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Lamentations

Lamentations 1

Lamentations 1:1-2

यरूशलेम की नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी हो गई है?

वह एक विधवा के समान हो गई है।

Lamentations 1:3-4

अन्यजातियों में रहती हुई भी यहूदा को क्या नहीं मिला?

अन्यजातियों में रहती हुई भी यहूदा को चैन नहीं मिला।

Lamentations 1:5

यहोवा ने यरूशलेम के नगर को क्यों दुःख दिया है?

यहोवा ने उसके बहुत से अपराधों के कारण उसे दुःख दिया है।

Lamentations 1:6

सिय्योन की पुत्री का क्या जाता रहा?

सिय्योन की पुत्री का सारा प्रताप जाता रहा है।

Lamentations 1:7

यरूशलेम ने प्राचीनकाल की किस बात का स्मरण किया?

उसने अपनी सब मनभावनी वस्तुओं का स्मरण किया जो प्राचीनकाल से उसकी थी।

Lamentations 1:8-9

क्योंकि यरूशलेम ने पाप किया है इसलिए वह कैसी हो गई है?

वह अशुद्ध स्त्री सी हो गई है।

Lamentations 1:10

यरूशलेम ने अपने पवित्रस्थान में किसे भागी होते देखा है जबकि यहोवा ने आज्ञा दी थी कि वे भागी न होने पाएं?

यरूशलेम ने अन्यजातियों को अपने पवित्र स्थान में घुसा हुआ देखा है।

Lamentations 1:11-12

भोजनवस्तु ढूंढते हुए लोग क्या कर रहे हैं?

भोजनवस्तु ढूंढते हुए वे कराह रहे हैं।

Lamentations 1:13

यहोवा ने यरूशलेम को लौटाने के लिए उसके पैरों के सामने क्या बिछाया है?

यहोवा ने यरूशलेम के पैरों के सामने जाल बिछाया है।

Lamentations 1:14

यरूशलेम के अपराधों के जूए की रस्सियों के कारण जो उसकी गर्दन पर चढ़ाई गई हैं क्या घट गया है?

उसके कारण यरूशलेम का बल घट गया है।

Lamentations 1:15

यहूदा की कुमारी कन्या को किसके समान कुचला है?

यहोवा ने यहूदा की कुमारी कन्या को अंगूर के कुण्ड के समान कुचला है।

Lamentations 1:16-17

यरूशलेम के बच्चे अकेले क्यों हो गए हैं?

यरूशलेम के बच्चे अकेले हो गए हैं क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।

Lamentations 1:18

यरूशलेम के आज्ञा का उल्लंघन करने के कारण कौन बन्धुआई में चला गया है?

यरूशलेम के कुमार और कुमारियाँ बन्धुआई में चले गए हैं।

Lamentations 1:19

नगर में भोजन वस्तु ढूंढते समय किसके प्राण छूट गए?

यरूशलेम के याजक और पुरनियों के प्राण छूट गए।

Lamentations 1:20

बलवा करने के कारण यरूशलेम के भीतर क्या उलट गया है?

यरूशलेम का हृदय उलट गया है।

Lamentations 1:21

यरूशलेम के शत्रुओं ने उसकी विपत्ति सुन कर क्या किया?

यरूशलेम के शत्रुएं हर्षित हो गए।

Lamentations 1:22

यरूशलेम ने यहोवा से विनती की कि उसके शत्रुओं का क्या करे जब वे यहोवा के सामने आएं?

यरूशलेम कहता है कि जैसे यहोवा ने उसके अपराधों का दण्ड दिया वैसे ही उन्हें भी दण्ड दे।

Lamentations 2

Lamentations 2:1

यिर्मयाह के बलवा करने के कारण यहोवा ने अपना क्रोध किस प्रकार प्रगट किया ?

उसने इस्राएल की शोभा ले ली है, याकूब की बस्तियों को निष्ठुरता से नष्ट किया है और यहूदा के गढ़ों को ढाकर मिट्टी में मिला दिया है।

Lamentations 2:2

यिर्मयाह के बलवा करने के कारण यहोवा ने अपना क्रोध किस प्रकार प्रगट किया ?

उसने इस्राएल की शोभा ले ली है, याकूब की बस्तियों को निष्ठुरता से नष्ट किया है और यहूदा के गढ़ों को ढाकर मिट्टी में मिला दिया है।

Lamentations 2:3

उसके क्रोध ने इस्राएल और सिय्योन को किस प्रकार प्रभावित किया है?

यहोवा ने इस्राएल का बल खींच लिया है और सिय्योन पर अपनी जलजलाहट भड़का दी है।

Lamentations 2:4

उसके क्रोध ने इस्राएल और सिय्योन को किस प्रकार प्रभावित किया है?

यहोवा ने इस्राएल का बल खींच लिया है और सिय्योन पर अपनी जलजलाहट भड़का दी है।

Lamentations 2:5

यहोवा का क्रोध किस प्रकार दिखाया गया है?

यहोवा शत्रु बन गया है, उसने महलों को मिटा दिया और मिलापस्थान को नाश किया है, और उसने राजा और याजक दोनों का तिरस्कार किया है।

Lamentations 2:6

यहोवा का क्रोध किस प्रकार दिखाया गया है?

यहोवा शत्रु बन गया है, उसने महलों को मिटा दिया और मिलापस्थान को नाश किया है, और उसने राजा और याजक दोनों का तिरस्कार किया है।

Lamentations 2:7-8

शत्रुओं को विजयी क्यों अनुभव हो रहा है?

उन्हें विजयी अनुभव इसलिए हो रहा है क्योंकि यहोवा ने अपनी वेदी और पवित्रस्थान तज दिया है और उसके भवनों की दीवारों को शत्रुओं के वश में कर दिया है।

Lamentations 2:9

सिय्योन के फाटकों और बेड़ों को क्या हुआ है?

उसके फाटक भूमि में धंस गए हैं और यहोवा ने उसके बेड़ों को तोड़कर नष्ट किया है।

Lamentations 2:10

सिय्योन के पुरनिए और कुमारियों ने अपना दुःख किस प्रकार दर्शाया है?

पुरनिए भूमि पर चुपचाप बैठे, उन्होंने अपने सिर पर धूल उड़ाई और टाट का फेंटा बाँधा है। कुमारियों ने अपना सिर भूमि तक झुकाया है।

Lamentations 2:11

यिर्मयाह विलाप क्यों कर रहा है?

क्योंकि उसके लोगों के पास खाने और पीने के लिए कुछ नहीं है।

Lamentations 2:12-14

यिर्मयाह विलाप क्यों कर रहा है?

क्योंकि उसके लोगों के पास खाने और पीने के लिए कुछ नहीं है।

Lamentations 2:15

नगर में से होकर निकलते बटोही क्या करते हैं?

वे ताली बजाते और सिर हिलाते हैं, वे दांत पीसते और आनन्दित होते हैं।

Lamentations 2:16-17

नगर में से होकर निकलते बटोही क्या करते हैं?

वे ताली बजाते और सिर हिलाते हैं, वे दांत पीसते और आनन्दित होते हैं।

Lamentations 2:18

लोग अपना दुःख किस प्रकार प्रगट करते हैं?

वे अपने बाल-बच्चों के निमित्त अपने हाथ प्रभु की ओर फैला के पुकारते हैं।

Lamentations 2:19

लोग अपना दुःख किस प्रकार प्रगट करते हैं?

वे अपने बाल-बच्चों के निमित्त अपने हाथ प्रभु की ओर फैला के पुकारते हैं।

Lamentations 2:20

लोग यहोवा की कृपादृष्टि के लिए क्यों याचना कर रहे हैं?

क्योंकि यहोवा ने उन्हें भयानक दुःख दिया है, वे भूखे हैं और अपने याजकों के घात किए जाने को लेकर चिन्तित हैं।

Lamentations 2:21

यिर्मयाह यहोवा के कोप के दिन का किस प्रकार विवरण करता है?

यहोवा के कोप के दिन, लड़के और बूढ़े और जवान यहोवा ने सबको घात किया, कोई नहीं बचा और उसने निष्ठुरता के साथ सबका वध किया है।

Lamentations 2:22

यिर्मयाह यहोवा के कोप के दिन का किस प्रकार विवरण करता है?

यहोवा के कोप के दिन, लड़के और बूढ़े और जवान यहोवा ने सबको घात किया, कोई नहीं बचा और उसने निष्ठुरता के साथ सबका वध किया है।

Lamentations 3

Lamentations 3:3-6

लेखक क्या कहता है कि दिन भर यहोवा का क्या उसके विरुद्ध उठता रहता है?

यहोवा का हाथ उसके विरुद्ध दिन भर उठता रहता है।

Lamentations 3:7-9

लेखक क्या कहता है कि यहोवा ने उसके चारों ओर क्या बाँधा है जिससे वह निकल नहीं सकता?

यहोवा ने उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा है।

Lamentations 3:10-13

लेखक यहोवा की तुलना किस जन्तु से करता है जो उसके लिए घात किए बैठा है?

लेखक यहोवा की तुलना घात में बैठे हुए रीछ से करता है।

Lamentations 3:14-16

लेखक अपने लोगों के लिए क्या बन गया हैं?

लेखक अपने लोगों के लिए हंसी का पात्र बन गया हैं।

Lamentations 3:17-18

जब से यहोवा ने लेखक को कुशल से रहित कर दिया है तब से वह क्या भूल गया?

लेखक तब से ख़ुशी भूल गया।

Lamentations 3:19

लेखक अपने दुःख के विषय में स्मरण करते हुए क्या अनुभव करता है?

उन्हीं पर सोचते सोचते लेखक का प्राण ढला जाता है।

Lamentations 3:20-22

लेखक अपने दुःख के विषय में स्मरण करते हुए क्या अनुभव करता है?

उन्हीं पर सोचते सोचते लेखक का प्राण ढला जाता है।

Lamentations 3:23-24

लेखक के अनुसार प्रति भोर क्या नया होता रहता है?

लेखक के अनुसार यहोवा की अमर दया प्रति भोर नयी होती रहती है।

Lamentations 3:25

जो यहोवा की बाट जोहते हैं और यहोवा से उद्धार पाने की आशा में चुपचाप रहते हैं उनके लिए यहोवा कैसा है?

जो यहोवा की बाट जोहते हैं और यहोवा से उद्धार पाने की आशा में चुपचाप रहते हैं उनके लिए यहोवा भला है।

Lamentations 3:26

जो यहोवा की बाट जोहते हैं और यहोवा से उद्धार पाने की आशा में चुपचाप रहते हैं उनके लिए यहोवा कैसा है?

जो यहोवा की बाट जोहते हैं और यहोवा से उद्धार पाने की आशा में चुपचाप रहते हैं उनके लिए यहोवा भला है।

परमेश्‍वर ने जिस व्यक्ति पर बोझ डाला है उस व्यक्ति को किस प्रकार रहना चाहिए?

परमेश्‍वर ने जिस व्यक्ति पर बोझ डाला है उस व्यक्ति व्यक्ति को अकेला और चुपचाप रहना चाहिए।

Lamentations 3:27

परमेश्‍वर ने जिस व्यक्ति पर बोझ डाला है उस व्यक्ति को किस प्रकार रहना चाहिए?

परमेश्‍वर ने जिस व्यक्ति पर बोझ डाला है उस व्यक्ति व्यक्ति को अकेला और चुपचाप रहना चाहिए।

Lamentations 3:28-31

परमेश्‍वर ने जिस व्यक्ति पर बोझ डाला है उस व्यक्ति को किस प्रकार रहना चाहिए?

परमेश्‍वर ने जिस व्यक्ति पर बोझ डाला है उस व्यक्ति व्यक्ति को अकेला और चुपचाप रहना चाहिए।

Lamentations 3:32

यहोवा दुःख दे तो भी वह क्या करता है?

यहोवा चाहे दुःख भी दे तो भी अपनी करुणा दिखाता है।

Lamentations 3:33-37

यहोवा कहाँ से मनुष्यों को न तो दबाता और न दुःख देता है?

यहोवा मनुष्यों को अपने मन से न तो दबाता और न दुःख देता है।

Lamentations 3:38-39

कौन सी दो बातें परमप्रधान की आज्ञा से होती हैं?

विपत्ति और कल्याण दोनों परमप्रधान की आज्ञा से होतीं हैं।

Lamentations 3:40

लोगों को स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर की ओर क्या उठाना चाहिए जब लोग अपने चालचलन को परखें और यहोवा की ओर फिरें?

लोगों को स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर की ओर मन लगाना और हाथ फैलाना चाहिए।

Lamentations 3:41

लोगों को स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर की ओर क्या उठाना चाहिए जब लोग अपने चालचलन को परखें और यहोवा की ओर फिरें?

लोगों को स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर की ओर मन लगाना और हाथ फैलाना चाहिए।

Lamentations 3:42-44

लोगों को किस बात को मान लेना चाहिए जो उन्होंने यहोवा के विरुद्ध की है?

उन्हें मान लेना चाहिए कि उन्होंने यहोवा के विरुद्ध अपराध और बलवा किया है।

Lamentations 3:45-47

लेखक क्या कहता है कि यहोवा ने जाति-जाति के लोगों के बीच उन्हें किसके जैसा ठहराया है?

यहोवा ने उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच कूड़ा-कर्कट सा ठहराया है।

Lamentations 3:48

लेखक अपनी आँखों से बहने वाले आंसुओं का वर्णन किस प्रकार करता है?

उसकी आँसू जल की धाराएं है जो आँखों से बहती हैं।

Lamentations 3:49-51

लेखक अपनी आँखों से बहने वाले आंसुओं का वर्णन किस प्रकार करता है?

उसकी आँसू जल की धाराएं है जो आँखों से बहती हैं।

Lamentations 3:52

लेखक क्या कहता है जब उसके शत्रु उसका आहेर करते और उसके जीवन का अन्त करने के लिए उसे गड्ढे में डालकर उसके ऊपर पत्थर लुढ़काते हैं?

वह कहता है, "मैं अब नाश हो गया।"

Lamentations 3:53

लेखक क्या कहता है जब उसके शत्रु उसका आहेर करते और उसके जीवन का अन्त करने के लिए उसे गड्ढे में डालकर उसके ऊपर पत्थर लुढ़काते हैं?

वह कहता है, "मैं अब नाश हो गया।"

Lamentations 3:54

लेखक क्या कहता है जब उसके शत्रु उसका आहेर करते और उसके जीवन का अन्त करने के लिए उसे गड्ढे में डालकर उसके ऊपर पत्थर लुढ़काते हैं?

वह कहता है, "मैं अब नाश हो गया।"

Lamentations 3:55

यहोवा ने लेखक को क्या कहा जब उसने यहोवा से मदद के लिए प्रार्थना की और दोहाई दी?

यहोवा ने उससे कहा," मत डर!"

Lamentations 3:56

यहोवा ने लेखक को क्या कहा जब उसने यहोवा से मदद के लिए प्रार्थना की और दोहाई दी?

यहोवा ने उससे कहा," मत डर!"

Lamentations 3:57-58

यहोवा ने लेखक को क्या कहा जब उसने यहोवा से मदद के लिए प्रार्थना की और दोहाई दी?

यहोवा ने उससे कहा," मत डर!"

Lamentations 3:59-62

लेखक यहोवा को उसका न्याय चुकाने के लिए किस प्रकार कहता है?

वह यहोवा को उसका न्याय उचित रूप से चुकाने के लिए कहता है।

Lamentations 3:63

लेखक के शत्रु उठते-बैठते उस पर क्या करते हैं?

वे उस पर लगते हुए गीत गाते हैं।

Lamentations 3:64-65

लेखक यहोवा से उसके शत्रुओं के साथ क्या करने के लिए कहता है?

वह यहोवा से कहता है कि वो उनके कामों के अनुसार उनको बदला दे।

Lamentations 3:66

लेखक यहोवा से उसके शत्रुओं के साथ क्या करने के लिए कहता है?

वह यहोवा से कहता है कि वह अपने कोप से उन्हें खदेड़-खदेड़कर धरती पर से नष्ट कर दे।

Lamentations 4

Lamentations 4:1

सोने और पवित्रस्थान के पत्थर का क्या बन गया है?

सोना खोटा हो गया है, अत्यंत खरा सोना बदल गया है और पवित्र पत्थर हरेक सड़क के सिरे पर फेंक दिए गए हैं।

Lamentations 4:2

सिय्योन के पुत्र क्या थे और अब वे क्या हो गए हैं?

वे जो कुन्दन के तुल्य थे अब कुम्हार के बनाए हुए मिट्टी के घड़ों के समान कैसे तुच्छ गिने गए हैं।

Lamentations 4:3

उसके लोगों की बेटी कैसी हो गई है?

वह वन के शुतुरमुर्गों के तुल्य निर्दयी हो गई है।

Lamentations 4:4

दूध पीते बच्चों की जीभ को क्या हो गया है और बाल-बच्चे क्या मांगते हैं?

दूध पीते बच्चों की जीभ प्यास के मारे तालू से चिपट गई है और बाल-बच्चे रोटी मांगते हैं परन्तु कोई नहीं देता।

Lamentations 4:5

जो स्वादिष्ट भोजन खाते और मखमल के वस्त्र पहनते थे उनको क्या हो गया है?

जो स्वादिष्ट भोजन खाते थे, वे अब सड़कों पर व्याकुल फिरते हैं और जो मखमल के वस्त्रों में पले थे अब घूरों पर लेटते हैं।

Lamentations 4:6

उसके लोगों की बेटी का अधर्म कितना बड़ा है?

उसके लोगों की बेटी का अधर्म सदोम के पाप से भी अधिक हो गया है।

Lamentations 4:7

उसके कुलीन पहले कैसे थे और अब कैसे हो गए हैं?

उसके कुलीन हिम से निर्मल और दूध से भी अधिक उज्जवल थे, उनकी देह मूंगो से अधिक लाल और सुन्दरता नीलमणि की सी थी। अब उनका रूप अन्धकार से भी अधिक काला है, वे पहचाने नहीं जाते, और उनका चमड़ा हड्डियों में सट गया है।

Lamentations 4:8

उसके कुलीन पहले कैसे थे और अब कैसे हो गए हैं?

उसके कुलीन हिम से निर्मल और दूध से भी अधिक उज्जवल थे, उनकी देह मूंगो से अधिक लाल और सुन्दरता नीलमणि की सी थी। अब उनका रूप अन्धकार से भी अधिक काला है, वे पहचाने नहीं जाते, और उनका चमड़ा हड्डियों में सट गया है।

Lamentations 4:9

यिर्मयाह उनके विषय में जो तलवार के मुकाबले भूख से मारे गए हैं क्या कहता है?

यिर्मयाह कहता है कि तलवार के मारे हुए भूख के मारे हुओं से अच्छे हैं।

Lamentations 4:10

दयालु स्त्रियों ने अपने बच्चों के साथ क्या किया?

दयालु स्त्रियों ने अपने ही हाथों से अपने बच्चों को पकाया है और वे ही उनका आहार बन गए हैं।

Lamentations 4:11

यहोवा ने अपना कोप किस प्रकार शांत किया?

यहोवा ने अपनी पूरी जलजलाहट प्रगट की, और सिय्योन में ऐसी आग लगाई कि उसकी नींव तक भस्म हो गई।

Lamentations 4:12

पृथ्वी का कोई राजा या जगत का कोई निवासी कभी विश्वास न कर सकता था कि यरूशलेम के साथ क्या होगा?

वे कभी विश्वास न कर सकते थे कि शत्रु यरूशलेम के फाटकों के भीतर घुसने पाएँगे।

Lamentations 4:13

शत्रुओं ने भविष्यद्वक्ताओं के पापों और याजकों के अधर्म के कारण क्या किया?

वे यरूशलेम के फाटकों के भीतर घुसने पाए।

Lamentations 4:14

उन भविष्यद्वक्ताओं और याजकों के साथ क्या हुआ?

वे सड़कों में अंधे के समान फिरते हैं और लहू की छींटों से अशुद्ध हैं कि कोई उनके वस्त्र नहीं छू सकता।

Lamentations 4:15

भविष्यद्वक्ता और याजक लोग चिल्ला -चिल्ला कर क्या कह रहे थे?

भविष्यद्वक्ता और याजक लोग चिल्ला -चिल्ला कर भागने और उन्हें छूने से मना कर रहे थे।

भविष्यद्वक्ताओं और याजकों कहाँ गए?

वे अन्य नगरों में मारे-मारे फिर रहे थे जहाँ अन्यजाति लोगों ने कहा कि वे वहाँ अब और नहीं रह सकते।

Lamentations 4:16

यहोवा ने भविष्यद्वक्ताओं और याजकों को क्या किया?

यहोवा ने अपने कोप से उन्हें तितर-बितर कर दिया, वह फिर उन पर दया दृष्टि नहीं करेगा।

याजकों और पुरनियों के साथ कैसा बर्ताव हुआ?

न तो याजकों का सम्मान हुआ और न पुरनियों पर कुछ अनुग्रह किया गया।

Lamentations 4:17

व्यर्थ सहायता की बाट जोहते-जोहते क्या धुंधली पड़ गईं?

उनकी आँखें व्यर्थ ही सहायता की बाट जोहते जोहते धुंधली पड़ गईं।

Lamentations 4:18

शत्रुओं ने उनके साथ क्या किया?

लोग उनके पीछे ऐसे पड़े कि वे अपने नगर के चौकों में भी नहीं चल सके।

लोगों ने अपने अन्त के विषय में क्या कहा?

उन्होंने कहा कि उनका अन्त निकट आ गया है, उनकी आयु पूरी हुई क्योंकि उनका अन्त आ गया था।

Lamentations 4:19

लोग खदेड़ने वालों का वर्णन किस प्रकार करते हैं और उन्होंने उनके साथ क्या किया?

लोग के खदेड़नेवाले आकाश के उकाबों से भी अधिक वेग से चलते थे और पहाड़ों और जंगल में उनके लिए घात लगाकर बैठ गए।

Lamentations 4:20

उनके अभिषिक्त का क्या हुआ?

उनके अभिषिक्त शत्रुओं के खोदे हुए गड्ढों में पकड़ा गया।

Lamentations 4:21

एदोम की पुत्री को हर्षित और आनन्दित रहने के लिए क्यों कहा गया?

उसे हर्षित और आनन्दित रहने के लिए इसलिए कहा गया क्योंकि यह कटोरा उस तक भी पहुंचेगा और वह मतवाली होकर अपने आप को नंगा करेगी।

Lamentations 4:22

सिय्योन की पुत्री को क्या बताया गया है?

उसे बताया गया है कि उसके अधर्म का दण्ड समाप्त हुआ और यहोवा फिर उसे बन्धुआई में न ले जाएगा।

एदोम की पुत्री को क्या बताया गया है?

उसे बताया गया है कि यहोवा उसके अधर्म का दण्ड उसे देगा और उसके पापों को प्रगट कर देगा।

Lamentations 5

Lamentations 5:1

यिर्मयाह यहोवा को क्या स्मरण करने के लिए कहता है?

यिर्मयाह यहोवा को स्मरण करने के लिए कहता कि जो उन पर बीता है और उन की नामधराई हुई है उन्हें देखें।

Lamentations 5:2-4

यिर्मयाह यहोवा को क्या बताता है कि उनके भाग का क्या हो गया है?

उनका भाग परदेशियों का हो गया है और उनके घर परायों के हो गए हैं।

Lamentations 5:5

उन्हें क्या हो रहा है इसका वर्णन यिर्मयाह किस प्रकार करता है?

खदेड़ने वाले उनकी गर्दन पर टूट पड़े हैं, वे थक गए हैं वे मिस्र और अश्शूर के अधीन हो गए हैं ताकि पेट भर सकें।

Lamentations 5:6

उन्हें क्या हो रहा है इसका वर्णन यिर्मयाह किस प्रकार करता है?

खदेड़ने वाले उनकी गर्दन पर टूट पड़े हैं, वे थक गए हैं वे मिस्र और अश्शूर के अधीन हो गए हैं ताकि पेट भर सकें।

Lamentations 5:7

लोग पाप के विषय में क्या कह रहे हैं?

वे कह रहे हैं कि उनके पुरखाओं ने पाप किया और उसका भार उन्हें उठाना पड़ रहा है।

Lamentations 5:8

लोग दासों के विषय में क्या कह रहे हैं?

वे कह रहे हैं कि दास भी उनके ऊपर अधिकार रखते हैं और उन्हें छुड़ाने वाला कोई नहीं है।

Lamentations 5:9

वे अपने आप का वर्णन कैसे करते है जब वे भोजन वस्तु लाने के लिए बाहर जाते हैं?

वे जंगल में तलवार के कारण अपने प्राण जोखिम में डालकर भोजनवस्तु लाते हैं।

Lamentations 5:10

वे अपने चमड़े का वर्णन किस प्रकार करते हैं?

अकाल की भीषण गर्मी के कारण उनका चमड़ा तंदूर के समान गर्म हो गया है।

Lamentations 5:11

स्त्रियों और कुमारियों के साथ क्या होता है?

सिय्योन में स्त्रियाँ और यहूदा के नगरों में कुमारियाँ भ्रष्ट की गईं।

Lamentations 5:12

हाकिमों और पुरनियों को क्या हुआ?

हाकिम हाथ के बल टांगे गए और पुरनियों का कुछ भी आदर नहीं किया गया।

Lamentations 5:13

जवानों और बाल-बच्चों को क्या करना पड़ रहा है?

जवानों को चक्की चलानी पड़ती है और बाल-बच्चे लकड़ी का बोझ उठाते हुए लड़खड़ाते हैं।

Lamentations 5:14

पुरनियों और जवानों को क्या हुआ?

पुरनिए अब फाटक पर नहीं बैठते और न जवानों का गीत सुनाई पड़ता है।

Lamentations 5:15

वे अपने मन के हर्ष, नाचने और सिर के मुकुट का वर्णन किस प्रकार करते हैं?

उनके मन का हर्ष जाता रहा, उनका नाचना विलाप में बदल गया है और सिर पर का मुकुट गिर पड़ा है।

Lamentations 5:16

वे अपने मन के हर्ष, नाचने और सिर के मुकुट का वर्णन किस प्रकार करते हैं?

उनके मन का हर्ष जाता रहा, उनका नाचना विलाप में बदल गया है और सिर पर का मुकुट गिर पड़ा है।

Lamentations 5:17-18

वे अपने हृदयों और आँखों के विषय में क्या कहते हैं?

उनके हृदय निर्बल हो गए हैं और आँखें धुंधली पड़ गई हैं।

Lamentations 5:19

वे यहोवा के राज्य और उसके सिंहासन के विषय में क्या कहते हैं?

यहोवा सदा तक विराजमन रहेगा और उसका राज्य पीढ़ी-पीढ़ी बना रहेगा।

Lamentations 5:20

वे यहोवा से क्या पूछते हैं?

वे यहोवा से पूछते हैं कि क्या यहोवा ने उन्हें सदा के लिए भुला दिया है और क्या वह उन्हें अपनी ओर फेरेगा।

Lamentations 5:21-22

वे यहोवा से क्या पूछते हैं?

वे यहोवा से पूछते हैं कि क्या यहोवा ने उन्हें सदा के लिए भुला दिया है और क्या वह उन्हें अपनी ओर फेरेगा।