दे पाए।

Matthew 23

Matthew 23:2

क्योंकि शास्त्री और फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठे थे तो यीशु ने लोगों को क्या परामर्श दिया था?

यीशु ने लोगों से कहा कि शास्त्री और फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठकर जो कहते हैं उसका वे पालन करें।

Matthew 23:3-4

शास्त्रियों और फरीसियों के से काम करने को यीशु ने लोगों को क्यों मना किया?

यीशु ने कहा कि वे उनके से काम न करें क्योंकि वे कहते तो हैं परन्तु स्वयं करते नहीं।

Matthew 23:5-7

शास्त्री और फरीसी अपने काम क्यों करते थे?

शास्त्रियों और फरीसियों ने दिखाने के लिए ही सब काम किए थे।

Matthew 23:8-11

यीशु ने किसे हमारा एकमात्र पिता और गुरु कहा है?

यीशु ने कहा कि हमारा एकमात्र पिता स्वर्ग में है और एकमात्र गुरु मसीह है।

Matthew 23:12

परमेश्वर अभिमानी का और दीन जन का क्या करेगा?

परमेश्वर बड़े को छोटा करता है और छोटे को बड़ा बनाता है।

Matthew 23:13-14

यीशु शास्त्रियों और फरीसियों को बार-बार क्या कहता था जिससे उनका स्वभाव प्रकट होता था?

यीशु बार-बार शास्त्रियों और फरीसियों को पाखंडी कहता था।

Matthew 23:15

शास्त्रियों और फरीसियों द्वारा किसी को अपने मत में लाने पर क्या होता था?

शास्त्री और फरीसी जब किसी को अपने धर्म में लाते थे तब वे उसे अपने समान नरक की दोगुणा सन्तान बनाते थे।

Matthew 23:16-22

शपथ खाकर बंध जाने के बारे में यीशु ने शास्त्रियों और फरीसियों की शिक्षा को क्या कहा था?

यीशु ने शास्त्रियों और फरीसियों को अंधे अगुवे और मूर्ख एवं अन्धे कहा था।

Matthew 23:23-24

उन्होंने पोदीने सौंफ और जीरे का दसवां अंश बो दिया परन्तु शास्त्री और फरीसी किस बात से चूक गए?

शास्त्रियों और फरीसियों ने व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण बातों को करने में चूक की थी, न्याय, दया और विश्वास।

Matthew 23:25-28

शास्त्री और फरीसी क्या साफ करने से चूक गए थे?

शास्त्री और फरीसी कटोरे को भीतर से साफ करने में चूक गए थे कि बाहरी भाग भी साफ ही रहता।

शास्त्री और फरीसी भीतर किन बातों से भरे हुए थे?

शास्त्री और फरीसी भीतर से अन्धेर, असंयम, पाखंड और अधर्म से भरे थे।

Matthew 23:29-32

शास्त्रियों और फरीसियों ने परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं के साथ क्या किया था?

शास्त्रियों और फरीसियों के पूर्वजों ने परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं को मारा था।

Matthew 23:33

शास्त्री और फरीसी कैसा दण्ड पायेंगे?

शास्त्री और फरीसी नरक का दण्ड भोगेंगे।

Matthew 23:34

यीशु ने क्या कहा कि वे शास्त्री और फरीसी भविष्यद्वक्ताओं, बुद्धिमानों और शास्त्रियों के साथ जिन्हें वह भेजेगा, क्या करेंगे?

यीशु ने कहा कि वे परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं में से कुछ को मार डालेंगे, क्रूस पर चढ़ायेंगे आराधनालय में कोड़े मारेंगे, एक नगर से दूसरे नगर में खदेड़ेगे।

Matthew 23:35

उनके दुर्व्यवहार के कारण शास्त्रियों और फरीसियों के सिर पर क्या पड़ेगा?

जितने धर्मियों का लहू पृथ्वी पर बहाया गया शास्त्रियों और फरीसियों के सिर पर पड़ेगा।

Matthew 23:36

यीशु के कथनानुसार किस पीढ़ी पर यह सब आ पड़ेगा?

यीशु ने कहा कि उनकी पीढ़ी पर यह सब कुछ आ पड़ेगा।

Matthew 23:37

यरूशलेम की सन्तान के लिए यीशु ने क्या चाहा परन्तु वह क्यों नहीं हुआ?

यीशु ने कहा कि वह यरूशलेम की सन्तान को एकत्र करना चाहता था परन्तु वे तैयार नहीं हुए।

Matthew 23:38-39

यरूशलेम का घर अब कैसे छोड़ा जाएगा?

यरूशलेम का घर उस उजाड़ में छोड़ा जाता है।

Matthew 24

Matthew 24:2

यरूशलेम के मन्दिर के बारे में यीशु ने क्या भविष्यद्वाणी की थी?

यीशु ने भविष्यद्वाणी की थी कि मन्दिर का पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा जो ढाया न जायेगा।

Matthew 24:3-4

मन्दिर के बारे में भविष्यवाणी सुनकर चेलों ने यीशु से क्या पूछा?

चेलों ने यीशु से पूछा कि ऐसा कब होगा और उसके पुनःआगमन तथा संसार के अन्त के चिन्ह क्या होंगे।

Matthew 24:5

यीशु ने कैसे लोगों के लिए कहा कि वे आकर अनेकों को भरमाएंगे?

यीशु ने कहा कि अनेक जन स्वयं को मसीह कहते हुए आएंगे और बहुतों को भरमाएंगे।

Matthew 24:6-8

??

यीशु ने पीड़ाओं के आरंभ की कौन सी घटनाएं बताई थी।

Matthew 24:9-12

उस समय विश्वासियों की जो दशा होगी इसका वर्णन यीशु ने क्या किया था?

यीशु ने कहा कि विश्वासी क्लेश भोगेंगे, कुछ विश्वासी ठोकर खाकर एक दूसरे से विश्वासघात करेंगे और बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा।

Matthew 24:13

यीशु ने किसके उद्धार का संकेत दिया था?

यीशु ने कहा कि जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा उसी का उद्धार होगा।

Matthew 24:14

अन्त से पूर्व सुसमाचार का क्या होगा?

अन्त से पूर्व सुसमाचार संपूर्ण संसार में सुना दिया जायेगा।

Matthew 24:15-20

पवित्र स्थल में घृणित वस्तु देख यीशु की चेतावनी के अनुसार विश्वासियों को क्या करना होगा[24:15]?

यीशु ने कहा कि विश्वासी पहाड़ों में भाग जायेंगे।

Matthew 24:21-23

उस समय क्लेश कैसा महान होगा?

उस समय क्लेश ऐसा होगा, जैसे जगत के आरंभ से कभी नहीं हुआ है।

Matthew 24:24-26

झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता मनुष्यों को कैसे भरमाएंगे?

झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता मनुष्यों को भरमाने के लिए बड़े-बड़े चिन्ह और चमत्कार दिखायेंगे।

Matthew 24:27-28

मनुष्य के पुत्र का आगमन कैसे दिखाई देगा?

मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसा होगा जैसे पूर्व से पश्चिम तक बिजली चमकती है।

Matthew 24:29

उन दिनों के महाक्लेश के बाद सूर्य, चांद और तारों का क्या होगा?

सूर्य और चांद अन्धियारा हो जायेंगे और आकाश से तारे गिरेंगे।

Matthew 24:30

जब पृथ्वी के सब कुलों के लोग मनुष्य के पुत्र का सामर्थ्य और महान महिमा में आते देखेंगे तब वे क्या करेंगे?

उस समय पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे।

Matthew 24:31-33

जब मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा कि चुने हुओं को एकत्र करें तब कैसी आवाज सुनाई देगी?

जब स्वर्गदूत चुने हुओं को एकत्र करेंगे तब तुरही की तीव्र ध्वनि सुनाई देगी।

Matthew 24:34

इन सब घटनाओं के होने तक यीशु ने किसके लिए कहा कि वह समाप्त नहीं होगी?

यीशु ने कहा कि यह सब घटनाएं होने तक वह पीढ़ी समाप्त नहीं होगी।

Matthew 24:35

यीशु ने किसके लिए कहा कि वह टल जाएंगे और क्या नहीं टलेगा?

यीशु ने कहा कि स्वर्ग और पृथ्वी टल जाएंगे परन्तु उसका वचन नहीं टलेगा।

Matthew 24:36

यह घटनाएं कब होंगी, कौन जानता है?

केवल पिता परमेश्वर जानता है कि ऐसा कब होगा।

Matthew 24:37-41

मनुष्य के पुत्र का आगमन जलप्रलय के पूर्व नूह के दिनों के सदृश्य कैसे होगा?

मनुष्य पीते-खाते होंगे, आनन्द मनाते होंगे और विवाह करते होंगे और आने वाले न्याय के बारे में अज्ञात होंगे कि अकस्मात ही वह आ जायेगा।

Matthew 24:42-44

यीशु के आगमन के बारे में उसके विश्वासियों को कैसा व्यवहार रखना है और क्यों?

यीशु ने कहा कि उसके विश्वासियों को सदा तैयार रहना है क्योंकि वे नहीं जानते यीशु किस दिन आ जायेगा।

Matthew 24:45-46

स्वामी की अनुपस्थिति में एक विश्वासयोग्य एवं बुद्धिमान दास क्या करता है?

एक विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास स्वामी के अनुपस्थिति में उसके घर की निष्ठापूर्वक देखरेख करता है।

Matthew 24:47

लौट आने पर स्वामी अपने विश्वासयोग्य एवं बुद्धिमान दास के साथ क्या करेगा?

लौट आने पर स्वामी इस विश्वासयोग्य एवं बुद्धिमान इसको अपनी सारी संपत्ति पर अधिकारी ठहरायेगा।

Matthew 24:48-50

स्वामी की अनुपस्थिति में दुष्ट दास क्या करता है?

दुष्ट दास अपने स्वामी की अनुपस्थिति में अपने साथी दासों को पीटता है और पियक्कड़ों के साथ खाता पीता है।

Matthew 24:51

स्वामी लौटने पर उस दुष्ट दास के साथ क्या करेगा?

उसका स्वामी उसे भारी ताड़ना देगा और उसे वहाँ डाल देगा जहां रोना और दांतों का पीसना होगा।

Matthew 25

Matthew 25:3

दूल्हे से भेंट करने निकली मूर्ख कुंवारियों ने क्या नहीं किया था?

मूर्ख कुंवारियों ने अपनी मशालों के लिए तेल साथ नहीं लिया था।

Matthew 25:4

दूल्हे से भेंट करने जाते समय बुद्धिमान कुंवारियों ने क्या किया?

बुद्धिमान कुंवारियों ने अपने साथ तेल का पात्र भी ले लिया था।

Matthew 25:5-7

दूल्हा कब आया, क्या वह समय अपेक्षित था?

दूल्हे ने विलम्ब कर दिया और उसका आगमन मध्य रात्रि हुआ।

Matthew 25:8-9

दूल्हे के आने पर मूर्ख कुंवारियों के साथ क्या हुआ?

मूर्ख कुंवारियां तेल खरीदने गई और जब लौटकर आई तक भोजन कक्ष का द्वार बन्द हो चुका था।

Matthew 25:10-12

दूल्हे के आने पर बुद्धिमान कुंवारियों के साथ क्या हुआ?

बुद्धिमान कुंवारियां विवाह भोज में दुल्हे के साथ प्रवेश कर गई।

Matthew 25:13-15

कुंवारियों के दृष्टान्त से यीशु विश्वासियों को क्या सिखाना चाहता है?

यीशु ने कहा कि विश्वासियों को सतर्क रहना है, क्योंकि वे न उस दिन को जानते हैं न उस समय को।

Matthew 25:16-17

स्वामी जब यात्रा पर गया हुआ था तब इन दोनों दासों ने जिनके पास पांच और दो तोड़े थे क्या किया?

जिस दास के पास पांच तोड़े थे उसने पांच और कमाए और जिसके पास दो थे उसने दो और कमाएं।

Matthew 25:18

जब वह स्वामी यात्रा पर चला गया तब उस दास ने अपने एक तोड़े का क्या किया?

जिस दास को एक तोड़ा दिया गया था उसने उसे जमीन में दबा कर रख दिया।

Matthew 25:19

स्वामी अपनी यात्रा पर कितने समय रहा?

उनका स्वामी लम्बे समय तक बाहर रहा।

Matthew 25:20-23

??

जब स्वामी लौटकर आया तब उसने उन दोनों दासों के साथ क्या किया जिन्हें उसने पांच और दो तोड़े दिए थे।

Matthew 25:24-30

जब स्वामी लौटकर आया तब उसने उस दास के साथ कैसा व्यवहार किया जिसे उसने एक तोड़ा दिया था?

स्वामी ने उससे कहा, "हे दुष्ट और आलसी सेवक", उससे वह एक तोड़ा ले लिया और उसे बाहर के अंधेरे में डाल दिया।

Matthew 25:31-33

मनुष्य का पुत्र जब आकर अपने महिमामय सिंहासन पर बैठेगा तब वह क्या करेगा?

मनुष्य का पुत्र सब जातियों को एकत्र करेगा और वह मनुष्यों को एक दूसरे से अलग करेगा।

Matthew 25:34

राजा के दहिनी के मनुष्यों को क्या मिलेगा?

जो राजा के दहिनी ओर होंगे वे राज्य के अधिकारी होंगे जो उनके लिए जगत की नींव से ही तैयार किया गया है।

Matthew 25:35-40

राजा की दहिनी ओर के लोगों ने अपने जीवन में क्या किया था?

इसके दाहिनी ओर के मनुष्य वे लोग हैं जिन्होंने भूखों को खाना दिया, प्यासों को पानी पिलाया, परदेशियों की सेवा, नंगों को वस्त्र पहनाए, रोगियों की सेवा की और बन्दियों से भेंट की।

Matthew 25:41

राजा के बाई ओर के लोगों को क्या मिला?

राजा की बाई ओर के लोगों को अनन्त उपमा मिली जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई थी।

Matthew 25:42-46

राजा की बाई ओर के लोगों ने अपने जीवन में क्या नहीं किया था?

राजा के बाई ओर के लोगों ने भूखों को खाना नहीं खिलाया, प्यासों को पानी नहीं पिलाया, परदेशियों की सेवा नहीं की, नंगों को कपड़े नहीं पहनाए, रोगियों की सेवा नहीं की और बन्दियों से भेंट करने नहीं गए।

Matthew 26

Matthew 26:2-3

यीशु ने यहूदियों के कौन से पर्व के लिए कहा कि दो दिन में आने वाला है?

यीशु ने कहा कि फसह का पर्व दो दिन में आने वाला है।

Matthew 26:4

महायाजक के महल में महायाजक और पुरनिये क्या योजना बना रहे थे?

वे यीशु को छल से पकड़ कर मार डालने का षड्यंत्र रच रहे थे।

Matthew 26:5

महायाजक और पुरनिये किस बात से डरते थे?

उन्हें डर था कि पर्व के समय यदि वे यीशु को मार डालेंगे तो उपद्रव खड़ा हो जायेगा।

Matthew 26:6-11

जब उस स्त्री ने यीशु के सिर पर बहुमूल्य इत्र डाला तब चेलों की प्रतिक्रिया क्या थी?

चेले अप्रसन्न थे, वे जानना चाहते थे कि इत्र बेचकर कंगालों में पैसा क्यों नहीं बांटा गया।

Matthew 26:12-13

यीशु ने उस स्त्री के द्वारा इत्र डालने को क्या उपमा दी थी?

यीशु ने कहा कि उस स्त्री ने उस पर अन्तिम संस्कार का अभ्यंजन किया है।

Matthew 26:14-20

महायाजकों के हाथ यीशु को पकड़वाने के लिए यहूदा इस्करियोती को क्या दिया गया था?

यहूदा को चांदी के तीस सिक्के दिए गए थे कि वह यीशु को पकड़वा दे।

Matthew 26:21-23

यीशु ने संध्याकालीन भोज के समय अपने एक चेले के बारे में क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि उसका एक चेला उसे पकड़वाएगा।

Matthew 26:24

यीशु ने अपने पकड़वाने वाले के भविष्य के बारे में क्या कहा था?

यीशु ने कहा कि इसके पकड़वाने वाले के लिए उत्तम होता कि वह पैदा ही नहीं हुआ होता।

Matthew 26:25

यहूदा ने पूछा कि क्या वह उसे पकड़वाएगा तो यीशु ने उससे क्या कहा?

यीशु ने उत्तर दिया "तू कह चुका है"।

Matthew 26:26-27

यीशु ने रोटी ली उसे आशीष दी, तोड़ी और अपने चेलों को दी तब क्या कहा?

यीशु ने कहा, "लो खाओ यह मेरी देह है"।

Matthew 26:28-29

यीशु ने क्या कहकर चेलों को वह कटोरा दिया?

यीशु ने कहा कि वह कटोरा वाचा का उसका लहू है जो अनेकों के पापों की क्षमा के लिए बहाया जाता है।

Matthew 26:30-32

जैतून के पर्वत पर यीशु ने अपने चेलों से क्या कहा कि उस रात वे सब करेंगे?

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह सब उस रात उसका साथ छोडकर तित्तर- बित्तर हो जाएगे।

Matthew 26:33-36

जब पतरस ने कहा कि वह यीशु को कभी नहीं छोड़ेगा तब यीशु ने क्या कहा कि वह उस रात करेगा?

यीशु ने कहा कि अब रात मुर्गे की बांग देने से पहले पतरस तीन बार यीशु का इन्कार करेगा।

Matthew 26:37-38

यीशु ने पतरस और जबदी के पुत्रों को क्या कहा कि वे करें जब वह प्रार्थना करता है?

यीशु ने उनसे कहा कि वे जागते रहें।

Matthew 26:39

यीशु ने अपनी नहीं किस बात की पूर्ति की प्रार्थना की थी?

यीशु ने प्रार्थना में कहा कि उसकी नहीं परमेश्वर पिता की इच्छा पूरी हो।

यीशु कितनी बार शिष्यों को छोड़कर प्रार्थना करने गया था?

यीशु ने तीन बार शिष्यों को छोड़ प्रार्थना करने गया।

Matthew 26:40-46

यीशु जब प्रार्थना करके लौटा तब चेले क्या कर रहे थे?

जब यीशु प्रार्थना करके लौटा तब चेले सो रहे थे।

Matthew 26:47-50

यहूदा ने उस भीड़ को यीशु को पहचानने के लिए क्या चिन्ह दिया था?

यहूदा ने यीशु को चूमा कि आने वाली भीड़ को पता चले कि उसी को पकड़ना है।

Matthew 26:51-52

जब यीशु को पकड़ा गया तब उसके एक चेले ने क्या किया?

यीशु के चेलों में से एक ने तलवार से महायाजक के सेवक का कान काट दिया।

Matthew 26:53

अपनी रक्षा के लिए यीशु ने क्या कहा कि वह कर सकता है?

यीशु ने कहा कि परमेश्वर पिता से कहकर स्वर्गदूतों की बारह सेना बुलवा सकता है।

Matthew 26:54-55

यीशु ने इन घटनाओं द्वारा किसकी पूर्ति बताई थी?

यीशु ने कहा कि इन घटनाओं के द्वारा पवित्र शास्त्र पूरा हो रहा है।

Matthew 26:56-58

उस समय यीशु के चेलों ने क्या किया?

यीशु के सब चेलें उसे छोड़कर भाग गए।

Matthew 26:59-62

यीशु को मृत्यु दण्ड देने के लिए महायाजक और महासभा क्या खोजती थी?

वे यीशु को मृत्युदण्ड देने के लिए झूठे गवाहों की खोज कर रहे थे।

Matthew 26:63

जीवित परमेश्वर के नाम में महायाजक ने यीशु को क्या आज्ञा दी थी?

महायाजक ने यीशु से कहा कि वह कहे कि वह परमेश्वर का पुत्र मसीह है या नहीं।

Matthew 26:64

महायाजक की आज्ञा पर यीशु ने क्या प्रतिक्रिया दिखाई थी?

यीशु ने कहा, "तूने आप ही कह दिया"।

यीशु ने महायाजक से कहा कि वह क्या देखेंगे?

यीशु ने कहा कि महायाजक मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान के दाहिनी ओर बैठे और आकाश के बादलों पर आता देखेगा।

Matthew 26:65-66

महायाजक ने यीशु पर क्या दोष लगाया था?

महायाजक ने यीशु को ईश-निन्दा का दोष दिया।

Matthew 26:67-69

यीशु पर दोष लगाने के बाद उन्होंने उसके साथ क्या किया?

उन्होंने यीशु के मुंह पर थूंका, उसे घूसे मारे और थप्पड़ मारे।

Matthew 26:70-73

पतरस को यीशु का साथी कहा गया तो उसने तीन बार क्या उत्तर दिया?

पतरस ने कहा कि वह यीशु को नहीं जानता है।

Matthew 26:74

पतरस द्वारा तीसरी बार यीशु का इन्कार करने पर क्या हुआ?

ज्यों ही पतरस तीसरी बार यीशु का इन्कार किया त्यों ही मुर्गे ने बांग दी।

Matthew 26:75

तीसरी बार यीशु का इन्कार करने पर पतरस को क्या स्मरण हुआ?

पतरस को स्मरण हुआ कि यीशु ने उससे कहा था, वह मूर्गे के बांग देने से पहले तीन बार यीशु का इन्कार करेगा।

Matthew 27

Matthew 27:2

सुबह होने पर महायाजक और पुरनिए यीशु को किसके पास लग गए?

सुबह होने पर वे यीशु को पिलातुस हाकिम के पास ले गए।

Matthew 27:3-5

यहूदा इस्करियोती ने जब देखा कि यीशु दोषी ठहराया गया है तब उसने क्या किया?

यहूदा पछताया कि उसने एक निर्दोष के लहू के साथ विश्वासघात किया है और चांदी के सिक्के महायाजकों को लौटा दिए तथा फांसी लगा ली।

Matthew 27:6-8

उन तीस चांदी के सिक्कों से महायाजकों ने क्या किया?

उन्होंने उन सिक्कों से कुम्हार का खेत खरीदा कि वहाँ परदेशियों को दफन करें।

Matthew 27:9-10

इन घटनाओं से किसकी भविष्यद्वाणी पूरी हुई?

इन घटनाओं से यिर्मयाह की भविष्यद्वाणी पूरी हुई।

Matthew 27:11

पिलातुस ने यीशु से क्या पूछा और यीशु ने क्या उत्तर दिया?

पिलातुस ने यीशु से पूछा कि क्या वह यहूदियों का राजा है और यीशु ने उत्तर दिया, "तू आप ही कह रहा है"।

Matthew 27:12-14

महायाजकों और पुरनियों के द्वारा दोष लगाने पर यीशु ने क्या उत्तर दिया?

यीशु ने एक शब्द भी नहीं कहा।

Matthew 27:15-18

फसह के पर्व की प्रथा के अनुसार पिलातुस ने यीशु के साथ क्या करना चाहा था?

पिलातुस ने उस पर्व की प्रथा के अनुसार यीशु को छोड़ देना चाहा था।

Matthew 27:19

जब पिलातुस न्याय आसन पर बैठा था तब उसकी पत्नी ने क्या सन्देश भेजा?

उसने पिलातुस से कहा कि वह उस निर्दोष के साथ कुछ न करे।

Matthew 27:20-21

पर्व की प्रथा के अनुसार यीशु की अपेक्षा बरअब्बा क्यों छोड़ा गया?

महायाजकों और पुरनियों ने जनता को उभारा कि वे यीशु के स्थान पर बरअब्बा को मांग लें।

Matthew 27:22-23

जन समूह ने यीशु के लिए क्या पुकार की?

जन समूह चिल्लाने लगे कि यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाये।

Matthew 27:24

पिलातुस ने देखा कि जन समूह उपद्रव पर उतर आया है तो उसने क्या किया?

पिलातुस ने हाथ घोकर स्वयं को निर्दोष यीशु के लहू का दोषी न मानते हुए उसे जनसमूह को सौंप दिया।

Matthew 27:25-26

पिलातुस ने यीशु को जनसमूह के हाथों में सौंप दिया तो उन्होंने क्या कहा?

लोग पुकार कर कह रहे थे, "इसका लहू हम पर और हमारी सन्तान पर हो"।

Matthew 27:27-31

हाकिम के सिपाहियों ने यीशु के साथ क्या किया?

सिपाहियों ने यीशु को बैजिनी रंग का बागा पहनाया और उसके सिर पर कांटों का मुकुट रखा और उसका ठट्ठा किया, उस पर थूका और उसके सिर पर मारा और तब उसे क्रूस पर चढ़ाने ले गए।

Matthew 27:32

कुरेनी शमौन से बेगार में क्या काम करवाया गया?

उन्होंने शमौन को पकड़ा कि यीशु का क्रूस उठाए।

Matthew 27:33-34

वे यीशु को क्रूसीकरण के लिए कहाँ ले गए?

वे उसे गुलगुता अर्थात खोपड़ी के स्थान ले गए।

Matthew 27:35-36

यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के बाद सैनिकों ने क्या किया?

सिपाहियों ने यीशु के कपड़े बांटने के लिए चिट्ठियां डाली और बैठकर पहरा देने लगे।

Matthew 27:37

उन्होंने यीशु के सिर पर क्या लिखकर लटकाया?

उन्होंने एक दोष पत्र लिखा, "यह यहूदियों का राजा यीशु है"।

Matthew 27:38

यीशु के साथ किसको क्रूस पर लटकाया गया?

यीशु के बाई और दाहिनी ओर दो डाकू भी क्रूस पर लटकाए गए।

Matthew 27:39-44

महायाजक शास्त्री और पुरनियों ने उसका ठट्ठा करके क्या कहा?

सब लोग यीशु को चुनौती दे रहे थे कि वह क्रूस से उतर कर अपने आपको बचा ले।

Matthew 27:45

छठवें घंटे से नौवें घंटे तक क्या हुआ?

छठवें घंटे से नौवे घंटे तक संपूर्ण देश में अंधेरा छा गया।

Matthew 27:46-49

नौवें घंटे यीशु ने पुकार कर क्या कहा?

?

Matthew 27:50

यीशु ने फिर उंचे शब्दों में पुकारा तब क्या हुआ?

यीशु ने प्राण त्याग दिये।

Matthew 27:51

यीशु के मरणोपरान्त मन्दिर में क्या हुआ?

यीशु के मरणोपरान्त मन्दिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट गया।

Matthew 27:52-53

यीशु की मृत्यु के बाद कब्रों में क्या हुआ?

यीशु की मृत्यु के बाद अनेक मृतक पवित्रजन जी उठे और बहुतों को दिखाई दिए।

Matthew 27:54-56

घटनाओं को देखकर सूबेदार ने क्या गवाही दी?

सूबेदार ने गवाही दी, "सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था"।

Matthew 27:57-59

क्रूसीकरण के बाद यीशु का पार्थिव देह का क्या हुआ?

यीशु के एक धनवान शिष्य, यूसुफ ने पिलातुस से यीशु की पार्थिव देह मांगी और उसे चादर में लपेट कर अपनी नई कब्र में रख दिया।

Matthew 27:60-61

यीशु की कब्र के द्वार पर क्या रखा गया था?

जिस कब्र में यीशु को रखा गया था उस पर एक बड़ा पत्थर रखा गया।

Matthew 27:62-64

अगले दिन महायाजक और फरीसी पिलातुस के पास क्यो गए थे?

महायाजक और फरीसी सुनिश्चित करना चाहते थे कि यीशु की मृतक देह को कोई चुरा न ले।

Matthew 27:65-66

पिलातुस ने उन्हें कब्र पर क्या करने की अनुमति दी?

पिलातुस ने उनकी मांग पूरी करके पत्थर पर मुहर लगवा दी और कब्र पर रखवाली करवाई।

Matthew 28

Matthew 28:1

मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम किस दिन और किस समय यीशु की कब्र पर गई?

सप्ताह के पहले दिन भोर होते-ही वे यीशु की कब्र पर गए।

Matthew 28:2-3

यीशु की कब्र पर से पत्थर कैसे हटाया गया था?

प्रभु का एक दूत आया और कब्र पर से पत्थर हटा दिया।

Matthew 28:4

स्वर्गदूतों को देखकर पहरेदारों की क्या दशा हुई?

स्वर्गदूत को देखकर पहरेदार कांपने लगे और मृतकों के सदृश्य हो गए।

Matthew 28:5-7

स्वर्गदूत ने उन दोनों स्त्रियों से यीशु के बारे में क्या कहा?

स्वर्गदूत ने कहा कि यीशु जी उठा है और उनसे पहले गलील जा रहा है।

Matthew 28:8-10

जब वे दोनों स्त्रियां शिष्यों को समाचार सुनाने जा रही थी तब क्या हुआ?

उन स्त्रियों को यीशु दिखाई दिया और उन्होंने उसके पांव पकड़कर उसकी उपासना की।

Matthew 28:11-16

जब सिपाहियों ने महायाजकों को घटना का समाचार दिया तब उन्होंने क्या किया?

महायाजकों ने सिपाहियों को बहुत चांदी देकर कहा कि वे अफवाह उड़ा दें कि यीशु के शिष्य उसकी देह को चुराकर ले गए।

Matthew 28:17

यीशु को गलील में देखकर चेलों ने क्या किया?

चेलों ने यीशु की उपासना की परन्तु कुछ ने सन्देह किया।

Matthew 28:18

यीशु के कथनानुसार उसे क्या अधिकार दिया गया था?

यीशु ने कहा कि उसे स्वर्ग और पृथ्वी का पूरा अधिकार दिया गया है।

Matthew 28:19

यीशु के अपने चेलों को कौन सी तीन आज्ञाएं दी थी?

यीशु ने अपने चेलों को आज्ञा दी कि वे चेले बनाएं और उन्हें बपतिस्मा देकर यीशु की सब आज्ञाएं मानना सिखाएं।

यीशु ने अपने चेलों को किसके नाम से बपतिस्मा देने की आज्ञा दी है?

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे पिता, पुत्र और पवित्र-आत्मा के नाम से बपतिस्मा दें।

Matthew 28:20

यीशु ने अपने चेलों से अन्तिम प्रतिज्ञा क्या की थी?

यीशु ने उनसे प्रतिज्ञा की कि वे जगत के अन्त तक उनके साथ रहेगा।