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Hebrews

Hebrews 1

Hebrews 1:1

परमेश्वर ने पूर्वकाल में किस प्रकार बातें की थीं?

पूर्वकाल में परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा समय समय पर अनेक रूपों में बातें की थीं।

Hebrews 1:2

परमेश्वर ने इन दिनों कैसे बातें की हैं?

इन दिनों परमेश्वर ने अपने पुत्र के द्वारा बातें की थीं।

जगत की सृष्टि किसने की थी?

संपूर्ण जगत की सृष्टि परमेश्वर के पुत्र ने की है।

Hebrews 1:3

सब वस्तुएं कैसे संभली हुई हैं?

वह सब वस्तुओं को अपने सामर्थ्य से संभालता है।

पुत्र किस प्रकार परमेश्वर की महिमा और तत्त्व को दर्शाता है?

वह उसकी महिमा का प्रकाश और उसके तत्त्व की छाप है।

Hebrews 1:4-5

परमेश्वर का पुत्र स्वर्गदूतों से कैसे तुलना किया गया है?

परमेश्वर का पुत्र स्वर्गदूतों से उत्तम ठहरा है।

Hebrews 1:6

जब पुत्र संसार में लाया गया तब परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को क्या आज्ञा दी?

परमेश्वर ने सब स्वर्गदूतों को आज्ञा दी कि उसे दण्डवत करें, जब वह जगत में लाया गया।

Hebrews 1:7

क्या स्वर्गदूतों का शरीर होता है?

नहीं, स्वर्गदूत आत्माएं हैं।

Hebrews 1:8

पुत्र कितने समय राजा होकर राज करेगा?

पुत्र सदा सर्वदा के लिए राजा होकर राज करेगा।

Hebrews 1:9

पुत्र किससे प्रसन्न होता है और किससे बैर रखता है?

पुत्र धार्मिकता से प्रसन्न होता है परन्तु अधर्म से बैर रखता है।

Hebrews 1:10-12

पृथ्वी और स्वर्ग का कुछ समय बाद क्या होगा?

पृथ्वी और स्वर्ग वस्त्र के समान पुराने होकर नष्ट हो जाएंगे।

Hebrews 1:13

परमेश्वर ने पुत्र से कहां बैठन को कहा जब तक क्या न हों?

परमेश्वर ने पुत्र से कहा कि वह उसके दाहिनी ओर बैठे जब तक कि वह उसके बैरियों को उसके पांवों के नीचे की पीढ़ी न कर दें।

Hebrews 1:14

स्वर्गदूत किसकी सेवा के लिए हैं?

स्वर्गदूत उद्धार पानेवालों की सेवा के लिए हैं।

Hebrews 2

Hebrews 2:1

विश्वासी सुने हुए सन्देश पर मन क्यों लगाएं?

विश्वासी उन बातों पर और भी मन लगाएं जो उन्होने सुनी हैं कि बहक कर उनसे दूर न चले जाएं।

Hebrews 2:2-3

प्रत्येक अपराध आज्ञा न मानने का क्या मिला?

हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक ठीक बदला मिला।

Hebrews 2:4

परमेश्वर ने प्रभु के द्वारा प्रकाशित उद्धार के सन्देश की गवाही किस प्रकार दी है?

परमेश्वर ने अपनी इच्छा के अनुसार चिन्हों और अद्भुत कामों और नाना प्रकार के सामर्थ्य के कामों और पवित्र आत्मा के वरदानों के बांटने के द्वारा सुसमाचार की गवाही दी।

Hebrews 2:5

आनेवाले संसार पर कौन राज नहीं करेगा?

स्वर्गदूत आनेवाले संसार पर राज नहीं करेंगे।

Hebrews 2:6-8

आनेवाले संसार पर कौन राज करेगा?

आनेवाले संसार पर मनुष्य राज करेंगे।

Hebrews 2:9

यीशु महिमा और आदर का मुकुट कैसे पहने हुए है?

मसीह यीशु अपने कष्टों और मृत्यु के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहने हुए है।

यीशु ने किसके लिए मृत्यु का स्वाद चखा है?

यीशु ने प्रत्येक मनुष्य के लिए मृत्यु का स्वाद चख चुका है।

Hebrews 2:10

परमेश्वर किसको महिमा में पहुंचाना चाहता है?

परमेश्वर को अच्छा लगा कि बहुत से पुत्रों को महिमा में पहुंचाए।

Hebrews 2:11-13

एक ही मूल परमेश्वर से कौन हैं?

पवित्र करनेवाला और जो पवित्र किए जाते हैं सब एक ही मूल परमेश्वर से हैं।

Hebrews 2:14

यीशु की मृत्यु के द्वारा कौन निष्प्रभाव हो गया हैं?

यीशु मृत्यु के द्वारा शैतान निष्प्रभाव हो गया है।

Hebrews 2:15-16

यीशु की मृत्यु के द्वारा मनुष्य कौन से दासत्व से मुक्त कराए गए हैं?

यीशु की मृत्यु के द्वारा मनुष्य मृत्यु के भय से मुक्त हो गया है।

Hebrews 2:17

यीशु के लिए यह आवश्यक क्यों था कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने?

वह सब बातों में एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बनें ताकि लोगों के पापों के लिए प्रायश्चित करे।

Hebrews 2:18

यीशु उनकी सहायता क्यों कर सकता है जिनकी परीक्षा होती है?

वह उनकी भी सहायता कर सकता है जिनकी परीक्षा होती है।

Hebrews 3

Hebrews 3:1

लेखक यीशु को कौन से दो पद नाम देता है?

लेखक यीशु को प्रेरित और महायाजक कहता है।

Hebrews 3:2-4

यीशु को महिमा में मूसा से बढ़कर क्यों माना गया है?

यीशु को मूसा से बढ़कर महिमा के योग्य समझा गया क्योंकि मूसा संपूर्ण घराने में विश्वासयोग्य था तो यीशु घर का बनानेवाला है।

Hebrews 3:5

परमेश्वर के घर में मूसा की क्या भूमिका थी?

मूसा परमेश्वर के घर में सेवक स्वरूप विश्वासयोग्य था।

मूसा ने कौन सी बातों की गवाही दी थी?

मूसा ने उन बातों की गवाही दी जिनका वर्णन होनेवाला था।

Hebrews 3:6

परमेश्वर के घर में यीशु की क्या भूमिका है?

यीशु पुत्र के समान परमेश्वर के घर का अधिकारी है।

परमेश्वर का घर कौन हैं?

यदि हम साहस पर दृढ़ रहे तो हम परमेश्वर का घर हैं।

Hebrews 3:7-9

जंगल में जब इस्राएलियों ने परमेश्वर की वाणी सुनी तो क्या किया?

इस्राएलियों ने अपने मन कठोर कर लिए थे।

Hebrews 3:10-11

जिने इस्राएली कठोर होकर परमेश्वर के मागों को नहीं पहचाना उनके बारे में परमेश्वर ने क्या शपथ खाई थी?

परमेश्वर ने शपथ खाई कि वे उसके विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे।

Hebrews 3:12

विश्वासी भाइयों को किस बात की चेतावनी दी गई है?

विश्वासी भाइयों को चेतावनी दी गई है कि वे अविश्वास के कारण जीवते परमेश्वर से दूर न हो जाएं।

Hebrews 3:13

पाप के छल में आकर कठोर होने बचने के लिए विश्वासी भाइयों को क्या करना चाहिए?

विश्वासी भाई हर दिन एक दूसरे को समझाते रहें।

Hebrews 3:14-16

मसीह के भागीदार होने के कारण विश्वासियों को क्या करना चाहिए?

मसीह के भागीदार होने के कारण विश्वासी अपने आरंभिक विश्वास पर अन्त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।

Hebrews 3:17-18

परमेश्वर किससे चालीस वर्ष तक क्रोधित रहा था?

जंगल में पाप करनेवालों से परमेश्वर क्रोधित हुआ था।

जिनसे परमेश्वर क्रोधित था उनका क्या हुआ?

उनके शव जंगल में ही पड़े रहे।

Hebrews 3:19

आज्ञा न मानने वाले इस्राएली परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश क्यों न कर पाए थे?

आज्ञा न मानने वाले इस्राएली परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश नहीं कर पाए थे।

Hebrews 4

Hebrews 4:2

विश्वासियों और इस्राएलियों दोनों ने कैसा सुसमाचार सुना था?

विश्वासियों और इस्राएलियों दोनों ने परमेश्वर के विश्राम का सुसमाचार सुना था।

उस सुसमाचार से इस्राएलियों को लाभ क्यों नहीं हुआ था?

सुसमाचार से इस्राएलियों को कुछ लाभ न हुआ क्योंकि उन्होने विश्वास नहीं किया था।

परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करनेवाले कौन हैं?

जो सुसमाचार सुनकर विश्वास करते हैं वे परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं।

Hebrews 4:3-4

परमेश्वर ने सृष्टि के सब काम पूरे करके कौन से दिन विश्राम किया था?

परमेश्वर ने जगत की उत्पत्ति के समय से अपने सब काम पूरे करके सातवे दिन विश्राम किया था।

Hebrews 4:5-6

परमेश्वर ने इस्राएलियों और उसके विश्राम के विषय में क्या कहा था?

परमेश्वर ने शपथ खाई थी कि इस्राएली उसके विश्राम में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।

Hebrews 4:7-8

परमेश्वर ने मनुष्य के लिए विश्राम में प्रवेश करने का कौन सा दिन ठहराया है?

मनुष्यों के लिए विश्राम का दिन उसने "आज का दिन" ठहराया है।

परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए?

मनुष्य को परमेश्वर का शब्द सुनकर अपना मन कठोर नहीं करना चाहिए।

Hebrews 4:9

परमेश्वर के लोगों के लिए अभी क्या सुरक्षित रखा हुआ है?

परमेश्वर के लोगों के लिए सब्त का विश्राम बाकी है।

Hebrews 4:10

परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करनेवाला किस बात से विश्राम पाता है?

जिसने परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश किया उसने भी परमेश्वर के समान अपने काम पूरे कर लिए हैं।

Hebrews 4:11

विश्वासियों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न क्यों करना है?

विश्वासियों को परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करना होगा ऐसा न हो कि कोई उन के समान आज्ञा न मानकर गिर पड़े।

Hebrews 4:12

परमेश्वर का वचन किस से भी अधिक चोखा है?

परमेश्वर का वचन एक दो धारी तलवार से भी बहुत चोखा है।

परमेश्वर का वचन क्या कर सकता है?

परमेश्वर का वचन प्राण और आत्मा को और गांठ और गुदे को अलग करके आर पार छेदता है।

परमेश्वर का वचन क्या जांचने में भी सक्षम हैं?

परमेश्वर का वचन भावनाओं और विचारों को जांचता है।

Hebrews 4:13

परमेश्वर की दृष्टि से क्या छिपा नहीं है?

परमेश्वर की दृष्टि से कोई सृजित वस्तु छिपी नहीं है।

Hebrews 4:14

विश्वासियों का महान महायाजक कौन है?

परमेश्वर का पुत्र यीशु विश्वासियों का महायाजक है।

Hebrews 4:15

यीशु विश्वासियों की निर्बलता में सहानुभूति क्यों रखता है?

यीशु विश्वासियों की निर्बलता में उनके साथ दु:खी होता है क्योंकि वह हमारे ही समान परखा गया था।

यीशु ने कितनी बार पाप किया?

यीशु निष्पाप था।

Hebrews 4:16

आवश्यक्ता के समय सहायता के लिए हम विश्वासियों को क्या करना है?

आओं हम विश्वासी अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बांधकर चलें।

Hebrews 5

Hebrews 5:1-2

महायाजक मनुष्यों के लिए क्या करता था?

महायाजक मनुष्यों के लिए भेंट और पाप बलि चढ़ाता था।

Hebrews 5:3

मनुष्यों के साथ साथ महायाजक और किसके लिए भी पाप बलि चढ़ाता था?

महायाजक को भी अपने पाप के लिए पाप बलि चढ़ाना आवश्क था।

Hebrews 5:4

पमरेश्वर का महायाजक होने का सम्मान मनुष्य को कैसे प्राप्त होता था?

परमेश्वर का महायाजक होने के लिए मनुष्य को ठहराया जाना होता था।

Hebrews 5:5

मसीह यीशु को किस ने महायाजक बनाया है?

परमेश्वर ने मसीह यीशु को महायाजक बनाया है।

Hebrews 5:6

मसीह कब तक परमेश्वर का महायाजक रहेगा?

मसीह सदा के लिए परमेश्वर का महायाजक है।

मसीह किस रीति पर महायाजक है?

मसीह यीशु मलिकिसीदक की रीति पर महायाजक है।

Hebrews 5:7

यीशु की प्रार्थना परमेश्वर ने क्यों सुनी?

भक्ति के कारण परमेश्वर ने मसीह यीशु की विनती सुनी।

Hebrews 5:8

मसीह यीशु ने आज्ञा पालन कैसे सीखा था?

यीशु ने कष्ट उठाकर आज्ञा पालन सीखा था।

Hebrews 5:9-10

मसीह किसके लिए उद्धार का कारण हो गया है?

हर एक विश्वास करनेवाले के लिए मसीह सदा काल के उद्धार का कारण हो गया है।

Hebrews 5:11-13

इस पत्र के मूल पाठकों की आत्मिक स्थिति कैसी थी?

इस पत्र के मूल पाठक उंचा सुनने लगे थे, और उन्हे परमेश्वर के वचनों की आदि शिक्षा की आवश्यक्ता थी।

Hebrews 5:14

पत्र के लेखक के अनुसार विश्वास में आत्मिक शिशु परिपूर्ण वयस्कों में कैसे विकसित होते है?

विश्वासियों की आत्मिक उन्नति उचित और अनुचित में अंतर पहचानने - भले बुरे में भेद करने के अभ्यास के द्वारा होती है।

Hebrews 6

Hebrews 6:1-3

इब्रानियों का लेखक विश्वासियों को किस ओर बढ़ते देखना चाहता है?

इब्रानियों का लेखक चाहता है कि विश्वासी सिद्धता की ओर बढ़ते जाएं।

इब्रानियों का लेखक मसीह की शिक्षा की आरंभिक बातों की सूची में क्या लिखता है?

मसीह की शिक्षा की आरंभिक बातें हैं, मरे हुए कामों से मन फिराना, परमेश्वर में विश्वास, बपतिस्मा, हाथ रखना, पुनरुत्थान और अन्तिम न्याय।

Hebrews 6:4-5

पवित्र आत्मा के सहभागियों के लिए भटक जाने के बाद क्या अन्होना है?

जो पवित्र आत्मा के भागी हुए है, यदि वे भटक जाए तो उन्हे मन फिराव के लिए फिर नया बनना अन्होना है।

इन ज्योतिर्मय लोगों ने किसका स्वाद चखा है?

उन्होने एक बार ज्योति पाई है और स्वर्गीय वरदान का और परमेश्वर के वचन का और आनेवाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चख चुके हैं।

Hebrews 6:6

इन लोगों को मन फिराव के निमित्त फिर नया क्यों नहीं बनाया जा सकता है?

उन्हे फिर नया बनाना अन्होना है क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र को अपने लिए फिर क्रूस पर चढाते है।

Hebrews 6:7-8

लेखक की उपमा में झाड़ी और कांटे उगाने वाली भूमि का अन्त क्या है?

यदि भूमि वर्षा के उपरान्त भी झाड़ी और ऊंटकटारे उगाए तो वह श्रापित है और उसका अन्त जलाया जाना है।

Hebrews 6:9

लेखक अपने पाठकों से क्या अपेक्षा करता है?

लेखक इन विश्वासियों से अधिक अच्छी और उद्धार वाली बातों का भरोसा रखता है।

Hebrews 6:10-11

परमेश्वर इन विश्वासियों की कौन सी बातों को कभी नहीं भूलेगा?

पवित्र जनों के प्रति उनके कार्य, उनका प्रेम और उनकी सेवा को परमेश्वर भूल जाए, ऐसा नहीं हो सकता।

Hebrews 6:12

विश्वासियों को परमेश्वर की प्रतिज्ञा के वारिसों की क्या नकल करना है?

विश्वासियों को उनके विश्वास और धीरज का अनुकरण करना है जो प्रतिज्ञाओं के वारिस हैं।

Hebrews 6:13-16

परमेश्वर की प्रतिज्ञा पूर्ति के लिए अब्राहम को क्या करना पड़ा था?

अब्राहम को परमेश्वर की प्रतिज्ञा की पूर्ति के लिए धीरज रखा था।

Hebrews 6:17

परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा को शपथ खाकर पक्का क्यों किया था?

परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा को शपथ खाकर पक्का किया कि उसके उद्देश्य को अपरिवर्तनीय सिद्ध किया था।

Hebrews 6:18

परमेश्वर के लिए कौन सा काम असंभव है?

परमेश्वर के लिए झूठ बोलना संभव नहीं।

Hebrews 6:19

परमेश्वर पर विश्वास करना विश्वासी के लिए क्या काम करता है?

परमेश्वर पर विश्वास करना विश्वासी के प्राण के लिए लंगर है।

Hebrews 6:20

विश्वासियों के अगुवे के रूप में यीशु ने कहां प्रवेश किया है?

यीशु ने विश्वासियों का अगुआ बनकर परदे के पीछे भीतरी स्थान में प्रवेश किया।

Hebrews 7

Hebrews 7:1

मलिकिसिदक के पास कौन से दो पद थे?

मलिकिसिदक, शालोम का राजा, और परमप्रधान परमेश्वर का याजक था।

Hebrews 7:2

अब्राहम ने मलिकिसिदक को क्या दिया था?

अब्राहम ने उसे सब वस्तुओं का दशमांश दिया था।

मलिकिसिदक नाम के अर्थ क्या क्या हैं?

मलिकिसिदक नाम के अर्थ हैं, "धर्म का राजा" और "शान्ति का राजा।"

Hebrews 7:3-4

मलिकिसिदक की क्या वंशावली है या क्या उसका अन्त है?

मलिकिसिदक के पूर्वज नहीं, उसके जीवन का न आदि है न अन्त है।

Hebrews 7:5-6

याजक किस के वंश के थे, व्यवस्था के अनुसार याजक कौन होते थे, मनुष्यों से दशमांश कौन लेते थे?

व्यवस्था के याजक लेवी वंश और अब्राहम की सन्तान थे।

Hebrews 7:7-8

बड़ा कौन था अब्राहम या मलिकिसिदक?

मलिकिसिदक और भी बड़ा था क्योंकि उसने अब्राहम को आशीष दी थी।

Hebrews 7:9-10

लेवी ने किस रूप में मलिकिसिदक को दशमांश दिया था?

दशमांश लेनेवाले लेवी ने भी मलिकिसिदक को दशमांश दिया था क्योंकि जब अब्राहम ने मलिकिसिदक को दशमांश दिया तब वह उसके देह में था।

Hebrews 7:11

मलिकिसिदक की रीति पर दूसरे याजक की आवश्यक्ता क्यों पड़ी?

मलिकिसिदक की रीति पर एक और याजक के आने की आवश्यक्ता थी क्योंकि लेवीय याजक पद के द्वारा सिद्धी प्राप्त नहीं हुई थी।

Hebrews 7:12-13

याजक पद बदलने के साथ क्या बदलना आवश्यक है?

जब याजक का पद बदल जाता है तब व्यवस्था भी बदलना आवश्यक है।

Hebrews 7:14-15

यीशु किस गोत्र से था और क्या उस गोत्र से किसी ने कभी याजकीय सेवा की थी?

यीशु यहूदा के वंश से था जो याजक रूप में कभी भी वेदी पर नहीं गया।

Hebrews 7:16-17

यीशु किस आधार पर मलिकिसिदक की रीति पर याजक हुआ है?

यीशु मलिकिसिदक की रीति पर याजक है जो अविनाशी जीवन के सामर्थ्य के अनुसार नियुक्त हुआ है।

Hebrews 7:18

निर्बल और निष्फल होने के कारण किसका विलोप हुआ?

इस प्रकार पहली आज्ञा (व्यवस्था) निर्बल और निष्फल होने के कारण लोप हो गई।

Hebrews 7:19-21

मसीह के विश्वासियों को जो विश्वास है उसको परमेश्वर ने कैसे पुष्ट किया है?

परमेश्वर ने एक अधिक उत्तम विश्वास की पुष्टि की जो विश्वासियों के पास है, परमेश्वर ने शपथ खाई कि यीशु युगानयुग याजक है।

Hebrews 7:22-24

यीशु किसका जामिन हैं?

यीशु एक उत्तम वाचा का जामिन है।

Hebrews 7:25

जो यीशु के द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, उनका पूर्णरूपेण उद्धार करने में यीशु समर्थ क्यों है?

जो यीशु के द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, उनका पूरा पूरा उद्धार वह कर सकता है क्योंकि वह उनके लिए विनती करने को सदा जीवित है।

Hebrews 7:26

यीशु के चार सद्गुण कौन से हैं जिनके कारण वह विश्वासियों के लिए एक उचित याजक है?

यीशु पवित्र, निष्कपट, निर्मल, और पापियों से अलग था।

यीशु को अपने पापों के लिए कौन सी बलि चढ़ाना पड़ी थी?

यीशु ने अपने पापों के लिए बलिदान नहीं चढ़ाई क्योंकि वह निष्पाप था।

Hebrews 7:27

यीशु ने मनुष्य के पापों के लिए कैसा बलिदान चढ़ाया है?

यीशु ने मनुष्यों के पापों के लिए एक बार अपने आप को बलिदान चढ़ा दिया है।

Hebrews 7:28

व्यवस्था के महायाजकों से यीशु किस प्रकार भिन्न है?

व्यवस्था के अनुसार नियुक्त महायाजक निर्बल थे परन्तु पुत्र युगानयुग के लिए सिद्ध किया गया है।

Hebrews 8

Hebrews 8:1

विश्वासियों का महायाजक कहां उपस्थित है?

विश्वासियों का महायाजक स्वर्ग में महामहिम के सिंहासन के दाहिने बैठा है।

Hebrews 8:2

सच्चा तम्बू कहां है?

सच्चा तम्बू स्वर्ग में है।

Hebrews 8:3

प्रत्येक याजक के लिए क्या करना आवश्यक है?

हर एक महायाजक भेंट और बलिदान चढ़ाने के लिए ठहराया जाता है।

Hebrews 8:4

व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ाने वाले याजक कहां थे?

व्यवस्था के अनुसार जो याजक भेंट चढ़ाते थे वे पृथ्वी पर थे।

Hebrews 8:5

पृथ्वी के याजक किसकी सेवा करते थे?

पृथ्वी के याजक स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते थे।

सांसारिक मिलापवाला तम्बू किस नमूने पर बनाया गया था?

जब मूसा मिलापवाला तम्बू बना रहा था तब उसे चेतावनी दी गई कि वह सब कुछ वैसा ही बनाए जैसा नमूना उसे पहाड़ पर दिखाया गया था।

Hebrews 8:6-7

मसीह की याजकीय सेवा अधिक उत्तम क्यों है?

मसीह की याजकीय सेवा अधिक उत्तम है क्योंकि वह एक अधिक उत्तम वाचा का मध्यस्थ है, जो अधिक उत्तम प्रतिज्ञाओं पर स्थापित है।

Hebrews 8:8-9

पहली वाचा के अधीन मनुष्यों में दोष देखकर परमेश्वर ने क्या प्रतिज्ञा की थी?

परमेश्वर ने इस्राएल के घराने के साथ और यहूदा के घराने के साथ नई वाचा बांधने की प्रतिज्ञा की थी।

Hebrews 8:10

नई वाचा में परमेश्वर ने क्या कहा कि वह करेगा?

परमेश्वर ने कहा था कि वह व्यवस्था को उनके मनों में डालेगा और उनके ह्रदयों पर लिखेगा।

Hebrews 8:11

नई वाचा में परमेश्वर को कौन जानेगा?

नई वाचा में छोटे से बड़े तक सब परमेश्वर को पहचानेंगे।

Hebrews 8:12

नई वाचा में परमेश्वर मनुष्यों के पापों के साथ क्या करेगा?

परमेश्वर ने कहा कि वह उनके पापों को फिर स्मरण नहीं करेगा।

Hebrews 8:13

नई वाचा की घोषणा पर परमेश्वर ने पहली वाचा का क्या किया?

नई वाचा की घोषणा करके परमेश्वर ने पहली वाचा को पुरानी ठहरा दिया और पुरानी वस्तु का मिट जाना अनिवार्य है।

Hebrews 9

Hebrews 9:1

पहली वाचा में आराधना स्थल क्या था?

पहली वाचा में आराधना स्थल पृथ्वी पर मिलापवाला तम्बू था।

Hebrews 9:2-3

पृथ्वी के मिलापवाला तम्बू में क्या क्या था?

पृथ्वी के मिलापवाला तम्बू में दीवट , मेज और भेंट की रोटियां थी।

Hebrews 9:4-6

पृथ्वी के मिलापवाले तम्बू के महा पवित्र स्थान में क्या था?

पृथ्वी के परम पवित्र स्थान में सोने की धूप दानी, और चारों ओर सोने मढ़ा हुआ वाचा का सन्दूक था।

Hebrews 9:7-8

महायाजक कितनी बार परमपवित्र स्थान में जाता था और प्रवेश से पूर्व क्या करता था?

महायाजक महा पवित्र स्थान में वर्ष में एक ही बार जाता था परन्तु अपने लिए और पूजा के लिए लहू चढ़ाकर जाता था।

Hebrews 9:9

इस पत्र के पाठकों के लिए उदाहरण स्वरूप क्या था?

पृथ्वी का मिलापवाला तम्बू और भेंट और बलियां वर्तमान समय में उदाहरण स्वरूप थीं।

पृथ्वी के मिलापवाला तम्बू में क्या असंभव था?

पृथ्वी के मिलापवाला तम्बू की भेंट और बलिदान आराधकों के विवेक सिद्ध नहीं कर पाते थे।

Hebrews 9:10

पृथ्वी के मिलापवाला तम्बू के नियम कब तक के लिए थे?

पृथ्वी के मिलापवाला तम्बू के नियम नई व्यवस्था के समय तक के लिए नियुक्त थे।

Hebrews 9:11

जिस पवित्र तम्बू में मसीह सेवा करता है वह भिन्न कैसे है?

जिस पवित्र मिलापवाला तम्बू में मसीह सेवा करता है वह अधिक सिद्ध है,वह हाथ का बना हुआ नहीं है और इस सृष्टि का नहीं है।

Hebrews 9:12-13

उस अधिक सिद्ध पृथ्वी मिलापवाला तम्बू के परमपवित्र स्थान में प्रवेश करने हेतु मसीह ने क्या किया?

मसीह ने अपने ही लहू का बलिदान चढ़ाकर उस अधिक सिद्ध पृथ्वी मिलापवाला तम्बू के परमपवित्र स्थान में प्रवेश किया है।

मसीह के बलिदान ने क्या किया है?

मसीह के बलिदान ने हर एक के लिए सदा के उद्धार का प्रावधान किया है।

Hebrews 9:14

मसीह का लहू विश्वासी के लिए क्या करता है?

मसीह का लहू विश्वासी के विवेक को मरे हुए कामों से शुद्ध करके जीवित परमेश्वर की सेवा के लिए तैयार करता है।

Hebrews 9:15-16

मसीह किसका मध्यस्थ है?

मसीह नई वाचा का मध्यस्थ है।

Hebrews 9:17

वाचा को प्रभावी करने के लिए क्या आवश्यक है?

किसी वाचा को बांधने के लिए मृत्यु आवश्यक है।

Hebrews 9:18-21

पहली वाचा में किसकी मृत्यु आवश्यक थी?

पहली वाचा के लिए बछड़े और बकरों की आवश्यक्ता थी।

Hebrews 9:22-23

लहू बहाए बिना क्या नहीं हो सकता है?

लहू बहाए बिना पापों की क्षमा नहीं है।

Hebrews 9:24-25

हमारे लिए मसीह कहां उपस्थित है?

मसीह तो स्वर्ग ही में है, परमेश्वर की उपस्थिति में हमारे लिए।

Hebrews 9:26

मसीह को अपने बलिदान द्वारा पाप को दूर करने के लिए कितनी बार प्रकट होना है?

मसीह एक ही बार प्रकट हुआ कि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दें।

Hebrews 9:27

मरणोपरान्त हर एक मनुष्य का क्या होता है?

मरणोपरान्त हर एक मनुष्य का न्याय होता है।

Hebrews 9:28

मसीह का पुनः आगमन क्यों होगा?

मसीह दूसरी बार फिर प्रकट होगा कि उसकी बाट जोहने वालों का उद्धार करे।

Hebrews 10

Hebrews 10:1-2

मसीह की वास्तविकताओं के बारे में व्यवस्था की तुलना किससे की गई है?

व्यवस्था मसीह की वास्तविकताओं का प्रतिरूप है।

Hebrews 10:3

व्यवस्था के अनुसार बार बार बलि चढ़ाना आराधकों को किसका स्मरण कराते है?

व्यवस्था के अनुसार प्रति वर्ष बलियों का किया जाना आराधकों को वर्ष प्रति वर्ष किए गए पापों का स्मरण कराते हैं।

Hebrews 10:4

बैलों और बकरों के लहू से क्या असंभव है?

बैलों और बकरों का लहू पापों को दूर करे, यह असंभव है।

Hebrews 10:5-7

संसार में मसीह के आगमन पर परमेश्वर ने क्या तैयार किया था?

परमेश्वर ने मसीह के लिए एक देह तैयार की थी।

Hebrews 10:8-9

संसार में मसीह के आगमन से परमेश्वर ने किस अभ्यास को निरस्त किया?

परमेश्वर ने व्यवस्था के अनुसार चढ़ाए जानेवाले बलिदानों को निरस्त कर दिया।

Hebrews 10:10-11

संसार में मसीह के आगमन पर परमेश्वर ने क्या अभ्यास नियुक्त किया?

परमेश्वर ने सदा के लिए मसीह की देह को बलिदान के दूसरे अभ्यास का आरंभ किया।

Hebrews 10:12-13

परमेश्वर के दाहिने हाथ उपस्थित वह किस बात की प्रतिज्ञा कर रहा है?

मसीह अपने बैरियों को पावों की पीढ़ी बना ने की प्रतिज्ञा में है।

Hebrews 10:14-17

जो मसीह के एक ही बलिदान द्वारा शुद्ध किए गए हैं उनके लिए मसीह ने क्या कर दिया है?

मसीह ने पवित्र किए जानेवाले मनुष्यों को सदा के लिए सिद्ध कर दिया है।

Hebrews 10:18

पापों की क्षमा के बाद फिर किसकी आवश्यक्ता नहीं रह जाती है?

पापों की क्षमा हो जाए तो फिर बलिदानों की आवश्यक्ता नहीं।

Hebrews 10:19-21

अब विश्वासी मसीह के लहू के द्वारा कहां प्रवेश कर सकते हैं?

विश्वासी अब मसीह के लहू के द्वारा परमपवित्र स्थान में प्रवेश कर सकते हैं।

Hebrews 10:22

विश्वासी में किस पर मसीह का लहू छिड़का जाता है और पानी से क्या शुद्ध होता है?

विश्वासी का मन अपवित्र विवेक से मसीह के लहू के द्वारा शुद्ध किया जाता है और उसकी देह पानी से शुद्ध की जाती है।

Hebrews 10:23-24

विश्वासी किसको दृढ़ता से थामें रहें?

विश्वासी अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें।

Hebrews 10:25

विश्वासी उस दिन को निकट आता देख क्या करें?

विश्वासी एक दूसरे को समझाते रहें और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आता देखें त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करें।

Hebrews 10:26-27

सच्चाई की पहचान प्राप्त करने के बाद यदि विश्वासी जानबूझकर पाप करें तो उनके लिए क्या है?

सच्चाई की पहचान प्राप्त करने के बाद यदि विश्वासी जानबूझकर पाप करते रहें तो फिर पापों के लिए कोई बलिदान बाकी नहीं।

Hebrews 10:28-29

विश्वासी यदि मसीह के शोधक लहू को शोधन के बाद अपवित्र जाने तो उसके साथ क्या होगा?

जो विश्वासी शुद्ध किए जाने के बाद मसीह के लहू को अपवित्र जाने वह बिना दया के और भी अधिक भारी दण्ड के योग्य ठहरेगा (मूसा की व्यवस्था में निहित दण्ड के परे)।

Hebrews 10:30-33

पलटा लेना किसका काम है?

पलटा लेना परमेश्वर का काम है।

Hebrews 10:34

इस पत्र के प्राप्रिकर्ता विश्वासियों ने अपनी संपति कैसे लुट जाने दी थी?

विश्वासियों ने संपति भी आनन्द से लुटने दी, यह जानकर कि उनके पास एक और भी उत्तम और सदा ठहरने वाली संपति है।

Hebrews 10:35-37

परमेश्वर से प्रतिफल पाने के लिए विश्वासियों को किस बात की आवश्यक्ता है?

विश्वासियों में विश्वास और धीरज की आवश्यक्ता है क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है।

Hebrews 10:38

धर्मी जन जीवित कैसे रहेगा?

धर्मी जन विश्वास के द्वारा जीवित रहेगा।

पीछे हटने वालों के बारे में परमेश्वर क्या सोचता है?

पीछे हटने वाले से परमेश्वर का मन प्रसन्न नहीं होता है।

Hebrews 10:39

इस पत्र के प्राप्तिकर्ता से लेखक क्या अपेक्षा करता है?

लेखक अपेक्षा करता है कि इस पत्र के प्राप्तिकर्ता विश्वास करनेवाले हों कि अपने प्राणों को बचाएं।

Hebrews 11

Hebrews 11:1-2

विश्वासी में परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं की भावी पूर्ति के प्रति कैसा स्वभाव होता है?

विश्वासी सविश्वास आशा करता है और उसे भविष्य में पूरी होनेवाली परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर भरोसा है।

Hebrews 11:3

जगत की देखी हुई वस्तुएं किससे उत्पन्न हैं?

जगत की देखी वस्तुएं देखी हुई वस्तुओं से उत्पन्न नहीं हैं।

Hebrews 11:4-5

परमेश्वर ने हाबिल को धर्मी क्यों कहा?

विश्वासी से हाबिल ने कैन से अधिक उत्तम बलिदान चढ़ाया और परमेश्वर ने उसकी प्रशंसा की।

Hebrews 11:6

परमेश्वर के पास आनेवाले को परमेश्वर के बारे में क्या विश्वास करना हैं?

परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए कि वह है।

Hebrews 11:7-10

नूह ने अपने विश्वास का प्रदर्शन कैसे किया था?

नूह ने परमेश्वर की चेतावनी पर ध्यान देकर जहाज बनाया और अपने परिवार को बचाया।

Hebrews 11:11-12

अब्राहम और सारा ने विश्वास करके कैसी प्रतिज्ञा प्राप्त की थी?

अब्राहम और सारा ने बूढ़े हो जाने पर भी परमेश्वर में विश्वास किया और सन्तानोपति की शक्ति प्राप्त की।

Hebrews 11:13-15

विश्वासी पूर्वजों ने दूर ही से क्या देखा था?

विश्वासी पूर्वजों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को देखा और आनन्दित हुए।

विश्वासी पूर्वजों ने स्वयं को क्या माना था?

विश्वासी पूर्वजों ने मान लिया था कि वे पृथ्वी पर बाहरी और परदेशी हैं।

Hebrews 11:16

विश्वासियों के लिए परमेश्वर ने क्या तैयार किया है?

विश्वासियों के लिए परमेश्वर ने एक स्वर्गीय देश तैयार किया है।

Hebrews 11:17-21

अब्राहम को किस बात का विश्वास था कि यदि वह अपने एकलौते पुत्र को बलि चढ़ा दें तो परमेश्वर क्या करने में समर्थ है?

अब्राहम को विश्वास था कि परमेश्वर इसहाक को मृतकों में से जिलाएगा।

Hebrews 11:22-23

मरते समय यूसुफ ने विश्वास से क्या भविष्यद्वाणी की थी?

विश्वास ही से यूसुफ ने मरण शैय्या पर इस्राएल की सन्तान के मिस्र से निकल जाने की भविष्यद्वाणी की थी।

Hebrews 11:24-27

मूसा ने सयाना होने पर विश्वास से क्या चुना था?

मूसा ने विश्वास ही के द्वारा अपने लोगों के साथ दुःख भोगना अधिक उत्तम समझा था।

Hebrews 11:28-29

इस्राएल के पहलौठों को बचाने के लिए मूसा ने विश्वास से क्या किया था?

मूसा ने विश्वास के द्वारा फसह और लहू का छिड़कने की विधि मानी कि पहलौठों का नशा करनेवाला इस्राएलियों पर हाथ न डाले।

Hebrews 11:30-32

राहाब वैश्या ने विश्वास के द्वारा क्या किया था कि वह नाश होने से बच गई?

विश्वास ही राहाब वैश्या आज्ञा न माननेवालों के साथ नष्ट नहीं हुई थीं।

Hebrews 11:33-34

विश्वासी पूर्वजों में से कुछ ने विश्वास के द्वारा क्या किया था?

विश्वास ही के द्वारा कुछ पूर्वजों ने राज्य जीते, तलवार की धार से बच निकले, लड़ाई में वीर निकले, विदेशियों की फौजों को मार भगाया।

Hebrews 11:35-38

कुछ विश्वासी पूर्वजों ने कैसा क्लेश सहन किया था?

कुछ विश्वासी पूर्वजों ने ठट्ठों में उड़ाया जाना, कोड़े खाना, बांधे जाना, कैद में डाला जाना पत्थराव किया जाना, आरे से काटा जाना, मृत्यु और कंगाली को सहन किया था।

Hebrews 11:39

विश्वास के उपरान्त भी इन पूर्वजों ने संसार में क्या प्राप्त नहीं किया?

इन पूर्वजों ने विश्वास के उपरान्त भी प्रतिज्ञा की हुई वस्तु प्राप्त नहीं की।

Hebrews 11:40

विश्वासी पूर्वज किस के साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को प्राप्त करके सिद्ध होंगे?

विश्वासी पूर्वजों परमेश्वर की प्रतिज्ञाएं प्राप्त करेंगे और मसीह की नई वाचा के विश्वासियों के साथ सिद्ध हो जाएंगे।

Hebrews 12

Hebrews 12:1

रोकनेवाली वस्तु और उलझानेवाले पाप को हमे दूर क्यों करना है?

गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है तो आओ हम रोकनेवाली वस्तु और उलझानेवाले पाप को दूर करें।

Hebrews 12:2

यीशु ने क्रूस को क्यों सहा और उसकी लज्जा की कुछ चिन्ता न की?

यीशु ने उस आनन्द के लिए जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दुःख सहा था।

Hebrews 12:3-5

विश्वासी निराश और हताशा से कैसे बच सकता है?

उस पर ध्यान करो जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना विरोध सह लिया कि विश्वासी निराश होकर साहस न छोड़ दें।

Hebrews 12:6-7

परमेश्वर जिससे प्रेम करता है और जिसे स्वीकार करता है उसके साथ क्या करता है?

परमेश्वर जिससे प्रेम करता है और जिसे स्वीकार करता है उसकी ताड़ना भी करता है।

Hebrews 12:8-10

जिसकी ताड़ना परमेश्वर न करे वह कौन है?

जिसकी ताड़ना न की जाए वह अवैध सन्तान है, परमेश्वर की सन्तान नहीं।

Hebrews 12:11-13

ताड़ना से क्या प्राप्त होता है?

ताड़ना द्वारा धर्म का प्रतिफल मिलता है।

Hebrews 12:14

विश्वासी सब के साथ कैसा संबन्ध रखें?

विश्वासी सब के साथ मेल मिलाप रखें।

Hebrews 12:15-16

किसे फूट कर बड़ा नहीं होना है कि अनेक जन अशुद्ध हो जाएं?

कोई कड़वी जड़ फूट कर कष्ट न दे कि बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएं।

Hebrews 12:17-18

अपने पहलौठे का हक खो देने के बाद आंसू बहाने पर भी एसाव क्या हुआ?

एसाव ने एक बार के भोजन के बदले अपने पहलौठे होने का पद बेच डाला और आंसू बहा बहाकर खोज ने पर भी मन फिराव का अवसर उसे न मिला।

Hebrews 12:19-21

जिस पर्वत पर परमेश्वर बातें कर रहा था वहां इस्राएलियों ने क्या विनती की थी?

इस्राएलियों ने विनती की थी कि उनसे और बातें न की जाएं।

Hebrews 12:22

मसीह के विश्वासी उस पर्वत की अपेक्षा जहां परमेश्वर ने इस्राएलियों से बातों की थीं, कहां हैं?

मसीह के विश्वासी सिय्योन पर्वत और जीवित परमेश्वर के नगर के पास हैं।

Hebrews 12:23-24

मसीह के विश्वासी किस सभा में हैं?

मसीह के विश्वासी स्वर्ग में पंजीकृत सब पहलौठों की सभा में हैं।

मसीह के विश्वासी किसके पास हैं?

मसीह के विश्वासी सब के न्यायी परमेश्वर और धर्मियों की आत्माओं और यीशु के पास हैं।

Hebrews 12:25

जो स्वर्ग से चेतावनी देनेवाले से मुंह मोड़ लें उनका क्या होगा?

जो मुंह मोड़ ले वे परमेश्वर से बचेंगे नहीं।

Hebrews 12:26-27

परमेश्वर ने किसे हिलाने की प्रतिज्ञा की है?

परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है कि वह न केवल पृथ्वी को परन्तु आकाश को भी हिला देगा और वे टल जाएंगे।

Hebrews 12:28

टलनेवाली वस्तुओं की अपेक्षा विश्वासी क्या पाएंगे?

विश्वासी उस राजा को पाएंगे जो हिलने का नहीं।

विश्वासी परमेश्वर की कैसी आराधना करें?

विश्वासी भक्ति और भय सहित परमेश्वर की ऐसी आराधना करें जो जिससे वह प्रसन्न हो।

Hebrews 12:29

विश्वासी परमेश्वर की ऐसी आराधना क्यों करें?

विश्वासी परमेश्वर की ऐसी आराधना करें क्योंकि वह भस्म करनेवाली आग है।

Hebrews 13

Hebrews 13:2

अतिथि सत्कार करके कुछ लोगों ने क्या किया है?

कुछ विश्वासियों ने अनजाने में स्वर्गदूतों की सेवा की है।

Hebrews 13:3

विश्वासी कैदियों की कैसी सुधि लें?

विश्वासी कैदियों की ऐसी सेवा करें कि मानो स्वयं कैद में हैं और जिनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है उनकी ऐसी सुधि लें कि हमारी भी देह है।

Hebrews 13:4

सबको किसका सम्मान करना है?

विवाह सबके लिए सम्मानित हो।

परमेश्वर व्यभिचारियों का क्या करता है?

परमेश्वर व्यभिचारियों का न्याय करता है।

Hebrews 13:5-6

विश्वासी धन के लोभ से कैसे मुक्ति पा सकता है?

विश्वास धन के लोभ से मुक्त हो सकते हैं क्योंकि परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है, "मैं तुझे कभी न छोड़ूगा; और न कभी तुझे त्यागूंगा।"

Hebrews 13:7-8

विश्वासी किसके विश्वास का अनुकरण करें?

विश्वासी उन के विश्वास का अनुकरण करें जिन्होने परमेश्वर का वचन सुनाया और उनकी अगुवाई की है।

Hebrews 13:9-10

लेखक किस विचित्र शिक्षा के विरुद्ध विश्वासियों को चेतावनी देता है?

लेखक विश्वासियों को विचित्र उपदेशों से और खाने की वस्तुओं से भरमाए जाने की चेतावनी देता है।

Hebrews 13:11

पवित्र स्थान में बलि किए गए पशुओं की देह कहां जलाई जाती थी?

पाप बलि के पशुओं की देह छावनी के बाहर जलाई जाती थी।

Hebrews 13:12

यीशु ने कहां दुःख उठाया था?

यीशु ने भी फाटक के बाहर दुःख उठाया था।

Hebrews 13:13

विश्वासियों को कहां और क्यों जाना है?

विश्वासियों को छावनी के बाहर यीशु के पास जाना है और उसकी निन्दा अपने ऊपर लेकर जाना है।

Hebrews 13:14

इस पृथ्वी पर विश्वासियों का स्थाई नगर कहां है?

यहां हमारा कोई स्थाई नगर नहीं।

विश्वासियों को किस नगर की खोज में रहना है?

इस की अपेक्षा विश्वासियों को आनेवाले नगर की खोज में रहना है।

Hebrews 13:15-16

विश्वासी कैसा बलिदान परमेश्वर को सर्वदा चढ़ाएं?

विश्वासी स्तुति रूपी बलिदान परमेश्वर को सर्वदा चढ़ाया करें।

Hebrews 13:17-20

विश्वासियों का व्यवहार अगुवों के साथ कैसा हो?

विश्वासी अपने अगुओं की आज्ञा माने और उनके अधीन रहें।

Hebrews 13:21-22

परमेश्वर विश्वासी में क्या उत्पन्न करता है?

परमेश्वर को जो भाता है वह विश्वासी में उत्पन्न करता है।

Hebrews 13:23-25

लेखक उनसे भेंट करने किसके साथ आएगा?

लेखक तीमुथियुस के आने पर उनसे भेंट करने आएगा।