2 John
2 John 1
2 John 1:1-2
इस पत्र का लेखक यूहन्ना इस पत्र में अपना परिचय कैसे देता है?
यूहन्ना स्वयं को प्राचीन कहता है।
यह पत्र किसको लिखा गया था?
यह पत्र चुनी हुई महिला और उसके बच्चों को लिखा गया था।
2 John 1:3
यूहन्ना के कहने के अनुसार, अनुग्रह, दया और शान्ति किससे मिलती है?
यूहन्ना कहता है कि अनुग्रह, दया और शान्ति परमेश्वर पिता की ओर से और उसके पुत्र यीशु मसीह से मिलती हैं।
2 John 1:4
यूहन्ना के आनंद का कारण क्या है?
यूहन्ना आनंद करता है क्योंकि उसने उस महिला के कुछ बच्चों को सत्य पर चलते हुए पाया।
2 John 1:5
यूहन्ना किस आज्ञा के लिए कहता है कि वह आरम्भ से ही उनके पास है?
उनके पास आरम्भ से ही एक आज्ञा है कि वे एक दूसरे से प्रेम रखें।
2 John 1:6
यूहन्ना के कथनानुसार प्रेम क्या है?
प्रेम यह है कि परमेश्वर कि आज्ञाओं के अनुकूल जीवन जीएं।
2 John 1:7
यूहन्ना उन लोगों को क्या कहता है जो अंगीकार नहीं करते कि मसीह यीशु ने देह्धारण किया था?
यूहन्ना उनको झूठे और मसीह विरोधी कहता है।
2 John 1:8-9
यूहन्ना विश्वासिओं को क्यां करने की चेतावनी देता है?
यूहन्ना विश्वासिओं से कहता है कि वे सावधान रहें कि उनका परिश्रम व्यर्थ न हो जाए।
2 John 1:10
जो मसीह की सच्ची शिक्षा न दें उनके विषय यूहन्ना विश्वासियों को कैसा व्यवहार करने को कहता है?
जो मसीह के विषय सच्ची शिक्षा न दें, उनका अतिथि सत्कार करने की आवश्यकता उन्हें नहीं है।
2 John 1:11
जो मसीह के विषय सच्ची शिक्षा न दें उनका स्वागत करके विश्वासी किस बात का दोषी ठहरेगा?
झूठे शिक्षक को स्वीकार करके और उसका स्वागत करके विश्वासी उसके दुष्ट कर्मों का साझी होता है।
2 John 1:12-13
यूहन्ना भविष्य में क्या करने की आशा रखता है?
यूहन्ना आशा रखता है कि वह भविष्य में स्वयं आकर चुनी हुई महिला से साक्षात बातें करेगा ।