Titus
Titus 1
Titus 1:1
परमेश्वर की सेवा में पौलुस का उद्देश्य क्या था?
उसका उद्देश्य था कि परमेश्वर के चुने हुओं का विश्वास स्थिर रहे और सत्य के ज्ञान को स्थापित करे।
Titus 1:2
परमेश्वर ने अपने चुने हुओं को अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा कब से दी है?
उसने इसकी प्रतिज्ञा सनातन से की है।
क्या परमेश्वर झूठ बोल सकता है?
नहीं।
Titus 1:3
सही समय के आने पर परमेश्वर ने अपना सन्देश सुनाने के लिए किस को काम में लिया था?
परमेश्वर ने प्रेरित पौलुस को काम में लिया था।
Titus 1:4-5
तीतुस और पौलुस में क्या संबन्ध था?
तीतुस विश्वास की एकता में पौलुस का सच्चा पुत्र था।
Titus 1:6
एक प्राचीन के पारिवारिक जीवन में क्या सच होना है?
उसे एक पत्नी का पति होना है और उसकी सन्तान विश्वासयोग्य और अनुशासित हों।
Titus 1:7
अध्यक्ष में कैसे गुण होने चाहिए, प्राचीन को निर्दोष होने के लिए बचना चाहिए?
उसे संयमी होना है, वह पियक्कड़ न हो, विवाद करनेवाला न हो, धन का लोभी न हो, अतिथि सत्कार करनेवाला हो और पवित्र हो।
परमेश्वर के घराने में एक अध्यक्ष का क्या स्थान और क्या उत्तरदायित्व है?
वह परमेश्वर के घराने का प्रबन्धक है।
Titus 1:8
एक प्राचीन में कैन से गुण होने चाहिए?
एक प्राचीन को अतिथिसत्कार करने वाला होना चाहिए, भलाई करने वाला, समझदार, धर्मी, पवित्र और आत्म-नियंत्रित होना चाहिए।
Titus 1:9-10
झूठे शिक्षकों के साथ प्राचीन को क्या करना चाहिए?
वह उनको डांटकर उनका मुंह बन्द कराने और उन्हे कड़ी चेतावनी देने के योग्य हो।
Titus 1:11-12
उनकी शिक्षा से झूठे शिक्षक क्या कर रहे थे?
वे लोगों को धोखा दे रहे थे और परिवारों को तोड़ रहे थे।
झूठे शिक्षकों का प्रेरक बल क्या था?
वे नीच कमाई के लिए काम करते थे।
Titus 1:13
कलीसिया को नुकसान पहुंचाने वाले इन झूठे शिक्षकों के साथ एक प्राचीन को कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उसे उन्हें बुरी तरह से डांटना होगा, ताकि वे विश्वास में दृढ हो सकें
Titus 1:14
पौलुस के अनुसार उन्हे किस बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए?
उन्हे यहूदियों की कथा कहानियों पर और मनुष्यों की आज्ञाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
Titus 1:15
अविश्वासी मनुष्य में क्या भ्रष्ट होता है?
उनका मन और विवेक दोनों ही भ्रष्ट हैं।
Titus 1:16
यद्यपि भ्रष्ट मनुष्य कहता है कि वह परमेश्वर को जानता है परन्तु वह उसका इन्कार कैसे करता है?
वह अपने कामो से परमेश्वर का इन्कार करता है।
Titus 2
Titus 2:2
कलीसिया में वृद्ध पुरुषों में कैसे गुण हों?
उन्हे सचेत, गंभीर और संयमी होना है और उनका विश्वास, प्रेम और धीरज दृढ हो।
Titus 2:3
कलीसिया में वृद्ध स्त्रियों में क्या गुण होने चाहिएं?
उनका चालचलन पवित्र लोगों सा हो, दोष लगानेवाली और पियक्कड़ नही पर अच्छी बातें सिखानेवाली हों।
Titus 2:4-6
कलीसिया में वृद्ध स्त्रियों में क्या गुण होने चाहिएं?
उनका चालचलन पवित्र लोगों सा हो, दोष लगानेवाली और पियक्कड़ नही पर अच्छी बातें सिखानेवाली हों।
Titus 2:7
विश्वासियों का आदर्श बनने के लिए तीतुस को क्या करना था?
उसके उपदेशों में सफाई, गंभीरता और खराई पाई जाए ताकि कोई दोष नहीं लगा पाए।
Titus 2:8
यदि तीतुस एक अच्छा उदाहरण है तो उसका विरोध करने वालों का क्या होगा?
जो लोग उसका विरोध करते हैं, वे लज्जित होंगे क्योंकि उनके पास उसके बारे में कहने के लिए कुछ भी बुरा नहीं है।
Titus 2:9
विश्वास करने वाले दास का व्यवहार कैसा होना चाहिए?
उन्हें अपने स्वामियों की आज्ञा का पालन करना चाहिए, प्रसन्न होना चाहिए, और बहस नहीं करनी चाहिए।
Titus 2:10
जब पौलुस के निर्देशानुसार विश्वासी दास व्यवहार करते हैं, तो दूसरों पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
इससे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर के उपदेश की शोभा बढ़ती है।
Titus 2:11
परमेश्वर का अनुग्रह किसके उद्धार का कारण है?
परमेश्वर का अनुग्रह सबके उद्धार का कारण है।
Titus 2:12
परमेश्वर का अनुग्रह हमें किस बात से मन फिराने की चेतावनी देता है?
परमेश्वर का अनुग्रह हमें चेतावनी देता है कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फिराएं।
Titus 2:13
विश्वासियों को भविष्य में होनेवाली कौन-सी धटनाओं की प्रतीक्षा करनी चाहिए?
विश्वासी अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता मसीह की महिमा के प्रकट होने की बाट जोहते रहें।
Titus 2:14-15
यीशु ने हमारे लिए अपने आप को क्यों दे दिया?
उसने अपने आप को हमारे लिए दे दिया कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले और भले कामों में सरगर्म होने के लिए शुद्ध करके एक जाति बनाया।
Titus 3
Titus 3:1-2
हाकिमों और अधिकारियों के प्रति विश्वासियों का स्वभाव कैसा हो?
विश्वासी को अधीन रहकर आज्ञाकारी होना है और हर एक अच्छे काम के लिए तैयार रहना है।
Titus 3:3-4
अविश्वासियों को भटकाने और दास बनानेवाला क्या है?
उन्हें विभिन्न प्रकार की अभिलाषाएँ और सुखविलास के कारण भटकाते हैं और दास बनाते हैं।
Titus 3:5-6
परमेश्वर ने किस साधन से हमारा उद्धार किया है?
उसने नये जन्म के स्नान और पवित्र आत्मा के नवीकरण द्वारा हमारा उद्धार किया है।
हम क्या हमारे भले कामों से उद्धार पाते हैं या परमेश्वर की दया से?
हम केवल परमेश्वर की दया से उद्धार पाते हैं।
Titus 3:7
हमें धर्मी ठहराकर परमेश्वर क्या करता है?
पमरेश्वर हमें अपना वारिस बनाता है।
Titus 3:8
विश्वासी किस बात का ध्यान रखें?
विश्वासी भले भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें जो परमेश्वर ने रखे हैं।
Titus 3:9
विश्वासी किस बात से बचें?
विश्वासियों को मूर्खतापूर्ण बहस, वंशावली, संघर्ष और धार्मिक व्यवस्था के बारे में झगड़ों से बचना चाहिए।
Titus 3:10-13
एक या दो बार चेतावनी देने के बाद किस को अलग कर देना है?
किसी पाखंडी को एक या दो बार समझाकर उसे अलग कर देना है।
Titus 3:14-15
फलवन्त होने के लिए विश्वासी किस काम में लगे रहें?
विश्वासी आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए अच्छे कामों में लगे रहना सीखें।