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1 Timothy

1 Timothy 1

1 Timothy 1:1

पौलुस मसीह का एक प्रेरित कैसे बना?

पौलुस परमेश्वर की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है।

1 Timothy 1:2

पौलुस और तीमुथियुस में संबन्ध कैसा था?

तीमुथियुस विश्वास में पौलुस का सच्चा पुत्र था।

1 Timothy 1:3-4

तीमुथियुस को कहां रुकना था?

तीमुथियुस को इफिसुस में रहना था।

तीमुथियुस को कुछ लोगों को आज्ञा देनी थी, वह क्या थी?

उसे वहां कुछ लोगों को आज्ञा देनी थी कि अन्य प्रकार की शिक्षा न दें।

1 Timothy 1:5-8

पौलुस ने अपनी आज्ञा और शिक्षा के विषय में क्या कहा था?

पौलुस द्वारा ऐसी आशा देने में निहित लक्ष्य था, कि शुद्ध मन और अच्छे विवेक और कपट रहित विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो।

1 Timothy 1:9

व्यवस्था किस के लिए दी गई है?

व्यवस्था अधर्मियों, निरंकुशों, भक्तिहिनों, पापियों, अपवित्र और अशुद्ध मनुष्यों के लिए है।

इस प्रकार के लोगों द्वारा किये जाने वाले पापों के चार उदाहरण क्या हैं?

वे हत्या करते हैं, व्यभिचार करते हैं, अपहरण करते हैं,और झूठ बोलते हैं.

1 Timothy 1:10-12

इस प्रकार के लोगों द्वारा किये जाने वाले पापों के चार उदाहरण क्या हैं

वे हत्या करते हैं, व्यभिचार करते हैं, अपहरण करते हैं,और झूठ बोलते हैं.

1 Timothy 1:13

पौलुस ने पहले कैसे कैसे पाप किये थे?

पौलुस स्वयं ही कभी निन्दा करनेवाला, सतानेवाला और अन्धेर करनेवाला मनुष्य था।

1 Timothy 1:14

पौलुस को बहुतायत से क्या प्राप्त हुआ कि उसके परिणाम स्वरूप वह मसीह यीशु का प्रेरित हो गया?

पौलुस पर प्रभु का अनुग्रह बहुतायत से हुआ।

1 Timothy 1:15

मसीह यीशु किसका उद्धार करने इस संसार में आया था?

मसीह यीशु इस संसार में पापियों का उद्धार करने आया ।

पौलुस क्यों कहता है कि वह परमेश्वर की दया का एक उदाहरण है?

पौलुस कहता है कि वह एक उदाहरण हैं क्योंकि वह पापियों में सबसे बड़ा है परन्तु फिर भी उस पर परमेश्वर की दया हुई।

1 Timothy 1:16-17

पौलुस क्यों कहता है कि वह परमेश्वर की दया का उदाहरण है?

पौलुस कहता है कि वह एक उदाहरण है क्योंकि वह पापियों में सबसे बड़ा है।

1 Timothy 1:18

तीमुथियुस के बारे में ऐसा क्या कहा गया था कि पौलुस भी उससे सहमत था

तीमुथियुस के विषय में जो भविष्यद्वाणियाँ की गई थीं उनसे पौलुस सहमत था कि वह उस अच्छे विवेक और विश्वास के साथ अच्छी लड़ाई को लड़ता रहे।

1 Timothy 1:19

तीमुथियुस के बारे में ऐसा क्या कहा गया था कि पौलुस भी उससे सहमत था

तीमुथियुस के विषय में जो भविष्यद्वाणियाँ की गई थीं उनसे पौलुस सहमत था कि वह उस अच्छे विवेक और विश्वास के साथ अच्छी लड़ाई को लड़ता रहे।

1 Timothy 1:20

पौलुस ने उन लोगों के लिए क्या किया जिन्होने विश्वास तथा अच्छे विवेक का त्याग करके विश्वास रूपी जहाज़ डुबा दिया था?

पौलुस ने उन्हे शैतान को सौंप दिया था कि वे परमेश्वर की निन्दा न करना सीखें।

1 Timothy 2

1 Timothy 2:1

पौलुस किसके लिए प्रार्थना करने का आग्रह करता है?

पौलुस कहता है कि सबके लिए प्रार्थना की जाए, राजाओं और सब उंचे पद वालों के लिए भी।

1 Timothy 2:2-3

पौलुस किसके लिए प्रार्थना करने का आग्रह करता है?

पौलुस कहता है कि सबके लिए प्रार्थना की जाए, राजाओं और सब उंचे पद वालों के लिए भी।

पौलुस मसीही विश्वासियों के लिए कैसे जीवन की मनोकामना करता है?

पौलुस की मनोकामना थी कि वे विश्राम और चैन के साथ भक्ति और गंभीरता से जीवन जीएं।

1 Timothy 2:4

परमेश्वर सब मनुष्यों के लिए क्या चाहता है?

पौलुस की इच्छा थी कि सब मनुष्य उद्धार पाएं और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।

1 Timothy 2:5

परमेश्वर और मनुष्य के बीच मसीह यीशु का स्थान क्या है?

मसीह यीशु मनुष्य और परमेश्वर के मध्य एक ही मध्यस्थ है।

1 Timothy 2:6

मसीह यीशु ने सब के किए क्या किया है?

मसीह यीशु ने सब के लिए अपने आप को छुटकारे के दाम में दे दिया।

1 Timothy 2:7

प्रेरित पौलुस किस के मध्य प्रचार करता है?

पौलुस अन्यजातियों में शिक्षक है।

1 Timothy 2:8

पौलुस विश्वासियों से क्या आशा करता था?

पौलुस चाहता है कि लोग प्रार्थना करते हुए अपने पवित्र हाथों को ऊँचा उठाएँ।

1 Timothy 2:9-11

पौलुस स्त्रियों से कैसी वेशभूषा की अपेक्षा करता था?

स्त्रियां संकोच और संयम के साथ सुहावने वस्त्रों से अपने आप को संवारें।

1 Timothy 2:12

पौलुस स्त्रियों का किस बात की अनुमति नहीं देता है?

पौलुस स्त्रियों को अनुमति नहीं देता है कि वे पुरुष को शिक्षा दें या उन पर अधिकार का प्रयोग करें।

1 Timothy 2:13

पौलुस इसके क्या कारण देता है?

पौलुस कहता है कि उसके कारण हैं कि आदम पहले सृजा गया था और कि आदम के साथ छल नहीं किया गया था।

1 Timothy 2:14

पौलुस इसके क्या कारण देता है?

पौलुस कहता है कि उसके कारण हैं कि आदम पहले सृजा गया था और कि आदम के साथ छल नहीं किया गया था।

1 Timothy 2:15

पौलुस स्त्रियों को किस बात में स्थिर देखना चाहता था?

पौलुस चाहता था कि स्त्रियां मन की शुद्धता के साथ विश्वास, प्रेम और पवित्रता में स्थिर रहे।

1 Timothy 3

1 Timothy 3:1

अध्यक्ष का काम कैसा होता है?

अध्यक्ष का कार्य भले काम करना है।

1 Timothy 3:2

अध्यक्ष को किस योग्य होना चाहिए?

अध्यक्ष को सिखाने में निपुण होना चाहिए।

1 Timothy 3:3

अध्यक्ष को शराब और धन के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए।

अध्यक्ष पियक्कड़ और धन का लोभी न हो।

1 Timothy 3:4

अध्यक्ष का अपनी सन्तान के प्रति कैसा व्यवहार होना चाहिए?

अध्यक्ष की सन्तान उसकी आज्ञाकारी एवं सम्मान करनेवाली हों।

1 Timothy 3:5

अध्यक्ष के लिए घर का अच्छा प्रबन्धक होना क्यों महत्वपूर्ण है?

यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि वह अपने घर का प्रबन्धन न कर पाता तो संभव है कि वह कलीसिया की अच्छी देखभाल नहीं कर पाएगा।

1 Timothy 3:6

नया शिष्य अध्यक्ष बने तो क्या खतरा उत्पन्न हो सकता है?

ऐसे में खतरा इस बात का है कि वह अभिमानी हो सकता है और परीक्षा में पड़ सकता है।

1 Timothy 3:7-9

कलीसिया से बाहर वालों में अध्यक्ष का कैसा मान होना आवश्यक है?

अध्यक्ष को कलीसिया से बाहरवालों में भी सुनाम होना चाहिए।

1 Timothy 3:10

सेवा में प्रवेश से पूर्व सेवकों के साथ क्या किया जाना आवश्यक है?

सेवा में प्रवेश से पूर्व सेवकों को परखा जाए।

1 Timothy 3:11-14

भक्त स्त्रियों में कैसे गुण होना चाहिए?

भक्त स्त्रियों को गरिमापूर्ण होना है, वे दोष लगानेवाली न हों परन्तु सचेत और सब बातों में विश्वासयोग्य हों।

1 Timothy 3:15

परमेश्वर का घराना क्या है?

परमेश्वर का घराना जीवित परमेश्वर की कलीसिया है।

1 Timothy 3:16

शरीर में प्रकट होने के बाद, आत्मा में धर्मी ठहरकर स्वर्गदूतों को दिखाई देने के बाद यीशु ने क्या किया?

यीशु का प्रचार अन्यजातियों में हुआ, जगत में उस पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठाया गया।

1 Timothy 4

1 Timothy 4:1-3

आत्मा आनेवाले समयों में विश्वासियों के लिए क्या कहता है?

कुछ विश्वासी भटकर कर भ्रमित करने वाली आत्माओं की शिक्षा में मन लगाएंगे।

1 Timothy 4:4

ऐसे लोगों की झूठी शिक्षा क्या है?

वे विवाह और कुछ प्रकार का भोजन निषेध करते हैं।

1 Timothy 4:5

हम जो कुछ भी खाते हैं वह किसी प्रकार हमारे उपयोग हेतु शुद्ध एवं स्वीकार्य होता है?

हम जो कुछ भी खाते हैं वह परमेश्वर के वचन और प्रार्थना द्वारा शुद्ध एवं स्वीकार्य हो जाता है।

1 Timothy 4:6

तीमुथियुस ने अच्छी शिक्षाएं पाई थीं तो पौलुस उससे क्या करने के लिए कहता है?

पौलुस तीमुथियुस से आग्रह करता है कि वह सब को यही शिक्षा दे।

1 Timothy 4:7

पौलुस तीमुथियुस को किस बात के प्रशिक्षण का परामर्श देता है?

पौलुस तीमुथियुस से कहता है कि अच्छे उपदेश की बातों में उसका प्रशिक्षण होता रहे।

1 Timothy 4:8-10

भक्ति की साधना देह की साधना से अधिक लाभदायक क्यों है?

भक्ति अधिक लाभदायक है क्योंकि इसमें इस जीवन और आनेवाले जीवन की भी प्रतिज्ञा शामिल है।

1 Timothy 4:11

पौलुस उन सब अच्छी बातों के लिए तीमुथियुस को क्या करने का आदेश देता है जो उसने पौलुस की शिक्षाओं से सीखी थीं?

पौलुस तीमुथियुस को आदेश देता है कि वह उन बातों का प्रचार करे वरन शिक्षा भी दे।

1 Timothy 4:12-13

तीमुथियुस को कौन सी बातों में विश्वासियों के लिए आदर्श बनना था?

तीमुथियुस को वचन, और चाल चलन, और प्रेम और विश्वास और पवित्रता में विश्वासियों के लिए आदर्श बनना था।

1 Timothy 4:14-15

तीमुथियुस के पास जो आत्मिक वरदान था वह उसे कैसे प्राप्त हुआ था?

उसे भविष्यद्वाणी और प्राचीनों के हाथ रखने के द्वारा आत्मिक वरदान दिया गया था।

1 Timothy 4:16

यदि तीमुथियुस अपने जीवन और शिक्षा में निष्ठापूर्वक बना रहे तो किस का उद्धार होगा?

वह अपने लिए और अपने सुननेवालों के लिए उद्धार का कारण होगा।

1 Timothy 5

1 Timothy 5:1-3

कलीसिया में किसी वृद्ध पुरुष के साथ व्यवहार करने के लिए क्या आदेश पौलुस ने तीमुथियुस को दिए थे?

पौलुस ने तीमुथियुस से कहा कि वह वृद्ध पुरुष के साथ पिता का सा व्यवहार करे।

1 Timothy 5:4-7

किसी विधवा के बच्चे या नाती पोते उसके साथ कैसा व्यवहार करें?

किसी विधवा के बच्चे या नाती पोते माता पिता को उनका हक देना तथा उसकी सुधि लेना सीखें।

1 Timothy 5:8-9

जो अपने घराने की चिन्ता न करे तो वह कैसा है?

वह विश्वास से मुकर गया है और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है।

1 Timothy 5:10

विधवा किस बात में जानी जाए?

विधवा का भले कामों में नाम हो।

1 Timothy 5:11

जब कोई युवा विधवा आजीवन विधवा रहने के लिए समर्पण करे तब क्या खतरा बना रहता है?

युवा विधवाएं उत्तरकाल में अपने पहले समर्पण को त्याग कर विवाह करने की लालसा करें तो यह एक ख़तरा हो सकता हैं।

1 Timothy 5:12-13

जब कोई युवा विधवा आजीवन विधवा रहने का समर्पण करे तब क्या खतरा बना रहता है?

यदि युवा विधवाएं उत्तरकाल में अपने पहले समर्पण को त्याग कर विवाह करने की लालसा करें तो यह एक ख़तरा हो सकता हैं।

1 Timothy 5:14-16

पौलुस जवान विधवाओं के लिए क्या चाहता है?

पौलुस चाहता है कि जवान विधवाएं विवाह करें और बच्चे जनें और घरबार संभालें।

1 Timothy 5:17-18

अच्छा अगुवाई देनेवाले प्राचीनों के साथ कैसा व्यवहार करना आवश्यक है?

जो प्राचीन अच्छी अगुवाई देते हैं वे दो गुने आदर के योग्य समझे जाएं।

1 Timothy 5:19-20

किसी प्राचीन पर दोष को सुनने से पहले क्या होना आवश्यक है?

किसी प्राचीन के विरुद्ध दोषारोपण में दो या तीन गवाह होना आवश्यक है।

1 Timothy 5:21-23

पौलुस तीमुथियुस को इन नियमों के पालन में किस बात की चेतावनी देता है?

पौलुस तीमुथियुस को आज्ञा देता है कि वह पक्षपात बिना इन नियमों का पालन करने की सावधानी रखे।

1 Timothy 5:24-25

कुछ लोगों के पाप कब तक गुप्त रहते हैं?

कुछ लोगों के पाप न्याय होने तक गुप्त रहते हैं।

1 Timothy 6

1 Timothy 6:1-2

पौलुस स्वामियों के प्रति दासों को क्या निर्देश देता है?

पौलुस कहता है कि दास अपने स्वामियों को आदर के योग्य समझें।

1 Timothy 6:3

खरी बातों को और भक्ति से भरे उपदेश को अस्वीकार करनेवाला मनुष्य क्या है?

जो मनुष्य खरी बातों को और भक्ति से भरी उपेदश को नहीं मानता वह अभिमानी हो गया है और कुछ नहीं जानता है।

1 Timothy 6:4-5

खरी बातों को और भक्ति से भरे उपदेश को अस्वीकार करनेवाला मनुष्य क्या है?

जो मनुष्य खरी बातों को और भक्ति के आदेशों को नहीं मानता वह अभिमानी हो गया है और कुछ नहीं जानता है।

1 Timothy 6:6

पौलुस बड़ा लाभ किसे कहता है?

पौलुस कहता है कि सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।

1 Timothy 6:7

हमें भोजन और वस्त्रों में सन्तोष क्यों करना है?

हमें संतोष करना है क्योंकि हम न तो जगत में कुछ लाए हैं और न ही इसमें से कुछ अपने साथ ले जा सकते हैं।

1 Timothy 6:8

हमें भोजन और वस्त्रों में सन्तोष क्यों करना है?

हमें संतोष करना है क्योंकि हम न तो जगत में कुछ लाए हैं और न ही इसमें से कुछ अपने साथ ले जा सकते हैं।

1 Timothy 6:9

धनवान होने की इच्छा रखनेवाले किसमें पड़ जाते हैं?

जो धनवान होना चाहते हैं वे परीक्षाओं और फंदे में पड़ जाते हैं।

1 Timothy 6:10-11

सब प्रकार की बुराइयों की जड़ क्या है?

रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है।

पैसों के कुछ लोभियों के साथ क्या हुआ हैं?

कुछ लोग पैसों के लोभ के कारण विश्वास से भटक गए हैं।

1 Timothy 6:12-15

पौलुस तीमुथियुस को कैसी कुश्ती लड़ने के लिए कहता है?

पौलुस कहता है कि तीमुथियुस को विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़ना है।

1 Timothy 6:16

वह परम धन्य और एक मात्र अधिपति कहाँ रहता है?

वह परम धन्य उस अगम्य ज्योति में रहता है जहां उसे किसी ने भी नहीं देखा है।

1 Timothy 6:17-18

धनवान चंचल धन की अपेक्षा परमेश्वर पर आशा क्यों रखें?

धनवानों को परमेश्वर में आशा रखना है क्योंकि परमेश्वर हमारे सुख के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है।

1 Timothy 6:19

अच्छे कामों के धनी अपने लिए क्या करते हैं?

जो अच्छे कामों के धनी हैं वे आगे के लिए एक अच्छी नींव डालते हैं और सच्चे जीवन को थाम लेते हैं।

1 Timothy 6:20-21

अन्त में, पौलुस तीमुथियुस को दी गई धरोहर के विषय उस को क्या निर्देश देता हैं?

पौलुस तीमुथियुस से कहता है कि वह उस धरोहर की रखवाली करे।